क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और यह कैसे काम करती है? – What is Cryptocurrency in Hindi
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आज के इस डिजिटल युग और फ़ास्ट इंटरनेट के दौर में किसी भी जानकारी को प्राप्त करना इतना आसान हैं कि हर प्रकार की जानकारी लोगो तक इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे के द्वारा दूसरो तक पहुंच जाती है। क्रिप्टोकरेंसी उनमे से एक है जो काफी लोग Cryptocurrency के बारे में नहीं जानते या जानना चाहते है और Cryptocurrencies के पीछे भाग रहे हैं।
क्योकि Crypto currency वित्तीय बाजार में लोगो के बीच काफी क्रिप्टोक्यूरेंसी के 8 सबसे सामान्य प्रकार लोकप्रिय हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी Currency है जिसने बहुत ही कम समय में देश-विदेश के वित्तीय बाजार (financial market) में अपनी पकड़ काफी मजबूत बना ली हैं।
क्रिप्टो करेंसी का बाजार पूरी दुनिया में इतना तेजी से बढ़ रहा है आज हर तरफ crypto currency की चर्चा हो रही है। भारत जैसे इतने बड़े देश में भी Cryptocurrency में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस समय भारत में लगभग 10 करोड़ क्रिप्टोकरेंसी निवेशक है।
जैसा कि आपको पता होगा क्रिप्टोकरेंसी एक Digital Money है इसे Digital Currency भी कहा जाता है। यह पूरी तरह से Virtual होता है Cryptocurrency को आप महसूस कर सकते है इसे आप अपने जेब या किसी लॉकर में बंद करके नहीं रख सकते है। क्रिप्टोकरेंसी केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध है और हम इसका उपयोग किसी भी प्रकार के फिजिकली लेन-देन में नहीं कर सकते।
वही अगर दूसरी Currencies की बात करें जैसे : भारत में रुपया (Rupees), चीन में युआन (Yuan), USA में डॉलर (Dollar), यूरोप में यूरो (Euro) इत्यादि करेंसी को नोट और सिक्के के रूप में इस्तेमाल किया जाता है इन करेंसी को किसी देश की सरकार द्वारा क्रिप्टोक्यूरेंसी के 8 सबसे सामान्य प्रकार जारी की जाती हैं और उसके बाद Currency को पूरे देश में लागू कर दिया जाता है।
इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी को भी पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यहाँ आपको यह जानने और समझने की जरुरत है कि Cryptocurrency के ऊपर किसी भी देश की सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता। क्रिप्टोकरेंसी विकेन्द्रीकृत (Decentrallized) करेंसी है इसलिए इनके ऊपर किसी देश की सरकार/ बैंक/ एजेंसी या बोर्ड का कोई अधिकार नहीं होता। जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य को विनियमित (Regulate) नहीं किया जा सकता।
दोस्तों जैसा कि पूरी दुनिया में Cryptocurrency kya hai के बारे में काफी चर्चा हो रही है लोग इस विषय के बारे में जानना चाहते है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस लेख में Cryptocurrency के विषय के बारे में बताने का प्रयास किया है जिसे आपको अवश्य जानना चाहिए, Cryptocurrency क्या है? तो चलिए शुरू करते है और जानते है कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
क्रिप्टोक्यूरेंसी के जोखिम क्या हैं निवेशकों के लिए
क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ती रुचि को देखते हुए, करेंसी के इस नए रूप के साथ-साथ उन्हें ताकत प्रदान करने वाली तकनीकों से जुड़े कानूनी परिणामों की समझ होना महत्वपूर्ण है। डिजिटल करेंसी की प्रकृति, अर्थ और परिणामों को फिलहाल दुनिया भर के सेंट्रल बैंक, टैक्स अथॉरिटी और रेगुलेटरी एजेंसी समझने की कोशिश कर रहे हैं। व्यक्तिगत इन्वेस्टर के रूप में क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कर मुनाफा कमाया जा सकता है, लेकिन आपके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने की प्रक्रिया में कानूनी जोखिम होता है।
ध्यान देना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी समझ से जुड़ी अनिश्चितता और अस्पष्टता दरअसल पारंपरिक भुगतान और करेंसी की तुलना में इसके नए तरीके के कारण पैदा होती है।
क्रिप्टोकरेंसी और टैक्स के बीच संबंध
क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने वालों के लिए सबसे बड़ी कानूनी परेशानी यह है कि सरकारी टैक्स अथॉरिटी की इन डिजिटल होल्डिंग्स की समझ। अभी वे इसके पहलुओं को समझ ही रहे हैं, इसलिए क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्सों के लिए नई घोषणाओं पर नजर बनाए रखना ज़रूरी है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 के आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स पर टैक्स लगाने के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी।
अमेरिका में, आईआरएस ने क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के बजाय प्रॉपर्टी के रूप में वर्गीकृत किया है। इससे व्यक्तिगत इन्वेस्टर्स कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में आ जाते हैं, जब उन्हें अपने सालाना टैक्स रिटर्न में अपनी होल्डिंग से प्राप्त प्रॉफिट और व्यय का ब्योरा देना होता है। क्रिप्टोकरेंसी कहीं से भी खरीदी गई हो लेकिन यह उन इन्वेस्टर्सों पर लागू होता है जो डिजिटल कॉयन की खरीद-बिक्री करते हैं। यदि कोई कर्मचारी वेतन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी कमाता है तो उनकी कमाई आय के रूप में टैक्स योग्य होगी और राशि उस समय क्रिप्टोकरेंसी के यूएसडी मूल्य पर निर्भर करेगी जिस समय इसका भुगतान किया गया था।
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए विदेशी खातों में होल्डिंग रखना कोई अजूबी बात नहीं है। अमेरिका में, संघीय कानून एक विदेशी क्रिप्टोकरेंसी खाते के स्वामित्व को ऐसे खाते के रूप में नहीं देखता जिसे रिपोर्ट करने की ज़रुरत हो। इसका मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसी खाता धारकों को यू.एस. ट्रेजरी विभाग को डिस्क्लोज़र दर्ज करने की ज़रुरत नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी की विकेंद्रीकृत स्थिति का आकलन
इन्वेस्टर्स के डिजिटल करेंसी में रुझान की वजह ही व्यक्तिगत इन्वेस्टर्सों के लिए क्रिप्टो जोखिम भी है। क्रिप्टोकरेंसी स्वाभाविक रूप से विकेंद्रीकृत हैं, उनका फिजिकल फॉर्म नहीं होता और किसी केंद्रीय अथॉरिटी से समर्थित नहीं हैं।
अब, हालांकि दुनिया भर की सरकारों ने कई तरीके से इस रेगुलेट करने की कोशिश की है, लेकिन बिटकॉइन और साथ ही अन्य डिजिटल करेंसी किसी भी संस्था या अधिकार क्षेत्र से जुड़ी नहीं हैं। इस वजह से हो सकता है कि इन्वेस्टर्स सम्बद्ध अथॉरिटी के प्रति खुद को दायित्व मुक्त समझ लें, लेकिन इससे कानूनी जटिलताएं भी हो सकती हैं।
अन्य सभी करेंसी की तरह, मालिक और इन्वेस्टर्सों ने डिजिटल करेंसी को जो मूल्य दिया है, वह पूरी तरह से निर्धारित करता है कि उनकी राशि क्या है। इसका मतलब है कि सेंट्रल अथॉरिटी (जो डिजिटल करेंसी के मूल्य को बनाए रखती है) न होने के कारण ट्रांजैक्शन के स्वामित्व से संबंधित जटिलता की स्थिति में इन्वेस्टर्स के सामने कई तरह की दिक्कतें आ जाती हैं।
विकेन्द्रीकृत स्थिति बनाए रखने से जुड़े क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों में से एक और जोखिम ट्रांजैक्शन की पेचीदगियों से जुड़ा है। जबकि करेंसी से जुड़े अधिकांश अन्य ट्रांजैक्शन फिजिकल फॉर्म में होते हैं या - इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन के मामले में, एक विश्वसनीय फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन डेट और डिपाजिट के क्लेम निपटाने के लिए जिम्मेदार माध्यम के रूप में कार्य करता है - क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन क्रिप्टोक्यूरेंसी के 8 सबसे सामान्य प्रकार के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं होता।
इस प्राथमिक अंतर के कारण, विभिन्न प्रकार के डिजिटल करेंसी ट्रांजैक्शन में शामिल पक्षों के बीच कानूनी भ्रम की संभावना अधिक है। ये करेंसीएं विकेंद्रीकृत हैं, इसलिए कानूनी सहारा लेना मुश्किल हो सकता है।
रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग
धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो गया है कि कई व्यवसायों ने भुगतान के रूप में डिजिटल करेंसी को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक्सबॉक्स स्टोर से लेकर होल फूड्स तक कई स्टोर अब 2022 तक बिटकॉइन भुगतान स्वीकार करने लगे हैं।
अन्य फाइनेंसियल क्षेत्रों की तरह, इन गतिविधियों के लिए कंपनियों को रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस लेने की ज़रुरत हो सकती है। डिजिटल करेंसी से जुड़े क़ानून जटिल हैं और अभी आकार ले ही रहे हैं, इसलिए क्रिप्टोकरेंसी बाजार से जुड़ी कंपनियों को इस बारे में बहुत जानकारी मिलनी बाकी है।
इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए इसे इस तरह देख सकते हैं कि पूरी तरह से क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति देने वाली कंपनियों को किसी भी लाइसेंस लेने की ज़रुरत नहीं हो सकती है, जबकि उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट करने की ज़रुरत पड़ सकती है।
कंपनियों के मालिक और मेनेजर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे उचित प्रोटोकॉल का पालन करें और स्थानीय, राज्य और सरकारी स्तरों पर कानूनी रूप से काम करें।
मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की परेशानी
कई लोगों की राय है कि क्रिप्टोकरेंसी ने आपराधिक संगठनों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य फाइनेंसियल अपराध और धोखाधड़ी करने का एक दायरा दे दिया है। इससे अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्स प्रभावित नहीं होंगे, जो इस नई तकनीक के ज़रिये ऐसे अपराध नहीं करना चाहते, लेकिन फिर भी इन्वेस्टर्स खुद को ऐसे अपराधों के शिकार हो सकते हैं। उनकी स्थिति विशेष रूप से अनिश्चित है क्योंकि उनके पास वे कानूनी विकल्प नहीं हैं जो फिलहाल आम धोखाधड़ी के पीड़ितों के पास होते हैं।
निष्कर्ष
क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों को समझना महत्वपूर्ण है और उन्हें खरीदने से पहले इसे पूरी तरह से समझना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये बहुत पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन आपको सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। आज ही एंजल वन वेबसाइट पर जाएँ और डिजिटल करेंसीज़ के बारे में और जानकारी हासिल करें।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है, महज जानकारी प्रदान करना न कि इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई सलाह/सुझाव प्रदान करना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने -बेचने की सिफारिश करना।
एंजेल वन लिमिटेड क्रिप्टो करेंसीज़ में इन्वेस्टमेंट और ट्रेड का समर्थन नहीं करता है। यह लेख केवल सूचना और जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इस तरह के जोखिम भरे फैसले करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट सलाहकार से बात करें।
क्या है सामान्य विधि के अंतर्गत संरक्षण का मौलिक अधिकार जानिए- Fundamental right
गिरफ्तारी का एक सामान्य रूप है देश की अनेक सामान्य विधियों के अंतर्गत आये दिन गिरफ्तारियां की जाती हैं। कभी इन गिरफ्तारियां के ठोस कारण होते हैं तो कभी कभी आशंका (संदेह) के आधार पर गिरफ्तार कर लिया जाता है। अतः ऐसे गिरफ्तार व्यक्तियों को स्वतंत्रता एवं उनके अधिकारों की रक्षा के लिए न केवल सामान्य विधियों में संरक्षण संविधान के मौलिक अधिकार प्राप्त है जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 22 (1) की परिभाषा
गिरफ्तार व्यक्ति का सबसे पहला अधिकार गिरफ्तारी का कारण जानने का है। गिरफ्तारी का कारण बताये बिना किसी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से लम्बे समय तक कैद नहीं रखा जा सकता है।
क्योंकि गिरफ्तारी का कारण जाने बिना गिरफ्तार व्यक्ति अपनी समुचित प्रतिरक्षा नहीं कर सकता है यहाँ तक कि जमानत पर छूट जाने के बाद भी उसका यह अधिकार बना रहता है, यह गिरफ्तार व्यक्ति का संवैधानिक एवं मौलिक अधिकार है।
Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️ बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। [email protected]
लूप क्या है? परिभाषा- हिंदी में [What is a loop? Definition - in Hindi]
लूप एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या स्क्रिप्ट है जो समान निर्देशों(Instructions) को दोहराता(repeat) है या रोकने के लिए आदेश प्राप्त होने तक एक ही जानकारी को बार-बार संसाधित(Processed) करता है। यदि ठीक से संभाला नहीं जाता है, तो एक लूप कंप्यूटर को धीमा होने का कारण बन सकता है क्योंकि यह एक अंतहीन(endless) लूप में समान चरणों(steps) को दोहराने(Repeat) से अभिभूत(Overwhelmed) हो जाता है। लूप एक प्रोग्रामिंग फ़ंक्शन है जो निर्दिष्ट सीमाओं(Specified limits) के आधार पर एक Statement या स्थिति(Conditions) को पुनरावृत्त(Repeated) करता है।
लूप फ़ंक्शन सभी प्रोग्रामिंग भाषाओं में लगभग समान तर्क(Similar logic) और Syntax का उपयोग करता है। इस प्रकार, एक Specific statement या Instructions के समूह को लगातार निष्पादित(Execute) किया जाता है जब तक कि एक Specific loop body या Boundary condition तक नहीं पहुंच जाती है। पूरे लूप बॉडी के पहले ऑपरेशन चक्र का परिणाम अगले पुनरावृत्ति(repeated) के शुरुआती बिंदु(starting point) के रूप में कार्य करता है। लूप सभी आधुनिक प्रोग्रामिंग भाषाओं द्वारा समर्थित(Supported) हैं, हालांकि उनके Implementation and syntax भिन्न हो सकते हैं। दो सबसे सामान्य प्रकार के लूप हैं, While loop और For loop.
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