नया नियम सभी बैंकों के लिए लागू
नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा. मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है. इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं.

Petrol Diesel CNG Price (Jagran File Photo)

एलएएफ

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरों को जस का तस रखा है, निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव लेकिन नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को आधा फीसदी घटाकर 6 से 5.5 फीसदी कर दिया है। दूसरे शब्दों में बैंकों को अब अपनी कुल जमा का 6 फीसदी नहीं, बल्कि 5.5 फीसदी हिस्सा ही रिजर्व बैंक के पास रखना होगा। यह फैसला 28 जनवरी 2012 से शुरू हो रहे पखवाड़े से लागू हो जाएगा। ध्यान दें कि सीआरआर में आधाऔर और निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव भी

कल अचानक जिस तरह की कयासबाज़ी बढ़ गई थी कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरें 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है, वह आज मंगलवार को पूरी तरह हवाई निकली। रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो और रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर दी है। अब तत्काल प्रभाव से रेपो दर 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 5.25 फीसदी से बढ़कर 5.50 फीसदी हो गईऔर और भी

एसएलआर 1% घटा, ऊपर से सिस्टम में 48000 करोड़ डालेगा रिजर्व बैंक

रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही के बीच में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव तरलता के संकट को स्वीकार किया है और इसे दूर करने के लिए उसने 18 दिसंबर से वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 25 फीसदी के मौजूदा स्तर से घटाकर 24 फीसदी कर दिया है। साथ ही उसने तय किया है कि अगले एक महीने में वह खुले बाजार ऑपरेशन (ओएमओ) के तहत नीलामी से 48,000 करोड़ रुपए के सरकारी बांड खरीदेगा। उसने सीआरआरऔर और भी

रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत बैंकों को निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव शाम को धन उपलब्ध कराने की खिड़की बंद कर दी थी। लेकिन इस हफ्ते के पहले दो दिनों में बैंकों ने जिस तरह एलएएफ के तहत भारी रकम उठाई, उसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह विशेष सुविधा दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। अब 16 दिसंबर तक बैंक हर कामकाजी दिन में शाम 4.15 बजे रिजर्व बैंक से रेपो दर पर सरकारीऔर और भी

मुद्रास्फीति को थामने के लिए रिजर्व बैंक ने बढाई ब्याज दर, 6% हुआ रेपो

दुनिया के सबसे बड़े निवेशक जॉर्ज सोरोस का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में चल रही तेजी में अगर कोई रुकावट है तो वह है मुद्रास्फीति का मंडराता खतरा। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर इसी खतरे का कम करने की कोशिश की है। मौद्रिक नीति की दूसरी त्रैमासिक समीक्षा के बीच में रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रेपो दर 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6 फीसदी और रिवर्स रेपो दर को 0.50 फीसदी बढ़ाकर तत्काल प्रभाव सेऔर और भी

बढ़ती मुद्रास्फीति ने आखिरकार रिजर्व बैंक को बेचैन कर ही दिया और उसने आज, शुक्रवार को ब्याज दरें बढ़ाकर मांग को घटाने का उपाय कर डाला। रिजर्व बैंक ने तत्काल प्रभाव से रेपो दर (रिजर्व बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों के एवज में रकम उधार लेने की ब्याज दर) 5.25 फीसदी से बढ़ाकर 5.50 फीसदी और रिवर्स रेपो दर (रिजर्व बैंक के पास धन जमा कराने पर बैंकों को मिलनेवाली ब्याज दर) 3.75 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदीऔर और भी

रिजर्व बैंक ने दी बैंकों को उधार लेने की सुविधा

सिस्टम में तरलता की कमी का जरा-सा संकेत मिलते ही रिजर्व बैंक मैदान में उतर आया है। उसने तय किया है कि बैंक चल निधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत कभी भी रिजर्व बैंक से अपनी कुल जमा का 0.5 फीसदी हिस्सा उधार ले सकते हैं। साथ ही एलएएफ सुविधा बैंकों को अब दिन में एक के बजाय दो बार दी जाएगी। रिजर्व बैंक का ताजा फैसला शुक्रवार 28 मई, 2010 से लागू हो जाएगा। लेकिन उसनेऔर और भी

निवेश – तथास्तु

किसी कंपनी के शेयर में किया गया निवेश साल-दर-साल अगर बैंक एफडी या सरकारी निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव बॉन्ड से ज्यादा रिटर्न दे रहा है तो मतलब कि आपने सही वक्त पर सही कंपनी पकड़ ली। लेकिन न तो हमेशा ऐसा होता है और न ही सही कंपनी चुनने का कोई अचूक सूत्र है। यकीनन, हमें हर कोण से देखने-परखने के बाद कंपनी चुननी चाहिए। लेकिन पोर्टफोलियो में कुछ कंपनियां शानदार रिटर्न देती हैं तो कुछ फिसड्डी और घाटे का सबब निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव […]

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

त्रेहान समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहान ने कहा कि आरबीआई ने इस वर्ष पहले ही दो तीन बार ब्याज दरों में वृद्धि की है, जिसका रियल एस्टेट की मांग पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था, विश्व स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस कारण भारतीय उपभोक्ता भविष्य के प्रति बहुत आशानवित है। नतीजतन, सभी प्रकार की संपत्तियों की मांग लगातार बनी हुई है और निकट भविष्य में इसकी मांग बनी हुई रहेगी।

RBI ने कहा- अस्थिर वैश्विक हालात से NPA बढ़ने का है खतरा

एआईपीएल के समूह कार्यकारी निदेशक पंकज पाल ने कहा कि मौजूदा महंगाई के परिदृश्य को देखते हुए आरबीआई का फैसला अपेक्षित है। इस फैसले से कर्ज और जमा दरों में मजबूती आने की संभावना है। डिमांड का थोड़ा सा प्रभाव हो सकता है, लेकिन हम हाउसिंग मार्केट के डिमांड पर एक बड़े प्रभाव की उम्मीद नहीं करते हैं। शेयर बाजार,सोना तथा अन्य निवेश के विकल्पों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस कारण से उपभोक्ताओं का रियल एस्टेट में निवेश के प्रति झुकाव बढ़ा है और आगे भी इसके बनी रहने की संभावना है।

दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी

दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों की बढ़ोतरी को देखते हुए आरबीआई ने मई में दरें बढ़ाना शुरू किया था। रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए मई और जून में नीतिगत दर में कुल 0.90 प्रतिशत की वृद्धि की थी। भारत में खुदरा महंगाई दर जून में लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के 6 प्रतिशत के निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव ऊपरी टॉलरेंस बैंड से अधिक चल रही है। जून में खुदरा महंगाई 7.01 फीसद पर आ गई थी। हालांकि, आरबीआई की माने तो महंगाई दर कुछ नीचे आई है।

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लोन होगा महंगा निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव और एफडी करने वालों को मिलेगा फायदा

रेपो रेट में वृद्धि होने से आने वाले दिनों में होम लोन, ऑटो लोन व दूसरे बैंकिंग लोन और भी महंगे हो जाएंगे। मई 2022 में जब आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 फीसद की वृद्धि की थी, तो उसके बाद कई बैंकों ने ताबड़तोड़ तरीके से अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया था। ब्याज दरों में आज हुई 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद बैंकों की तरफ से कर्ज की दरों को और बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, एफडी में निवेश करने वाले लोगों को बढ़ी निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव ब्याज दरों का फायदा मिल सकता है।

Mother Dairy amul hike price up to nine rupees in 2022 (Jagran File Photo)

क्या होता है रेपो रेट

रेपो रेट (Repo Rate) वह रेट होता है, जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को लोन देता है। इसका पूरा नाम रिप्रोडक्शन रेट (Reproduction Rate) है, लेकिन संक्षेप में इसे रेपो रेट (Repo Rate) कहते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यानी रेपो रेट कम हाेने से होम लोन (Home Loan), व्हीकल लोन (Vehicle loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) सभी सस्ते हो जाते हैं। लेकिन इससे आपकी जमा पर ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हो जाती है। इसी तरह इसके बढ़ने से सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं।

From 1st January, Payment system operators to report fraud on RBI DAKSH

बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट कराने वाले ध्यान दें! RBI ने बदला FD से जुड़ा ये नियम, जानें इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.

अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.

अगर आपने भी निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 03, 2021, 10:17 IST

नई दिल्ली. अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार FD से जुड़ा अहम नियम में बदलाव किया है. RBI ने बैंकों में Fixed Deposit की मियाद पूरी होने के बाद बिना दावे वाली राशि पर ब्याज के नियमों में बदलाव किया है. नए नियम के अुनसार, अगर मैच्योरिटी की तारीख पूरी हो जाती है बावजूद इसकी राशि पर क्लेम निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव नहीं किया जाता है तो इस पर ​ब्याज कम मिलेगा.

RBI ने सर्कुलर में कहा कि यह निर्णय किया गया है कि अगर फिक्स्ड डिपॉजिट परिपक्व (FD maturity) होती है व राशि का भुगतान नहीं हो पाता है और वह बिना दावा के बैंक में पड़ी रहती है तो उस पर ब्याज दर बचत खाता के हिसाब से या सावधि जमा की परिपक्वता पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम हो, देय होगी.

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ट्रेन का शेड्यूल यहाँ देखें

गाड़ी सं 05577 सहरसा-अमृतसर अनारक्षित एक्सप्रेस स्पेशल सहरसा से दिनांक 16.06.2022 को 08.45 बजे खुलकर अगले दिन 17.00 बजे अमृतसर पहुंचेगी. इस स्पेशल ट्रेन में साधारण श्रेणी के 22 एवं एसएलआर के 02 कोच सहित कुल 24 कोच होंगे.

यह स्पेशल ट्रेन सहरसा और अमृतसर के बीच सिमरी बख्तियारपुर, कोपरिया, मानसी, खगड़िया, लखमिनिया, बेगूसराय, बरौनी, बछवारा, विद्यापतिधाम, मोहिउद्दीननगर, शाहपुर पटोरी, महनार रोड, देसरी, अक्षयवट राय नगर, हाजीपुर, सोनपुर, दिघवारा, छपरा, दुरौंधा, सिवान, मैरवा, भटनी, देवरिया सदर, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बुढ़वल, सीतापुर, मैकलगंज, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, स्योहारा, नजीबावाद, लक्सर, सहारनपुर, यमुनानगर जगाधरी, अम्बाला कैंट, राजपुरा, सरहिंद, ढंडारी कलां, लुधियाना, फिल्लौर, फागवारा, जलंधर सिटी एवं व्यास स्टेशनों पर रूकेगी.

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