SAR/INR - सऊदी रियाल भारतीय रुपया
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Rupee Value : नहीं संभल रहा रुपया, डॉलर के मुकाबले 82.33 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा
भारतीय रुपया (Indian Rupee) संभलने का नाम नहीं ले रहा। अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 16 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 82.33 पर आ गया। दुनिया में कच्चे तेल के तीसरे सबसे बड़े आयातक के रूप में भारत की स्थिति को देखते हुए, इस सप्ताह रुपए पर तेल की बढ़ती कीमतों का सबसे बड़ा भार था। पिछले सत्र में रुपया 81.88 पर बंद हुआ था।
गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे गिरकर 81.66 पर आ गया था। इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से रुपये पर दबाव देखने को मिला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूती के साथ 81.52 पर खुला, लेकिन शुरुआती कारोबार में गिरकर 81.66 पर आ गया।
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इस प्रकार रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले चार पैसे गिर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 20 पैसे की तेजी के साथ 81.62 पर बंद हुआ था। दशहरे के मौके पर बुधवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद रहा। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत गिरकर 110.81 पर आ गया।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.13 प्रतिशत बढ़कर 93.49 डॉलर प्रति बैरल पर था। अस्थायी शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 1,344.63 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
एक बार फिर ऐतिहासिक स्तर पर अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं फिसला रुपया, डॉलर इंडेक्स का ऐसा है हाल
Rupee vs Dollar: शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 2,899.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। ग्लोबल तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.58 फीसदी गिरकर 85.65 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
नई दिल्ली। अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के बीच सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया (Rupee vs Dollar) 43 पैसे फिसलकर 81.52 के अब तक के निचले स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.47 के स्तर पर खुला। इसके बाद यह गिरकर 81.52 के स्तर पर आ गया। इस तरह पिछले सत्र के बंद भाव की तुलना में यह 43 पैसे फिसला। मालूम हो कि शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे टूटकर 81.09 के स्तर पर बंद हुआ था।
इन कारकों से प्रभावित हुआ भारतीय रुपया
निवेशकों के बीच रिस्क से बचने की भावना से भारतीय रुपये पर दबाव बना। इस संदर्भ में विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि यूक्रेन संकट की वजह से भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने से, डोमेस्टिक शेयर मार्केट में गिरावट से और विदेशी फंड की निकासी की वजह से भी निवेशकों के रुख में नरमी आई हैं।
डॉलर इंडेक्स का ऐसा है हाल
इसबीच डॉलर इंडेक्स की बात करें, तो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.67 फीसदी की बढ़त के साथ 113.94 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नवीनतम मौद्रिक नीति को सख्त करने से भी डॉलर को समर्थन मिला है। इससे भारत के रुपये के साथ ही ग्लोबल स्तर पर अन्य प्रमुख मुद्राएं कमजोर हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि यूएस अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने हाल ही में रेपो रेट में 75 आधार अंकों की वृद्धि की थी। यह फेड द्वारा लगातार तीसरी वृद्धि है।
क्या होगा इसका असर?
रुपये में गिरावट अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं का सबसे बड़ा असर इम्पोर्ट पर होगा। आयातकों को अब आयात के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। दरअशर रुपये की गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा। मौजूदा समय में भारत क्रूड ऑयल, कोयला, प्लास्टिक सामग्री, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वनस्पति तेल, फर्टिलाइजर, मशीनरी, सोना, आदि सहीत बहतु कुछ आयात करता है। रुपये के मूल्य में गिरावट से एक्सपोर्ट सस्ता होगा।
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Indian Currency News update: 9 पैसे की तेजी के साथ रुपया 74.38 प्रति डॉलर पर हुआ बंद
मुद्रा बाजार में रुपया 74.44 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 74.31 के उच्च स्तर पर और 74.49 के निम्न स्तर तक आने के बाद अंत में प्रति डॉलर नौ पैसे की तेजी के साथ 74.38 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
मुंबई| रुपया बुधवार अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 9 पैसे की तेजी के साथ 74.38 पर बंद हुआ। यह यूएस फेड नीति के फैसले के दो दिन पहले अाई के गिरावट के तौर पर देखा अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं जा रहा है। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार जुलाई महीने की समाप्ति और यूएस फेड के नीतिगत फैसले आने से पहले रुपये में उठापटक चल रही है।
यूरो और डॉलर की लड़ाई में रुपये की मजबूत शुरुआत
फॉरेक्स मार्केट के जानकारों का मानना है कि ग्रीस में गहराते संकट का असर ग्लोबल फॉरेक्स मार्केट पर पड़ेगा. इसके लिए केन्द्र सरकार के साथ-साथ रिजर्व बैंक लगातार सभी प्रमुख मुद्राओं पर नजर बनाए हुए है. हालांकि जानकारों का कहना है कि भारत का ग्रीस से कम कारोबार है लिहाजा देश के निर्यात पर गंभीर असर नहीं पड़ेगा.
राहुल मिश्र
- नई दिल्ली,
- 07 जुलाई 2015,
- (अपडेटेड 07 जुलाई 2015, 10:42 AM IST)
ग्रीस में रेफेरेंडम के नतीजों अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं के बावजूद रुपए में सोमवार को आई मजबूती मंगलवार को कायम रही. सुबह ग्लोबल फॉरेक्स मार्केट पर 1 डॉलर की कीमत 63.30 रुपये पर आ गई है. डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की बढ़त के साथ 63.30 के स्तर पर खुला है. वहीं सोमवार को 63.60 के ऊपर शुरुआत करने के बाद रुपये में शानदार रिकवरी हुई थी. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूती के साथ 63.40 पर बंद हुआ था.
फॉरेक्स मार्केट के जानकारों का मानना है कि ग्रीस में गहराते संकट का असर ग्लोबल फॉरेक्स मार्केट पर पड़ेगा. इसके लिए केन्द्र सरकार के साथ-साथ रिजर्व बैंक लगातार सभी प्रमुख मुद्राओं पर नजर बनाए हुए है.
मुद्रा बाजार पर आरबीआई की नजर
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि सरकार यूनान की स्थिति पर नजर रखे हुए और वहां के हालात का अंतरराष्ट्रीय मुदा बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है. निर्मला ने कहा, मुझे लगता है कि यूनान का मामला कुछ और दिन तक बना रहने जा रहा है और हम निश्चित रूप से स्थिति पर नजर रखेंगे. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्तर पर है.
ग्रीस संकट के दौरान दिखेगी डॉलर-यूरो के बीच खींचतान
रिजर्व बैंक तथा सरकार वहां की हालात पर पैनी नजर रखे हुए है. ग्रीस संकट का घरेलू मुद्रा पर क्या असर पड़ेगा इस बारे में पूछे जाने पर सीतारमन ने कहा कि इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी. हालांकि उन्होंने कहा कि डालर के मुकाबले यूरो कमजोर हुआ है. सीतारमन का मानना है कि ग्रीस में गहराते संकट में खासतौर पर यूरो और डॉलर के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा जहां मौजूदा समय में यूरो में कमजोरी देखने को मिल रही है. लिहाजा, इसके चलते इसका असर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार पर भी दिखाई देगा.
ग्रीस से कम व्यापार के चलते सुरक्षित है भारत का निर्यात
यूनान के साथ भारत का व्यापार बहुत कम है. वित्त वर्ष 2014-15 में भारत का ग्रीस को निर्यात 360.84 करोड़ डालर का था जबकि आयात केवल 12.77 करोड़ डालर का था. ग्रीस में संकट का व्यापार पर सीधा असर नहीं पड़ेगा लेकिन अगर यह संकट अगर समूचे यूरोप में फैलता है तो भारतीय निर्यात पर भी इसका बुरा असर दिखाई देगा.
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