ट्रेडिंग क्या है इसके प्रकार और Trading से पैसे कैसे कमाए
ट्रेडिंग क्या है इन हिंदी: शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है. मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है.
लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर Trading se Paise Kaise Kamaye. बहुत सारे लोग Trading करते तो हैं लेकिन उन्हें वास्तव में पता नहीं होता है कि Trading क्या है.
Trading के विषय में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह लेख आपके लिए लिखा है. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग किसे कहते हैं. ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं. तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.
अगर आप Trading के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें, हमें पूरी उम्मीद हैं कि इस स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? लेख स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? को अंत तक पढने के बाद आपको Trading का ज्ञान हो जायेगा. तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं ट्रेडिंग क्या होता है.
स्विंग ट्रेडिंग Vs लांगटर्म इन्वेस्टमेंट
स्विंग ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग से भिन्न है जहां इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको ब्रोकर द्वारा मार्जिन मनी प्राप्त होती है तथा उसी दिन आपको शेयर खरीद कर मार्केट बंद होने से पहले बेचकर बाहर निकलना होता है। किसी भी हालत में आप अपने सौदे को अगले स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? दिन तक नहीं ले जा सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग, लांगटर्म ट्रेडिंग की भांति ही होती है इसमें ब्रोकर द्वारा मार्जिन प्राप्त नही होता है। लांगटर्म की भांति आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए जितने शेयर खरीदते हैं उनका पूरा पैसा आपको अदा करना होता है।
जब एक बार आप शेयर खरीद लेते हैं तो यह पूरी तरह आप पर ही निर्भर करता है कि आप उसे कब बेचते हैं, यदि आप इसे कुछ दिनों, कुछ हफ़्तो या कुछ महीनों में बेचकर अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग को आधार बनाकर ही ट्रेडिंग करते हैं तो कुछ मामलों में यह लांगटर्म इन्वेस्टमेंट से भिन्न हो जाता है। क्योंकि लांगटर्म इन्वेस्टमेंट और स्विंग ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग रणनीतियां बनानी होती हैं।
मुख्यतः स्विंग ट्रेडिंग के लिए किसी कंपनी का फंडामेंटल अधिक मायने नहीं रखता है बल्कि यहां टेक्निकल एनालिसिस ज्यादा कारगर होता है। टेक्निकल एनालिसिस द्वारा ही अपना छोटा छोटा लक्ष्य निर्धारित किया जाता है और लक्ष्य मिलते ही शेयर बेचकर बाहर निकल जाया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग में मुख्यतः कुछ दिनों, कुछ हफ्तों या एक दो महीने का ही लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि कम समय मे छोटे-छोटे प्रॉफिट के लिए निवेश करना ही स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
लेकिन स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन काफी सटीक होना चाहिए वरना स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? प्रॉफिट बना पाना असंभव होता है।
लांगटर्म इन्वेस्टमेंट ( Long-Term Investment )
लांगटर्म इन्वेस्टमेंट में किसी शेयर को खरीदने की वही प्रक्रिया होती है जो स्विंग ट्रेडिंग में होती है फर्क सिर्फ इतना है कि स्विंग ट्रेडिंग में जब कोई शेयर खरीदा स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? जाता है तो उसका एक छोटा सा लक्ष्य निर्धारित कर के कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में उस शेयर को बेच दिया जाता है।
वही लांगटर्म के लिए जो शेयर खरीदा जाता है लंबे समय के निवेश को लक्ष्य बनाकर खरीदा जाता है यह समय 2- 4 वर्ष का भी हो सकता है 10- 20 वर्ष का या इससे भी अधिक हो सकता है।
लांगटर्म में निवेश करके शेयर बाजार से काफी बड़ा प्रॉफिट बनाया जाता है क्योंकि यहां निवेशक को ‘पावर आफ कंपाउंडिंग’ का लाभ प्राप्त होता है। जितने लोगों ने शेयर बाजार से मोटा पैसा कमाया है लांगटर्म इन्वेस्टमेंट से ही कमाया है।
लांगटर्म निवेश के लिए टेक्निकल एनालिसिस की जरूरत बहुत कम होती है यहां किसी कंपनी के फंडामेंटल को देखकर निवेश किया जाता है।
लांगटर्म में निवेश के लिए एक ही बार किसी अच्छे स्टॉक को चुनना होता है और उसे खरीद कर लंबे समय के लिए अपने पास रख लिया जाता है। जितना अधिक समय बीतता है उतना अधिक फायदा हमें देखने को मिलता है।
लांगटर्म निवेश में अपने समय की बचत तो होती ही है, इसके अलावा बाजार के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव से भी कोई घबराहट नहीं होती है।
निष्कर्ष
लांगटर्म निवेश और स्विंग ट्रेडिंग दोनों ही अपनी अपनी जगह सही है, दोनों में ट्रेड करने का तरीका भी एक ही है।
फर्क सिर्फ इतना है कि किसी को जल्दी जल्दी प्रॉफिट बुक करने में मजा आता है तो किसी को अपने निवेश में पावर आफ कंपाउंडिंग देखने में मजा आता है।
कम समय में छोटा-छोटा लाभ लेना है तो स्विंग ट्रेडिंग बेहतर है, और मल्टीपल लाभ लेना हो तो लांगटर्म निवेश बेहतर है। किंतु दोनों ही परिस्थितियों में स्टॉक का चयन सटीक करना जरूरी है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे?
एक consolidation phase के बाद, यदि स्टॉक दैनिक समय सीमा में momentum candle के साथ सीमा को तोड़ता है और नई उच्च ऊंचाई बनाता है, तो आप इसे अपनी watchlist में जोड़ सकते हैं।
Momentum stocks :-
जब कीमत और वॉल्यूम दोनों ही शेयरों में एक साथ ट्रिगर देते हैं, तो यह संभावित रूप से किसी बड़े कदम का संकेत दे सकता है।percentage change parameters can be changes .
fake out reversals:-
जब स्टॉक दैनिक समय सीमा में किसी भी (key level) पर एक fake ब्रेकआउट करता है और फिर अपनी प्रवृत्ति को नीचे से ऊपर की ओर बदलता है,आप उस स्टॉक को trade entry के लिए ट्रैक कर सकते हैं।
important part:-
1. multi-timeframe analysis |
2. सही प्रवेश बिंदु खोजें।सही position size और SL बनाए रखें
3. समय के साथ trade करें।
4.यह जाने कि लाभ कब बुक करना है (profit)।
5.अंत में निकास योजना बनाये ।
आपको प्राइस एक्शन स्ट्रैटेजी सीखनी होगी, इससे आपको ट्रेड के लिए बेस्ट स्टॉक चुनने में मदद स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? मिलेगी
हमने हिंदी में इस बारे में डिटेल में बताया हुआ है।
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हम आपको Swing Trading के बारे में detail में जानकारी देंगे , जिससे आप आसानी से स्विंग ट्रेडिंग करके एक साइड इनकम बना सकेंगे।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आया होगा की आखिर स्टॉक मार्केट में कितने प्रकार की ट्रेडिंग होती है. मै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading. ये चार प्रकार की ट्रेडिंग कैसे की जाती है ये हम आज आपको बतायेंगे तो चलीये जानते है.शेअर मार्केट मे ट्रेडिंग कैसे होती है. और कितने प्रकार की होती है.
Intraday trading – इंट्राडे ट्रेडिंग
जब मार्केट 9 बजकर 15 मिनिट में शुरू होता है. और 3 बजकर 30 मिनिट मे बंद होता है. उस टाइम के अंदर आप जो कोई भी शेअर्स खरीद लेते है. या बेज देते है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. यांनी की आपको इसी टाइम के अंदर शेअर्स खरीद लेना है और बेच देना है. अब हम जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे
इंट्राडे ट्रेडिंग मे आपको शेअर बाजार के उतार-चढाव के बारे मे पता होना बेहात जरुरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग से अगर अच्छे स्टॉक का शेअर्स आप खरीद लेते है तो आप 8000 रुपये per day से भी ज्यादा कमा सकते हो
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग
Swing trading स्विंग ट्रेडिंग
इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके
Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग
जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे
वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे
शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान
अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो
Long term trading लॉंग टर्म ट्रेडिंग
अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है
लॉंग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान और फायदे
इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है
दोस्तो आशा करता हु आपको यह आर्टिकल देहत पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे नीचे comment मे जरूर बताये और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे
संबंधित लेख
FAQ
ट्रेडिंग कितने प्रकार कि होती है
ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है
1, Intraday trading
2, Swing trading
3, Short term trading
4, Long term trading
नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च के साथ हिंदी मे दी जाएगी
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