फर्जी आनलाइन पाठ्यक्रमों और विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग के नाम पर काले धन को सफेद बनाने का खेल
हाल में ही कोलकाता स्थित केनरा बैंक की ब्रांच की शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
१. आनलाइन पाठ्यक्रमों के काम में लिप्त दो कंपनियों के खाते बैंक में खुलवाए गए.
२. यह खाते फर्जी केवायसी कागजातों के आधार पर खुलवाए गए.
३. जब कंपनियों के खाते में बड़े संदिग्ध लेनदेन हुए तो बैंक प्रशासन ने इसकी जांच की तो पाया कागजात फर्जी है.
४. बैंक द्वारा पुलिस शिकायत के बाद पता चला कि एक पैशेवर और उसके भाई द्वारा सारा लेनदेन किया जा रहा है.
५. बीस करोड़ रुपए बैंक खाते में जमा मिलें और इसके अलावा लगभग कैश ८ करोड़ रुपए इन लोगों के घर और कार में मिलें. इसके अलावा ज्वैलरी हीरे जवाहरात अलग मिलें.
६. दोनों भाई फरार है और खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.
७. साफ है दोनों लोग काले को सफेद बनाने के खेल में संलिप्त थे. काला धन लेकर अलग अलग जगह से कोर्स के नाम पर कंपनियों के खाते में जमा करवाया जाता था और फिर कंपनियों के खाते से बैंक माध्यम से पैसे खर्च के रूप में बाहर निकालकर उसे सफेद बना दिया जाता था.
८. इस व्यापार स्तर का खेल पूरे भारतवर्ष में फैला हुआ है. साफ है कैश रुपी एक समानांतर अर्थव्यवस्था देश में चल रही है जिस पर किसी भी तरह की नोटबंदी का कोई प्रभाव नहीं होता है.
९. लोग समयानुसार तरीके बदलते हैं लेकिन काला धन कमाना नहीं छोड़ते और इसका दोष हमारी वित्तीय एवं राजस्व नीतियों में खामियों को दिया जा सकता है.
इसी तरह अभी भोपाल में हुई आयकर रेड की बात करें तो यह तथ्य सामने आते है:
१. डायरियों पर ही 400 करोड़ से अधिक की जमीन की खरीद-फरोख्त के सबूत मिले हैं।
२. व्यापारियों के कर्मचारियों के परिसर से लेन-देन की डायरी और जमीन की बिक्री की डायरी बरामद की गई है।
३. इंदौर में टीनू संघवी के वास्तु ग्रुप और मंत्री परिवार के लाभम और शुभम ग्रुप पर चल रहे छापे के दौरान पार्टनर अलका बिसानी ने आयकर विभाग को शपथ पत्र पर कहा कि उनके पास 10 से 15 लाख कैश है लेकिन जब वार्डरोब के पीछे की सीक्रेट अलमारी खुली तो कैश देखकर सबके होश उड़ गए।
४. इस छापेमारी के दौरान अलका की वार्डरोब काफी व्यस्त सजी हुई थी, उसको देखने पर अधिकारियों को कुछ शंका हुई। और काफी खोजबीन की तो उसमें वार्डरोब की दीवार के पीछे एक गोपनीय गोदरेज की अलमारी रखी हुई थी जिसमें 500 और 2 हजार के नोटों की गड्डियां भरी हुई थीं। इन नोटों को निकाला, देर रात तक गिनती 3 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच चुकी थी।
५. नोट गिनने की मशीन भी रखी हुई थी। वहीं ज्वेलरी वैल्यूएशन 10 करोड़ तक पहुंच गया है।
६. आयकर विभाग ने रियल एस्टेट कारोबारियों और उनसे जुड़े लोगों के यहां छापा अभी जारी है.
७. देव बेकरी और एचडी वायर के संचालक दिलीप देव के भी इन ग्रुप से संबंध मिले हैं और पता चला है कि वे भी अपना पैसा लगाते थे।
८. इसी कड़ी में अकाउंटेंट के घर भी विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। यहां से बरामद हुई डायरियों में लेन-देन के हिसाब के साथ कोड लिखे मिले।
९. इस बीच आयकर विभाग ने कार्रवाई की जद में आए कारोबारियों के एक दर्जन से ज्यादा बैंक लॉकर भी सील कर दिए हैं।
१०. किसानों के नाम से जमीन के सौदे के दस्तावेज और करार भी जांच टीम के हाथ लगे हैं।
उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि बड़ी मात्रा में काला धन कैश के रूप में, फर्जी कंपनियों के नाम पर, फर्जी दस्तावेज के आधार पर, किसानों और कर्मचारियों के नाम पर, प्रापर्टी और सोना जवाहरात के रूप में – देश में खेल चल रहा है.
सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि ये सब इतने कठोर अनुपालन और नियमों के बावजूद धड़ल्ले से चल रहा है. मतलब साफ है कोई भी उपाय कर लें सरकार जब तक व्यापारी और जनता को नीति निर्धारण का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा, शायद आगे भी चलता रहेगा और विदेशी मुद्रा फोरम हम छापों की खबर पढ़ते रहेंगे लेकिन काले को सफेद बनाने का खेल किसी न किसी रूप विदेशी मुद्रा फोरम में जारी रहेगा.
*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर ९८२६१४४९६५*
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प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय एक बहुअनुशासनिक संगठन है जो धन शोधन के अपराध और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए अधिदेशित है। निदेशालय के वैधानिक कार्यों में निम्नलिखित अधिनियमों का प्रवर्तन शामिल है:
1. धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002(पीएमएलए): यह एक आपराधिक कानून है जिसे धन शोधन को रोकने के लिए और धन शोधन से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति की जब्ती का प्रावधान करने के लिए तथा उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए अधिनियमित किया गया है। प्रवर्तन-निदेशालय को अपराध की आय से प्राप्त संपत्ति का पता लगाने हेतु अन्वेषण करने, संपत्ति को अस्थायी रूप से संलग्न करने और अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और विशेष अदालत द्वारा संपत्ति की जब्ती सुनिश्चित करवाते हुए पीएमएलए के प्रावधानों के प्रवर्तन की जिम्मेदारी दी गई है।
2. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम,1999 (फेमा): यह एक नागरिक कानून है जो विदेशी व्यापार और भुगतान की सुविधा से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करने और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए अधिनियमित किया गया है। प्रवर्तननिदेशालय को विदेशी मुद्रा कानूनों और विनियमों के संदिग्ध उल्लंघनों के अन्वेषण करने,कानून का उल्लंघन करने वालों को न्यायनिर्णित करने और उन पर जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।
3. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम,2018 (एफ.ई.ओ.ए): यह कानून आर्थिक अपराधियों को भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर भागकर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने से रोकने के लिए बनाया गया था। यह एक ऐसा कानून है जिसके तहत निदेशालय को ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधी,जो गिरफ्तारी से बचते हुए भारत से बाहर भाग गए हैं,उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए तथा उनकी संपत्तियों को केंद्र सरकार से संलग्न करने का प्रावधान करने हेतु अधिदेशित किया गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर
मुंबई : विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में जबरदस्त बढ़ोतरी होने की बदौलत देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 2.54 अरब डॉलर की बढ़त लेकर 547.3 अरब डॉलर पर रहा था।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति तीन अरब डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 487.3 अरब डॉलर हो गयी। हालांकि इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 7.3 करोड़ डॉलर की गिरावट आई और यह कम होकर 39.9 अरब डॉलर रह गया।
आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 2.5 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 17.9 अरब डॉलर पर आ गया। इसी तरह इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि 1.4 करोड़ डॉलर कम होकर 5.03 अरब डॉलर पर आ गई।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर आया लेटेस्ट अपडेट, सात दिनों में खजाने में आया ये बदलाव
विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve in India) में गिरावट, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने की वजह से हुई. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.762 अरब डॉलर बढ़कर 632.952 अरब डॉलर हो गया था.
18 फरवरी को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 2.228 अरब डॉलर घटकर 564.832 अरब डॉलर रह गया.
देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves) को लेकर आरबीआई (RBI) ने लेटेस्ट आंकड़े जारी कर दिए हैं. मुद्रा परिसंपत्तियों में गिरावट आने के चलते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 फरवरी को खत्म हुए सप्ताह में 1.425 अरब डॉलर घटकर 631.527 अरब डॉलर रह गया. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.762 अरब डॉलर बढ़कर 632.952 अरब डॉलर हो गया था.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह
खबर के मुताबिक, आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve in India) में गिरावट, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने की वजह से हुई. आंकड़ों के मुताबिक, 18 फरवरी विदेशी मुद्रा फोरम को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 2.228 अरब डॉलर घटकर 564.832 अरब डॉलर रह गया.
डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.
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सात दिनों में गोल्ड रिजर्व का जान लीजिए अपडेट
आलोच्य सप्ताह में सोने के भंडार में तेजी जारी रही. समीक्षाधीन सप्ताह में 95.8 अरब डॉलर बढ़कर 42.467 अरब डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 12.2 करोड़ डॉलर घटकर 19.04 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.187 अरब डॉलर रह गया.
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