इसमें कहा गया है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन सौदे के दौरान हिस्सेदारी की मात्रा का फैसला किया जा सकता है। एलआईसी की बैंक में 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि सरकार के पास 45.48 फीसदी शेयर हैं।

IDBI

आईडीबीआई बैंक की बिक्री के लिए लेनदेन सलाहकार की बोली लगाने की बढ़ाई गई समयसीमा

IDBI Bank sale: वित्त वर्ष 22 के लिए बजट प्रस्तुति के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आईडीबीआई बैंक सहित इस वित्तीय वर्ष में पूर्व में घोषित सभी विनिवेश प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश के लिए लेनदेन सलाहकार के लिए बोली जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 22 जुलाई कर दी है। इसके अलावा, कानूनी सलाहकार के लिए बोलियां जमा करने की समय सीमा भी 9 दिन बढ़ाकर 22 जुलाई कर दी गई है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीओएम) ने कहा कि लेन-देन सलाहकार और कानूनी क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन सलाहकार के लिए बोली जमा करना दोपहर 3.30 बजे समाप्त होता है। 22 जुलाई को शाम 4 बजे, और 23 जुलाई को बोलियां की बिड 3.50 बजे और शाम 4.30 बजे खोली जाएंगी। बिड जमा करने की पिछली समय सीमा 13 जुलाई थी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार की हिस्सेदारी प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ तत्काल लेनदेन में बेची जाएगी।

ईडी ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए हुए चार हजार करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन का किया बड़ा खुलासा

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - November 29, 2021 / 04:31 PM IST

ईडी ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए हुए चार हजार करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन का किया बड़ा खुलासा

भारतीय रुपये में जमा आय को क्रिप्टो करेंसी 'टीथर' में बदल दिया और फिर इसे केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक क्रिप्टो वॉलेट सेवा 'बिनेंस वॉलेट्स' में बदल दिया था

इन दिनों निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी से बड़े मुनाफा कमाने का नशा चढ़ा हुआ है पिछले कुछ महीनों में कई क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में काफी निवेश हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) बड़ी मात्रा में अवैध नकदी को लॉन्ड्रिंग करते हैं. ईडी (ED) ने चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे लेनदेन का पता लगाया. इस साल जून में ईडी ने भारत में एक प्रमुख एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, बाद में पता चला इसने क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) का उपयोग करके 2,800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लॉन्ड्रिंग की थी.

किसी भी लेनदेन में लाभार्थियों का विवरण नहीं

रिपोर्ट के अनुसार इससे जुड़े दो लेन-देन में एजेंसी को 880 करोड़ रुपये मिले और 1,400 करोड़ रुपये की क्रिप्टो करेंसी के हस्तांतरण का पता चला, लेकिन किसी भी लेनदेन में इससे जुड़े लाभार्थियों का विवरण नहीं था. इस मामले में अपराधियों ने भारतीय रुपये में जमा आय को क्रिप्टो करेंसी ‘टीथर’ में बदल दिया और फिर इसे केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक क्रिप्टो वॉलेट सेवा ‘बिनेंस वॉलेट्स’ में बदल दिया था, जहां अवैध धन को डॉलर में परिवर्तित किया गया. इसमें से कोई भी लेन-देन किसी भी ऑडिट या जांच के लिए ब्लॉकचेन पर नहीं मौजूद नहीं है.

ईडी ने अपने हालिया रिपोर्ट में कहा, सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में सभी निजी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक को सूचीबद्ध किया है. इसका कारण न केवल वर्चुअल करेंसी का उपयोग करके देश में मनी लॉन्ड्रिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए बल्कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में ईडी ने गुजरात के भावनगर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से बड़ी मात्रा में अवैध पैसे को देश से बाहर चीनी नागरिकों को भेजता था और भारतीय रुपये को क्रिप्टो करेंसी में बदलवाता था.

आरबीआई गवर्नर ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को बताया अगला वित्तीय संकट

आरबीआई गवर्नर ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को बताया अगला वित्तीय संकट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को अगले वित्तीय संकट की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है, कि अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से आएगा. उन्होंने यह भी कहा, कि उनका अभी भी यही मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

क्तिकांत दास ने यह भी कहा, कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और यह सिर्फ व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है. इस महीने की शुरुआत में आरबीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था, कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (CBDC) के माध्यम से लेनदेन "कुछ हद तक" गुमनाम रहेगा. उन्होंने यह भी कहा, कि गुमनामी सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी और कानूनी प्रावधानों का पता लगाया जा सकता है.

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