मैं म्यूचुअल फंड्स में सीधे निवेश कैसे कर सकता हूँ?
अगर आपका KYC पूरा हो चुका है तो आप म्यूचुअल फंड में सीधे ऑफलाइन या ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करने में असहज महसूस करते हैं, तो आप नज़दीकी शाखा में जाकर फंड में निवेश कर सकते हैं।
ऑनलाइन म्यूचुअल फंड की स्कीमों में सीधे निवेश करने का सबसे आसान तरीका है और आपको कमीशन भी नहीं देना पड़ता। आप फंड की वेबसाइट या उसके RTA की साइट या फिर फिनटेक प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। फंड की वेबसाइट पर सीधे निवेश करने पर आपको कई लॉगिन मैनेज करने पड़ते हैं।
डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का मतलब है कि आप फिनांशियल प्लान बनाने, अपने गोल के लिए सबसे सही फंड्स को चुनने, अपने पोर्टफोलियो को नियमित तौर पर मैनेज करने और ज़रूरत पड़ने पर उसमें फेरबदल करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं। हर किसी को म्यूचुअल फंड में सही फंड चुनना और पोर्टफोलियो को मैनेज करना नहीं आता है। इसलिए डायरेक्ट प्लान उन निवेशकों के लिए है जो इसे आसानी से कर सकते हैं। अन्यथा, म्युचुअल फंड के बारे में कम जानकार लोगों को डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा निवेश करने की सलाह दी जाती है।
Investment Tips: महिलाओं के लिए बेस्ट हैं ये दो स्कीम, कम निवेश में होगा लाखों का फायदा
सभी अपने फ्यूचर के लिए इन्वेस्ट करते ही हैं। मेल इन्वेस्टर्स रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। वैसे ही फीमेल इन्वेस्टर्स गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में ज्यादा इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कौन सा इन्वेस्ट महिलाओं के लिए है बेस्ट।
महिलाएं कहां इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं
रिपोर्ट्स की मानें तो अधिकतर महिलाएं गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करना काफी ज्यादा पसंद करती हैं। इसके अलावा आज कल महिलाएं रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में भी इन्वेस्ट करती हैं।
म्यूचुअल फंड में होता है फायदा
जिन भी महिलाओं को म्यूचुअल फंड के बारे मे अच्छे से पता है वह आसानी से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर काफी पैसे कमा सकती हैं। म्यूचुअल फंड में भी कई प्रकार होते हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी फंड म्यूचुअल फंड की वो स्कीम है, जो खासकर शेयर्स/कंपनी के स्टॉक में निवेश करती है। इन्हें ग्रोथ फंड भी कहा जाता है। इसमें आप आसानी से पैसे निवेश कर सकते हैं।
डेट म्यूचुअल फंड
अगर आप अधिकतम तीन साल तक के लिए निवेश करना चाहते हैं और रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं तो फिर आपके सामने पहला विकल्प 'फिक्स्ड डिपॉजिट' का है। लेकिन अगर फिक्स्ड डिपॉजिट से थोड़ा ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो फिर डेट फंड में निवेश कर सकते हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
हाइब्रिड फंड भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो एक ही फंड के अंदर कई एसेट क्लास में निवेश करता है। इसमें इन्वेस्ट करना काफी फायदे का सौदा हो सकता है।
महिलाएं सोने में इन्वेस्ट कर सकती हैं
सर्वे के अनुसार यह देखा गया है कि महिलाएं सोने में काफी ज्यादा इन्वेस्टर्स करती हैं। युवा पीढ़ी की महिलाएं भी गोल्ड में इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं।
वहीं आज कल की युवा महिलाओं की बात करें तो वह अपनी बचत सुरक्षित और कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों में चुनना चाहती हैं।
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इन पांच म्यूचुअल फंड्स में कर सकते हैं निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न और जोखिम भी कम
म्यूचुअल फंड निवेश को सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक माना जाता है, जिनमें पैसा लगाने वालों को भारी रिटर्न मिलता है. इनमें निवेशकों को उनकी मार्केट एलॉकेशन, सेक्टर एलॉकेशन और वैल्यू के आधार पर चुनने के लिए बहुत से ऑप्शन्स भी मिलते हैं.
म्यूचुअल फंड निवेश को सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक माना जाता है, जिनमें पैसा लगाने वालों को भारी रिटर्न मिलता है. इनमें निवेशकों को उनकी मार्केट एलॉकेशन, सेक्टर एलॉकेशन और वैल्यू के आधार पर चुनने के लिए बहुत से ऑप्शन्स भी मिलते हैं. एक कंपनी का शेयर उसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर लार्ज, मिड या स्मॉल कैप हो सकता है. इसलिए, एक रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड द्वारा बनाए गए कई शेयरों में निवेश कर सकता है. इससे शेयर बाजार में सीधे निवेश करने की तुलना में उसका जोखिम का डर कम होता है.
फ्लैक्सी कैप फंड में व्यक्ति को अलग-अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले शेयरों में निवेश करने का मौका मिलता है. और वे लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं, जहां भी उन्हें यह लगता है कि उन्हें कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. आइए तीन साल की अवधि में रिटर्न के आधार पर पांच सबसे बेहतर फ्लैक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स को जानते हैं.
क्वॉन्ट फ्लैक्सी कैप फंड
फंड साल 2013 में शुरू हुआ था. 22 अगस्त 2022 को शेयर की नेट एसेट वैल्यू (NAV) 62.26 रुपये थी. इसका कुल फंड साइज 475.41 करोड़ रुपये है. फंड ने निफ्टी 50 इंडैक्स को 21.02 फीसदी पीछे छोड़ा है. फंड ने घरेलू इक्विटी में 99.32 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. इनमें से 71.22 फीसदी को कहां करें निवेश लार्ज कैप स्टॉक्स में निवेश किया गया है. इसके अलावा 17.79 फीसदी को मिड कैप स्टॉक्स में निवेश किया गया है. जबकि, 6.73 फीसदी को स्मॉल कैप कहां करें निवेश स्टॉक्स में निवेश किया गया है. इसके 8.6 फीसदी फंड्स को आईटीसी में निवेश किया गया है, जो उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग है.
PGIM इंडिया फ्लैक्सी-कैप फंड
इस फंड को साल 2015 में पेश किया गया था. इसकी नेट एसेट वैल्यू वर्तमान में 28.01 फीसदी है. इसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 4,761.35 करोड़ रुपये है. फंड ने निफ्टी 50 को 11.29 फीसदी आउटपरफॉर्म किया है. फंड ने घरेलू इक्विटी में 94.15 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. उसने लार्ज कैप स्टॉक्स में 40.33 फीसदी, मिड कैप स्टॉक्स में 11.28 फीसदी और स्मॉल कैप फंड्स में 17.27 फीसदी निवेश किया है.
पराग पारिख फ्लैक्सी कैप फंड- डायरेक्ट प्लान- ग्रोथ
इस फंड को सबसे पहले साल 2015 में पेश किया गया था. उसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट मौजूदा समय में 24,594.84 करोड़ रुपये पर मौजूद हैं. उसकी नेट एसेट वैल्यू वर्तमान में 51.43 रुपये है. इस फंड ने निफ्टी 50 को 8.55 फीसदी पीछे छोड़ दिया है. फंड ने घरेलू इक्विटी में 68.92 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. इनमें से 56.21 फीसदी को लार्ज कैप, 2.66 फीसदी को मिड कैप और 9.12 फीसदी को स्मॉल कैप शेयरों में निवेश किया गया है.
IDBI फ्लैक्सी कैप फंड- डायरेक्ट प्लान- ग्रोथ
इस फंड को 2014 में लॉन्च किया गया था. उसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 386.69 करोड़ रुपये हैं. फंड की नेट एसेट वैल्यू 39.03 रुपये है. इस फंड ने निफ्टी 50 इंडैक्स को 5.5 फीसदी आउटपरफॉर्म किया है. फंड ने घरेलू इक्विटी में अपने 98.78 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. उसने 63.93 फीसदी का निवेश लार्ज कैप स्टॉक्स में किया है.
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UTI फ्लैक्सी कैप फंड- डायरेक्ट प्लान- ग्रोथ
इस फंड को साल 2014 में शुरू किया गया था और वर्तमान में इसके पास 25,448 करोड़ रुपये के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) हैं. इसकी नेट एसेट वैल्यू 252.04 रुपये है. फंड ने निफ्टी 50 को 5.05 फीसदी आउटपरफॉर्म किया है. इस फंड ने अपने 98.78 फीसदी एसेट्स का निवेश घरेलू शेयर बाजार में किया है.
SIP Power: 500 से करें निवेश की शुरुआत, 5 साल में बदल जाएगी चाल, फिर देखते ही देखते बन जाएंगे करोड़पति!
बेहतर रिटर्न को देखते हुए आज के दौर में वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है. किसी भी उम्र के लोग म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 12 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 12 अक्टूबर 2022, 12:36 PM IST)
मेरी सैलरी (Salary) बहुत कम है, मैं करोड़पति (Crorepati) कभी नहीं बन सकता. 10-20 हजार रुपये महीने कमाने वाले कैसे करोड़पति बन सकता है? अधिकतर लोगों की यही शिकायतें होती हैं. हालांकि हर कोई चाहता है कि उसके पास रिटायरमेंट के बाद बड़ा फंड हो. लेकिन ये तभी संभव हो पाएगा जब आप निवेश की राह पर चलेंगे.
निवेश के लिए पहला कदम बढ़ाने के लिए मोटी रकम की जरूरत नहीं होती है. आप हर महीने नियमित तौर पर कहां करें निवेश एक छोटी राशि निवेश कर बड़ा फंड जुटा सकते हैं. क्योंकि कुछ लोग निवेश की बात आते ही कहते हैं कि सैलरी थोड़ी बढ़ जाएगी, तब निवेश करेंगे. लेकिन उनके लिए वो वक्त कभी नहीं आता. वहीं कुछ लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि निवेश की शुरुआत कैसे करें, बेहतर रिटर्न के लिए कहां पैसे लगाएं?
500 रुपये से करें निवेश की शुरुआत
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अगर आप भी घर, गाड़ी, बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी या फिर अपने रिटायरमेंट के लिए प्लान कर रहे हैं, तो केवल 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको लगातार वर्षों तक निवेश करना होगा.
दरअलस, बेहतर रिटर्न को देखते हुए आज के दौर में वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है. किसी भी उम्र के लोग म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं. लेकिन कम उम्र में निवेश की शुरुआत करने पर लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में SIP तीन तरीके से शुरू कर सकते हैं.
पहला- म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एजेंट के जरिये.
दूसरा- ब्रोकर से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर SIP करें.
तीसरा- म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का एक तरीका है. इसके जरिये निवेश पर अच्छा रिटर्न (Return) पाना आसान हो जाता है. SIP के जरिए किसी भी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड (Diversified Mutual fund) में निवेश किया जा सकता है.
अगर आपको बड़ा फंड चाहिए तो निवेश को हर महीने जारी रखना पड़ेगा. इसके अलावा आमदनी बढ़ने के साथ निवेश की राशि को भी बढ़ाने की जरूरत होगी. उदाहरण के तौर के अगर कोई 25 साल का युवा 500 रुपये से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करता है, तो उसे हर 6 महीने में कम से कम 500 रुपये का निवेश बढ़ाना होगा.
इस तरह से 5 साल के बाद यानी 30 की उम्र में निवेश की राशि बढ़कर 5000 रुपये महीने हो जाएगी. जब आप शुरुआती दो साल के रिटर्न को देखेंगे तो उससे आपका निवेश के प्रति उत्साह बढ़ेगा.
उदाहरण के लिए अगर कोई 30 की उम्र कहां करें निवेश से म्यूचुअल फंड में अगले 30 साल तक हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है, तो उसे 60 साल की उम्र में 1,76,49,569 रुपये मिलेगा. यह आंकलन 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 12% ब्याज हिसाब से लगाया गया है. अगर उसपर 15 फीसदी का ब्याज मिलता है तो फिर रिटर्न बढ़कर 3,50,49,103 रुपये हो जाएगा. वहीं अगर ब्याज 10 फीसदी भी मिलता है तो 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 30 साल के बाद कुल 1,कहां करें निवेश 13,96,627 रुपये रिटर्न मिलेगा.
गिरावट में घबराएं नहीं
एक्सपर्ट की मानें तो अगर नजरिया लंबा (Long Term) है तो फिर म्यूचुअल फंड निवेशक को नहीं घबराना चाहिए. शेयर बाजार में गिरावट का असर आपके पोर्टफोलियो पर दिखेगा. लेकिन ये शॉर्ट टर्म के लिए होता है.
हालांकि कुछ म्यूचुअल फंड ने उम्मीद के मुताबिक रिटर्न (Return) नहीं दिए हैं. छोटे निवेशकों के लिए फंड का चुनाव करना सबसे मुश्किल काम होता है, क्योंकि सही फंड का चयन करने के लिए काफी शोध की जरूरत होती है. इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले सभी पहलुओं पर विचार करें. किसी वित्तीय जानकार से सलाह जरूर लें. क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता है.
म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और उसका एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजारों में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से चार्ज लेती हैं. खासकर जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है.
पर्सनल फाइनेंस: PPF और कहां करें निवेश डेट फंड में निवेश करना रहेगा फायदेमंद, यहां जानें आपको कहां लगाना चाहिए अपना पैसा
हर कोई निवेश के लिए किसी ऐसी स्कीम की तलाश में रहता है, जहां पैसा लगाने पर आपको शानदार रिटर्न मिले। अगर आप भी किसी ऐसी ही स्कीम की तलाश में है तो आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) या डेट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको इन दोनों स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इनमें निवेश करके ज्यादा फायदा कमा सकें।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
- इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
- इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
- यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में पैसा नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है।
- ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1% ब्याज मिल रहा है।
- इन योजना में निवेश के जरिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट का लाभ लिया जा सकता है। इनमें कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। इस स्कीम से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
डेट म्यूचुअल फंड
- ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं। डेट म्यूचुअल फंड के तहत निवेश के रकम का 65% हिस्सा गवर्नमेंट बांड, कंपनी बांड और कॉरपोरेट एफडी में निवेश किया जाता है।
- 65% के अलावा बचे हुए पैसे को इक्विटी में निवेश किया जाता है। डेट फंड्स का पैसा फिक्स्ड रिटर्न देने वाले बांड में लगाया जाता है। इसलिए इनमें नुकसान की संभावना बहुत कम रहती है।
- डेट फंड को 3 साल बाद भुनाने पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लगता है। वहीं, 3 साल पहले निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (STCG) लगता है।
- उदाहरण के लिए, यदि किसी ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर 50 हजार रु. का फायदा कमाया है और निवेश के बाद 3 साल से पहले राशि निकालता है, तो निवेशक के आयकर स्लैब के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाएगा। 50 हजार रु. को टैक्स योग्य आय में जोड़ा जाएगा और उसके अनुसार टैक्स लगाया जाएगा।
- अगर कोई निवेशक 3 साल के निवेश के बाद अपने पैसे निकालता है, तो 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाता है, जिसमें इंडेक्सेशन भी होता है। इंडेक्सेशन आपके निवेश पर महंगाई के प्रभाव को दर्शाने के लिए पूरे कमाए गए लाभ के मूल्य को कम करता है।
- छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं।
निवेश करने के लिए बेस्ट डेट फंड
फंड का नाम | पिछले 6 महीने का रिटर्न (%) | पिछले 1 साल का रिटर्न (%) | पिछले 3 साल का रिटर्न (%) | 2019 का रिटर्न (%) |
ICICI प्रूडेंशियल लॉन्ग टर्म प्लान | 5.7 | 12.3 | 9.0 | 10.2 |
आदित्य बिरला सन लाइफ कॉर्पोरेट बांड फंड | 6.3 | 11.8 | 9.3 | 9.6 |
HDFC कॉर्पोरेट बांड फंड | 6.0 | 11.5 | 9.2 | 10.3 |
HDFC बैंकिंग एंड PUS डेट फंड | 5.8 | 10.4 | 8.4 | 10.2 |
UTI बैंकिंग एंड PUS डेट फंड | 4.0 | 9.0 | 4.7 | -1 |
एक्सिस क्रेडिट रिस्क फंड | 5.3 | 8.2 | 5.9 | 4.4 |
आदित्य बिरला सन लाइफ सेविंग फंड | 3.8 | 7.3 | 7.7 | 8.5 |
सोर्स; फिनकैशडॉटकॉम
कहां निवेश करना रहेगा सही?
अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो आपके लिए डेट फंड एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें पैसा एसआईपी (SIP) के माध्यम से लगाना चाहिए, जिसमें हर महीने निवेश किया जाता है। इससे जहां निवेश पर रिस्क कम हो जाता है और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। वहीं अगर आप मार्केट के रिस्क से दूर रहना चाहते हैं तो PPF में निवेश करना सही रहेगा। इसके अलावा कम समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो डेट फंड बेहतर विकल्प है क्योंकि PPF में 15 साल का लॉक इन पीरियड रहता है।
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