क्यों बुद्धि विकल्प?
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर .
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के सही विकल्प चुनिये
थकान के कारण राजा को नींद आने लगी। इतने में किसी की कर्कश ध्वनि से उसकी नींद टूट गई। राजा को वहाँ कोई दिखाई न दिया। तभी उसे उसी कर्कश वाणी में सुनाई दिया, "पकड़ो, पकड़ो यह व्यक्ति जो सोया है, राजा है इसके गले में मोतियों की माला है। इसके पास अनेक आभूषण-अलंकार हैं लूट लो, सब लूट लो। इसे मारकर झाड़ी में डाल दो।" राजा यह सुनकर हड़बड़ा गया। उसने उठकर देखा कि सामने पेड़ की डाल पर एक तोता बैठा था। वही कड़वी वाणी में यह सब बोल रहा था। राजा आश्चर्य और भय से भर गया। जैसे ही वह घोड़े पर सवार होकर वहाँ से चलने लगा तो तोता फिर बोल पड़ा, "राजा जाग गया। देखो, देखो वह भागा जा रहा है। पकड़ो इसे पकड़ लो राजा गया। राजा उस स्थान से दूर निकल कर एक पर्वत की तलहटी में जा पहुंचा। उसे एक मधुर वाणी सुनाई दी, "आइए राजन, आइए। ऋषियों के इस पावन आश्रम में आपका स्वागत है।" राजा ने आश्चर्य से भरकर सामने वृक्ष की डाल पर बैठे एक तोते को देखा। उसे सरोवर के किनारे मिले तोते और इस तोते के रूप, रंग और आकार-प्रकार में काफी समानता लगी।राजा के मन में उठी शंका का निवारण करते हुए तोते ने कहा कि वह उसका जुड़वा भाई सुपंखी हैं और वह स्वयं सुकंठी है। समय के फेर ने दोनों को अलग कर दिया। वह चोरों की बस्ती में पला-बढ़ा है, तभी उसका आचरण उस परिवेश के समान ही कटु है। वह ऋषियों के आश्रम में पलने-बढ़ने के कारण इतना विनम्र है। वह चाहता है कि सुपंखी भी यहाँ आकर रहे, परन्तु अब उसके संस्कार इतने गहरे हो गए हैं कि आश्रम का वातावरण उसे बाँध नहीं पाता। राजा ने तोते की बात को सुना और वह समझ गया कि दोनों के व्यवहार में इतना अंतर क्यों है। क्यों बुद्धि विकल्प?
लेखक इस गद्यांश में कहना चाहता है कि
रजिया सज्जाद जहीर
भाई के सामने तर्क करते समय साफिया पर भावना हावी थी। वह भावना में बहकर मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत की बातें कह रही थी। उस समय वह गुस्से में थी। जब उसका गुस्सा उतर गया तब भावना के स्थान पर बुद्धि उस पर हावी होती चली गई। वह नमक की पुड़िया को सही सलामत ले जाने का उपाय सोचने लगी। उसके सामने कई विकल्प थे-वह कस्टम वालों के सामने नमक की पुड़िया को रख दे अगर उन्होंने इसे न ले जाने दिया तो उसके द्वारा बीबी को किए गए वायदे का क्या होगा। फिर उसने बुद्धि का प्रयोग कर विचार किया कि इसे कीनुओं की टोकरी में नीचे रख ले। कीनुओं के ढेर में भला इसे कौन देख पाएगा। उसने बुद्धि का प्रयोग कर ऐसा ही किया।
जब साफिया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?
साफिया जब अमृतसर पुल पर चढ़कर दूसरी तरफ जा रही थी तब कस्टम आफिसर पुल की सबसे निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप खड़े थे। उन्हें उस समय अपना वतन ढाका याद आ रहा था। वे यह अनुभव करने की कोशिश कर रहे थे कि अपने वतन में आकर कैसा लगता है। अपने वतन की चीजों का मजा ही कुछ और होता है।
‘नमक’ कहानी को लेखक ने अपने नजरिए से अन्य पुरुष शैली में लिखा है। आप साफिया की नजर से/उत्तर पुरुष शैली में इस कहानी को अपने शब्दों में कहें।
मैं एक सिख बीबी के यहाँ कीर्तन में गई हुई थी। बीबी लाहौर की रहने वाली थी और अब तक लाहौर को ही अपना वतन बताती थीं। जब उन्हें पता चला कि मैं कल लाहौर जाने वाली हूँ तो उन्होंने लाहौरी नमक की फरमाइश कर दी। मैंने इसका उनसे वायदा कर दिया। लाहौर पहुँचने पर मेरा प्रेमपूर्वक स्वागत हुआ। मेरा भाई वहाँ की पुलिस में है। मैंने उसे लाहौरी नमक की पुड़िया दिखाकर उसे भारत ले जाने की बात कही तो उसने साफ इनकार कर दिया। उसने इस काम को गैरकानूनी बताया, पर मैं तो नमक ले जाने पर तुली थी। क्यों बुद्धि विकल्प? मैंने कीनुओं की टोकरी में नमक की पुड़िया को छिपा लिया। पर मेरे मन में द्वंद्व था। मैं कोई भी काम चोरी-छिपे करने के विरुद्ध हूँ अत: मैंने अटारी में कस्टम आफिसर को नमक दिखाकर सारी बात बता दी। वह देहली का रहने वाला था और देहली को ही क्यों बुद्धि विकल्प? अपना वतन मानता था अत: उसने मुझे नमक ले जाने की इजाजत दे दी। मेरी गाड़ी अमृतसर जा पहुँची। वहाँ का कस्टम आफिसर ढाका का रहने वाला था और ढाका को ही अपना वतन मानता था। वह भी सहृदय निकला और उसने नमक लाने पर आपत्ति नहीं की। इस प्रकार मैं लाहौरी नमक भारत लाने में सफल हो गई। यह इंसानी रिश्तों की जीत थी।
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था?
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में यह द्वंद्व था कि वह इस नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कहकर दिखाकर ले जाए। पहले वह नमक की पुड़िया को कीनुओं के नीचे छिपाकर टोकरी में रख देती क्यों बुद्धि विकल्प? है। तब उसने सोचा इस पर भला किसकी निगाह जाएगी। इसे तो सिर्फ वही जानती है। पर जब कस्टम की जाँच के लिए उसका सामान बाहर निकाला जाने लगा तब उसने अचानक फैसला किया कि वह मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टमवालों को दिखाएगी। उसने किया भी ऐसा ही।
(क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।
(ख) क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं?
सामान्यत: ‘ही’ निपात का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में ‘ही’ के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवर्तन आया है? स्पष्ट कीजिए। ‘ही’ का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए।
प्रेरकों (प्रोत्साहित) के रूप में बुद्धि और प्रेम
कई चीजें हैं जो हमें प्रेरित करती हैं, लेकिन सबसे सामर्थशाली प्रेरकों में से एक है डर। लेकिन क्या डर वास्तव में एक अच्छा प्रेरक है? और क्या लोगों को प्रेरित करने के लिए भय का उपयोग करना जरुरी है?
अग्नि और गन्धक पर एक संदेश का प्रचार करने से लोगों को शुरू में भागना पड़ सकता है लेकिन फिर भी, लंबे समय तक, यह वास्तव में लोगों को परिपक्व होने का कारण नहीं बनाता है। वे केवल भय कारक के कारण धारण कर रहे हैं।
माता-पिता के रूप में, अनीता और मैं अक्सर चुनौतियों का सामना करते हैं जैसे अधिकांश माता-पिता करते हैं। हालाँकि, जो हमने हाल ही में परमेश्वर की आत्मा से प्रभावित महसूस किया था वह यह था कि अगर हम अपने बच्चों को लंबे समय तक अच्छे विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, तो भय वास्तव में काम नहीं करता है।
यदि हम अपने बच्चों को केवल भय पर आधारित करते हैं, तो अंत में वह भय दूर हो सकता है। इसे पर और बताते हुए मानव स्वभाव हमेशा उत्सुकता से वही करने की कोशिश कर रहा है जो हमें नहीं करने के लिए चेतावनी दी जाती है। उदाहरण के लिए :: अगर कोई भी बच्चे को गरम इस्त्री को न छूने को कहे तो, वह अंत में वह जाएगा और छुएगा। आशा है कि आप समझ पा रहे होंगे जो मैं बताने की कोशिश कर रहा हूं।
दूसरी ओर, बुद्धि भय की तुलना में बहुत बेहतर प्रेरक है। जब मैं कलीसिया या यहां तक कि अपने बच्चों को सिखाता हूं, तो मैं कोशिश और ध्यान केंद्रित करता हूं कि किसी विशेष कार्य को करने की जरूरत क्यों है। मुझे लगता है कि हालांकि यह कुछ समय और प्रयास लगता है, लेकिन जब लोग यह अपने लिए देखते हैं, तो लोग इसे सुन पसंद करते हैं। भय अल्पकालिक लाभ ला सकता है लेकिन ज्ञान हमेशा दीर्घकालिक और स्थायी लाभ लाता है।
दूसरी ओर भय एक व्यक्ति को पीड़ा देता है और अक्सर निंदा लाता है। इसके अलावा, जब हम एक प्रेरक के रूप में भय का उपयोग करते हैं, तो लोग आपके निर्देशों का पालन तब तक कर सकते हैं जब तक आप देख रहे हैं, लेकिन एक बार जब आप दृश्य से निकल जाते हैं तो वे वही करते हैं जो उन्हें लगता है कि महत्वपूर्ण है।
२ तीमुथियुस १:७ हमें खुशखबरी देता है कि एक मसीही होने के नाते, आपको और मुझे भय की आत्मा नहीं दी गई, बल्कि सामर्थ, प्रेम और संयम की आत्मा दी है। १ यूहन्ना ४:१८ कहता है कि सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है। जितना अधिक आप परमेश्वर के प्रेम और उनके प्रावधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उतना ही बेहतर आप भय पर विजय पा सकेंगे।
पवित्रशास्त्र कहता है, "परमेश्वर से प्रेम करनेवाले सबसे अच्छे सलहाकार हैं। उनके बातें बुद्धि को प्राप्त करता हैं और सच्चा और भरोसेमंद हैं।" (भजन संहिता ३७:३० टीपीटी) जैसे आप परमेश्वर के प्रेम का पीछा करते हैं, दिव्य बुद्धि आप में कार्य करने लगेगा; ऐसी बुद्धि जिसे बहार नहीं निकाला जा सकता।
प्रभु मेरा ज्योति और मेरा उद्धार है। डर मुझ पर हावी नहीं हो सकता है, क्योंकि प्रभु मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है। मैं अब और नहीं डरूंगा। यीशु के नाम में। (भजन संहिता २७:१)
प्रेरकों (प्रोत्साहित) के रूप में बुद्धि और प्रेम
कई चीजें हैं जो हमें प्रेरित करती हैं, लेकिन सबसे सामर्थशाली प्रेरकों में से एक है डर। लेकिन क्या डर वास्तव में एक अच्छा प्रेरक है? और क्या लोगों को प्रेरित करने के लिए भय का उपयोग करना जरुरी है?
अग्नि और गन्धक पर एक संदेश का प्रचार करने से लोगों को शुरू में भागना पड़ सकता है लेकिन फिर भी, लंबे समय तक, यह वास्तव में लोगों को परिपक्व होने का कारण नहीं बनाता है। वे केवल भय कारक के कारण धारण कर रहे हैं।
माता-पिता के रूप में, अनीता और मैं अक्सर चुनौतियों का सामना करते हैं जैसे अधिकांश माता-पिता करते हैं। हालाँकि, जो हमने हाल ही में परमेश्वर की आत्मा से प्रभावित महसूस किया था वह यह था कि अगर हम अपने बच्चों को लंबे समय तक अच्छे विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, तो भय वास्तव में काम नहीं करता है।
यदि हम अपने बच्चों को केवल भय पर आधारित करते हैं, तो अंत में वह भय दूर हो सकता है। इसे पर और बताते हुए मानव स्वभाव हमेशा उत्सुकता से वही करने की कोशिश कर रहा है जो हमें नहीं करने के लिए चेतावनी दी जाती है। उदाहरण के लिए :: अगर कोई भी बच्चे को गरम इस्त्री को न छूने को कहे तो, वह अंत में वह जाएगा और छुएगा। आशा है कि आप समझ पा रहे होंगे जो मैं बताने की कोशिश कर रहा हूं।
दूसरी ओर, बुद्धि भय की तुलना में बहुत बेहतर प्रेरक है। जब मैं कलीसिया या यहां तक कि अपने बच्चों को सिखाता हूं, तो मैं कोशिश और ध्यान केंद्रित करता हूं कि किसी विशेष कार्य को करने की जरूरत क्यों है। मुझे लगता है कि हालांकि यह कुछ समय और प्रयास लगता है, लेकिन जब लोग यह अपने लिए देखते हैं, तो लोग इसे सुन पसंद करते हैं। भय अल्पकालिक लाभ ला सकता है लेकिन ज्ञान हमेशा दीर्घकालिक और स्थायी लाभ लाता है।
दूसरी ओर भय एक व्यक्ति को पीड़ा देता है और अक्सर निंदा लाता है। इसके अलावा, जब हम एक प्रेरक के रूप में भय का उपयोग करते हैं, तो लोग आपके निर्देशों का पालन तब तक कर सकते हैं जब तक आप देख रहे हैं, लेकिन एक बार जब आप दृश्य से निकल जाते हैं तो वे वही करते हैं जो उन्हें लगता है कि महत्वपूर्ण है।
२ तीमुथियुस १:७ हमें खुशखबरी देता है कि एक मसीही होने के नाते, आपको और मुझे भय की आत्मा नहीं दी गई, बल्कि सामर्थ, प्रेम और संयम की आत्मा दी है। १ यूहन्ना ४:१८ कहता है कि सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है। जितना अधिक आप परमेश्वर के प्रेम और उनके प्रावधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उतना ही बेहतर आप भय पर विजय पा सकेंगे।
पवित्रशास्त्र कहता है, "परमेश्वर से प्रेम करनेवाले सबसे अच्छे सलहाकार हैं। उनके बातें बुद्धि को प्राप्त करता हैं और सच्चा और भरोसेमंद हैं।" (भजन संहिता ३७:३० टीपीटी) जैसे आप परमेश्वर के प्रेम का पीछा करते हैं, दिव्य बुद्धि आप में कार्य करने लगेगा; ऐसी बुद्धि जिसे बहार नहीं निकाला जा सकता।
प्रभु मेरा ज्योति और मेरा उद्धार है। डर मुझ पर हावी नहीं हो सकता है, क्योंकि प्रभु मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है। मैं अब और नहीं डरूंगा। यीशु के नाम में। (भजन संहिता २७:१)
'बुद्धि'
स्थानीय लोगों का दावा है कि रावण को उसकी 'बुद्धि और तपस्वी गुणों' के लिए पूजे जाने की परंपरा पिछले 300 वर्षों से गांव में चल रही है.
Budh Margi Effect: ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को वाणी, व्यापार, बुद्धि और धन का कारक माना गया है. बुध के मार्गी होने के कुछ राशियों की किस्मत बदल सकती है.
Friday puja : देवी लक्ष्मी को खुश करने के लिए विशेष पूजा पाठ और मंत्र जाप करना चाहिए. इस दिन पूजा अराधना करने से धन का अभाव कम होता है. देवी मां प्रसन्न होती हैं. बुद्धि विवेक में भी बढ़ोत्तरी होती है.
Maharashtra | Reported by: सुनील कुमार सिंह, Edited by: श्रावणी शैलजा |सोमवार जुलाई 18, 2022 11:09 AM IST
आत्मसम्मान मंच अध्यक्ष नित्यानंद ने कहा कि गड्ढों से मुम्बईकरों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है. साथ ही उन पर दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में अब भगवान ही बीएमसी के अधिकारियों को बुद्धि दें.
संसद की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि सांसद', 'शकुनी', 'जयचंद', 'लॉलीपॉप', 'चाण्डाल चौकड़ी', 'गुल खिलाए', 'पिठ्ठू' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. ऐसे क्यों बुद्धि विकल्प? शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा.
Budh Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बुध ग्रह जुलाई में 3 बार राशि परिवर्तन करेंगे. बुध क्यों बुद्धि विकल्प? का यह गोचर 4 राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है.
Wednesday Worship: बुधवार (Wednesday) के दिन बुद्धि के देवता माने जाने वाले भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja) की जाती है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक इस दिन बुध देव (Budh Dev) की भी पूजा की जाती है.
Wisdom Teeth: अकल दाढ़ जब निकलती है तो कई लोग तेज दर्द की शिकायत भी करते हैं. ठीक तरह से अलाइन नहीं होने पर ये दूसरे दांतों को नुकसान पहुंचा सकती है जिस कारण उन्हें निकलवाना भी पड़ सकता है.
बुधवार के दिन गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा करने का विधान है. बुध देव की कृपा पाने के लिए आज के दिन व्रत रखा जाता है. बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना गया है. मान्यता है कि बुध देव की कृपा से व्यापार और वाणी से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है. आइए पढ़ते हैं बुधवार व्रत कथा.
मान्यता है कि बजरंगबली की पूजा करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती क्यों बुद्धि विकल्प? है. पौराणिक मान्यताओं और विशेष कर स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था, इस कारण से यह दिन उनकी पूजा के लिए समर्पित कर दिया गया. मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान कवच का पाठ करने से बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है.
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