आज हम इस के बारे मे पूरे विस्तार से चर्चा करने वाले है। यहाँ इस वेबसाइट पर आपको यथासंभव जानकारी मिल जाएगी। और हमें पूर्ण उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपके मन की सारी जिज्ञासाएँ शांत होने वाली है।
पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने के लिए क्या गोल्ड ETF को चुनना चाहिए?
- Vijay Parmar
- Publish Date - August 9, 2021 / 04:24 PM IST
image: Unsplash, MCX पर सिल्वर का सितंबर डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट का भाव 359 रुपये या 0.56 फीसदी गिरकर 63,233 रुपये प्रति किलो पर चला गया.
गोल्ड ETF: मार्केट में कई तरह के एक्स्चेंज ट्रेडेड फंड (ETF) है, जैसे कि गोल्ड ETF, निफ्टी ETF और सेंसेक्स ETF. गवर्मेंट के CPSE और भारत 22 ETFs भी है, जो सरकारी कंपनियों में निवेश करते है. ETF में आप BSE या NSE जैसे एक्स्चेंज पर युनिट ट्रेडिंग करने मिलता है. आज हम गोल्ड ETF के बारे में जानेंगे. गोल्ड ETF ने पिछले एक साल में 15% के करीब नेगेटिव रिटर्न दिया है. 3 साल में गोल्ड ETF ने 13-17% की रेंज में और 5 साल में 10% के करीब पॉजिटिव रिटर्न दिया है.
ETF क्या होता है?
तो चलिए सबसे पहले हम यह जानते हैं की ETF क्या होता है,Exchange Traded Funds को हम शॉर्ट फॉर्म में ETF कहते हैं. ETF पैसा कलेक्ट करता है इन्वेस्टर से जैसे कि म्यूच्यूअल फंड्स के अंदर पैसा कलेक्ट किया जाता है इन्वेस्टर से.
उसके बाद वह ETF जो भी इंडेक्स को फॉलो कर रहा है मान लेते हैं कि वह nifty को फॉलो कर रहा है तो जो भी हिंदुस्तान की सबसे बड़ी 50 कंपनी है और उनका प्रोपोर्शन जितना भी है निफ्टी में ETF उसने उसने प्रोपोर्शन में वह स्टॉक खरीद लेगा.
Index Funds vs ETF
किसी इंडेक्स को फॉलो करते हुए यह तो किसी इंडेक्स फंड की तरह ही हुआ ETF काम कैसे करता है? तो आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर यह इंडेक्स फंड से किस प्रकार से अलग है?
जैसे कि आपको पता है ईटीएफ का फुल फॉर्म है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड इसका मतलब यह फंड कहीं ना कहीं पर ट्रेड हो रहा है. NSE या BSE जो हमारे स्टॉक एक्सचेंज है वहां पर ETF ट्रेड होते हैं यानी कि यह बिल्कुल स्टॉक्स की तरह ट्रेड हो सकते हैं.
इंडेक्स फंड्स में या फिर म्युचुअल फंड्स में हमें ट्रेड करने के लिए Demat अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती परंतु ETF मैं ट्रेड करने के लिए हमें डीमेट अकाउंट की आवश्यकता होती है.
ETF कैसे काम करता है?
जो इंटेक्स फोन है या फिर म्यूच्यूअल फंड है वहां पर इन्वेस्टर से पैसा कलेक्ट किया जाता है उसके बाद वह फंड कहीं पर उस पैसे को इन्वेस्ट कर देता है तो इसी दौरान अगर मैंने इन्वेस्टर्स इस फंड में जुड़ना चाहते हैं तो उस फंड का AUM बढ़ता रहता है.
लेकिन ईटीएफ एक अलग तरीके से काम करता है ईटीएफ वैसे ही काम करता है जैसे कोई कंपनी के स्टॉक्स काम करते हैं.
जब भी कोई न्यू फंड ऑफर (NFO) आता है खाली उसी समय ईटीएफ के पास पैसा आता है और उसके बाद उस फंड में कभी भी पैसा नहीं आ सकता.
जैसे कि हम जान गए कि ETF क्या होता है और कैसे काम करता है तो चलिए अब जान लेते हैं कि कितने प्रकार के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स होते हैं.
हिंदुस्तान में देखा जाए तो 3 प्रकार की ETF चलती है :
- Equity ETF
- Debt ETF
- Commodity ETF
लेकिन USA के जैसे बड़े-बड़े मार्केट में बहुत साले प्रकार के ETF पाए जाते हैं. हम अभी सिर्फ हमारे हिंदुस्तान में पाए जाने वाले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में ही चर्चा करेंगे.
ETF का मार्केट कैसे ग्रो कर रहा है और क्यों कर रहा है?
अभी आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड स्कीम फॉर्म डेट पिछले 5 से 10 साल में किस प्रकार बड़ी है. अगर मैं आपके साथ 2015 का डाटा शेयर करूं तो करीब-करीब ईटीएफ का मार्केट 15000 करोड का था, जो कि देखा जाए मार्च 2021 में यह बढ़कर करीबन 300000 करोड़ का हो चुका है.
पहले इसका जो मार्केट सियार था अगर हम इसको म्यूच्यूअल फंड के साथ कंपेयर करें तो उसका सिर्फ एक प्रसिद्ध था आज का मार्केट शेयर बढ़कर करीब 7% हो गया है.
अब सवाल उठता है कि आखिर हमें ईटीएफ में क्यों निवेश करना चाहिए, इसका सबसे पहला रीजन तो यह होगा इसका कॉस्ट बहुत ही कम रहता है, और दूसरा फायदा यह है की क्योंकि कॉस्ट कम हो जाती है तो हमारा रिटर्न इसमें ज्यादा हो सकता है.
तीसरी बात यह है कि हम इसे कभी भी खरीद सकते हैं और कभी भी भेज सकते हैं इसका कोई मैच्योरिटी डेट नहीं रहता.
काफी लोग तो इपीएफ के अंदर ट्रेडिंग भी करते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा लेते हैं.
इंडेक्स फंड्स कैसे काम करता है ?
Indexing किसी निष्क्रिय निधि प्रबंधन का ही एक रूप होता है। जो कि एक प्रकार के फंड पोर्टफोलियो मैनेजर की जगह सक्रिय रूप से स्टॉक पिकिंग तथा मार्केट टाइमिंग अर्थात निवेश करने खातिर securities को चुनना तथा उनको किस समय खरीदना तथा बेचना होता है – फंड मैनेजर एक प्रकार का पोर्टफोलियो बनाता है, जिसकी होल्डिंग्स किसी भी एक विशेष इंडेक्स की सिक्योरिटीज को mirror करती होती हैं। मुख्य बात यह है कि सूचकांक की प्रोफाइल की नकल करकर – सम्पूर्ण शेयर बाजार, या फिर इसका एक व्यापक खंड – और फंड अपने प्रदर्शन से भी मेल खाएगा।
अस्तित्व में लगभग हर वित्तीय बाजार हेतु एक इंडेक्स तथा एक index funds होता है। संयुक्त राज्य अर्थात् अमेरिका के अंदर, सभी से ज्यादा लोकप्रिय इंडेक्स फंड S&P 500 को ट्रैक ही करते हैं।
पेशेवरों :-
- विविधिकरण के माध्यम से कम जोखिम होता है।
- थोड़ा कम व्यय अनुपात
- मजबूत तथा लंबी अवधि के रिटर्न
- निष्क्रिय तथा बा-एंड-होल्ड निवेशकों हेतु आदर्श
- निवेशकों हेतु काम करकर।
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index funds के उदाहरण 1970 के दशक के आसपास ही देखे जा रहे हैं। निष्क्रिय निवेश की लोकप्रियता व कम फीस की अपील, तथा बहुत लंबे समय से चले आ रहे बुल मार्केट ने मिलकर उनको 2010 के दशक में ही आसमान को छू लिया अर्थात हासिल कर लिया।
मॉर्निंगस्टार रिसर्च के अकॉर्डिंग 2021 खातिर निवेशकों ने सभी एसेट क्लास के इंडेक्स फंड में $400 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का निवेश किया है। इसी अवधि हेतु, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों ने $188 बिलियन डॉलर के बहिर्वाह का अनुभव किया गया।
1976 के दशक में वंगार्ड के अध्यक्ष जिनका नाम जॉन बोगल है। उनके द्वारा स्थापित कराए गए एक फंड जिसके द्वारा इसे शुरू किया गया ने अपने समग्र दीर्घकालिक प्रदर्शन तथा कम लागत हेतु सर्वश्रेष्ठ में से ही एक बना हुआ है। वैनगार्ड 500 इंडेक्स फंड ने स्ट्रक्चर तथा प्रदर्शन में S&P 500 को ईमानदारी से ट्रैक किया गया है।
निष्कर्ष :-
आज के इस आर्टिकल में हमने बात की कि इंडेक्स फंड क्या होता है? यह किस प्रकार काम करता है तथा इसके क्या क्या दोष होते हैं तथा इसके साथ ही हमने इसके पेशेवरों तथा उदाहरणों के बारे में भी चर्चा की।
मुझे पूर्ण उम्मीद है कि इन सभी पॉइंट्स को पढ़ने ETF काम कैसे करता है? के बाद आपके मन की सारी आशंका दूर हो गयी होगी। यदि आपको इसके बारे मे और भी अधिक जानकारी चाहिए तो आप हमें कॉमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। और हम भी इसकी जानकारी आपको उपलब्ध करवाएंगे।
इस अर्टिकल मे किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूँ। तथा शेयर बाजार से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें फॉलो करना ना भूले।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs )
Ans. हां इंडेक्स फंड में फीस होती है। परंतु वह प्रतिस्पर्धी उत्पादों की तुलना में आम तौर पर बहुत ही कम होती हैं। कई इंडेक्स फंड 0.2 प्रतिशत से कम ही शुल्क की पेशकश करते हैं, और कुछ सक्रिय फंड लगभग एक प्रतिशत से ज्यादा की फीस लेते हैं।
Ans. हां इंडेक्स फंड स्टॉक्स से बेहतर हो सकते हैं। निवेशक विविधीकरण के सकारात्मक प्रभावों से लाभान्वित होते हैं , जैसे समग्र जोखिम को कम करते हुए पोर्टफोलियो की अपेक्षित वापसी में वृद्धि।
ETF काम कैसे करता है?
गोल्ड ई टी एफ एक एक्स्चेन्ज ट्रेडेड फन्ड (ई टी एफ) है जिसका उद्देश्य डोमेस्टिक फ़िज़िकल गोल्ड प्राईज की नियमित जानकारी रखना है।
एक गोल्ड ई टी एफ युनिट एक ग्राम गोल्ड के बराबर होती है और इसमें उत्तम शुद्धता का फ़िज़िकल गोल्ड होता है। गोल्ड ई टी एफ को नैशनल स्टॉक एक्स्चेन्ज ऑफ इन्डिया (एन एस ई) और बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेन्ज लिमिटेड (बी एस ई) में लिस्टेड किया गया है और किसी भी अन्य कंपनी के सिंगल स्टॉक की तरह इसकी ट्रेडिंग होती है। गोल्ड ई टी एफ को खरीदने का अर्थ है आप गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीद रहे हैं। आप जैसे स्टॉक्स में ट्रेड करते हैं, वैसे ही गोल्ड ई टी एफ को खरीद या बेच सकते हैं। जब आप वास्तव में गोल्ड ई टी एफ को रिडीम करते हैं, तब आपको फ़िज़िकल गोल्ड नही मिलता लेकिन उसके मूल्य की नकद राशि मिलती है। अगर आप गोल्ड में ई टी एफ के ज़रिए निवेश करना चाहते हैं तो इस बात की पुष्टि कर लें कि वह पूरी तरह से फ़िज़िकलि बैक्ड ई टी एफ है।
ETF की ETF काम कैसे करता है? पूरी जानकारी ? ETF Funds किस तरह से काम करता है ? TYPES OF ETF FUNDS ? ETF में निवेश कैसे करे ? Advantages of ETF ? ETF के फायदे ?
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पे WWW.FREETECHSTUDY.COM पे दोस्तों इस पोस्ट में हम ETF क्या है और कैसे काम करता है और इसके फायदे क्या है इसकी साडी जानकारी हम इस पोस्ट में जानने वाले है बस आप इस पोस्ट को लास्ट तक जरुर पढ़िए |
ETF क्या है :
ETF का full form है exchange traded fund यह फण्ड stocks exchange में shares की तरह खरीदी ETF काम कैसे करता है? और बिक्री किया जाता है इसमे transactions charges के तुलना में ETF में कम charges लगता है |
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