शेयर बाजार (Stock Market) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं.

What is Nifty How it Works

शेयर बाजार उफान में, दिवाली से पहले छोटे निवेशकों को सर्तक रहने की सलाह

मुंबई। वैश्वक कारकों और घरेलू स्तर पर अधिकांश समूहों में हुई लिवाली के बल पर बीते सप्ताह शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही और इस दौरान बीएसई का सेंसेक्स 41983.06 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी 11263.55 अंक पर पहुंच गया। दिवाली को देखते हुये अगले सप्ताह निवेशकों विशेषकर छोटे निवेशकों को सतर्क …

मुंबई। वैश्वक कारकों और घरेलू स्तर पर अधिकांश समूहों में हुई लिवाली के बल पर बीते सप्ताह शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही और इस दौरान बीएसई का सेंसेक्स 41983.06 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी 11263.55 अंक पर पहुंच गया। दिवाली को देखते हुये अगले सप्ताह निवेशकों विशेषकर छोटे निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गयी क्योंकि बाजार में करेक्शन देखने को मिल सकता है।

समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 5.75 प्रतिशत अर्थात 2278.99 अंकों की बढ़त के साथ 41893.06 अंक पर रहा। इस दौरान एनएसई का निफ्टी 5.34 प्रतिशत अर्थात 621.15 अंक चढ़कर 12263.55 अंक पर रहा। इस अवधि में मझौली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली का जोर बना रहा जिससे बीएसई का मिडकैप 3.36 प्रतिशत अर्थात 500.14 अंक बढ़कर 15404.76 अंक पर रहा। स्मॉलकैप 2.22 प्रतिशत अर्थात 329.93 अंक बढ़कर 15218.01 अंक पर पहुंच गया।

शेयर बाजार में आज से शुरू हो जाएगी T+1 साइकिल, जानिए कैसे होगा निवेशकों का फायदा

शेयर बाजार में आज से शुरू हो जाएगी T+1 साइकिल, जानिए कैसे होगा निवेशकों का फायदा

चीन के बाद T+1 लागू करने वाला भारत दूसरा देश है। (एक्सप्रेस फोटो : गणेश शिर्सेकर)

भारतीय शेयर बाजार में आज 25 फरवरी से कारोबार करने का तरीका बदल गया है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू करने का फैसला किया है। जिससे निवेशकों को पहले के मुकाबले पैसा जल्दी मिलेगा। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां पर T+1 सेटेलमेंट को लागू किया गया है।

क्या होता है T+1 सेटलमेंट साइकिल?: शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री का एक सेटलमेंट साइकिल होता है। यह सेटलमेंट साइकिल तभी पूरा होता है जब खरीददार को शेयर मिल जाते हैं और बेचने वाले को उसकी राशि। 2002 की शुरुआत में सेटलमेंट साइकिल को T+5 से घटाकर T+3, फिर 2003 में T+3 से घटाकर T2 कर दिया गया था।

Nifty: क्या होता है निफ्टी, कैसे करता है ये काम? आसान भाषा में समझें सबकुछ

What is Nifty How it Works

What Is Nifty: शेयर मार्केट का जब भी जिक्र होता है। उस दौरान निफ्टी का नाम अवश्य लिया जाता है। हम में से कई लोगों ने निफ्टी शब्द को कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। अक्सर निफ्टी सूचकांक का जिक्र समाचार पत्रों और टीवी चैनलों पर किया जाता है। वहीं क्या आपको इस बारे में पता है कि आखिर निफ्टी होता क्या है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। निफ्टी में हो रहे उतार चढ़ाव से इस बारे में आसानी से जाना जा सकता है कि स्टॉक मार्केट का व्यवहार कैसा है? भारत में कई लोग निफ्टी के इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं। इसमें होने वाले उतार चढ़ाव से निवेशकों को फायदा और नुकसान होता है। इसी वजह से बड़े बड़े निवेशकों की नजर इस सूचकांक पर हमेशा बनी रहती है। अगर निफ्टी में एक बड़ी गिरावट आती है। उस दौरान निवेशकों को बड़े घाटे का सामना करना पड़ता है। इसी सिलसिले में आइए जानते हैं क्या होता है निफ्टी और कैसे करता है ये काम?

क्या होता है निफ्टी

निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आता है। निफ्टी में देश की कुल 50 कंपनियों को इंडेक्स किया जाता है। इन कंपनियों का चुनाव देश के 12 अलग अलग सेक्टर से किया जाता है। निफ्टी शब्द नेशनल और 50 से मिलकर बना है। निफ्टी को निफ्टी 50 के नाम से भी जाना जाता है।

What is Nifty How it Works

इसकी शुरुआत साल 1994 में की गई थी। निफ्टी में हो रहे उतार चढ़ाव से बाजार के विषय में पता चलता है कि उसका रुख किस दिशा में जा रहा है। निवेशकों को नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की चेतावनी निफ्टी की गणना भी सेंसेक्स की तरह फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर सामान्य ज्ञान क्विज: स्टॉक एक्सचेंज पर प्रश्नोत्तरी

वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में निवेशक लाभ कमाने के लिए सिर्फ अपने देश में ही नही बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी अपना रुपया निवेश करते हैं. विश्व के सभी देशों में स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की गयी है. जागरण जोश ने 10 प्रश्नों का एक सेट बनाया है साथ ही यह भी उम्मीद है कि यह सेट प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों के लिए भी उपयोगी होगा.

वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में निवेशक लाभ कमाने के लिए सिर्फ अपने देश में ही नही बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी अपना रुपया निवेश करते हैं. विश्व के सभी देशों में स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की गयी है. जागरण जोश ने 10 प्रश्नों का एक सेट बनाया है निवेशकों को नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की चेतावनी साथ ही यह भी उम्मीद है कि यह सेट प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों के लिए भी उपयोगी होगा.

1. SP-500 किसका नाम है?
(a) गेहूं की किस्म का
(b) मुंबई स्थित सेबी का ऑफिस का नाम है
(c) अमेरिका का एक स्टॉक एक्सचेंज
(d) भारत सरकार द्वारा घोषित एक योजना
उत्तर c
व्याख्या:
अमेरिका का एक स्टॉक एक्सचेंज
2. SENSEX में कितनी कम्पनियाँ शामिल हैं?
(a) 30
(b) 50
(c) 111
(d) 25
उत्तर a
व्याख्या:
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक 30 कंपनियों के शेयर मूल्यों में उतार चढ़ाव से चलता है.
3. निम्न में से कौन सा कथन सत्य है?
(a) FTSE-100 लन्दन का स्टॉक एक्सचेंज है जो यूरोपीय बाजार की गतिविधियों पर नजर रखता है
(b) Nikkei का सम्बन्ध सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज से है
(c) middex का सम्बन्ध जापान से है
(d) BSE का सम्बन्ध sensex से नही है.
उत्तर a
व्याख्या:
FTSE-100 लन्दन का स्टॉक एक्सचेंज है जो यूरोपीय बाजार की गतिविधियों पर नजर रखता है.
4. KOSPI किस देश का सूचकांक है?
(a) जापान
(b) दक्षिण कोरिया
(c) सिंगापुर
(d) फ़्रांस
उत्तर b
व्याख्या:
दक्षिण कोरिया
5. निम्न में से कौन सा सूचकांक सुमेलित नही है ?
(a) SET : थाईलैंड
(b) JCI : जापान
(c) NASDAQ : अमेरिका
(d) TSEC : ताइवान
उत्तर b
व्याख्या:
JCI, इंडोनेशिया और जकार्ता का संयुक्त सूचकांक है.
6. निम्न में से कौन सा कारण सेंसेक्स में उतार चढ़ाव के लिए जिम्मेदार है?
(a) वर्षा
(b) मौद्रिक नीति
(c) राजनीतिक अस्थिरता
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर d
व्याख्या:
उपर्युक्त सभी
7. निम्न में से कौन सी एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी नही है ?
(a) CRISIL
(b) ICRA
(c) NIKKEI
(d) CARE
उत्तर c
व्याख्या:
NIKKEI जापान का स्टॉक एक्सचेंज है.
8. निम्न में से किस शब्द का सम्बन्ध स्टॉक एक्सचेंज से नही है?
(a) NAV
(b) NSE
(c) IPO
(d) KPO
उत्तर d
व्याख्या:
KPO का फुल फॉर्म Knowledge Process Outsourcing है. इसका शेयर बाजार से कोई सीधा सम्बन्ध नही है.
9. “ब्लू चिप” किसे कहा जाता है?
(a) ऐसी कम्पनी जो बड़े उद्योग घरानों द्वारा चलाई जाती हो
(b) एक ऐसी कंपनी जिसके शेयर खरीदना रिस्की ना हो
(c) किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी को
(d) ऐसी कम्पनी जो विदेश में किसी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो
उत्तर b
व्याख्या
: एक ऐसी कंपनी जिसके शेयर खरीदना रिस्की ना हो अर्थात जो कम्पनी हमेशा लाभ प्रदान कराये.
10. निफ्टी का स्थापना कब हुई थी?
(a) 1952
(b) 1965
(c) 1991
(d) 1996
उत्तर d
व्याख्या:
1996

Nifty क्या हैं?

Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड Top 50 Companies के मार्केट कैपिटलाइजेशन आधार पर किया जाता हैं|

अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं|

कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?

शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.

स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

स्टॉक मार्केट में होते हैं कई सेक्टर

स्टॉक मार्केट में अलग-अलग तरह के क्षेत्र होते हैं. ऑयल, रियल इस्टेट, बैंकिंग, कंज्यूमर गुड्स, मेटल, स्टील, पावर, संचार यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर निवेशक अपनी पसंद के अनुसार निवेश कर सकता है. अगर किसी निवेशक को अपनी पसंदीदा कंपनी चुननी है तो सबसे पहले उसे कंपनी के बारे में जानना होगा. बैलेंस सीट के साथ-साथ क्या है उस कंपनी का टर्नओवर उसके बारे में भी निवेशक को जानकारी हासिल करनी चाहिए.

किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.

निवेश करते समय नए निवेशकों को शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जब वही निवेशक शेयर मार्केट को अच्छी तरह से समझने लगता है तब वह एक अनुभवी खिलाड़ी बन जाता है.

आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?

आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक निवेशकों को नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की चेतावनी करना होगा.

बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.

इस Account को आप बैंक से उसी प्रकार खोल सकते हैं जैसे आप किसी बैंक से सामान्य खाता खोलते हैं|

Demat और Trading Account खोलने के लिए आपको जिन डोक्यूमेंट्स की जरूरत होगी >>>

  1. PAN Card
  2. Address Proof
  3. Income Proof
  4. Cancel Cheque
  5. 2 Passport Size Photo

इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.निवेश करने वाले व्यक्ति के सामने यह पहला सवाल होगा कि निवेश कैसे किया जाए ? सबसे पहले ये तय करें कि आप जो भी निवेश करना चाह रहे हैं, उसकी आपको जरूरत कब है क्योंकि इससे आप लंबी और छोटी अवधि के शेयरों का चुनाव कर सकते हैं. निवेश करने के लिए आप जिस कंपनी का शेयर लेंगे उसके बारे में आप अच्छी तरह से जानकारी कर लें. इसके लिए आप सलाहकारों की मदद ले सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में निवेश करें. एक से अधिक कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं.

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