5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग है क्या? क्या हैं इसके फायदें? कौन कर सकता है ऑप्शन ट्रेडिंग? क्या हैं इसकी जरूरी शर्तें? इन सवालों के सभी जबाव 5 मिनट में .
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 1000 रुपये टूट जाता है और 29 हजार विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? तक आ जाता है तो एक लॉट पर आपको एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपये प्रति दस ग्राम प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपये रह जाता है.
फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे अलग है ऑप्शन ट्रेडिंग
फ्यूचर बाज़ार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं . अगर स्टॉपलॉस विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है लेकिन नुकसान जरूर होता है. स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है. जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं. इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिये नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं.
क्या है कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन
कॉल ऑप्शन तब इस्तेमाल होता है जब आपको लगता है कि किसी कमोडिटी में आप तेजी पर दांव लगाते हैं. काल ऑप्शन में आपको प्रीमियम भरना होता वहीं आपका अधिकतम नुकसान होता है. दूसरी ओर पुट ऑप्शन का इस्तेमाल तब होता है जब आपको लगता है कि बाज़ार में आगे मंदी के आसार है.
कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट में ऑप्शंस कैसे चलेगा?
एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि जो ऑप्शंस एक्सपायरी पर आउट ऑफ द मनी रह जाएंगे वे लॉस में कटेंगे. जिन ऑप्शन होल्डर्स के ऑप्शंस इन द मनी रहेंगे उनको अपनी पोजिशन प्रॉफिट में काटने या फिर उनको फ्यूचर्स पोजिशन में कनवर्ट करने की सहूलियत होगी.
सेबी ने यूरोपियन स्टाइल के ऑप्शंस लॉन्च को मंजूरी दी है
इक्विटी मार्केट के उलट कमोडिटी मार्केट में ऑप्शंस एक्सपायरी पर फ्यूचर्स प्राइस पर सेटल होंगे और ऑप्शन होल्डर को अपनी पोजिशन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में कनवर्ट करने का ऑप्शन होगा. इक्विटी मार्केट में एक्सपायरी पर ऑप्शन का सेटलमेंट स्टॉक या इंडेक्स के कैश यानी स्पॉट मार्केट रेट पर होता है. इक्विटी मार्केट में सेबी कैश मार्केट को रेगुलेट करता है जबकि एग्री कमोडिटी में सेबी कैश नहीं सिर्फ फ्यूचर्स को रेगुलेट करता है. यहां का कैश वाला कमोडिटी मार्केट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है.
ट्रेडिंग अकाउंट होना है जरूरी
कमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. अगर आपका पहले से फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं. अगर आप नया खाता खुलवा रहे हैं तो फ्यूचर की तरह ऑप्शन में कारोबार के लिए अलग से फार्म भरना पड़ेगा.
यह ट्रेडिंग खुलवाते समय जिस ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट खोल रहे है वह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल डेरेवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईक्स) का सदस्य जरूर हो. साथ ही बाज़ार में इस ब्रोकर की ठीक-ठीक पहचान हो. इसके लिए आप इन दोनों एक्सचेंज की बेवसाइट पर जाकर इन ब्रोकर्स के बारे जानकारी जुटा सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकउंट की आईडी मुहैया कराता. इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं. इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग के 5 बड़े फायदे
1-वायदा के मुकाबले कम रिस्क, रिटर्न ज्यादा
2- प्रीमियम पर टैक्स लगेगा इसलिए वायदा के मुकाबले टैक्स कम
3-हेजिंग का टूल होने से निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी
4-कमोडिटी में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी, कमोडिटी बाज़ार को बूस्टर मिलेगा
Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे, बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी और टूल देने के साथ-साथ प्रैक्टिस भी करवाए.
aajtak.in
- 16 मार्च 2021,
- (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)
लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी बचा लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.
निवेश करना क्यों है जरुरी?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.
निवेश करने के तरीके
‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’: बैंक के ‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’ कम समय के लिए अच्छा निवेश माना जाता है. इनमें आपको कम समय में ही आपके पैसे के साथ ब्याज भी मिल जाता है. इसमें निवेश करने के दौरान आपको बैंक के द्वारा 100 % सुरक्षा दी जाती है.
रियल एस्टेट में निवेश: मार्केट में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन रियल एस्टेट यानी प्रॉपर्टी में निवेश करना लोगों की पहली पसंद होती है. आमतौर पर लोग घर और निवेश के लिए ली गयी प्रॉपर्टी में अंतर नहीं कर पाते. हालाँकि दोनों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग- अलग होती है. इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले इन चीज़ों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.
गोल्ड में निवेश: गोल्ड को भारतीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है साथ ही निवेश करने का एक सुरक्षित माध्यम भी. गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड ईटीएफ जैसे माध्यम भी हैं, जो अतिरिक्त आय और सुरक्षित धन के रूप में काम आता हैं. यही कारण है कि फिजिकल गोल्ड के साथ लोग अब लिक्विड गोल्ड में भी निवेश करने लगे हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश
ट्रेडिंग किसी भी सामान या सेवाओं को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है, साथ ही किसी विशेष परिसंपत्तियों की कीमत पर पूर्वानुमान लगाने के लिए उसके ग्राफ का विश्लेषण करना भी ट्रेडिंग का एक हिस्सा है. ये मुख्य रूप से अतिरिक्त आय और लाभ कमाने की आशा से की जाती है. लेकिन क्या आपकी कंपनी को अच्छा करेगी, शेयर के दाम ऊपर जाएंगे और क्या आपको फायदा होगा? इन सभी बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है. अगर अपनी समझदारी और सतर्कता से निवेश न किया जाये तो ये घाटे का सौदा भी हो सकता है.
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है, जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी, टूल और प्रैक्टिस भी करवाए. ऐसे में Binomo आपके लिए एक अलग और बेहतर प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. जो कुछ परिसंपत्तियों पर डील्स खोलने और इसकी कीमत पर एक पूर्वानुमान लगाने का अवसर देता है, चाहे वह ऊपर या नीचे जाए.
घर बैठे ट्रेडिंग अब है सुविधाजनक
अगर आप अपनी सूझभूझ से काम लें तो Binomo ट्रेडिंग के लिए एक सुविधाजनक और यूज़र फ्रेंडली प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना कोई बच्चों का खेल नहीं है यहाँ बड़े- बड़े अनुभवी ट्रेडर्स भी मात खा जाते हैं. इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले इसकी हर बारीकी को समझना बहुत जरूरी है ताकि आने वाले जोखिमों से कुछ हद तक बचा जा सके. ऐसे में Binomo ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्षेत्र में यूजर्स को ट्रेनिंग देने पर फोकस करता है और दूसरी तरफ ऑनलाइन ट्रेडिंग में अनुभवी ट्रेडर्स को इस क्षेत्र मेंविशेषज्ञ बनने में मदद करता है.
इसके अलावा डेमो अकाउंट में Binomo ट्रेडिंग ऐप आपको $1000 के साथ शुरू करने का अवसर देता है. डेमो अकाउंट पर $1000 वर्चुअल होता है, जो निकालना मुमकिन नहीं है. लेकिन ट्रेड्स में नुकसान होने पर ये वर्चुअल अमाउंट वापस हो जाता है. ये केवल प्रैक्टिस के उद्देश्य के लिए है, जिसकी मदद से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर और तेज कर सकते हैं.
सिर्फ कुछ स्टेप्स में घर से शुरू करें ट्रेडिंग
Binomo.com की वेबसाइट पर जाकर ग्राहकों को रजिस्टर करने के बाद रियल अकाउंट पर ट्रेडिंग करने के लिए डिपॉजिट करने की जरूरत होगी. फंड विथड्रॉ करने की स्थिति में वेरिफिकेशन की जरुरत पड़ती है. 350 रुपये की न्यूनतम रकम के साथ आप अपने अकाउंट को शुरू भी कर सकते हैं, जिसमें ट्रेड की न्यूनतम कीमत 70 रुपये होगी. जबकि ट्रेड्स के नंबर पर कोई पाबंदी नहीं है.
हालाँकि निवेश करना अच्छी बात है लेकिन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिमों को जानना और समझना बहुत जरुरी है. इसके साथ ही घर की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही फंड का निवेश करना चाहिए. ट्रेडिंग किसी भी प्लेटफॉर्म पर की जाए इस क्षेत्र में अनुभव और जानकारी होना बहुत जरूरी है. अपनी सूझबूझ से किया गया निवेश आपको समय आने पर फायदा भी दिला सकता है.
इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे काम करता है?
इंडिकेटर अगर काम करता है तो क्यों 95% लोग ट्रेडिंग में नुकसान करते है ? - By Trading Chanakya (दिसंबर 2022)
सूचकांक विकल्प स्टॉक इंडेक्स जैसे एस एंड पी 500 या डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल औसत पर आधारित वित्तीय डेरिवेटिव हैं। सूचकांक विकल्प निवेशक को निर्धारित समय अवधि के लिए अंतर्निहित शेयर सूचकांक को खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं। चूंकि सूचकांक ऑप्शन सूचकांक में स्टॉक की एक बड़ी टोकरी पर आधारित होता है, इसलिए निवेशक आसानी से उनके पोर्टफोलियो को व्यापार करके विविधता प्राप्त कर सकते हैं। इंडेक्स ऑप्शंस का इस्तेमाल करते समय नकद निपटारा किया जाता है, जो एक स्टॉक पर विकल्प के विपरीत होता है, जहां का प्रयोग करते समय अंतर्निहित स्टॉक को स्थानांतरित किया जाता है।
इंडेक्स ऑप्शन्स को अपने व्यायाम के लिए अमेरिकी की बजाय यूरोपीय स्टाइल के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यूरोपीय स्टाइल विकल्पों का समापन पर उपयोग किया जा सकता है, जबकि अमेरिकी विकल्पों का समापन होने तक किसी भी समय उपयोग किया जा सकता है। इंडेक्स ऑप्शंस लचीला डेरिवेटिव हैं और इसका इस्तेमाल विभिन्न शेयरों वाले शेयर पोर्टफोलियो को हेजिंग के लिए या सूचकांक की भविष्य की दिशा में अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है।
निवेशक सूचकांक विकल्पों के साथ कई रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं सबसे आसान रणनीतियां कॉल खरीदने या सूचकांक को शामिल करना शामिल हैं। सूचकांक के स्तर पर एक शर्त बनाने के लिए, एक निवेशक एक कॉल विकल्प सीधे खरीदता है। सूचकांक पर विपरीत शर्त को कम करने के लिए, एक निवेशक पुट विकल्प खरीदता है संबंधित रणनीतियों में बैल कॉल स्प्रेड फैलता है और स्प्रेड फैलता है। बैल कॉल फैल में कम हड़ताल मूल्य पर एक कॉल विकल्प खरीदने, और फिर एक उच्च मूल्य पर कॉल ऑप्शन की बिक्री शामिल है। भालू को फैलाया सटीक विपरीत है। पैसे से बाहर एक विकल्प बेचकर, निवेशक स्थिति के लिए विकल्प प्रीमियम पर कम खर्च करता है। ये रणनीतियों निवेशकों को एक सीमित लाभ का एहसास करने की अनुमति देते हैं यदि सूचकांक ऊपर या नीचे जाता है लेकिन बेचा विकल्प के कारण कम पूंजी का जोखिम।
निवेशक बीमा के एक रूप के रूप में अपने पोर्टफोलियो को हेज करने के लिए विकल्प डाल सकते हैं अलग-अलग शेयरों का एक पोर्टफोलियो स्टॉक एक्सचेंज से काफी सहसंबंध रखता है, जिसका मतलब यह है कि शेयर की कीमतों में गिरावट आई है, तो बड़े सूचकांक में गिरावट आई है। प्रत्येक व्यक्तिगत स्टॉक के लिए पट ऑप्शन खरीदने के बजाय, जो महत्वपूर्ण लेनदेन लागतों और प्रीमियम की आवश्यकता होती है, निवेशक स्टॉक इंडेक्स पर पॉट ऑप्शंस खरीद सकते हैं। यह पोर्टफोलियो नुकसान को सीमित कर सकता है, क्योंकि शेयर विकल्प स्थिति लाभ मूल्य यदि शेयर सूचकांक में गिरावट आती है। निवेशक अभी भी पोर्टफोलियो के लिए ऊपर की ओर मुनाफे की क्षमता को बरकरार रखता है, हालांकि संभावित विकल्पों की वजह से प्रीमियम की कीमत कम हो जाती है और पॉट विकल्प के लिए लागत कम हो जाती है।
इंडेक्स ऑप्शंस के लिए एक और लोकप्रिय रणनीति कवर कॉल को बेच रही है। निवेशक शेयर सूचकांक के लिए अंतर्निहित अनुबंध खरीद सकते हैं, और फिर आय उत्पन्न करने के लिए ठेके के खिलाफ कॉल विकल्प बेच सकते हैं। अंतर्निहित सूचकांक के तटस्थ या मंदी की दृष्टि से एक निवेशक के लिए, कॉल विकल्प बेचकर लाभ का अनुमान लगाया जा सकता है यदि सूचकांक बग़ल में गिर जाता है या नीचे जाता है।यदि सूचकांक जारी रहता है, तो निवेशक को इंडेक्स मालिक होने से लाभ होता है लेकिन बेचा कॉल से खोए गए प्रीमियम पर पैसा खो देता है। यह एक और अधिक उन्नत रणनीति है, क्योंकि निवेशक को बेचा विकल्प और अंतर्निहित अनुबंध के बीच की स्थिति डेल्टा को समझने की जरूरत है ताकि पूरी तरह से जोखिम की मात्रा का पता लगाया जा सके।
कैसे आकृति का काम करता है काम करता है: जोखिम और पुरस्कार | इन्वेस्टोपैडिया
स्टार्टअप मोतिफ निवेश एक तरह से निवेशकों को पोर्टफोलियो बनाने, वास्तविक-शब्द रुझानों और एक अनूठे निवेश के अनुभव के लिए अनुकूलन के संयोजन के तरीके में बदलाव कर रहा है।
मेरे पास एक छोटा सा व्यवसाय है (एलएलसी), जो मैं अंशकालिक काम करता हूं। मैं एक कंपनी के लिए भी पूर्ण समय काम करता हूं और मुझे 401 (के) योजना में नामांकित किया गया है। क्या मैं अभी भी अपने अंशकालिक एलएलसी की आय से व्यक्तिगत 401 (के) में योगदान करने के योग्य हूं?
जब तक आपके पास कंपनी में कोई स्वामित्व न हो, जिसके लिए आप पूर्णकालिक काम करते हैं और आपके पास कंपनी के साथ एकमात्र संबंध कर्मचारी के रूप में है, तो आप अपने सीमित दायित्व के लिए एक स्वतंत्र 401 (के) कंपनी (एलएलसी) और कंपनी से मिलने वाली आय से योजना को फंड करें।
बोलिंगर बैंड्स ऑप्शन ट्रेडिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले हैं?
बोलिंजर बैंड का उपयोग अस्थिरता के परिवर्तनों और सही समय पर विकल्पों के विकल्प की पहचान करने के लिए; इन रणनीतियों का उपयोग करते हुए बुल या भालू बाजार में लाभ
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