खुद का स्टार्टअप शुरू कैसे करें | निवेश के लिए पूँजी कहाँ से लाएं
स्टार्टअप शुरू कैसे करें ( startup shuru kaise karen ) शुरूआती समय में पूंजी कहाँ से लाये, किसी भी स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए, ये है महत्वपूर्ण टिप्स :
आज के समय में सभी युवा चाहते हैं, अपना खुद के आईडिया के साथ व्यापार शुरू करें। कोरोना महामारी के दौरान बहुत लोगों ने प्राइवेट नौकरी के क्षेत्र में परेशानी का सामना किया है। वहीं अपने बिज़नेस वाले लोगो की स्थिति भी ख़राब थी, लेकिन नौकरी वालों इतना संघर्ष उन्हें नहीं करना पड़ा। इसीकारण महामारी के बाद नए स्टार्टअप की काफी तेजी के साथ बढ़ोतरी भी हो रही है। लोग अपना खुद का स्टार्टअप शुरू कर, अपना जीवन सिक्योर करना चाहते हैं।
वहीं कुछ लोग अपना खुद के आईडिया के साथ स्टार्टअप शुरू करना तो चाहते हैं, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती निवेश के लिए पूँजी की कमी होती है। चाह कर भी अपना बिज़नेस शुरू नहीं कर पाते हैं, उन्हें ये नहीं पता होता है निवेश के लिए पूँजी कहाँ से लाएं।
इस पोस्ट में स्टार्टअप बिज़नेस के लिए जरुरी बातें बताई गई है। इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आपको बहुत से ऎसे नई जानकारी मिलेगी, जिसके लिए अक्सर लोग परेशान रहते हैं। आइये जानते हैं-
स्टार्टअप बिज़नेस शुरू करने के लिए जरुरी बातें
खुद का स्टार्टअप शुरू करना इतना आसान नहीं है,जितना किसी बिज़नेस आईडिया के बारे में विचार करना । किसी भी स्टार्टअप शुरू करने के लिए पहले कई प्लानिंग करने की जरूरत होती है। अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। तो पहले इन बातों को अपने दिमाग में डाल लें। ये सभी बातें आपके बिजनेस में मददगार साबित होगी और आपको बाद में परेशान नहीं होना पड़ेगा।
नए बिज़नेस शुरू करने के लिएजरूरी बातें
- किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने के लिए एक अच्छे बिज़नेस आइडिया की जरूरत होती है। इसलिए किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले बिजनेस का आइडिया जरूर सोच लें। साथ ही ये भी विचार लें, जिस आईडिया पर आप अपना पूरा बिजनेस खड़ा करने वाले हैं उसकी मार्किट पॉवर क्या होगी। यानी आपके काम को किस तरह पसंद करेंगे, क्या डिमांड हो सकती है, आप उस आईडिया के लिए कितने सक्षम हैं, इसकी पूरी ब्लू प्रिंट तैयार कर लें।
- कोई भी स्टार्टअप शुरू करने से पहले आपको मार्किट का हाल जानना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए जब भी आप स्टार्टअप की सोचें, तो मार्किट रिसर्च जरूर करें।
- अगर आप बड़े पैमाने पर बिजनेस शुरू कर रहे हैं, तो पहले ये जान लें कि आप पैसे कैसे जुटाएंगे, साथ ही यदि आप लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसकी पूरी जानकारी बटोर लें। लोन के लिए अप्लाई करने के पहले आपको कुछ डॉक्यूमेंट तैयार करने होते हैं। उसके लिए आपको कुछ पैसे भी खर्च करने पड़ेंगे।
- बिज़नेस नाम के चयन को लेकर लोगों के सामने बहुत समस्या आती है। यदि आप अपने बिजनेस के नाम को भविष्य में एक बड़ा ब्रांड बनाना चाहते हैं, तो नाम छोटा और सरल रखें. किसी भी बिज़नेस में नाम का भी बहुत असर होता है।
- एक अच्छा और सक्सेसफुल बिजनेमैन बनना है, तो आपको सारे लीगल काम करने होंगे इसके लिए आप किसी लीगल एडवाइजर से विचार विमर्श कर सकते हैं। अपने बिजनेस को रजिस्टर कराना जरूरी है।
- बिजनेस शुरू करना है तो रिस्क तो लेना ही होगा। कोई भी बिजनेस चलेगा या नहीं ये शुरुआत में कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में पैसों का अधिक नुकसान न हो। इसके लिए पहले से ही तैयार रहना जरूरी है। आप ये जान लें कि आप उस बिजनेस के कितने करीब हैं. यानी क्या वह आपको पैशन हैं? यदि हां तो आपको इस बिजनेस में खड़ा करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगेगा।
खुद का स्टार्टअप शुरू कैसे करें- Step by Step
स्टार्टअप के लिए निवेश के लिए पूँजी कहाँ से लाएं
व्यवसायों और स्टार्टअप के लिए पूंजी जुटाना लोगों की सबसे बड़ी समस्या होती है। जिनके पास पैसे हैं, उन्हें भी बिज़नेस को बड़ा करने के लिए बिज़नेस स्टार्ट करने के बाद पूंजी की आवश्यकता होती है। चाहे कोई भी बिज़नेस या इंडस्ट्री हो, लगभग सभी प्रकार की कंपनियाँ अपने जीवन चक्र के दौरान इन पाँच अलग-अलग चरणों से होकर गुज़रती ही है। आप सोच भी नहीं सकते, ऐसे कई तरीके हैं जिससे कोई व्यवसाय अपने लिए पूँजी जुटा सकते हैं।
यहाँ तक कि कुछ बिज़नेस अपनी पूँजी जुटाने के लिए क्राउडफंडिंग का तरीका भी अपनाते हैं। पर यह फंडिंग-ऑप्शन अभी भी अपनी शुरुआती अवस्था में है और इस पर भरोसा करना सिर्फ तुक्का लगाने जैसा ही होता है। चलिए, जानने का प्रयास करें, स्टार्टअप के लिए निवेश के लिए पूँजी कहाँ से लाएं ।
Investment Portfolio: भारत में स्थिर मोदी सरकार से आया सुधार, Foreign Investors ने India में किया मोटा निवेश
विदेशी निवेशकों ने मजबूत अर्थव्यवस्था, स्थिर सरकार और उल्लेखनीय सुधारों को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने भारत को अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इंडिया को अपग्रेड कर डेडीकेटेड अलोकेशन की श्रेणी में डाल दिया है.
Foreign Investment in India: भारत में 2014 के बाद से ही केंद्र में पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार है. पूर्ण बहुमत का लाभ उठाकर सरकार ने कई सुधार किए हैं. विदेशी निवेशकों (FPI) ने मजबूत अर्थव्यवस्था, स्थिर सरकार और उल्लेखनीय सुधारों को संज्ञान में लिया. इसे देखते हुए विदेशी निवेशकों (Foreign investors) ने भारत को अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में इंडिया को अपग्रेड कर डेडीकेटेड अलोकेशन की श्रेणी में डाल दिया है. Oyo Layoffs: ओयो में 600 कर्मचारियों की छंटनी, कंपनी ने जारी किया बयान
इक्विटी विशेषज्ञों ने कहा है कि विदेशी निवेशकों ने भारत को अपने निवेश पोर्टफोलियो में एक समर्पित आवंटन के रूप में अपग्रेड किया है. इसके पहले इन्वेस्टर्स ने भारत को उभरते बाजारों की श्रेणी में रखा था और केवल चीन ही डेडीकेटेड अलोकेशन (Dedicated Allocation) की श्रेणी में था.
मुंबई में ग्रीनलैंड इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट एलएलपी के संस्थापक और सीआईओ अनंत जटिया के अनुसार, पहले, निवेशकों ने भारत को उभरते बाजारों में समूहीकृत किया था और तुलनात्मक रूप से केवल चीन एक "समर्पित आवंटन" उभरता हुआ बाजार था.
विशेषज्ञों का निवेश की सबसे जरुरी बात यह भी कहना है कि चीन में कोविड के चलते अनिश्चितता की वजह से निवेशक भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं. फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) निवेश की सबसे जरुरी बात भारत की ओर आ रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो नवंबर और दिसंबर की शुरुआत में 5 अरब डॉलर FPI आया है, जबकि 2022 के शुरुआती 10 महीनों में 23 अरब डॉलर आया है.
उन्होंने कहा कि फ़्लिप प्रभावशाली है क्योंकि फेड फ़ंड दर के साथ तरलता की लागत में काफी वृद्धि हुई है, जो वर्तमान में 3.83 प्रतिशत है, इस महीने अतिरिक्त 50 आधार महीने बढ़ने की उम्मीद है.
भारतीय इक्विटी पर ध्यान केंद्रित करने वाले सिंगापुर स्थित शेयर बाजार विशेषज्ञ सुनील सचदेवा ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों ने हाल के महीनों में अच्छा लचीलापन दिखाया है, और एक नया विकास प्रक्षेपवक्र मारा है, हालांकि कुछ प्रमुख वैश्विक बाजारों में 15-20 प्रतिशत की गिरावट आई है. आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण प्रतिशत.
सचदेवा ने निवेश की सबसे जरुरी बात कहा, "यह लचीलापन सरकार के अच्छे नियामक सुधारों, सहायक नीतियों और घरेलू खपत के अच्छे स्तर के साथ अर्थव्यवस्था पर RBI की पैनी नज़र से आया है."
उन्होंने कहा कि यह बहु-वर्षीय विकास चक्र की शुरुआत है और यह निवेशित रहने का समय है. उन्होंने कहा, 'हमने यहां एफआईए कार्यक्रम में एक बाजार के रूप में भारत में बड़ी दिलचस्पी देखी है और हर कोई भारतीय शेयर चाहता है. अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेशक भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनना चाहते हैं. कुछ महीने पहले भारत की चीन से तुलना करने पर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों में इस बात को लेकर असमंजस था कि कहां निवेश किया जाए.
improvement came from stable government foreign investors upgrade india as dedicated allocation in investment portfolios
इन्वेस्टमेंट स्कीम में कब शुरू करें निवेश और कैसे चुनें निवेश स्कीम, जानें- यहां
आपकी उम्र 20-30 या फिर 50 साल हो गई है, लेकिन आपको निवेश जरूर करना चाहिए. निवेश के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. निवेश आपके बुरे दिनों में काम आता है. साथ ही, इससे आपके वित्तीय लक्ष्य हासिल होते हैं.
Updated: April 13, 2022 9:32 AM IST
Investment Scheme: निवेश एक यात्रा है, न कि कोई मंजिल. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां आप एक लक्ष्य के साथ कई वित्तीय निर्णय लेते हैं, रिटर्न अर्जित करते हैं और बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करते हैं. जब आप युवा होते हैं तो निवेश करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन आप जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू कर सकते हैं. यदि आपको कोई लोन नहीं चुकाना है और पहले से ही एक आपातकालीन कोष बना चुके हैं, तो नौकरी छूट जाने पर कम से कम 3 महीने की आय मिलेगी, तो चाहे आप 20, 30 या 50 वर्ष के हों, तुरंत निवेश शुरू कर दें.
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क्यों करना चाहिए निवेश?
निवेश अपनी बचत को एक प्रयास के लिए प्रतिबद्ध करने की एक योजना है, जिसका उद्देश्य आपके धन में बढ़ोतरी करना और अतिरिक्त आय या लाभ अर्जित करना होता है.
अपने जीवन में तय मंजिल पर पहुंचने के बाद आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके परिवार के सपने और आवश्यकताएं पूरी हों, आप योजना बना सकें और छुट्टियां ले सकें, शादी कर सकें, पढ़ाई के लिए विदेश जा सकें, अप्रत्याशित घटनाओं में भाग ले सकें, आदि. इसलिए, आपको योजना बनाने और निवेश करने की आवश्यकता होती है. हमारी बचत जो इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं? ये निवेश आपको उन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे और अपने पैसे को काम में लगाकर आपको अपनी वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करेंगे.
कैसे चुनें निवेश स्कीम?
एक निवेश योजना चुनने के लिए, आपको अपने उद्देश्यों, तरलता की जरूरतों, निवेश क्षितिज और अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को जानना होगा. एक बार जब आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य हो, तो यह पता लगाना बहुत आसान हो जाता है कि आपको किस योजना में निवेश करना चाहिए. आप या तो वित्तीय संपत्ति जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बैंक जमा, पीपीएफ, आदि या गैर-वित्तीय संपत्ति जैसे सोना या अचल संपत्ति में निवेश कर सकते हैं.
लेकिन निवेश करने से पहले आपको निम्न मापदंडों का पालन करना चाहिए-
पर्याप्त शोध करें
- उन योजनाओं से अवगत रहें जो कम समय में उच्च रिटर्न का वादा करती हैं
- समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें
- रिटर्न और निवेश पर अपने कर प्रभाव पर विचार करें.
- आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करें, उतना अच्छा है.
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SIP के जरिए निवेश को लेकर ये हैं 7 सबसे बड़े मिथक! जान लीजिए फायदे में रहेंगे
SIP Investment Myths: क्या आपके मन में भी म्यूचुअल फंड्स, SIP, निवेश जैसे शब्द सुनकर भारी भरकम ख्याल आने लगते हैं, और आपको लगने निवेश की सबसे जरुरी बात लगता है कि ये आपके बस की बात नहीं. दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको इन चीजों को लेकर या तो अधूरी जानकारी है, या फिर जो भी जानकारी है वो गलत है.
- SIP को लेकर निवेशकों में कुछ मिथक हैं
- SIP निवेश को लेकर 7 सबसे बड़े मिथक निवेश की सबसे जरुरी बात
- SIP को लेकर ज्यादातर लोगों में है अधूरी जानकारी
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नई दिल्ली: Common Myths of SIP: क्या आपके मन में भी म्यूचुअल फंड्स, SIP, निवेश जैसे शब्द सुनकर भारी भरकम ख्याल आने लगते हैं, और आपको लगने लगता है कि ये आपके बस की बात नहीं. दरअसल ऐसा निवेश की सबसे जरुरी बात इसलिए है क्योंकि आपको इन चीजों को लेकर या तो अधूरी जानकारी है, या फिर जो भी जानकारी है वो गलत है. हम यहां पर आपको सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को लेकर 7 ऐसे Myth यानी मिथक बताने जा रहे हैं जो अक्सर लोगों के मन में रहते हैं.
मिथक नंबर 1- SIP सिर्फ छोटे निवेशकों के लिए है.
सच्चाई- ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. SIP की शुरुआत आप भले ही 500 या 100 रुपये की छोटी रकम से कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप रकम बढ़ा नहीं सकते. आप 1 लाख रुपये या इससे ज्यादा की रकम भी SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. आपको SIP के जरिए कितना पैसा निवेश करना है ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लक्ष्य कितना है.
मिथक नंबर 2: SIP एक 'निवेश प्रोडक्ट' है
सच्चाई- SIP का मतलब होता है, सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान, ये कोई प्रोडक्ट नहीं है बल्कि एक तरीका है जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं. मतलब आप SIP के जरिए निवेश करते हैं, SIP में निवेश नहीं करते. SIP के जरिए आप उस म्यूचुअल फंड को चुनते हैं जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं और पैसे निवेश की सबसे जरुरी बात निवेश की सबसे जरुरी बात डालते हैं. आप अपनी रिस्क क्षमता के मुताबिक इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड्स का चुनाव करते हैं.
मिथक नंबर 3- बाजार में उछाल के दौरान SIP न करें
सच्चाई: ये आमतौर पर हर दूसरा व्यक्ति सोचता है कि बाजार जब गिरेगा तब हम SIP के जरिए निवेश करेंगे. जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. लंबी अवधि के लिए SIP करने पर बाजार के उतार चढ़ाव का आपके निवेश पर असर नहीं पड़ता, यानी आप रेगुलर SIP करते हैं तो बाजार की गिरावट में आपको ज्यादा यूनिट मिलती हैं, और जब बाजार चढ़ता है तो कम, ऐसे में लंबी अवधि में बाजार के उतार चढ़ाव का असर खत्म हो जाता है.
मिथक नंबर 4: SIP की रकम को बदल नहीं सकते
सच्चाई: इस भ्रम को दिमाग से निकाल दीजिए, SIP इतना फ्लेक्सिबल है कि आप जब चाहें निवेश की राशि को घटा या बढ़ा सकते हैं. जब आपको लगे कि आप SIP की रकम में इजाफा करना चाहते हैं या घटाना चाहते, आप कर सकते हैं. आप निवेश की समय सीमा को भी घटा या बढ़ा सकते हैं.
हालांकि कुछ फंड्स के लिए SIP की न्यूनतम राशि और समयसीमा तय होती है. आपको इसे बदलने के लिए दस्तावेज और फॉर्म भरने की जरूरत होगी. लेकिन कोई जुर्माना या शुल्क नहीं लगेगा.
मिथक नंबर 5- जब बाजार गिरे तो SIP रोक दें
सच्चाई- जब शेयर बाजार में गिरावट होती है तो SIP के जरिए आप ज्यादा से ज्यादा यूनिट्स हासिल करते हैं, ऐसे में ये कहना कि जब शेयर बाजार टूट जाए तो अपनी SIP रोक देना चाहिए, सही सलाह नहीं है. बल्कि अगर आप ऐसा करते हैं तो आप बाजार में बेहतरीन कमाई का मौका गंवा रहे हैं. SIP के जरिए निवेश करने का मकसद ही फेल हो जाएगा अगर आप बाजार की गिरावट में निवेश बंद कर देंगे. हां आप ये जरूर कर सकते हैं कि अपने निवेश लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अच्छे म्यूचुअल फंड्स का चुनाव करें और रेगुलर SIP जारी रखें
मिथक नंबर 6- एक ही SIP सालों तक चलाएं
सच्चाई- अक्सर लोग एक ही SIP की राशि को सालों तक जारी रखते हैं, बल्कि अगर आप मोटा पैसा जमा करना चाहते हैं तो समय समय पर आपको SIP की रकम को भी बढ़ाते रहना चाहिए. जैसे हर साल आपकी सैलरी बढ़ती है तो उसी अनुपात में आपकी SIP की रकम भी बढ़नी चाहिए.
मिथक नंबर 7- SIP गारंटीड रिटर्न देता है
सच्चाई- SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश से आपको रिटर्न की कोई गारंटी नहीं मिलती है. म्यूचुअल फंड्स मार्केट लिंक्ड होते हैं इसलिए जैसे जैसे मार्केट परफॉर्म करता है आपका रिटर्न भी प्रभावित होता है. लेकिन लंबी अवधि में SIP के जरिए निवेश से आप अच्छा रिटर्न हासिल करते हैं. जो आमतौर पर दूसरे पुराने डेट इंस्ट्रूमेंट्स से ज्यादा होता है.
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