Stock Exchange

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भारत में इतिहास | History of stock exchange in India

स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? इसे जानने से पहले आपको स्टॉक एक्सचेंज की भारत में कैसे शुरुआत हुई? (History of stock exchange in India) इसके बारे में जानना चाहिए|
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है| चाहे आप इसे पढ़ाई के संबंध में लें, चाहे आप इसे बिजनेस के संबंध में लें|

यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है| दरअसल स्टॉक एक्सचेंज क्या है भारतीय पूंजी बाजार की घटनायें बड़ी ही रोचक और दिलचस्प हैं|

यदि हम भारत के शेयर मार्केट की बात करें तो भारत के पूँजीकरण में इसका अतुल्य योगदान है|

भारत में स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (Stock exchange History in India)

इसका विचार 18वीं सदी के अंत में आया था| यह समय स्टॉक एक्सचेंज क्या है वह था जब पहली बार नेगोशिएबल सिक्योरिटी पहली बार जारी की गई थी|

एक बहुत पुराना कंपनी एक्ट था, जिसको कि शायद आज लोग जानते भी नहीं है (Company act 1850)|

यह वही समय था जब पहली बार लिमिटेड लायबिलिटी तथा इन्वेस्टर इंटरेस्ट की बात की गई थी|

सबसे पहले भारत में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थापित हुआ था| मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की अनौपचारिक शुरुआत 1834 में हुई थी|

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की औपचारिक शुरुआत 1875 में हुई थी|

उस समय पर मुंबई को “Bombay” बोलते थे|

तब इसका नाम था “The native share and stock brokers association”

वर्तमान समय में इसका नाम “Bombay stock exchange (BSE)” है|

यह भारत तथा एशिया का भी सबसे पुराना एक्सचेंज है| यदि दुनिया की बात करें तो यह तीसरा सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है|

इसके बाद भारत के कुछ विकसित शहरों ने अपने यहां पर स्टॉक एक्सचेंज खोलें|

जैसे कि: अहमदाबाद में 1894 में, कोलकाता में 1908 में तथा मद्रास में 1937 में

1947 के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास

स्टॉक मार्केट की बेहतर परफॉर्मेंस के लिए 1956 में “securities contract regulation act 1956” लाया गया|

1980 के दशक में बहुत सारी फर्जी कंपनियों ने भी अपने आप को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवा लिया था|

इनका मुख्य उद्देश्य लोगों से पैसा लूटना था| इन्होंने किया भी ठीक वैसा ही| इसी के कारण लोगों का विश्वास स्टॉक मार्केट से हटने लगा|

स्टॉक मार्केट में लोगों का विश्वास पुनः जगाने के लिए सन 1987 में “investor protection fund” की शुरुआत की गई|

इसकी शुरुआत करने का मुख्य मकसद स्टॉक मार्केट में फंसे हुए लोगों को सुरक्षा देना था|

आर्थिक उदारीकरण के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भारत में इतिहास

भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत 24 जुलाई 1991 के बाद से हुई|

इसी कड़ी में 1992 में SEBI की शुरुआत की गई|

1996 में एक बहुत महत्वपूर्ण घटना घटी| इस दौर में एक अभूतपूर्व घटना घटी|

अब! भौतिक शेयर प्रमाण पत्र (physical share certificate) जगह पर इलेक्ट्रॉनिक रूप (E-form) में दिया जाने लगा| इसी समय पर depository act की शुरुआत भी की गई|

Depository act की शुरुआत होने के बाद NSDL (National Securities Depositories Ltd) पहली संस्था थी जिसे इस एक्ट के तहत पहला लाइसेंस मिला था|

CDSL (Central Securities Depositories Ltd) दूसरी ऐसी संस्था थी जिसने depository act के तहत रजिस्ट्रेशन करवाकर लाइसेंस हासिल किया था|

साल 2001 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने अपना सारा कारोबार e-platform पर शिफ्ट कर दिया था|

इसके बाद ग्राहक अपने घर बैठे ही आसानी के साथ स्टॉक एक्सचेंज क्या है शेयर खरीद सकते हैं| इसके पीछे का मुख्य मकसद NSE के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहना था| NSE पहले से ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहा था| इस कारण से कभी-कभी वह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से आगे निकल जाता था|

इसी को ध्यान में रखते हुए मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मैंने अपने सारे कारोबार को e-platform पर शिफ्ट कर दिया|

सन 2001 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज T+2 डिलीवरी टाइम पर शिफ्ट हो गया| T+2 का अर्थ: “जिस दिन ट्रेड किया गया है वह सारे ट्रेड 2 दिन के अंदर सेटल हो जाना|” इसका मुख्य कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सेटल हो जाना था|

2005 में भी शेयर मार्केट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना घटी| इस वर्ष BSE एक निगम इकाई (corporate entity) में बदल गया| इसकी पूरी कार्यप्रणाली एक कॉरपोरेट में बदल गई| इसका मुख्य मकसद अपने काम में पारदर्शिता लाना था|

2008 में Currency derivatives के भाग की शुरुआत की गई|

2014 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने एक बहुत ही अभूतपूर्व वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त किया|

इस वर्ष में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की सारी कंपनियों को मिलाकर उनका market capitalization 100 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया|

बीएसई की महत्वपूर्ण जानकारी (BSE important facts)

BSEमहत्वपूर्ण तथ्य
स्थानPhiroze Jeejeebhoy Towers, Dalal Street, Mumbai- 40000, भारत
स्थापित9 जुलाई 1877
लिस्टिंग की संख्या5400 से अधिक
सूचकांकबीएसई सेंसेक्स, एसएंडपी बीएसई मिडकैप, एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप, एसएंडपी बीएसई लार्जकैप, बीएसई 500
Phones91-22-22721233/4, 91-22-66545695 (Hunting)
Fax91-22-22721919
CINL67120MH2005PLC155188
Email[email protected]
Website www.bseindia.com
बीएसई की महत्वपूर्ण जानकारी (BSE important facts)

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इसी तरह की नई पोस्ट में मैं फिर मिलूंगा तब तक के लिए मैं नवीन कुमार आपसे इजाजत चाहता हूं! नमस्कार

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धन्यवाद

Indian Stock Exchange- भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है ?

आज हम जानेंगे Stock Exchange क्या होता है स्टॉक एक्सचेंज क्या है भारत में कौन सा स्टॉक एक्सचेंज कंपनी सबसे ज्यादा बड है और भारत में कुल कितने Stock Exchange कंपनी है यदि आपको स्टॉक मार्केट स्टॉक एक्सचेंज क्या है के बारे में नहीं पता उसके बारे में जानना चाहते हैं तो हमारी पिछली जानकारी को पढ़ सकते हैं जिसमें हमने स्टॉक मार्केट के बारे में बताया है।

Stock Exchange

Stock Exchange

स्टॉक एक्सचेंज क्या है What is Stock Exchange?

Stock Exchange एक प्लेटफार्म है जिसके द्वारा हम किसी कंपनी के शेयर स्कोर बाय ओर सेल करते हैं अगर किसी को किसी कंपनी के शेयर्स को बेचने हैं तो वह Stock Exchange में सेल ऑर्डर कर सकता है और अगर किसी को किसी कंपनी के शेयर को खरीदने हैं तो स्टॉक एक्सचेंज में बाय ऑर्डर कर सकता है।

भारत में कौन सा स्टॉक एक्सचेंज सबसे ज्यादा पॉपुलर है

भारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर Stock Exchange कंपनी बीएससी यानी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कंपनी है और दूसरा स्टॉक एक्सचेंज क्या है भारत में पापुलर स्टॉक एक्सचेंज कंपनी का नाम है एनएससी इसे हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कंपनी भी करते हैं

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange)

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज क्या है स्टॉक एक्सचेंज एशिया का सबसे पहला स्टॉक कंपनी है और भारत का सबसे बड़ा कंपनी है और पूरे देश में 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में में है जिस के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक एक्सचेंज क्या है 5000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है जिसका मार्केट कैपिटल आई जेशन 2.1 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज कंपनी है जिसमें फुली ऑटोमेटिक बेस्ट इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रोवाइड किया यह वर्ल्ड का जरावा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज कंपनी है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में है जिसके एमडी और सीईओ विक्रम अलीम आए हैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अट्ठारह सौ से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कंपनी का मार्केट केपीटलाइजेशन दशमलव 2 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा है।

इंडियन स्टॉक एक्सचेंज कंपनी की लिस्ट (Indian Stock Exchange)

इंडियन स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों को तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें

1.Operating Stock exchange

ऑपरेटिंग स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक कंपनियां आती हैं।

  1. BSE-Bombay Stock exchange
  2. Kolkata stock exchange
  3. India INX-India international exchange
  4. MSE-metropolitan Stock exchange
  5. NSE-National Stock exchange of India
  6. NSE IFSC Ltd-NSC international exchange

2.Operating Commodity exchange Company List

  1. ICEX-Indian commodity exchange
  2. MCX-multi commodity exchange of India Ltd
  3. NCDEX-National commodity and derivatives exchange Ltd

3.Formal Stock exchange

फॉर्मर स्टॉक एक्सचेंज नीचे दी गई कंपनियां बंद हो चुके हैं।

  1. Ahmedabad Stock exchange (Closed)
  2. Delhi Stock exchange (Closed)
  3. Guwahati stock exchange (Closed)
  4. Jaipur stock exchange (Closed)
  5. Madhya Pradesh Stock exchange (Closed)
  6. Madras Stock exchange (Closed)
  7. OTC exchange of India (Closed)
  8. Pune stock exchange (Closed)
  9. Up Stock exchange (Closed)
  10. Vadodara Stock exchange (Closed)
  11. Bangalore stock exchange (Closed)
  12. Cochin Stock exchange (Closed)
  13. Inter-connected stock exchange (Closed)
  14. Ludhiana Stock exchange (Closed)
  15. Bhubaneswar Stock exchange (Closed)
  16. Coimbatore Stock exchange (Closed)
  17. Hyderabad Stock exchange (Closed)
  18. Magadh Stock exchange (Closed)

यह है सभी स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों की लिस्ट मे से कुछ स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां बंद हो चुकी हैं।

भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां हैं

चलिए बात कर लेते हैं भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज कंपनी है जहां पर शेयर्स की लेनदेन की जाती है। पहले तो भारत में बहुत सारे स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां थी लेकिन इनमें से कुछ स्टॉक चेंज कंपनियां बंद हो चुके हैं जो अभी भी स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां चल रही है उनके लिस्ट नीचे आप देख सकते हैं।

  1. NSE National Stock exchange
  2. BSE Bombay Stock exchange
  3. India international exchange
  4. Kolkata stock exchange
  5. United Stock exchange of India
  6. Metro politan Stock exchange
  7. National stock exchange of India
  8. NSE international exchange
  9. Indian commodity exchange
  10. Multi commodity exchange of India Ltd
  11. National commodity and derivatives exchange Ltd

हमने ये ब्लॉग हिंदी भाषा में जानकारी शेयर करने के लिए बनाए है। मेरा मकसद है लोगो की Help करना। नयी पोस्ट अपडेट पाने के लिए Email subscribe & Social Media Join करे !

Stock Exchange क्या है तथा भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं?

Remove term: Stock Exchange Kya Hai Stock Exchange Kya Hai

भारत में पैसे कमाने के बहुतायत तरीके हैं लेकिन कम समाया में ज्यादा पैसा कामना हो तो लगभग सभी लोग स्टॉक मार्केट की तरफ ही रुख करते हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट जितना अधिक पैसा देता है उतना ही अधिक जोखिम भी होती है।

स्टॉक मार्केट की शुरुआत स्टॉक एक्सचेंज से होती है। अब ये स्टॉक एक्सचेंज किस बला का नाम है। तो इसी की जानकारी आज इस लेख में मिलने वाली है। क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार का एक महत्त्वपूर्ण भाग होता है। बिना इसके कोई भी पैसों का लेन देन नहीं कर सकता है।

Table of Contents

Stock Exchange क्या है (What is Stock Exchange in Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज एक प्रकार की संस्था है जहाँ पर निवेशक और खरीददार का जमावड़ा रहता है। यहाँ पर कोई भी निवेशक अपने पसंद के शेयर में में इन्वेस्ट कर सकता है। लेकिन आपको बता दें कि किसी कंपनी के शेयर को लेने के लिए सबसे पहले उस कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक एक्सचेंज क्या है में रजिस्टर करना पड़ता है।

स्टॉक एक्सचेंज से अगर कोई डायरेक्ट शेयर लेना चाहता है तो यह असंभव कार्य होता है क्योंकि किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए एक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। जिसके माध्यम से डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही हम कंपनी के शेयर को खरीद व बेंच सकते हैं।

Stock Exchange के प्रकार (Types of Stock Exchange)

स्टॉक एक्सचेंज के प्रकार की बात करे तो यह दो प्रकार का होता है। Bombay Stock Exchange (BSE) तथा National Stock Exchange (NSE) दोनों के नाम हैं। शेयर मार्केट में सभी नियम फॉलो होते हैं जो SEBI के द्वारा बनाये जाते हैं। स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI ही होता है।

Bombay Stock Exchange (BSE)

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराण स्टॉक एक्सचेंज हैं जहाँ से कागजों के माध्यम से खरीद व बिक्री होती थी। इसकी स्थापना 1875 में की गयी थी। BSE को ही भारत में Equity Derivatives का जन्मदाता कहा जाता है। वर्तमान समय में 5000 से भी अधिक कंपनियां BSE में लिस्टेड है. BSE का सूचकांक Sensex 30 है।

National Stock Exchange (NSE)

कागजी लेन देन को डिजिटल करने के लिए NSE की स्थापना 1992 में की गयी थी। इसका मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है। इस समय NSE में 2000 से अधिक कम्पनियां लिस्टेड है। NSE का सूचकांक Nifty 50 है। NSE के माध्यम से ही सबसे पहले भारत में इलेक्ट्रानिकली खरीद व विक्री की गयी।

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

अगर भारत में कोई स्टॉक मार्किट में पैसा लगाना चाहता है तो वह स्टॉक एक्सचैंज किसी भी कंपनी में पैसा लगा सकता है। स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI होता है जिसके बनाये गए नियम यहाँ लागू होते हैं। आपको शेयर में निवेश करने के लिए किसी ब्रोकर की आवश्यकता होगी जोकि आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट प्रोवाइड करेंगे।

ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक बीच बिचौलिया का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज क्या है में इन्वेस्ट नहीं कर सकता है। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी में ही निवेश संभव है। इसलिए जिस कंपनी में पैसा लगाए पहले देख लें वह लिस्टेड है या नहीं।

By BABA JI

This is Raghvendra Pratap Pandey Founder of Technoyukti, I am a student also. I completed my graduation in 2018 from Lucknow University. I am from Gonda which is in UP. I do Blogging by passion,Study by culture.I like to share my knowledge and want to share our views, ideas.

रोचक: स्टॉक मार्केट में यूं प्रचलित हुए 'बेअर' और 'बुल'

रोचक: स्टॉक मार्केट में यूं प्रचलित हुए

मुंबई। आज 9 जुलाई को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) 141 साल का हो गया। एशिया के इस सबसे पुराने एक्सचेंज की स्थापना का श्रेय उन चार गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स को जाता है, जो 1850 के आसपास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई (तब बॉम्बे) के टाउन हॉल के सामने बरगद के स्टॉक एक्सचेंज क्या है एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या साल-दर-साल लगातार बढ़ती गई।

1875 में इन्होंने अपना 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन' बना लिया। इसके साथ ही उन्होंने दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया जिसे आज के समय में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।

ये तो हुई बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के जन्म की कहानी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मार्केट में 'बेअर' और 'बुल' जैसे शब्द कैसे प्रचलन में आए। तो आइए जानते हैं क्या है स्टॉक मार्केट में प्रचलित शब्द बेअर और बुल कहां से आए। हालांकि इसे स्टॉक एक्सचेंज क्या है लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं।

बुल

बुल शब्द के पीछे धारणा यह है कि बुल यानी सांड हमेशा सींग ऊपर करके हमला करता है, इसलिए इसे उछाल और लाभ वाले बाजार का प्रतीक माना गया होगा। एक अवधारणा यह भी है कि 17वीं शताब्दी में ब्रिटेन के लंचिओन क्लब में बुल की प्रतिमा लगी होती थी। ऐसा अंधविश्वास था कि जिस दिन बुल प्रतिमा के सींगों से हाथों को रगड़ा जाता था, उस दिन व्यवसाय में फायदा होता था। शायद इसीलिए बाद में तेजड़ियों के लिए 'बुल' प्रतीक का इस्तेमाल किया गया होगा।

बुल से पहले बेअर शब्द प्रचलन में आया। अमेरिका स्थित फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मोटली फुल की मानें तो बेअर यानी भालू जब किसी चीज पर झपटता है तो उसके पंजे नीचे की ओर होते हैं, इसीलिए बेअर को गिरावट का प्रतीक मानते हैं। इसके साथ ही एक धारणा यह भी है कि 17वीं शताब्दी में भालू पकड़ने से पहले ही भालू की चमड़ी बेचने वाले सौदा कर लेते थे। ऐसे में यदि बाजार में चमड़ी के दाम कम हो जाते हैं तो भी भालू पकडऩे वाले को पूरा पैसा देना पड़ता था। इसे घाटे का सौदा माना जाता था, इसीलिए बेअर ट्रेडिंग शब्द प्रचलन में आया।

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