खंड 6 - पूंजी खाता लेन-देन से संबंधित है। इस अनुभाग में एक व्यक्ति को आकर्षित या से या पूंजी खाता लेन-देन के लिए एक अधिकृत व्यक्ति के लिए विदेशी मुद्रा बेचने के लिए अनुमति देता है। केंद्र सरकार के परामर्श से भारतीय रिजर्व बैंक। उप-धारा (2) और (3) धारा 6 की। के संदर्भ में पूंजी खाता लेन-देन पर विभिन्न नियमों जारी किया है

सरगना का एजेंट आकाश वर्मा गिरफ्तार

10 विषय प्रोग्राम्स में निवेश 2023

एक पाठ्यक्रम एक व्यापक विषय क्षेत्र के भीतर एक विशेष विषय का अध्ययन किया जाता है और एक योग्यता का आधार है. एक ठेठ पाठ्यक्रम व्याख्यान, आकलन और ट्यूटोरियल भी शामिल विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? है.

निवेश में शिक्षा के छात्रों के कौशल है कि संबंधित करियर की एक संख्या में सफलतापूर्वक प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक हो सकता है सिखाने के लिए करना है। इन व्यवसायों से कुछ धन प्रबंधन सलाहकार, वित्तीय योजनाकार और निवेश के प्रदर्शन विश्लेषक शामिल हैं।

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विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम की व्यापक योजना, 1999

धारा 3 - किसी अधिकृत व्यक्ति के माध्यम से छोड़कर विदेशी मुद्रा में लेन-देन पर प्रतिबंध लगाता है। इस खंड में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की सामान्य या विशेष अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति कर सकते हैं -

  • में डील या किसी भी व्यक्ति को किसी भी विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूतियों नहीं हस्तांतरण; एक अधिकृत व्यक्ति जा रहा है।
  • के लिए या किसी भी तरीके से भारत के बाहर किसी भी व्यक्ति के निवासी के ऋण के लिए किसी भी भुगतान करें।
  • किसी अधिकृत व्यक्ति के आदेश द्वारा या किसी भी तरीके से भारत के बाहर किसी भी व्यक्ति के निवासी की ओर से किसी भी भुगतान के माध्यम से अन्यथा प्राप्त करें।
  • के लिए या अधिग्रहण या निर्माण या किसी भी व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर किसी भी संपत्ति के अधिग्रहण के लिए एक अधिकार के हस्तांतरण के साथ संघ में विचार के रूप में भारत में किसी भी वित्तीय लेन-देन में दर्ज करें।

मोबाइल में दो हजार पेज विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? की चैटिंग

थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी आकाश के मोबाइल को चेक किया गया। इसमें दो हजार पेज की चैटिंग मिली। इस चैटिंग में ग्राहक और युवतियों से बातचीत की जानकारी मिली है। वह देशभर के ग्राहक और युवतियों विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? के संपर्क में था। देह व्यापार के मामले में पूर्व में गिरफ्तार करके जेल भेजी गई सरगना महिला के लिए काम करता था। वह खुद भी अपना देह व्यापार का नेटवर्क चला रहा था।

यह हुई आरोपी से बरामदगी

चार मोबाइल, 2020 रुपये, तीन हजार के पुराने नोट, चार अमेरिकी डालर, नेपाल के 20 रुपये, सऊदी अरब के चार नोट, उज्बेकिस्तान की मुद्रा, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पेन कार्ड, दो आईडी कार्ड बरामद हुए।

अब तक 11 आरोपी भेजे जेल
- देह व्यापार की सरगना महिला
- राहुल मिश्रा, होटल संचालक निवासी कृष्णापुरी कालोनी, ताजगंज।
- नितिन उर्फ निक्की प्रजापति, होटल संचालक निवास कच्ची सराय, ताजगंज।
- अर्पित निवासी कलाकुंज, मारुति एस्टेट।
- राहुल निवासी बाग मुजफ्फर खां।
- दो युवती निवासी नई दिल्ली।
- तीन युवती निवासी उज्बेकिस्तान।

सरगना महिला को एक और मामले में जमानत

ताजगंज पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजी देह व्यापार की सरगना महिला को एक और मामले में जमानत मिल गई। स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने सरगना महिला पर दर्ज धोखाधड़ी, जालसाजी और कूटरचित योजना के आरोप में की जमानत स्वीकार कर ली।

सरगना महिला के खिलाफ एसएचओ नरेंद्र कुमार ने 30 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि सरगना महिला के पास से बरामद मोबाइल की सिम सुनील कुमार निवासी गढ़ीखान, जमाखान, फर्रुखाबाद के नाम पर थी। इसमें फर्जी दस्तावेज लगाए थे। कोर्ट ने इस मामले में जमानत दे दी। इससे पहले भी एक मामले में आरोपी को जमानत मिल गई थी।

अभी एक आरोपी होटल संचालक फरार

देह व्यापार की सरगना महिला होटल संचालकों से मिलीभगत करके युवतियों को भेजती थी। मामले मेें पूर्व में पुलिस ने ताज हेवन होटल के संचालक राहुल मिश्रा और निक्की को जेल भेजा था। तीसरा साझीदार प्रशांत राघव अब तक हाथ नहीं आ सका है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई भारी गिरावट, जानिए कितना बचा है देश के पास रिजर्व

India TV Business Desk

Edited By: India TV Business Desk
Published on: September 03, 2022 17:52 IST

भारत के विदेशी मुद्रा. - India TV Hindi

Photo:INDIA TV भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई भारी गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Indian Forex Reserves) 3.007 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? गिरकर 561.046 अरब डॉलर हो गया है। भंडार में गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (एफसीए) में गिरावट थी। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 2.571 अरब डॉलर गिरकर 498.645 अरब डॉलर रह गया।

क्या कहता है आरबीआई?

विदेशी मुद्रा भंडार घटने के पीछे विश्व में आर्थिक मंदी आने के संकेत भी है। भारतीय रिजर्व बैंक इसे कंट्रोल करने की लगातार कोशिशें कर रहा है। उसके हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।

आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए।

व्यापार घाटे, विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने पर निगरानी रखना जरूरी: RBI

व्यापार घाटे, विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने पर निगरानी रखना जरूरी: RBI

अस्थिर अंतरराष्ट्रीय माहौल के बीच बढ़ते व्यापार घाटे (Trade विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? Deficit) और विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) द्वारा पूंजी निकासी पर कड़ी निगरानी जरूरी है. आरबीआई के एक लेख में यह बात कही गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर एम डी पात्रा के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा लिखे गए लेख में हालांकि कहा गया कि कमोडिटी (Commodity) की कीमतों में हालिया नरमी और आपूर्ति श्रृंखला के दबाव कम होने से देश को महंगाई के जाल से बचने में मदद मिलेगी.

रिकवरी की रफ्तार हुई कम: RBI

लेख के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अस्थिरता के सामने लचीला बनी हुई है, लेकिन भू-राजनीतिक बिखराव का असर कई क्षेत्रों में दिखाई दे रहे हैं और रिकवरी की रफ्तार को कम कर रहे हैं.

आरबीआई बुलेटिन (जुलाई) में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय वातावरण अस्थिर है, और इसलिए मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार के बावजूद बढ़ते व्यापार घाटे और पूंजी वाह्य प्रवाह पर कड़ी और लगातार निगरानी जरूरी है. केंद्रीय बैंक ने कहा विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हों.

लेख के मुताबिक, इस भारी झटके के बावजूद, हवा में जो चिंगारी हैं, वह अर्थव्यवस्था की मूलभूत ताकत को प्रज्वलित करती हैं और इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार करती है. हालांकि, मंदी का डर भी बना हुआ है.

कृषि गतिविधियों के बेहतर रहने की उम्मीद: RBI

लेखकों का मानना है कि हाल में मानसून में हुए सुधार से कृषि विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? गतिविधियों के बेहतर रहने की उम्मीद है, और ग्रामीण मांग जल्द ही तेजी पकड़ सकती है, जिससे रिकवरी को मजबूती मिलेगी.

आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने सोमवार को बैंकों से भारतीय रुपये में निर्यात और आयात ट्रांजैक्शन्स के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने को कहा था. केंद्रीय बैंक ने ऐसा ग्लोबल ट्रेडिंग कम्युनिटी की घरेलू करेंसी में बढ़ती रूचि को देखते हुए किया है. केंद्रीय बैंक ने एक सर्रकुलर में कहा था कि इस व्यवस्था को लागू करने से पहले, बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट से इजाजत की जरूरत पड़ेगी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहन देने, जिसमें निर्यात पर जोर हो और रुपये में ग्लोबल ट्रेडिंग कम्युनिटी की बढ़ती रूचि को देखते हुए, भारतीय रुपये में निर्यात या आयात की इनवॉयसिंग, पेमेंट और सेटलमेंट के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने का फैसला लिया गया है.

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