मैटरनिटी इंश्योरेंस
किसी भी महिला के लिए मां बनना जीवन का सबसे सुखद अनुभव होता है. लेकिन मां बनने के समय महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, जो आपके फाइनेंस पर बोझ बन सकती हैं, जिसमें डिलीवरी के समय हॉस्पिटल में भर्ती होने की लागत शामिल है. कम्प्रीहेंसिव मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस, गर्भवती महिलाओं को फाइनेंशियल बोझ का सामना किए बिना सर्वश्रेष्ठ हेल्थ केयर सुविधाओं को प्राप्त करने में मदद करता है. इससे आपका पूरा परिवार चिंतामुक्त होकर खुशियां मना सकता है और घर मे नन्हें शिशु के स्वागत की धूमधाम से तैयारी कर सकता है.
मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान, पॉलिसी अवधि के तहत सम इंश्योर्ड तक सामान्य और सी-सेक्शन डिलीवरी के खर्चों को कवर करता है. इस इंश्योरेंस कवरेज को आमतौर पर स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ राइडर या ऐड-ऑन लाभ के रूप में शामिल किया जाता है. कई मैटरनिटी इंश्योरेंस प्रदाता दो गर्भावस्था तक कवरेज प्रदान करते हैं. यह नवजात शिशु के वैक्सीनेशन के साथ-साथ उत्पन्न होने वाले किसी भी मेडिकल खर्च को भी कवर करता है. प्री व पोस्ट-हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज के तहत, हॉस्पिटलाइज़ेशन से 30 दिन पहले और हॉस्पिटलाइज़ेशन के बाद 60 दिनों तक के लिए कवरेज उपलब्ध है.
मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस की विशेषताएं और लाभ
कॅम्प्रीहेंसिव कवरेज
मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस, डिलीवरी, हॉस्पिटल में भर्ती होने के खर्च, दवाओं और अन्य खर्चों को भी कवर करता है.
नवजात की देखभाल
अगर नवजात शिशु में किसी प्रकार के गंभीर रोग का पता चलता है, तो उसे भी पॉलिसी कवरेज दिया जाता है.
आसान ऑनलाइन एप्लीकेशन
मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के लिए ऑनलाइन अप्लाई करें.
एम्बुलेंस शुल्क
मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान में एमरजेंसी के दौरान एम्बुलेंस शुल्क कवर किए जाते हैं.
हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज
हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले के 30 दिन और डिस्चार्ज के बाद के 60 दिन तक, गर्भावस्था से संबंधित सभी खर्चों को इस प्लान के तहत कवर किया जाता है.
कैशलेस सुविधा
इंश्योरर के किसी भी नेटवर्क हॉस्पिटल में कैशलेस सुविधा प्राप्त करें.
तुरंत क्लेम सेटलमेंट
नेटवर्क से बाहर के हॉस्पिटल में कराए गए इलाज के लिए एक ही जगह पर तुरंत क्लेम सेटलमेंट की सुविधा पाएं.
क्लेम-फ्री बोनस
प्रत्येक क्लेम-फ्री वर्ष के लिए 10% संचयी बोनस का लाभ पाएं.डीमैट अकाउंट की शुरुवात
टैक्स में बचत
इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80D के तहत रु. 60,000 तक की टैक्स छूट का लाभ उठाएं.
मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय ध्यान देने लायक बातें
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर विचार करना ज़रूरी है, इनमें से कुछ के बारे में विस्तार से जानें:
प्रीमियम पर ध्यान केंद्रित करें
कुछ मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उच्च हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम दरों पर उपलब्ध हैं. इसलिए, अपने बजट में आने वाला मैटरनिटी प्लान चुनना सुनिश्चित करें.
प्रतीक्षा अवधि चेक करें
मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में हमेशा प्रतीक्षा अवधि शामिल होती है. यह प्रतीक्षा अवधि वह समय है जिसमें इंश्योरर आपका क्लेम स्वीकार नहीं करेगा. सीमित प्रतीक्षा अवधि वाला मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनना हमेशा महत्वपूर्ण होता है.
सम इंश्योर्ड चेक करें
पर्याप्त कवरेज वाली हेल्थ इंश्योरेंस डीमैट अकाउंट की शुरुवात पॉलिसी चुनना ज़रूरी है.
नेटवर्क हॉस्पिटल
कैशलेस ट्रीटमेंट केवल उन पॉलिसीधारकों के लिए उपलब्ध है जो पैनल में शामिल हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट कराना चाहते हैं.
SBI RD: 100 रु की छोटी रकम से शुरू करनी है सेविंग, घर बैठे मोबाइल से खुल जाएगा खाता
रोज के खर्चों से छोटी-छोटी रकम बचा उसे जमा कर बचत की शुरुआत की जा सकती है.
कहते हैं बूंद-बूंद से सागर बनता है. यह बात बचत पर भी लागू होती है. रोज के खर्चों से छोटी-छोटी रकम बचा उसे जमा कर बचत की शुरुआत की जा सकती है. जैसे-जैसे हाथ में पैसा बढ़ता जाए, वैसे-वैसे जमा का पैसा बढ़ाया जा सकता है. कोविड19 लॉकडाउन के दौरान जब कामकाज ठप पड़ गया तो कई लोगों के लिए खर्चा चलाने के लिए उनकी बचत काम आई. छोटी रकम के जरिए बचत करने के लिए रिकरिंग डिपॉजिट (RD) एक अच्छा विकल्प बन सकता है.
RD की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें हर माह पैसा डाला जा सकता है. अगर आप SBI में RD करना चाहते हैं तो इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो घर बैठे-बैठे अपने स्मार्टफोन से SBI में RD अकाउंट खोल सकते हैं. इसके लिए आपको YONO SBI ऐप की मदद लेनी होगी.
YONO से RD करने की प्रॉसेस
- YONO SBI ऐप में लॉग इन करें.
- अब ‘डिपॉजिट्स’ पर क्लिक करें.
- अब ‘क्रिएट रिकरिंग डिपॉजिट’ पर क्लिक करें.
- हर माह जितना पैसा RD में डिपॉजिट करना चाहते हैं, उसे डालें.
- जिस बैंक खाते से पैसा RD में डालना है, उसका चुनाव करें.
- ‘नेक्स्ट’ पर क्लिक करें.
- जितने वक्त के लिए RD करनी है, उसका चुनाव करें.
- अब हर माह की किस तारीख को किस्त RD में जमा होगी, इसका चुनाव करें.
- अब ‘व्यू इंट्रेस्ट रेट्स’ पर क्लिक कर RD की ब्याज दरों पर जाएं.
- यहां विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड के सामने उसके लिए तय ब्याज दरें दिखाई देंगी. आप जितने डीमैट अकाउंट की शुरुवात वक्त की RD करना चाहते हैं, उस अवधि को चुनें.
- अब ‘ओके’ पर क्लिक करने पर आप उस पेज पर पहुंच जाएंगे, जहां आपने RD में किस्त जाने की तारीख का चुनाव किया था. यहां अब आपके द्वारा चुने गए मैच्योरिटी पीरियड के साथ तय ब्याज दर भी शो होने लगेगी.
- अब ‘नेक्स्ट’ पर क्लिक करें और अपने द्वारा एंटर की गई डिटेल्स का रिव्यू करें. यहां आपको RD का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद कितना अमाउंट मिलेगा, वह भी शो होगा.
- इसी पेज पर ‘व्यू नॉमिनी डिटेल्स’ विकल्प है, जिसमें जाकर नॉमिनी को बदला जा सकता है. डिटेल्स एडिट होने के बाद बैक पर टैप करें.
- इसके बाद नियम व शर्तें पढ़ने के बाद एक्सेप्ट करें और कन्फर्म पर क्लिक करें.
- इसके बाद SBI में आपका RD अकाउंट खुल जाएगा और इसका मैसेज शो होगा. इसकी डिटेल आपकी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भी भेज दी जाएगी. आप यहां से रसीद भी डाउनलोड कर सकते हैं.
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SBI RD के फीचर्स
- SBI की RD में मिनिमम डिपॉजिट डीमैट अकाउंट की शुरुवात अमाउंट प्रतिमाह 100 रुपये है. निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
- SBI RD कम से कम 12 महीने यानी 1 साल और अधिकतम 120 महीने यानी 10 सालों के लिए खुलवाई जा सकती है.
- RD अकाउंट में जमा राशि पर 90 फीसदी तक का लोन या ओवरड्राफ्ट मिल सकता है.
- SBI RD अकाउंट पर ब्याज दर टर्म डिपॉजिट के लिए लागू ब्याज दर है. इस वक्त SBI में डॉमेस्टिक टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड के लिए 2.90 फीसदी से 5.40 फीसदी सालाना तक है.
- सीनियर सिटीजन के लिए RD पर ब्याज दर, तय ब्याज दर से 0.50 फीसदी ज्यादा है.
- SBI स्टाफ और SBI पेंशनर्स के लिए ब्याज दर, लागू ब्याज दर से 1 फीसदी ज्यादा है.
- RD को मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले बंद करने की अनुमति है. लेकिन साथ में पेनल्टी का भुगतान करना होगा और ब्याज में कटौती होगी.
- 7 दिन से कम वक्त के लिए RD रखने पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा.
- इस स्कीम में आप किसी भी व्यक्ति को अपना नॉमिनी बना सकते हैं.
- पासबुक की सुविधा है.
- SBI RD में मासिक किस्त जमा न करने पर पेनल्टी लगती है. 5 साल या इससे कम मैच्योरिटी पीरियड वाली RD पर यह पेनल्टी प्रति 100 रुपये पर 1.50 रुपये प्रतिमाह है. 5 साल से ज्यादा के मैच्योरिटी पीरियड वाले अकाउंट पर पेनल्टी प्रति 100 रुपये पर 2 रुपये प्रतिमाह है.
- अगर RD अकाउंट में तीन या इससे ज्यादा लगातार किस्तों का डिफॉल्ट होता है या अकाउंट रेगुलराइज नहीं है तो 10 रुपये सर्विस चार्ज लगेगा. यह अकाउंट की मैच्योरिटी डेट पर या इसके बाद लिया जाएगा.
- अगर लगातार 6 किस्तों का डिफॉल्ट होता है तो RD अकाउंट को मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले ही बंद कर दिया जाएगा और अकाउंट होल्डर को बैलेंस अमाउंट का भुगतान कर दिया जाएगा.
- RD को SBI की एक शाखा से दूसरी शाखा में ट्रांसफर कराया जा सकता है.
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हर महीने समय पर जमा करें RD का पैसा, भूल गए तो ये हो सकता है नुकसान
फ्लेक्सी आरडी में जमाकर्ता को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. अपनी सुविधा के हिसाब से आप एक लमसम अमाउंट जमा कर सकते हैं. फ्लेक्सी आरडी में दो विकल्प मिलते हैं. एक कोर अमाउंट होता है जिसे खाता खुलने के साथ ही एक बार में जमा कराया जाता है.
निवेश के कई अलग-अलग साधनों में रिकरिग डिपॉजिट (RD) भी एक है. बचत के साथ गारंटीड रिटर्न को देखते हुए आरडी को एफडी के साथ सबसे सफल स्कीम की श्रेणी में रखा जाता है. इस स्कीम की डीमैट अकाउंट की शुरुवात लोकप्रियता काफी अधिक है क्योंकि कम पैसे में भी इस स्कीम की शुरुआत कर सकते हैं. जमा पूंजी की सुरक्षा और गारंटीड रिटर्न के लिहाज से आरडी RD को पहली बार निवेश करने वालों के लिए सबसे अच्छा माध्यम मानते हैं.
सबसे अच्छी बात ये है कि आरडी में जमा पैसा बाजार के उतार-चढ़ावों से मुक्त होता है. बाजार गिरे भी तो आरडी का रिटर्न नहीं गिरता. जो फिक्स रेट है, वह मैच्योरिटी पर मिलेगी ही. लेकिन इसमें जमा किए जाने वाले पैसे का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. उसमें किसी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो रिटर्न पर बड़ा असर देखा जा सकता है.
क्या है आरडी स्कीम
रिकरिंग डिपॉजिट या RD ऐसी स्कीम है जिसमें हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट जमा करते हैं. कितने महीने या कितने साल जमा करना है, यह भी पहले से तय होता है. हर महीने कितने रुपये जमा करने हैं, यह भी पहले से तय होता है. मान लीजिए कोई व्यक्ति एक साल के लिए हर महीने 5,000 रुपये आरडी खाते में जमा करता है. ऐसे में उसका ड्यू अमाउंट 5,000 रुपये होगा. जमा करने वाला व्यक्ति हर महीने इतनी राशि अलग-अलग तरीके से जमा कर सकता है. वह चाहे तो कैश या लोकल चेक से जमा कर सकता है. जो भी किस्त पहले से फिक्स है, उसे हर महीने निश्चित समय पर जमा कराना होगा. महीने के अंतिम कार्य दिवस पर उससे पहले पैसा जमा कराना जरूरी होता है. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है.
समय पर पैसे जमा नहीं करने पर क्या होगा
- अगर रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में समय पर ड्यू पेमेंट जमा नहीं कराते हैं तो बैंक आपसे पेनाल्टी ले सकता है. पेनाल्टी को लेकर बैंकों में अलग-अलग नियम हैं. इसलिए पेनाल्टी के बारे में जानने के लिए अपने बैंक की नियम एवं शर्तें जरूर जान लें.
- अगर कोई व्यक्ति लगातार कुछ महीने तक आरडी का ड्यू पेमेंट जमा नहीं करता है, तो उसका आरडी अकाउंट हमेशा के लिए डीएक्टिवेट या बंद हो सकता है. यह खाता तब तक बंद रहेगा जब तक जमाकर्ता बकाया की पूरी राशि नहीं चुका देता है. आरडी का टाइम पीरियड 3-5 तक होता है जब पैसे जमा नहीं करने पर अकाउंट बंद हो जाता है. यह पीरियड बैंकों में अलग-अलग हो सकता है.
- अगर आपका रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम फ्लेक्सिबल है तो कुछ महीने तक पैसे जमा नहीं कराने पर भी कोई पेनाल्टी नहीं लगेगा. फ्लेक्सिबल आरडी खाते पर इस तरह की छूट मिलती है.
आरडी पर पेनाल्टी से कैसे बचें
ऐसे कई तरीके हैं जिससे आप ड्यू पेमेंट समय पर नहीं चुकाने से बच सकते हैं. इसके लिए आपको अपने मोबाइल फोन के बैंकिंग ऐप में स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन फैसिलिटी को सेट करना होगा. इससे आपके आरडी का अमाउंट हर महीने अपने आप डेबिट हो जाएगा. आपके बैंक खाते से पैसा सीधा आपके आरडी खाते में पहुंच जाएगा. इस फेसिलिटी को ऑटो डेबिट भी बोलते हैं.
हो सकता है कि हर महीने आपके खाते में इतना पैसा न बचता हो कि आरडी का ड्यू अमाउंट चुका सकें. इसके लिए जरूरी है कि पैसा बचा कर चलें, खासकर तब तक जब आपको आरडी का पैसा जमा करना है. इससे बचने के लिए आप आरडी डिपॉजिट का अमाउंट भी घटा सकते हैं. इसके लिए बैंक से बात करनी होगी.
पैसे की तंगी हो या आपको लगता है कि ड्यू अमाउंट चुकाने में दिक्कत आ सकती है तो फ्लेक्सिबल रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम का फायदा लेना चाहिए. इसका फायदा ये होगा कि अगर आप एक या दो महीने भी ड्यू अमाउंट नहीं चुकाएंगे तो पेनाल्टी नहीं लगेगा.
फ्लेक्सी आरडी क्या होता है
फ्लेक्सी आरडी में जमाकर्ता को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. अपनी सुविधा के हिसाब से आप एक लमसम अमाउंट जमा कर सकते हैं. फ्लेक्सी आरडी में दो विकल्प मिलते हैं. एक कोर अमाउंट होता है जिसे खाता खुलने के डीमैट अकाउंट की शुरुवात साथ ही एक बार में जमा कराया जाता है. दूसरा फ्लेक्सी अमाउंट होता है जिसे हर महीने किस्त के रूप में चुकाना होता है. सभी फ्लेक्सी आरडी खाते को एक निश्चित अवधि के लिए कोर अमाउंट के साथ खुलवाया जाता है. यह अमाउंट बैंकों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं.
फ्लेक्सी अमाउंट को जमाकर्ता चाहे तो समय के साथ घटा या बढ़ा सकता है. कोर अमाउंट पर ब्याज दर फिक्स होती है जो आरडी के ब्याज के मुताबिक दी जाती है. फ्लेक्सी अमाउंट पर उस दिन से ब्याज जुड़ता है जिस दिन से पैसा जमा करते हैं. फ्लेक्सी अमाउंट को महीने के किसी दिन जमा करा सकते हैं और यह जमाकर्ता की सुविधा पर निर्भर करता है.
शेयर मार्केट में कम से कम कितने रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं ? Minimum amount to invest in share market in hindi
शेयर मार्केट में निवेश के लिए न्यूनतम राशि क्या है ? Minimum amount to invest in share market in hindi, शेयर मार्केट में कम से कम कितने रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, 10000 रुपये को शेयर मार्केट में कैसे लगाए ? यदि आपके मन में भी कुछ ऐसे ही सवाल हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत हेल्पफुल होने वाली है
जानिए शेयर मार्केट में निवेश के लिए न्यूनतम राशि क्या है ? और कम से कम कितने रुपये से निवेश शुरू करना चाहिए ? How much minimum amount to invest in share market in hindi
Minimum amount to invest in share market in hindi
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए कम से कम कितने रुपये की आवश्यकता होती है इससे संबंधित किसी प्रकार की कोई भी लिमिट निर्धारित नहीं है, आप चाहे तो सिर्फ 100 रुपये या इससे भी कम रुपये के साथ शेयर मार्केट में निवेश शुरू कर सकते हैं लेकिन फिर भी शेयर प्राइस और डीमैट अकाउंट ओपनिंग फीस जैसे कुछ कारको पर जरूर निर्भर करता है जो विस्तार से निम्नवत हैं
शेयर प्राइस
शेयर मार्केट में कम से कम कितने रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं यह प्रमुख रूप से शेयर के प्राइस पर निर्भर करता है यानी एक शेयर का जितना प्राइस होता है उतने रुपये तो आपको कम से डीमैट अकाउंट की शुरुवात डीमैट अकाउंट की शुरुवात कम चाहिए ही होते हैं
जैसे उदाहरण के लिए यदि किसी कपनी X का शेयर प्राइस 2500 रुपये है तो इसमें निवेश करने के लिए आपको कम से कम 2500 रुपये तो आवश्यक रूप से चाहिए तभी आप इस कंपनी के शेयर खरीद पायेंगे
यदि आपके पास 11,000 रुपये हैं तो आप इस कंपनी के 11000/2500 के हिसाब से 4 शेयर खरीद सकते हैं और 1000 रुपये आपके डीमैट अकाउंट में शेष बच जाते हैं लेकिन, यदि आपके पास 2500 से भी कम रुपये हैं तो आप इस कंपनी में निवेश नहीं कर सकते
लेकिन यदि किसी डीमैट अकाउंट की शुरुवात कंपनी का शेयर प्राइस सिर्फ 1 रुपया ही है तो आप इसमें सिर्फ एक रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं
डीमैट अकाउंट ओपनिंग फीस
यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते डीमैट अकाउंट की शुरुवात हैं और किसी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं तो आप सीधे कंपनी से शेयर नहीं सकते बल्कि इसके लिए पहले आपको किसी ब्रोकर के पास एक डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है जो लगभग 200 से 400 रुपए तक होती है जिसे अलग अलग ब्रोकर अपने हिसाब से अलग अलग चार्ज करते हैं और कई बार डीमैट अकाउंट फ्री में खोलने का ऑफर भी देते हैं
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए प्रमुख ब्रोकर कंपनी इस प्रकार हैं
शेयर मार्केट में कितने रुपये से निवेश शुरू करें ?
जब तक आपको शेयर मार्केट की अच्छी खासी समझ ना हो तब तक जोश में आकर काफी ज्यादा रुपये एक साथ निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपको फायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है इसलिए शुरुआत में अपनी समझ के हिसाब से कमाई का सिर्फ 10 से 20% पैसा ही लगाए और बाद में जब आपको कंपनियों की अच्छी खासी परख हो जाये तो ही अमाउंट बढ़ाये
10000 रुपये को शेयर मार्केट में कैसे लगाए
यदि आप शेयर मार्केट में 10,000 रुपये निवेश करना चाहते हैं और ये सोच रहे हैं कि दस हजार को शेयर मार्केट में कैसे निवेश करें, किस कंपनी के शेयर खरीदे और किस कंपनी में कितने रुपये लगाएं तो इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें आवश्यक रूप से ध्यान रखनी चाहिए जो निम्न प्रकार हैं, इससे आप को फायदा होने के चांसेज काफी बढ़ जाते हैं और जोखिम होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है
- चाहे कंपनी कितनी भी अच्छी हो फिर भी पूरे दस हजार रुपये सिर्फ एक कंपनी डीमैट अकाउंट की शुरुवात में ना लगाए बल्कि उसे थोड़ा थोड़ा बांटकर अलग अलग कम से कम 4 से 5 कंपनियों में लगाये
- 5 से 6 हजार रुपये दो से तीन अलग अलग ऐसी larg cap companies में लगाये जो अपने सेक्टर की मार्केट लीडर हो चूँकि ऐसी कंपनियों को मैनिपुलेट करना बहुत ही मुश्किल होता है जिससे जोखिम की संभावना बहुत ही कम हो जाती है डीमैट अकाउंट की शुरुवात और लांग टर्म में मुनाफा ही देती हैं
- 3 से 4 हजार रुपये को ऐसी मिडकैप कंपनियों में लगाये जो लगातार ग्रोथ कर रही हैं और उनके प्रोडक्ट्स की मार्केट में काफी डिमांड है
- बचे हुए 2 से 3 हजार रुपये आप ऐसी कंपनियों में लगा सकते हैं जो अभी बहुत छोटी है ग्रोथ कर रही हैं और फ्यूचर में कुछ बड़ा कर सकती हैं
धीरे धीरे जब आपको समझ आने लगे और कंपनियों के टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस, चार्ट रीडिंग करना सीख जाए अपनी समझ से इस बात का अंदाज हो जाए कि फ्यूचर में किस तकनीक और किन प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने वाली है तो फिर आप खुद अपने आप से ज्यादा पैसे निवेश कर सकते हैं
इस पोस्ट में शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए कम से कम कितने रुपये चाहिए, मिनिमम कितने रुपये से शेयर मार्केट में निवेश शुरू कर सकते हैं How much amount to invest in share market in hindi और एक नोसिखिये को शेयर मार्केट में कितने रुपये से निवेश शुरू करना चाहिए और कैसे करना चाहिए ये सब विस्तार से बताया है
यदि शेयर मार्केट में निवेश से संबंधित अभी भी आपके कुछ सवाल हैं तो कमेंट में बेझिझक पूछ सकते हैं हम आपकी सहायता करने की पूरी कोशिश करेंगे और हां आपको हमारी ये पोस्ट शेयर मार्केट में कम से कम कितने रुपये से निवेश करें ? Minimum amount to invest in share market in hindi कैसी लगी कमेंट में जरूर बताए
मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े
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