Intraday Trading क्या है – Day Trading क्या है जाने शेयर ट्रेडिंग के बारे में हिंदी में
ट्रेडिंग से पैसे कमाने का तरीका लोगो को बहुत पसंद आता है खास कर तब जब उन्हें एक ही दिन के अन्दर ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने को मिले .
Intraday Trading एक ही दिन के अन्दर ट्रेडिंग करके के पैसे कमाने का सबसे आसान तरीका है . इंट्रा डे ट्रेडिंग कि मदद से लोग रोजाना हजारों रूपये कमा लेते है .
अगर आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग करके रोज शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते है तो आपको ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए .
क्योंकि ट्रेडिंग एक जोखिम भरा व्यापार है और इसमें आपको नुकसान भी हो सकता है . तो ट्रेडिंग के बारे में जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
चलिए अब जानते है Intraday Trading Vs Day Trading में क्या अंतर है ?.
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Intraday Trading Vs Day Trading Kya Hai
Intraday इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है ट्रेडिंग और Day ट्रेडिंग दरअसल एक ही है. एक ही दिन में कि जाने वाली ट्रेडिंग को कुछ लोग इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है और कुछ लोग डे ट्रेडिंग कहते है . लेकिन लोगों के बीच सबसे ज्यादा इंट्राडे ट्रेडिंग शब्द प्रचलित है .
चलिए अब इंट्राडे ट्रेडिंग शब्द का मतलब जानते है .
Intradday Trading Meaning in Hindi
Intraday Trading का मतलब हिंदी में = “एक दिन में होने वाली व्यापारिक क्रिया”, आसान भाषा में कहे तो, शेयर मार्केट में एक दिन के अन्दर Share कि खरीदी और बिक्री को हम Intraday Trading कहते है .
चलिए अब जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?
Intraday Trading Kya Hai
शेयर मार्केट के सुबह 9:15 AM पर खुलने से लेकर दोपहर 3:20 PM तक शेयर को खरीदने और बेचने को हम इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है .
इंट्राडे ट्रेडिंग एक दिन के अन्दर ही शेयर को खरीद कर और बेच कर कि जाती है. लेकिन इसमें शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने का समय बहुत मायने रखता है .
क्योंकि शेयर मार्केट 9:15 AM पर सुबह खुल जाती है, तो आप मार्केट खुलने के बाद स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीद सकते है .
और शेयर मार्केट 3:30 PM पर दोपहर में बंद हो जाती है और आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर मार्केट के बंद होने से पहले शेयर को 3:20 PM तक हर हाल में बेचना होता है .
अगर आप शेयर को नहीं बेचते तो भी शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग में आपके अकाउंट से आखरी कीमत पर बिक जाते है .
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए लिए आपके पास अपना Trading Account होना चाहिए क्योंकि आप बिना इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते .
चलिए अब जानते है कि ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
Trading Account Kya Hai
ट्रेडिंग अकाउंट हमारे बैंक के चालू खाते कि तरह ही होता है जिसमे हम जितना चाहे उतने शेयर को खरीद और बेच सकते है.
ट्रेडिंग अकाउंट में हमे Margin कि सुविधा भी मिलती है जो हमारे डाले गए पैसों को 2-5 गुना कर देती है .
मान लीजिये अपने इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए अपने अकाउंट में 10,000 रूपये डाले और आपको आपके ट्रेडिंग अकाउंट पर 5 गुना Margin कि सुविधा मिली है .
तो अब आपके 10,000 रूपए 50,000 रूपये हो जायेंगे और आप शेयर मार्केट से 50,000 रूपये कि कीमत तक शेयर खरीद पाएँगे.
अब अपना ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ी जरुरी जानकारी को जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े .
अगर आप जानना चाहते है कि इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते है तो हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
अब आप जान गए है Intraday Trading Kya Hai और Day Trading Kya Hai ? तो अब हमारी यह पोस्ट अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करे .
अगर आपके मन में Intraday Trading Kya Hai से जुड़े कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते है तो अपना सवाल पोस्ट करे हम आपको तुरंत जबाब देंगे .
इंट्राडे और डिलिवरी के बीच अंतर
हिंदी
निवेश के किसी भी छात्र के लिए , सबसे बड़ी बाधा कई वर्ग-बोली को समझना है जो एक स्टॉकब्रोकर लापरवाही से आपको गिरा देगा। यदि आप एक ही स्थिति में हैं , तो आप सही जगह पर आए हैं। निवेश के इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है निर्णयों में आपकी मदद करने के अलावा , हम आपको एक अनुभवी निवेशक के रूप में बढ़ने में मदद करने के लिए अलग-अलग स्टॉक मार्किट की शर्तों के बारे में भी शिक्षित करते हैं।
यदि आपने हाल ही में स्टॉक मार्किट में कदम रखा है , तो आप पहले से ही इस सवाल पर आ गए होंगे कि क्या आप इंट्राडे ट्रेडिंग पसंद करते हैं या स्टॉक्स की डिलीवरी चाहते हैं। यह आर्टिकल आपको इंट्राडे बनाम डिलीवरी ट्रेडिंग के विषय को समझने में मदद करेगा और उनके बीच क्या अंतर होते हैं।
सही निवेश विकल्प बनाने के लिए एक नए निवेशक के लिए इंट्रा डे और डिलीवरी के बीच अंतर को समझना जरूरी होता है।
तो , स्टॉक मार्किट में ट्रेड करने के दो तरीके होते हैं। इनमें से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है। इसका मतलब है कि आप उसी दिन स्टॉक खरीद / बेच सकते हैं , यानी , स्टॉक एक्सचेंज द्वारा निर्दिष्ट व्यापारिक घंटों के दौरान खरीद / बेच सकते हैं। इस तरह , आप शेयर खरीदते हैं जब कीमत कम होती है और जब उनकी कीमतें अधिक होती हैं तो बेचते हैं। आप मूल्य की गति से लाभ पाने वाले बने रहे हों। यह इंट्राडे ट्रेडिंग होती है।
फिर , वह कौन सी डिलीवरी है जिसके बारे में आप सुनते रहते हैं ? इसका मतलब होता है , आप शेयर खरीदते हैं और उन्हें रात भर रखते हैं और उनकी डिलीवरी लेते हैं , फिर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखाई देते हैं। आप जब चाहें इन्हें बेच सकते हैं। जब आप डिलीवरी ट्रेडिंग करते हैं , तो आप किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने की संभावना रखते हैं जो केवल ट्रेडिंग के बजाय निवेश के अवसरों में अधिक रुचि रखते हैं। एक निवेशक के रूप में , आप अधिक लंबी अवधि के लिए सोचते हैं।
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच एक स्पष्ट अंतर होता है। अन्य इंट्राडे बनाम डिलीवरी ट्रेडिंग पहलू आवश्यक पूंजी में निहित होते है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए , आपकी जरूरत की पूंजी कम होती है क्योंकि आप मार्जिन में भुगतान कर सकते हैं। मूल्य गति के आधार पर बड़े लाभ के लिए इस छोटे भुगतान का उपयोग किया जा सकता है। आपके पास एक मार्जिन भी उपलब्ध होता है ताकि आप ऐसे लेनदेन को अंजाम दे सकें जिनका मूल्य आपकी पूंजी से कई गुना अधिक हो।
फिर , डिलीवरी ट्रेडिंग के मामले में क्या होता है ? स्टॉक की डिलीवरी लेने के लिए आपको कितना फंड चाहिए ? आपको याद रखना चाहिए कि डिलीवरी ट्रेडिंग के मामले में , आपको पूर्ण भुगतान करने की जरूरत होगी। इसलिए , आपको अपने बजट और अपने लक्ष्यों के आधार पर अच्छी योजना बनानी होगी और निवेश करना होगा। डिलीवरी बनाम इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच यह एक और महत्वपूर्ण अंतर होते है जिसके बारे में आपको जागरूक रहना चाहिए।
हालांकि , ये दोनों के बीच परिभाषा के साधारण अंतर होते हैं। इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में जोखिम के अलग-अलग डिग्री शामिल होती हैं।
दोनों में जोखिम होते हैं। जब इंट्राडे की बात आती है , तो जोखिम एक दिन का मामला होता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में , आपके पदों को लंबे समय तक रखा जाता है , इसलिए जोखिम हमेशा बना रहता है। हालांकि , यह कहना नहीं है कि इंट्राडे ट्रेडिंग तनाव – मुक्त या जोखिम – मुक्त है। वास्तव में , इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा लग सकता है क्योंकि आपके द्वारा किया गया कोई भी लाभ या हानि उस दिन केवल सुरक्षा के प्रदर्शन पर आधारित होता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में , भले ही एक दिन सुरक्षा ठीक नहीं हो रही हो , आप बोनस या लाभांश के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए खड़े होते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग आपको एक दिन के दौरान मूल्य लाभ का लाभ उठाने देती है। लेकिन यह मांग करता है कि आप सही प्रविष्टि और सावधानी से बाहर निकलने की योजना के लिए सतर्क रहें। आपको दिन के दौरान मूल्य गतियों पर मिनट – टू – मिनट ध्यान देने की जरूरत है , ट्रेडिंग चार्ट और अनुसंधान कंपनियों का बारीकी से उपयोग करें। आपको उच्च तरलता वाले शेयरों , अस्थिरता और अन्य कारकों के बारे में सीखना होगा जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को फ़िल्टर करने में मदद करते हैं।
जब डिलीवरी ट्रेडिंग की बात आती है , तो आप थोड़ा अधिक आराम कर सकते हैं क्योंकि आपकी प्रतिभूतियों को बेचने के लिए आवश्यक समय की कोई सीमा नहीं है। ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आपको एक और इंट्राडे बनाम डिलीवरी पहलू पर विचार करना चाहिए।
एक और पहलू जो दोनों को अलग करता है वह है कम बिक्री। इंट्राडे ट्रेडिंग का एक फायदा यह है कि आप उन शेयरों को बेच सकते हैं जिन्हें आप खुद नहीं बेचते हैं। आप ब्रोकर से स्टॉक उधार लेते हैं , इसे बाजार में बेचते हैं , और दिन के लिए ट्रेडिंग खत्म होने से पहले कम कीमत के लिए इसे बाजार से वापस खरीदने की उम्मीद करते हैं। इस तरह , आप तब भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं , जब किसी सुरक्षा की कीमत गिर रही हो। हालांकि , इसमें जोखिम शामिल होते हैं , और इसे लेने के लिए आपको डे ट्रोडिंग में कुछ अनुभव की जरूरत हो सकती है।
डिलिवरी बनाम इंट्राडे व्यापार इक्विटी बाजार में सबसे अधिक चर्चा विषयों में से एक होते है। सरल शब्दों में , यदि आप शेयर ट्रेडिंग से एक त्वरित लाभ की खोज कर रहे हैं , तो इंट्राडे डे चुनने का सही विकल्प होता है। लेकिन एक निवेशक के रूप में , आपको दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान देना चाहिए। आप एक निवेशक के रूप में अपने लक्ष्यों के आधार पर दोनों विकल्पों का चयन कर सकते हैं या किसी एक पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
Intraday Trading Tips: क्या होती है डे ट्रेडिंग? कुछ घंटों में ही मिल सकता है मोटा मुनाफा, ध्यान रखें जरूरी टिप्स
How to start Day Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.
How to do Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.
How to start Day Trading or Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है. हालांकि निवेशकों की सोच अलग अलग होती है. कुछ निवेशकों का लक्ष्य लंबी अवधि का होता है और वे अपना पैसा अलग अलग लक्ष्य पूरा करने के लिए लांग टर्म के लिए निवेश करते हैं. वहीं, कुछ निवेशक शॉर्ट टर्म गोल लेकर बाजार में पैसा लगाते हैं. इन्हीं में से कुछ इंट्राडे इन्वेस्टर्स या डे ट्रेडर्स होते हैं. इंट्राडे ट्रेड में अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में डेली बेसिस पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है.
क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग
असल में बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो. डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
चुनें सही स्टॉक: ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो. जिन शेयरों में हाई लिक्विडिटी हो और आप उन्हें आसानी से सेल कर सकें. क्यों कि अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप नुकसान में पड़ जाएंगे. लेकिन लिक्विड स्टॉक में भी 2 या 3 ही स्टॉक चुनेंं.
मिडकैप स्कीम: म्यूचुअल फंड्स की इन स्कीम ने किया कमाल, 1, इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है 3, 5, 10 और 15 साल, लगातार दे रही हैं तगड़ा रिटर्न
Pension Plans: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम, बुढ़ापे में भी रुपये पैसे की नहीं होगी दिक्कत, पेंशन प्लान के समझें फायदे
Mutual Funds 2022: इन म्यूचुअल फंड स्कीम ने 1 साल में 78% तक दिया रिटर्न, आपने किसी में किया है निवेश
हॉयर ट्रेडिंग वॉल्यूम: हॉयर ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों का ही चुनाव करें. ऐसे शेयरों में ज्यादा से ज्यादा इन्वेसटर्स का रूझान होता है.
शेयर बाजार से अपडेट रहें: अपको डे ट्रेडिंग करते समय शेयर बाजार से अपडेट रहना जरूरी है. जानना जरूरी है कि बाजार को लेकर किस तरह कीर खबरें चल रही हैं. इससे आपको सही शेयर चुनने में मदद मिलेगी और आपद जोखिम से बच जाएंंगे.
मार्केट का ट्रेंड देखें: वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें और अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
एक्सपर्ट से सलाह लें: निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. उसके बाद रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें.
तय करें टारगेट: शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है.
जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
स्टॉप लॉस स्ट्रैटेजी: इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस जरूर लगाएं. पेनी स्टॉक में निवेश करने से बचें.
(Source: इसमें अलग अलग ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आणार पर टिप्स दिए गए हैं.)
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
कैसे मिलता है फायदा
इसका उदाहरण 1 अगस्त के कारोबार में देख सकते हैं. आज एयरटेल में निवेश करने वालों की चांदी रही है और शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ मिली है. असल में आज एजीआर इश्यू पर निवेशकों की नजर थी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है. जिसके बाद एयरटेल में 5 फीसदी तेजी आ गई. ऐसे ट्रेड का ध्यान रखना डे ट्रेडर्स के लिए जरूरी है.
एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?
सुबह 9:15 बजे से लेकर शाम को 3:30 बजे तक जो शेयर आपने इंट्राडे कहकर लिया है उसे 3:10 तक बेचना ही पड़ता है उस ट्रेड में आपको चाहे नुकसान हो, चाहे फायदा दोनों में से एक चीज ” बुक ” करनी ही पड़ेगी फायदा होता है तो आपकी पूंजी बढ़ जाएगी
और शेयर का रेट घट गया और आपको घटे रेट पर शेयर को बेचना ही पड़ेगा तो आपकी पूंजी घट जाएगी इसको (इंट्रा डे) बाजार कहते है इस बाजार में
इंट्राडे का व्यापार करने के लिए आपके पास कम से कम
₹50,000,00/= (पचास लाख) तो होना ही चाहिए
नहीं तो शॉर्ट टर्म या long टर्म निवेश कर
शेयर की डिलीवरी लेकर व्यपार करे!
अगर आप एक या ₹2,000,00/=लाख से इंट्राडे का व्यापार करेंगे तो आपकी पूंजी आहिस्ता आहिस्ता घटती जाएगी और एक दिन आप शेयर बाजार से बिल्कुल कंगाल हो जाएंगे।
इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है
1) कैश ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।
2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है
a) फ्यूचर ट्रेडिंग
शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।
b) ऑप्शन ट्रेडिंग
शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?
आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
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