Shakun Apshakun: जीवन में कई तरह की घटने घटती रहती हैं। कभी सुख आता है तो कभी दुख। इस जीवन चक्र में कई ऐसी घटनाएं होती हैं, जिसे शकुन शास्त्र में शकुन-अपशकुन से जोड़ कर देखा गया है। शकुन शास्त्र के अनुसार, कई ऐसेी घटनाएं होती हैं, जो लोगों को शुभ और अशुभ का संकेत देती हैं। अगर समय रहते इनकी पहचान कर ली जाए तो मुश्किल हालात से बचा जा सकता है। संकेतक किसके लिए हैं? संकेतक किसके लिए हैं? हिंदू धर्म में कौवे को यम का दूत माना गया है। मान्यता है कि, कौवा भविष्य में घटित होने वाली किसी बड़ी घटना का आभाष पहले ही दे देता है।आइए जानते हैं कौवे किस तरह से शकुन-अपशकुन संकेत देते हैं।
GI टैग कब से लागू हुआ, कितने वर्षों के लिए मान्य है, सबसे ज्यादा किस राज्य को मिला, GI टैग Full Form.
भौगोलिक चिन्ह एक ऐसा चीज है जो वस्तुओं की विश्व में पहचान कराता है जिसमें वस्तुओं की विशेषता, गुणवत्ता, प्रतिष्ठा से मिलता है जैसे प्राकृतिक वस्तुएं, कृषि उत्पाद ,निर्मित वस्तुएं आदि उनके राज्य क्षेत्र से शामिल होते हैंं। उस वस्तुु को कानूनी अधिकार देेेेे दिया जाता है । जिससे वस्तु कीमत और मांग दोनों बढ़ जाती है।
इसके अनुसार भारत के किसी राज्य क्षेत्र में पाई जाने वाली विशेष वस्तु को कानूनी अधिकार उस राज्य को दे दिया जाता है।
भौगोलिक संकेत पंजीकरण संरक्षण एक्ट 1999 के तहत भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है। जो आंतरिक व्यापार, वाणिज्य ,उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। जिसका मुख्यालय चेन्नई में है। जीआई टैग प्राप्त करने संकेतक किसके लिए हैं? संकेतक किसके लिए हैं? संकेतक किसके लिए हैं? के लिए उसकी मांग के साथ साथ रजिस्ट्रेशन भी कराना होता है।
नेशनल लॉजिस्टिक्स इंडेक्स 2021 जारी
लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स 2021 इंडेक्स (Logistics Ease Across Different States 2021 Index) हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया गया था। यह इंडेक्स का तीसरा संस्करण है। सूचकांक में, गुजरात, हरियाणा और पंजाब सामग्री की गतिशीलता और रसद श्रृंखला की दक्षता के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में उभरे है। यह इंडेक्स लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर राज्यों को रैंकिंग प्रदान करता है।
सूचकांक के प्रमुख बिंदु:
- गुजरात, हरियाणा और पंजाब सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संकेतक किसके लिए हैं? राज्य हैं (क्रमशः शीर्ष 3 स्थान)
- तमिलनाडु (चौथा) और महाराष्ट्र (पांचवां) शीर्ष -5 स्लॉट में शामिल है।
- 2019 की लीड्स रैंकिंग की तुलना में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ये राज्य शीर्ष सुधारकर्ता के रूप में उभरे हैं।
Consumer Price Index – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक: परिभाषा, प्रकार, मापन
Consumer Price Index-CPI – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एक व्यापक उपाय है जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं के औसत मूल्य के माप के लिए एक सूचकांक है. जिसकी गणना सामानों एवं सेवाओं (goods and services) के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है. आमतौर पर इसका उपयोग अर्थव्यवस्था में खुदरा मुद्रास्फीति को मापने के लिए किया जाता है.
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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index-CPI)
- यह खुदरा खरीदार के दृष्टिकोण से मूल्य परिवर्तन को मापता है।
- यह चयनित वस्तुओं और सेवाओं के खुदरा मूल्यों के स्तर में समय के साथ बदलाव को मापता है, जिस पर एक परिभाषित समूह के उपभोक्ता अपनी आय खर्च करते हैं।
- CPI के चार प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Workers-IW) के लिये CPI
2. कृषि मज़दूर (Agricultural Labourer-AL) के लिये CPI
3. ग्रामीण मज़दूर (Rural Labourer-RL) के लिये CPI
4. CPI (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त)
Statistics and Program Implementation मंत्रालय CPI (UNME) के लिए डेटा एकत्र और संकलित करता है , जबकि श्रम मंत्रालय में श्रम ब्यूरो अन्य तीनों के लिए भी यही करता है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के प्रभाव
- यह एक व्यक्ति के रहने की लागत को बढ़ाता है
- यदि मुद्रास्फीति की दर अधिक है, तो यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है. जब माल की लागत अधिक होती है, तो इन वस्तुओं का उत्पादन कम हो जाता है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा कि पिछले कुछ महीनों में सीपीआई मुद्रास्फीति, जो कि पिछले कुछ महीनों में बढ़ी है, वित्तीय वर्ष के दौरान सबसे अधिक नरम हो जाएगी. रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में संकेतक किसके लिए हैं? पहली तिमाही में 4.8%, दूसरी तिमाही में 4.4%, तीसरी तिमाही में 2.7% तथा चौथी तिमाही में 2.4% तक कम होने का अनुमान है . RBI ने कहा कि अनुमानित और सुगमता के कारण मुद्रास्फीति में गिरावट आई है, जबकि आपूर्ति में रूकावट की वजह से अपेक्षा से अधिक दबाव बढ़ सकता हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा, आगे की ओर देखें तो मुद्रास्फीति के जोखिम का संतुलन नीचे की ओर भी धीमा है.
ब्याने से पहले पशु क्या संकेत देते हैं ? कैसे निकालें पशु के संकेतक किसके लिए हैं? ब्याने का सही समय ?
डेरी किसानों के लिए यह जरुरी है की वह पशुओं के व्यवहार को समझे ताकि वह आसानी से उनकी समस्याओं को जानकर उनका निदान कर पाए | ब्याने की अवस्था को जानना पशुपालकों के लिए बहुत जरुरी है | सभी पशु यदि वह सामान्य अवस्था में नहीं है तो वह संकेतों के माध्यम से बताता है | विभिन्न अवस्थाओं में से ब्याने से पूर्व भी पशु कुछ संकेत देते हैं |मादा पशुओं ब्याने के संकेतों को समझने से पशुपालक को या जानने में मदद मिलती है कि पशु चिकित्सा सहायता की कब आवश्यकता होगी। ब्याने के संकेतों को मूल रूप से 3 अवस्थाओं से गुजरती है
ब्याने से पहले पशु क्या संकेत देते हैं
मादा पशुओं में ब्याने से पूर्व निम्न लक्षण दिखने लगते हैं | इन संकेतों को जान आप समझ सकते ही आप समझ सकते हैं की पशु जल्द ही ब्याने वाला है |
- यदि पशु के योनि द्वारा से स्वच्छ श्लेष्मा का रिसाव हो रहा हो और थनों का दूध से भर जाना प्रारंभ हो जाता है इसे ही पशु के ब्याने की शूरूआत के आसन्न लक्षण हैं।
- समूह से अलग रहने की कोशिश करता है।
- ऐसे समय में पशु की भूख खत्म हो जाती है और वह खाने में दिलचस्पी नहीं लेता |
- पशु बेचैन होता है और पेट पर लातें मारता है या अपने पार्श्व/बगलों को किसी चीज से रगड़ने लगता है।
- श्रोणि स्नायु/पीठ की मांशपेशियां ढीली पड़ जाती है जिस से पूँछ ऊपर उठ जाती है।
- योनि का आकार बड़ा एवं मांसल हो जाता है।
- थनों में दूध का भराव ब्याने के 3 सप्ताह पहले से लेकर ब्याने के कुछ दिन बाद तक हो सकता है।
- बच्चा जैसे-जैसे प्रसव की स्थिति में आता है, वैसे-वैसे पशु के पेट का आकार बदलता है।
जानिए क्या होते हैं कौवे के शकुन-अपशकुन संकेत
- सुबह-सुबह अगर घर की छत या बालकनी पर आकर कोई कौवा बैठ जाए और कांव-कांव करता रहे तो इसे अच्छा संकेत माना जाता है। यह घर में किसी मेहमान के आगमन का संकेत होता है। कौवे को पानी पीते हुए देखना आपको जल्द धन लाभ दे सकता है।
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- अगर कौवा मुंह में रोटी का टुकड़ा दबाकर उड़ता नजर आए तो यह आपकी किसी बड़ी इच्छा की पूर्ति का शुभ संकेत है। इसके अलावा, संकेतक किसके लिए हैं? शकुन शास्त्र में दोपहर के समय घर के उत्तर दिशा में कौवे का बोलना भी शुभ संकेत माना ना जाता है।
- अगर कोई कौवा दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके बोले तो इसे अपशकुन माना जाता है। मान्यता है कि, इस संकेत से कौवा घर के किसी सदस्यके गंभीर बीमारी का संकेत देता है। साथ ही यह घर के किसी सदस्य के साथ संकेतक किसके लिए हैं? होने वाले किसी हादसे का भी संकेत हो सकता है। एक साथ बहुत सारे कौवे का घर की छत पर बैठकर चिल्लाना भी बहुत अपशकुन होता है। यह परिवार पर आने वाले किसी बड़े संकट का संकेत होता है।
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