अगर आप स्वंय अपने सपनों का निर्माण नहीं करोगे तो कोई दूसरा आपका उपयोग अपने सपनों का निर्माण करने में करेगा| -Dhirubhai Ambani
कारोबार पनपने चाहिए, लेकिन एकाधिकार नहीं होना चाहिए: कांग्रेस
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने राजस्थान निवेश सम्मेलन में उद्योगपति गौतम अडाणी के शामिल होने को लेकर शुक्रवार को कहा कि वह कारोबारों के पनपने और निवेश के खिलाफ नहीं है, सिर्फ एकाधिकार एवं भारतीय जनता पार्टी सरकार की एकतरफा नीतियों का विरोध करती है।
अडाणी शुक्रवार को राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच भी साझा किया। उन्होंने इस सम्मेलन में कहा कि अडाणी समूह राजस्थान में अगले 5-7 साल में नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 65,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा।
कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी अक्सर अडाणी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
अडाणी के राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल होने से जुड़े सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘ कारोबार को पनपना चाहिए, लेकिन एकाधिकार नहीं होना चाहिए। कारोबार पनपेंगे तभी नौकरियां सृजित होंगी। मुझे अडाणी जी और अंबानी जी से कोई दिक्कत नहीं है। हमें सरकार की एकतरफा नीतियों से आपत्ति है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति अमीर लोगों की सूची में 643वें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा है, तो उसमें सरकार का अथाह सहयोग रहा है। यही सहयोग सरकार उन छह करोड़ लोगों से करे, जो अथाह गरीबी में रहने को मजबूर हैं।’’
सुप्रिया ने कहा कि कांग्रेस इस देश में निजी क्षेत्र के पनपने की वास्तुकार रही है, लेकिन उसने निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को आगे बढ़ाया तथा किसी तरह का एकाधिकार नहीं होने दिया।
उधर, भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर दावा किया, ‘‘गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह और आक्रोश का एक और संकेत मिला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौतम अडाणी को निवेश सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। उन्हें मुख्यमंत्री के बगल में बैठाया गया। यह बार-बार अंबानी-अडाणी करने वाले राहुल गांधी को स्पष्ट संदेश है कि अब रुक जाओ।’’
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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भारतीय उद्योगों को ‘हनुमानत्व’पहचानने के लिए राम के नाम पर सरकार चलाने वालों की ज़रूरत है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए भारतीय उद्योगों से 'हनुमान' की तरह उनकी ताक़त पहचानने की बात कही है. कारोबार अपनी क्षमता बढ़ा भी लें, पर भारतीय उपभोक्ता की आय नहीं बढ़ रही है और खपत कई कारोबारों में निवेश आधारित वृद्धि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. The post भारतीय उद्योगों को ‘हनुमानत्व’ पहचानने के लिए राम के नाम पर सरकार चलाने वालों की ज़रूरत है appeared first on The Wire - Hindi.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए भारतीय उद्योगों से ‘हनुमान’ की तरह उनकी ताक़त पहचानने की बात कही है. कारोबार अपनी क्षमता बढ़ा भी लें, पर भारतीय उपभोक्ता की आय नहीं बढ़ रही है और खपत आधारित वृद्धि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते भारतीय उद्योग की तुलना हनुमान से की. वो हनुमान जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें अक्सर अपनी ताकत का अंदाज़ा नहीं होता है. उन्होंने सवाल किया कि जब विदेशी निवेशक भारत में भरोसा जता रहे हैं तो भारतीय उद्योग निवेश करने से क्यों हिचकिचा रहे हैं.
सीतारमण कई कारोबारों में निवेश ने कहा, ‘क्या यह हनुमान की तरह है? आपको अपनी क्षमता, अपनी ताकत पर यकीन नहीं है और आपके पास खड़े होकर कोई यह कहने वाला हो कि आप हनुमान हैं, इसको कीजिए? कौन है जो हनुमान कई कारोबारों में निवेश को यह बताने वाला है? निश्चित रूप से ऐसा करने वाली सरकार तो नहीं है.’
उनका आह्वान केवल यह साबित करता है कि भारत निजी निवेश का अकाल बना हुआ है, जो 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ शुरू हुआ था. एक दशक से अधिक समय से निजी निवेश में बढ़ोतरी का अभाव मोदीनॉमिक्स की अविश्वसनीय उपलब्धि है! सीतारमण केवल लंबे समय से चली आ रही एक चिंता को दोहरा रही हैं.
उन्होंने 2019 में वित्त मंत्री के रूप में पदभार संभाला और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत घोषणाएं कीं. सितंबर 2019 में बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, जिसमें नए निवेश के लिए सिर्फ 15% शामिल हैं, ने भारत को सबसे कम कर वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना दिया, लेकिन इसने महत्वपूर्ण नए निवेशों को आकर्षित नहीं किया.
महामारी के बाद उत्पादन से जुड़ी निवेश (पीएलआई) योजना भी विफल रही. यूनियन ने आरबीआई से कॉरपोरेट बैलेंस शीट में मदद करने के लिए ब्याज दरों में भारी कटौती करने का आग्रह किया, लेकिन उससे भी नए निवेश को लेकर कोई सफलता नहीं मिली. घरेलू कारोबारों से प्रतिक्रिया न मिलना वित्त मंत्री की हताशा का कारण है और यह प्रधानमंत्री की बढ़ती चिंता को भी दिखाता है.
वित्त मंत्री का कहना है कि विदेशी निवेशकों ने भारत पर भरोसा दिखाया है लेकिन घरेलू निवेशक अब भी एहतियात बरत रहे हैं. पर यह पूरा सच नहीं है. विदेशी निवेशकों ने सिर्फ टेक, ई-कॉमर्स और फिनटेक सेक्टर में भरोसा दिखाया है, ब्रॉड-बेस्ड मैन्युफैक्चरिंग में नहीं.
परंपरागत रूप से विदेशी निवेशक घरेलू निवेशकों का ही अनुसरण करते हैं. हाल के वर्षों में कई विदेशी निवेशक और बड़े ब्रांड भारत में मैन्युफैक्चरिंग से बाहर हो गए हैं. ऑटो क्षेत्र में जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर्स और हार्ले-डेविडसन इसका प्रमुख उदाहरण रहे हैं. हाल के दिनों में होलसीम समूह द्वारा अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी को बेचा जाना विनिर्माण क्षेत्र से सबसे बड़े नामों का बाहर होना है. सौ बात की एक बात है कि विदेशी निवेशक तब तक विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेंगे जब तक कि घरेलू निवेशक इसे लेकर पर्याप्त भरोसा नहीं दिखाते.
निर्मला सीतारमण का यह कथन कि हनुमान की तरह भारतीय उद्योग अपनी ताकत को नहीं जानते, भी गलत है. कारोबार अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं, लेकिन भारतीय उपभोक्ता की आय नहीं बढ़ रही है और खपत आधारित वृद्धि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. अप्रैल-अगस्त के आंकड़ों से पता चलता है कि साबुन, टूथपेस्ट और शैंपू जैसी वस्तुओं की बिक्री पूरी तरह से नीचे चल रही है. कोई आश्चर्य नहीं कि हिंदुस्तान यूनिलीवर के अध्यक्ष संजीव मेहता मनरेगा की तर्ज पर एक शहरी रोजगार योजना लाने का सुझाव दे रहे हैं!
भले ही भारतीय उद्योग निर्माण में बहुत अधिक निवेश करें और अपने पूर्ण हनुमानत्व को पाने का प्रयास करें, लेकिन यह तब तक किसी काम का नहीं होगा जब तक कि उपभोक्ता प्रतिक्रिया न दें. पिछले कुछ वर्षों में आरबीआई के सर्वेक्षणों ने लगातार उपभोक्ताओं के कम होते विश्वास और भविष्य के रोजगार और आय वृद्धि की नकारात्मक संभावनाओं को दिखाया है. तो क्या ऐसे में उद्योग अपनी हनुमान जैसी ताकत का आह्वान कर इस बारे में कुछ कर सकते हैं? नहीं, ऐसा नहीं हो सकता.
असल में असीमित शक्ति वाले वास्तविक हनुमान अर्थव्यवस्था को चलाने वाले 1.3 बिलियन उपभोक्ता हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 130 करोड़ भारतीयों की चमत्कार दिखाने की क्षमता के बारे में बात की है. तो वो हनुमान वर्तमान में कमजोर हैं और उन्हें राम के नाम पर सरकार चलाने वालों की मदद की जरूरत है!
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का भारतीय निवेश जान के आप हो जायेंगे हैरान
यूरीड मीडिया- अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 24 फरवरी को अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका ट्रंप के साथ भारत के दो दिन के दौरे पर आ रहे हैं। डॉनल्ड ट्रंप केवल राजनेता ही नहीं, बल्कि अमेरिका के एक दिग्गज कारोबारी भी हैं। रियल एस्टेट के साथ अन्य कारोबारों में भी उन्होंने पैसे लगा रखे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रंप ने रियल एस्टेट में नॉर्थ अमेरिका के बाद कहीं सबसे ज्यादा निवेश किया है तो वह भारत है। अब आप समझ सकते हैं कि ट्रंप का भारत दौरा दो देशों की राजनीति के साथ-साथ उनके कारोबारी हितों के लिहाज से भी महत्व रखता है। बहरहाल, यहां हम भारत में ट्रंप के कारोबार पर एक नजर डालते हैं।
डॉनल्ड ट्रंप का भले ही भारत का यह पहला दौरा है, लेकिन उनके बेटे डॉनल्ड ट्रंप जूनियर हाल के वर्षों में कई बार भारत का दौरा कर चुके हैं। भारत में ट्रंप का कारोबार द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन का हिस्सा है।
द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन 500 कारोबारी इकाइयों का एक समूह है, जिसके मालिक डॉनल्ड ट्रंप हैं। इनमें से 250 से अधिक कंपनियां ट्रंप के नाम का इस्तेमाल करती हैं। इसकी स्थापना ट्रंप की दादी एलिजाबेथ क्राइस्ट ट्रंप तथा पिता फ्रेड ट्रंप ने ई. ट्रंप ऐंड संस के रूप में की थी। कंपनी की सालाना आय लगभग 5,000 करोड़ रुपये सालाना है। डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले उनकी कंपनी ने हितों के टकराव से बचने को लेकर किसी अन्य देश में निवेश की तमाम योजनाओं को रोक रखी है।
न्यूयॉर्क की कंपनी द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने साल 2013 में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में कदम रखा था और भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर पांच लग्जरी रेसिडेंशल प्रॉजेक्ट्स लॉन्च कर चुकी है। ट्रंप की कंपनी के साथ भारतीय कंपनियां- लोढ़ा ग्रुप, पंचशील रियल्टी, एम3एम, ट्रिबेका, यूनिमार्क तथा आइरियो काम कर रही हैं। भारत में द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन के साथ काम करने वाली कंपनियों का कहना है कि वे केवल ट्रंप के ब्रैंड के नाम पर 40% अतिरिक्त कीमत वसूल कर पा रहे हैं और यह ब्रैंड भारत में बेहतर काम कर रहा है।
ट्रंप टावर्स, पुणे
इंडिया पार्टनर - पंचशील रियल्टी
लोकेशन- कल्याणी नगर
मंजिल- 23 मंजिल के 2 टावर्स
कुल अपार्टमेंट्स- सिंगल फ्लोर वाले 46 अपार्टमेंट्स
लॉन्च- 2012
कंप्लीशन- 2019
कीमत- 15 करोड़ रुपये से ऊपर
खास- कई कारोबारों में निवेश 13,500 वर्ग फीट की आर्ट गैलरी और आउटडोर लैप पुल
पुणे के इस अपार्टमेंट में ऋषि कपूर तथा रणवीर कपूर दोनों ने एक-एक अपार्टमेंट खरीदा है।
ट्रंप टावर मुंबई
इंडिया पार्टनर- लोढ़ा ग्रुप
लोकेशन- गोल्डेन माइल, वर्ली
मंजिल- 75 मंजिला
कुल अपार्टमेंट्स- 300
लॉन्च- 2013
कंप्लीशन- 2019
कीमत- 9 करोड़ रुपये से शुरू
खासियत- प्राइवेट जेट सर्विस, ट्रंप कार्ड
ट्रंप टावर कोलकाता
इंडिया पार्टनर- यूनिमार्क ग्रुप, आरडीबी ग्रुप तथा ट्रिबेका डिवेलपर्स
लोकेशन- इस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बायपास स्ट्रेच
मंजिल- 39 मंजिला
कुल अपार्टमेंट- 140
लॉन्च- अक्टूबर 2017
कीमत- 3.75 करोड़ रुपये से शुरू
कंप्लीशन- 2020
खासियत- रूफटॉप स्काय क्लब और साथ में हीटेड पुल, सन टैरेस
ट्रिबेका ट्रंप टावर्स, गुड़गांव
इंडिया पार्टनर- एम3एम इंडिया एवं ट्रिबेका डिवेलपर्स
लोकेशन- सेक्टर 65
मंजिल- 50 फ्लोर के 2 टावर्स
कुल अपार्टमेंट्स- 258
लॉन्च- जनवरी 2018
कंप्लीशन- मार्च 2023
कीमत- 5.5 करोड़ रुपये से शुरू
खासियत- प्राइवेट लिफ्ट, 22 फुट ऊंचा डबल हाइट लिविंग रूम्स
आइरियो ट्रंप टावर गुड़गांव
इंडिया पार्टनर- आइरियो
लोकेशन- गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड
करोड़पति कैसे बनें – How to Become Rich
पैसे सब कुछ नहीं, पर पैसा कुछ तो है| आज के दौर में कौन है जो करोड़पति नहीं बनना चाहता? पर क्या सब में वो काबिलियत है और अगर है भी तो क्या सब को ये पता है की करोड़पति बनने के लिए क्या करना चाहिए| इसे जानने का सबसे आसान तरीका है कि पहले से बन कई कारोबारों में निवेश चुके करोड़पतियों की आदतों पर नजर डालना|
How to Become Millionaire
करोड़पति लोगों की आदतें
कल करे सो आज कर, आज करे सो अब – Stop Procrastinating, Do It Now
यह एक बहुत पुरानी कहावत है पर आज के दौर में भी इसका महत्त्व बरकरार है, खासकर तब जब आप का सपना एक करोड़पति बनने का है| मतलब यह कि जितनी जल्दी आप अपने रास्ते पर बढ़ चलेंगे उतनी ही जल्दी आपको अपनी मंजिल भी मिल जायेगी| यदि आप सही समय का बस इंतजार ही करते रह जाएंगे तो जो वक्त आपने खो दिया वह कभी वापस नहीं आयेगा| यदि आपके पास एक निवेश का कोई बढ़िया अवसर आया है तो उसमें आज ही निवेश करें| क्योंकि जितनी जल्दी आप निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा आपको मुनाफ़ा भी प्राप्त होगा|
एक ही घोड़े पर सारे दाँव न लगाएँ – Multiple Streams of Income
क्या आपने कभी गौर किया है कि एक करोड़पति कभी भी अपनी सारी पूँजी किसी एक ही कारोबार में नहीं लगाता| यदि आप अपने आस-पास देखें तो आप पायेंगे कि चाहे वह रिलायंस हो या बिरला, उनके नाम अनगिनत कारोबार चल रहे हैं| इस तरह अगर कभी उनके किसी एक कारोबार में नुकसान होता भी है, तो भी उन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ता| वे अपने दूसरे कारोबारों से अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं| यही नहीं इससे उन्हें इतना वक्त भी मिल जाता है कि जिस कारोबार में उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है, उसे वापस सम्भाल भी सकें|
इसलिए हमें हमेशा अपनी सारी पूँजी किसी एक ही कारोबार में नहीं लगाना चाहिए और उचित निवेश के द्वारा एक से अधिक आय के स्त्रोतों का निर्माण करना चाहिए
हर एक बचाया हुआ रुपया, एक कमाए गए रूपये के समान होता है – Save Money To Invest
क्या आपको लगता है कि एक करोड़पति रातों-रात ही करोड़पति बन जाता है? नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है| करोड़पति बनने की शुरुआत एक-एक पैसे की क़ीमत समझने से होती है| एक-एक पैसा मिलकर ही रुपया, फिर सौ, हज़ार, लाख और करोड़ बनते हैं| जो पैसे की क़द्र नहीं करता, वह कभी जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता| इसलिए व्यर्थ की चीजों में पैसों को खर्च करना बंद करें|
इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने सारे पैसों को एक बैंक के लॉकर में हमेशा के लिए बंद कर दें| इसका साधारण सा मतलब यह कि आप अपने पैसे को ऐसी जगह खर्च करें, जहाँ से आपको वापस और भी पैसे मिल सके| यदि लोग इसके लिए आप को कंजूस भी कहें तो भी आप अपने फैसले से डिगे नहीं| उल्टा आपको यह ठान लेना चाहिए कि आप उन्हें गलत साबित कर दिखाएँगे कि आप कंजूस नहीं बल्कि एक समझदार निवेशक हैं|
निवेश का रिश्ता केवल कारोबार से नहीं, खुद आपसे भी है – Invest In Yourself
यदि आप पहले ही विभिन्न काराबारों में निवेश करने की राह पर चल पड़े हैं तो यह बहुत ही अच्छी बात है| पर क्या आपने कभी रुक कर एक पल को सोचा है कि जो निवेश आप कर रहे हैं, क्या वह सदा आपके साथ रह पाएगा? नहीं, ऐसा नहीं है| हो सकता है कि आपने जिस जगह पैसे लगाए हो वह आज तो आपके साथ है पर शायद कल आपका साथ छोड़ दे? ऐसी हालत में आपको क्या करना चाहिए?
इसका जवाब कुछ और नहीं बल्कि आप खुद ही हैं| मतलब, आप को न सिर्फ विभिन्न काराबारों में ही, बल्कि खुद अपने ऊपर भी निवेश करना चाहिए| सीधे शब्दों में कहे तो, आपको कारोबार की नई-नई तकनीकों और विधाओं को सीखना चाहिए| आपको समय के साथ बदलते अपने व्यवसाय के क्षेत्र के साथ खुद को बदलने में भी निवेश करना चाहिए| यह निवेश जो आप खुद के ज्ञान को बढ़ाने में करेंगे, वो सदा ही आपके साथ बना रहेगा और कोई भी घाटा या नुकसान आपको इससे छीन नहीं पायेगा
आओ कुछ नया करें – दृढ विश्वास और हौसले के साथ – Do Something Different
उन्हीं घिसे-पिटे रास्तों पर सभी चलते हैं, पर सभी तो करोड़पति नहीं बन जाते| तो क्यों न आप किसी नए रास्ते की तलाश में निकल पड़ें| उससे भी काम न चले तो हिम्मत कर अपना रास्ता खुद ही बनाने निकल पड़ें| हो सकता है कि ऐसा करने पर लोग आप पर हँसे, आपका मजाक उड़ाएँ| यहां तक कि आप को पागल भी कहें| पर आपको अपने पथ से डिगना नहीं चाहिए|
दुनिया में कई ऐसे करोड़पति हुए हैं, जिन पर पहले तो दुनिया ने खूब हंसी उड़ाई, पर बाद में जाकर वो उन्हीं के कायल हो गए| ऐसा ही एक उदाहरण वॉल्ट डिज्नी के संस्थापकों रॉय ओ. डिज्नी और वॉल्ट डिज्नी ने स्थापित किया| उन्हें अपने एक बिल्कुल ही नए विचार पर पैसे लगाने के लिए कुछ निवेशकों की जरुरत थी| इसके लिए वे अनगिनत लोगों के पास गए और फिर उल्टे पैर लौटा दिए गए| पर हताश होने की बजाए वे और दुगने उत्साह के साथ अपने काम में जुट गए| और आज वह दिन है कि वॉल्ट डिज्नी प्रोडक्शन स्वयं ही न जाने कितने नए उद्यमियों को प्रायोजित कर रहा है| इसलिए कभी भी हिम्मत न हारे और अपने खुद के विशवास को न टूटने दें|
दूसरों के लिए नहीं खुद के लिए काम करें – Stop Working To Make Someone Else Rich
अगर आप स्वंय अपने कई कारोबारों में निवेश सपनों का निर्माण नहीं करोगे तो कोई दूसरा आपका उपयोग अपने सपनों का निर्माण करने में करेगा|
-Dhirubhai Ambani
किसी और के लिए पैसे कमाना बंद करें| जब आप किसी और के कई कारोबारों में निवेश लिए काम करते हैं और महीने के अंत में अपनी पगार लेते हैं तो आप उतने से ही संतुष्ट हो जाते है| पर क्या आपने कभी सोचा है कि जिसके लिए आप महीने भर जी-तोड़ मेहनत करते हैं, वह महीने के अंत में आपसे कहीं ज्यादा पैसे कमाता है और वह भी आपके द्वारा किये गए काम की ही बदौलत| वह अपने केबिन में बैठा-बैठा आप जैसे कर्मचारियों को आदेश जारी करता रहता है और आप उसी के लिए उसका काम करते रहते हैं|
तो क्या ये बेहतर नहीं होगा की आप किसी और के लिए काम कर कम पैसे कमाने से अच्छा खुद अपने लिए उतना ही काम कर ज्यादा पैसे कमाएँ?
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