अगले हफ्ते इन 10 फैक्टर्स पर रखें नजर, शेयर बाजार में कमाई करना हो जाएगा आसान

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वीपी-रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा, पिछले तीन सप्ताह के दौरान मजबूती से निश्चित रूप से कुछ दबाव कम हुआ है, लेकिन संकेत अभी भी मिलेजुले हैं। अमेरिका में मंदी की चिंताओं के अलावा, अर्निंग्स से जुड़े उतार-चढाव को लेकर सतर्क रहना चाहिए

Dalal Street Week Ahead : सभी सेक्टरों में तेजी के साथ भारतीय बाजार सप्ताह के अंत में मजबूत होकर बंद हुए। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 3-3 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई। इस रैली को तेल और कमोडिटी की कीमतों में नरमी के साथ वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों से भी सपोर्ट मिला।

8 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, बेंचमार्क शेयर सूचकांक एक महीने की ऊंचाई पर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 1,574 अंक मजबूत होकर 54,482 पर, वहीं निफ्टी50 468 अंक बढ़कर 16,221 पर बंद हुआ। इस तरह लगातार तीसरे सप्ताह मजबूत होकर बंद हुआ।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वीपी-रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा, “पिछले तीन सप्ताह के दौरान मजबूती से निश्चित रूप से कुछ दबाव कम हुआ है, लेकिन संकेत अभी भी मिलेजुले हैं। अमेरिका में मंदी की चिंताओं के अलावा, अर्निंग्स से जुड़े उतार-चढाव को लेकर सतर्क रहना चाहिए।”

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मिश्रा का मानना है कि इंडेक्स के लिए फिलहाल संकेतक अनुकूल हैं और निफ्टी जल्द ही 16,500 का स्तर छू सकता है।

ट्रेडिंग के लिहाज से अगले सप्ताह ये 10 फैक्टर खासे अहम हो सकते हैं :

कॉर्पोरेट अर्निंग्स

Corporate Earnings : अगले सप्ताह में लगभग 70 कंपनियों के जून, 2022 में समाप्त तिमाही के नतीजे जारी होंगे। इनमें HCL Technologies, HDFC Bank, ACC, Mindtree, Larsen & Toubro Infotech, Jindal Steel & Power, Tata Elxsi और Tata Metaliks जैसी कंपनियां शामिल हैं।

सैमको सिक्योरिटीज के हेड (मार्केट पर्सपेक्टिव्स) अपूर्वा सेठ ने कहा, दलाल स्ट्रीट की नजर भविष्य की अर्निंग्स पर प्रबंधन की टिप्पणियों पर रहेगी।

खुदरा महंगाई और इंडस्ट्रियल आउटपुट

CPI Inflation and Industrial Output : मंगलवार को जून महीने के लिए खुदरा महंगाई के शेयर बाजार संकेतक के प्रकार आंकड़े जारी होंगे। साथ ही मई के इंडस्ट्रियल आउटपुट के आंकड़े आएंगे। महंगाई अभी भी आरबीआई की 4 फीसदी (+/-2 फीसदी) की थ्रेसहोल्ड लिमिट से ऊपर बनी हुई है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि जून में यह 7 फीसदी से ऊपर रह सकती है।

बार्कलेज के एमडी और चीफ इंडिया शेयर बाजार संकेतक के प्रकार इकोनॉमिस्ट राहुल बैजोरिया ने कहा, ऊंची कीमतों की मुख्य वजह आयातित महंगाई बनी हुई है। लेकिन हम आगे टैक्स में कमी, आरबीआई की तरफ से दरों में बढ़ोतरी और खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता की उम्मीद करते हैं। वहीं, आने वाले गुरुवार को जून महीने के थोक महंगाई के आंकड़े भी जारी होंगे।

अप्रैल में इंडस्ट्रियल आउटपुट सालाना आधार पर 7.1 फीसदी बढ़ गया, जो इकोनॉमिस्ट्स के लगभग 5 फीसदी के अनुमान से ज्यादा रहा।

अमेरिका में महंगाई

US inflation : दुनिया की नजर अमेरिका की महंगाई पर रहेगी। अगले हफ्ते इन आंकड़ों के चलते वैश्विक बाजारों में हलचल दिख सकती है। ये आंकड़े बुधवार को जारी होंगे, जिससे बाद गुरुवार को पीपीआई और बेरोजगारी के आंकड़े सामने आएंगे।

अन्य वैश्विक डाटा

Global Data Points : अगले हफ्ते बाजार की नजर इन वैश्विक आंकड़ों पर भी रहेगी :

ट्रेंड लाइन के आधार पर कैसे समझें निवेश का पैटर्न?

ट्रेंड लाइन एक प्रकार का तकनीकी संकेत है, जो दर्शाता है कि शेयर का भाव किस दिशा में जा रहा है.

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तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है.

जब बाजार में तेजी हावी होती है और यह अगली गिरावट का आधार तय करती है, तो ऐसी स्थिति में ट्रेड लाइन ऊपर बढ़ने के साथ-साथ हमेशा सपोर्ट स्तर प्रदान करती है, जो समय के साथ बदलता रहता है. इस स्थिति में ऐसी ट्रेंड लाइन के करीब की कीमतों पर खरीदारी करना फायदेमंद रहता है.

हालांकि, यदि सपोर्ट स्तर पार हो जाता है तो गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में कारोबारियों को इसी ट्रेंड लाइन पर अपनी स्टॉप लॉस कीमत निर्धारित करनी चाहिए. इसी प्रकार गिरावट के हावी रहने पर सपोर्ट स्तर की जगह रेसिस्टेंस दर्ज किया जाता है. निवेशकों को इस दौरान बिक्री करनी चाहिए.

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एक खास बात है कि कारोबारियों को वॉल्यूम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ट्रेंड लाइन पर किस कीमत पर क्या वॉल्यूम रहता है, यह आंकलन आपको कई बातें समझा सकता है. अमूमन अधिक वॉल्यूम का अर्थ होता है कि शेयर का मौजूदा दौर (तेजी या कमजोरी) जारी रहने वाला है.

यदि ट्रेंड लाइन टूट जाए तो
यदि किसी शेयर की ट्रेंड लाइन टूट जाती है या खंडित हो जाती है, तो माना जाता है कि उस शेयर से निवेशकों की उम्मीद बदल गई है. गिरावट दर्शा रही ट्रेंड लाइन का टूटने का अर्थ है कि शेयर खरीदारी के संकेत दे रहा है और तेजी दिखाने वाले ट्रेंड लाइन टूटने का अर्थ है कि शेयर को बेचना बेहतर होगा.

दोनों ही मामलों में स्टॉप लॉस रखना चाहिए. इस तरह के मामलों में भी वॉल्यूम काफी महत्वपूर्ण हो जाती है और हलचल तब अधिक होगी जब ट्रेंड लाइन टूटने के साथ वॉल्यूम में भी इजाफा हो.

ट्रेंड लाइन से जुड़े एंगल

यदि किसी शेयर की ट्रेड लाइन में एकाएक तेजी देखने को मिलती है, तो इसका अर्थ है कि वह शेयर ऊफान पर है. यह भी संभव है कि शेयर की तेजी ज्यादा समय तक जारी न रहे. इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं.

Ril Chart

दिए गए चार्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ट्रेंड लाइन है. लाल निशान वाली ट्रेंड लाइन दिखा रही है कि शेयर में एकाएक तेजी आई है, मगर कुछ ही समय बाद यह फिसल गया, मगर शेयर की थोड़ी-बहुत तेजी जारी रहे.

दूसरी तरफ, तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है. इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चार्ट में हरी रेखा पर गौर करें.

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दीपावली से पहले शेयर बाजार में चमक, लगातार तीसरे दिन 549 अंक उछला, निफ्टी भी मजबूत

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 549.62 यानी 0.94 प्रतिशत उछलकर 58,960.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 732.68 अंक तक चढ़ गया था।

share bazar Diwali stock market shines third consecutive day 549 points jumped 58960-60 Nifty 17486-95 | दीपावली से पहले शेयर बाजार में चमक, लगातार तीसरे दिन 549 अंक उछला, निफ्टी भी मजबूत

निफ्टी शेयर बाजार संकेतक के प्रकार 175.15 अंक यानी 1.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,486.95 अंक पर बंद हुआ। (file photo)

Highlights निफ्टी 175.15 अंक यानी 1.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,486.95 अंक पर बंद हुआ। एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा और सन फार्मा शामिल हैं। चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक नुकसान में रहा।

मुंबईः घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स में 549 अंक से अधिक का उछाल आया। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख और सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में लिवाली से बाजार लाभ में रहा।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 549.62 यानी 0.94 प्रतिशत उछलकर 58,960.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 732.68 अंक तक चढ़ गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 175.15 अंक यानी 1.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,486.95 अंक पर बंद हुआ।

सेसेक्स शेयरों में 3.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सर्वाधिक लाभ में रहा। इसके अलावा आईटीसी, नेस्ले इंडिया, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और लार्सन टुब्रो भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे। सेंसेक्स के शेयर बाजार संकेतक के प्रकार केवल पांच शेयर. एचडीएफसी लि., एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा और सन फार्मा. नुकसान में रहे।

इनमें 0.72 प्रतिशत तक की गिरावट आई। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार ने अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतकों से लाभ को बनाये रखा। कच्चे तेल के दाम में नरमी और कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम बेहतर रहने की संभावना से घरेलू स्तर पर सकारात्मक धारणा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने भी भरोसा जताया है कि सकल मुद्रास्फीति सितंबर में उच्च स्तर पर पहुंच गयी है और आने वाले समय में इसमें कमी आएगी। इससे वित्तीय बाजार में सकारात्मक संकेत गया और बैंक शेयर चढ़े।’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार में हाल की तेजी का प्रमुख कारण वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख का होना है।

कंपनियों के तिमाही परिणाम अभी तक मिले-जुले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रमुख क्षेत्रों की भागीदारी बारी-बारी होने से बढ़त को समर्थन मिलेगा। कारोबारियों को दैनिक आधार पर जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।’’ कारोबार के दौरान बीएसई मिडकैप (मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) 1.06 प्रतिशत और स्मॉलकैप (छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) 0.71 प्रतिशत चढ़ा।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार वाल स्ट्रीट में सोमवार को अच्छी तेजी थी।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 91.02 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे टूटकर 82.37 (अस्थायी) पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार शुद्ध रूप से बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने सोमवार को 372.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

21 साल में तीसरी बार अशुभ संकेत, 'डेथ क्रॉस' जोन में अमेरिकी बाजार!

Death Cross News: पिछले कुछ हफ्तों से घरेलू शेयर बाजारों के साथ-साथ दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है. रूस-यूक्रेन संकट और कमजोर संकेत इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं. इसी बीच Nasdaq चार्ट पर डेथ क्रॉस में आ गया. जानिए इसका मतलब.

फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई शेयर बाजार संकेतक के प्रकार दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 20 फरवरी 2022, 2:25 PM IST)
  • 'डेथ क्रॉस' फॉर्मेशन को निवेशक मानते हैं अशुभ
  • दो साल में पहली बार अशुभ संकेत

नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) की ट्रेडिंग का चार्ट पैटर्न शुक्रवार को 'डेथ क्रॉस' (Death Cross) फॉर्मेशन में आ गया. स्टॉक मार्केट में इंवेस्ट करने वाले इस पैटर्न को अशुभ मानते हैं. यह गिरावट का संकेत माना जाता है.

अतीत के आंकड़े बताते हैं कि 'डेथ क्रॉस' चार्ट पैटर्न कुछ समय के लिए स्टॉक मार्केट पर काफी भारी पड़ता है और इससे बाहर निकलने में मार्केट को अच्छा-खासा वक्त निकल जाता है. हालांकि, अभी यह अस्पष्ट नहीं है कि ये फॉर्मेशन आने वाले समय में ट्रेडर्स को ज्यादा परेशान करने वाला है या ये थोड़े दिन की बात है.

दो साल में पहली बार अशुभ संकेत
इससे पहले अप्रैल, 2020 में Nasdaq डेथ क्रॉस फॉर्मेशन में आया था. वह समय अलग था. कोरोना महामारी की वजह से चारों और Uncertainty थी. निवेशकों को यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि ये गिरावट कितने लंबे वक्त तक रहने वाली है. अभी अनिश्चितता काफी हद तक कम हो गई है. ऐसे में मार्केट के डेथ क्रॉस फॉर्मेशन की वजह से निवेशकों में एक तरह की बेचैनी देखने को मिल रही है.

नवंबर से अब तक आ चुकी है काफी गिरावट
नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स शुक्रवार को 1.2 फीसदी लुढ़क गया. 19 नवंबर, 2021 को नैस्डेक काफी उच्च स्तर पर था. उस समय से अब तक उसमें करीब 16 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

डेथ क्रॉस पैटर्न के बारे में जानिए (What is Death Cross Pattern)
यह स्टॉक मार्केट के ट्रेडिंग पैटर्न से जुड़ा होता है. चार्ट पर एक खास तरह का पैटर्न बनने पर इसे डेथ क्रॉस पैटर्न कहते हैं. जब इंडेक्स का 50 दिनों का मुविंग एवरेज 200 दिनों के मुविंग एवरेज से नीचे चला जाता है तो चार्ट पर यह पैटर्न बन जाता है. डेथ क्रॉस पैटर्न बनने के बाद निवेशक सतर्क हो जाते हैं क्योंकि उनका मानना होता है कि शेयर बाजार में अब लंबे समय तक गिरावट जारी रह सकती है.

डेथ क्रॉस बनने पर साल 2000 में क्रैश हुआ था मार्केट
साल 2000 के जून महीने में भी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर कुछ इसी प्रकार का डेथ क्रॉस पैटर्न बना था. उस वक्त डॉटकॉम कंपनियों के शेयर बुरी तरह लुढ़क गए थे. जनवरी 2008 में भी ऐसा ही डेथ क्रॉस पैटर्न बनता हुआ देखा गया. इसके बाद पूरी दुनिया में आर्थिक संकट देखने को मिला था.

इन वजहों से आ रही है गिरावट
कमजोर वैश्विक संकेतों और रूस-यूक्रेन तनाव के बीच भारतीय शेयर बाजारों सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी पिछले कुछ समय से गिरावट का दौर देखा जा रहा है. भारतीय बाजारों की बात की जाए तो विदेशी संस्थागत निवेशक की तरफ से भारी बिकवाली भी एक वजह रही है. बीएसई सेंसेक्स इस साल की शुरुआत से 2.28 फीसटी टूटा है, जबकि निफ्टी में 1.98 फीसदी की गिरावट आई है.

सोमवार को शेयर बाजार में उछाल, 42,597.शेयर बाजार संकेतक के प्रकार 43 अंकों पर बंद हुआ सेंसेक्स

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला. दिन के कारोबार की समाप्ति के समय सेंसेक्स में 704.37 अंक चढ़कर 42,597.43 आंकड़ों पर बंद हुआ.

सोमवार को शेयर बाजार में उछाल, 42,597.43 अंकों पर बंद हुआ सेंसेक्स

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला. दिन के कारोबार की समाप्ति के समय सेंसेक्स में 704.37 अंक चढ़कर 42,597.43 आंकड़ों पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 12,461.05 पर रहा. वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत मिलने और विदेशों से जोरदार निवेश प्रवाह के चलते सोमवार को कारोबार की शुरुआत में बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का संवेदी सूचकांक 650 अंक के जोरदार उछाल के साथ 42,566.34 अंक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था. विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ने से कारोबार की शुरुआत में संवेदी सूचकांक 627.21 अंक यानी 1.50 अंक बढ़कर 42,520.27 अंक पर पहुंच गया था. इससे पहले यह 42,566.34 अंक के रिकार्ड स्तर को छू चुका था. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक भी कारोबार के शुरुआती दौर में 178 अंक यानी 1.45 प्रतिशत बढ़कर 12,441.55 अंक पर पहुंच गया था.

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हालांकि, इस दौरान निफ्टी भी 12,451.80 अंक को छू चुका था. सेंसेक्स में शामिल सभी कंपनियों के शेयर बढ़त में चल रहे थे. आईसीआईसीआई बैंक करीब तीन प्रतिशत बढ़त के साथ सबसे आगे रहा. इन्फोसिस, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल और बजाजा फाइनेंस में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गइ्र. गत शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 552.90 अंक यानी 1.34 प्रतिशत ऊंचा रहकर 41,893.06 अंक पर बंद हुआ था. एनएसई निफ्टी भी 143.25 अंक यानी 1.18 प्रतिशत बढ़कर 12,263.55 अंक पर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गत सप्ताहांत बाजार में 4,869.87 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की. इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट कच्चे तेल का भाव 2.66 प्रतिशत बढ़कर 40.50 डालर प्रति बैरल पर बोला गया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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