अप्रैल से अगस्त के बीच देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो चुका है

शुरुआती कारोबार में अमेरिकी अमरीकी डालर के व्यापार डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे चढ़कर 77.31 पर पहुंचा

Rupee: शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे चढ़कर अमरीकी डालर के व्यापार 77.31 पर पहुंच गया. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.65 पर आ गया.

Published: May 13, 2022 12:17 PM IST

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

Rupee: रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे चढ़ गया. अमेरिकी मुद्रा में आई कुछ कमजोरी से रुपये को बल मिला. इससे पहले बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था.

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अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.35 पर खुला, और फिर बढ़त दर्ज करते हुए 77.31 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 19 पैसे की बढ़त दर्शाता है.

रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 25 पैसे की गिरावट के साथ 77.50 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था जो इसका सर्वकालिक निचला स्तर था.

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सीमित दायरे में कारोबार कर सकता है.

इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.65 पर आ गया.

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.68 प्रतिशत बढ़कर 109.25 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.

शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 5,255.75 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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चीन को पछाड़ भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना अमेरिका, हुआ 119 अरब डॉलर का कारोबार

भारत से अमेरिका पेट्रोलियम, पॉलिश किए गए हीरे, दवा उत्पाद और अन्य चीजें निर्यात करता है। जबकि भारत, अमेरिका से कच्चे हीरे, कोयला और तरल प्राकृतिक गैस जैसी चीजें आयात करता है।

चीन को पछाड़ भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना अमेरिका, हुआ 119 अरब डॉलर का कारोबार

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (फोटो सोर्स: @narendraModi)

भारत अब अमेरिका का शीर्ष व्यापारिक भागीदार बन गया है और यह दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को भी दर्शाता है। वाणिज्य मंत्रालय के 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 119 बिलियन अमेरिकी डॉलर पार कर गया। दोनों देशों के बीच करीब 119.42 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ। जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को निर्यात 2021-22 में बढ़कर 76.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 51.अमरीकी डालर के व्यापार 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। जबकि आयात 2020-21 में लगभग 29 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 43.31 बिलियन अमेरिकी डॉलर अमरीकी डालर के व्यापार हो गया। 2021-22 के दौरान चीन के साथ भारत का वाणिज्य व्यापार 115.42 बिलियन अमरीकी डालर था, जबकि 2020-21 में यह 86.4 बिलियन अमरीकी डॉलर था।

चीन को निर्यात पिछले वित्त वर्ष में मामूली रूप से बढ़कर 21.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो उसके पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में 21.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। जबकि आयात 2020-21 में लगभग 65.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 94.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। व्यापार अंतर 2021-22 में बढ़कर 72.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

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फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के उपाध्यक्ष खालिद खान ने बताया कि भारत एक विश्वसनीय व्यापारिक भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां अपनी आपूर्ति के लिए केवल चीन पर निर्भरता कम कर रही हैं और भारत जैसे अन्य देशों में कारोबार का विस्तार कर रही हैं।

भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम) बैंगलोर के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा, “भारत दुनिया के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार के साथ 1.39 अरब लोगों का घर है और अद्वितीय जनसांख्यिकीय लाभांश के साथ सबसे तेजी से बढ़ती बाजार अर्थव्यवस्था के लिए विशाल अवसर प्रदान करता है। भारत से अमेरिका को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में पेट्रोलियम, पॉलिश किए गए हीरे, दवा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल और पेट्रोलियम आदि शामिल हैं। जबकि अमेरिका से प्रमुख आयात में पेट्रोलियम, कच्चे हीरे, तरल प्राकृतिक गैस, सोना, कोयला शामिल हैं।”

अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार, 2021-22 में द्वपिक्षीय व्यापार 119.42 अरब डॉलर पर

अमेरिका बीते वित्त वर्ष (2021-22) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। इससे दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक रिश्तों का पता चलता है।

Image: PTI

अमेरिका बीते वित्त वर्ष (2021-22) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। इससे दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक रिश्तों का पता चलता है। इस तरह भारत के साथ व्यापार के मामले में अमेरिका ने चीन को पीछ़े छोड़ दिया है।अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्वपिक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था।

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 51.62 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस दौरान अमेरिका से भारत का आयात बढ़कर 43.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 29 अरब डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत-चीन द्वपिक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था।

वित्त वर्ष के दौरान चीन को भारत का निर्यात मामूली बढ़कर 21.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर रहा था।

वहीं इस दौरान चीन से भारत का आयात बढ़कर 94.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 65.21 अरब डॉलर पर था। वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 44 अरब डॉलर रहा था।

व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्वपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। वैश्विक कंपनियां अपने कारोबार का भारत और अन्य देशों में विविधीकरण कर रही हैं।

खान ने कहा, ‘‘आगामी बरसों में भारत-अमेरिका द्वपिक्षीय व्यापार और बढ़ेगा। भारत, अमेरिका की हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) पहल में अमरीकी डालर के व्यापार शामिल हुआ है। इससे आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।’’भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), बेंगलूर के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि 1.39 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते अमेरिका और भारत की कंपनियों के पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण, व्यापार और निवेश के काफी अवसर हैं।

जोशी ने बताया कि भारत द्वारा अमेरिका को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, पालिश हीरों, फार्मा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल आदि का निर्यात किया जाता है। वहीं अमेरिका से भारत पेट्रोलियम पदार्थ, तरल प्राकृतिक गैस, सोने, कोयले और बादाम का आयात करता है।

अमेरिका उन कुछ देशों में है जिनके साथ भारत व्यापार अधिशेष की स्थिति में है।

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का है। 2013-14 से 2107-18 तक और उसके बाद 2020-21 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

India’s Trade Deficit : डबल से भी ज्यादा हुआ भारत का व्यापार घाटा, निर्यात में मामूली इजाफा

अगस्त के महीने में भारत का व्यापार घाटा 27.98 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है, जो साल 2021 के अगस्त महीने के मुकाबले में दोगुने से भी ज्यादा है

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अप्रैल से अगस्त के बीच देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो चुका है

India’s trade deficit : केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने में देश का व्यापार घाटा डबल से भी ज्यादा रहा है. अगस्त के महीने में भारत का व्यापार घाटा 27.98 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है, जो साल 2021 के अगस्त महीने के मुकाबले में दोगुने से भी ज्यादा है. पिछले साल अगस्त में व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर दर्ज किया गया था. आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त के बीच देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो चुका है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 53.78 अरब डॉलर था. अगस्त महीने में देश के इम्पोर्ट 37.28 फीसदी की बढ़त के साथ 61.9 अरब डॉलर पहुंच गया है.

कच्चे तेल के इम्पोर्ट में 87.44 फीसदी का इजाफा

भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है, जिसकी वजह से उसका इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के मुकाबले बहुत ज्यादा हो जाता है. अगस्त के महीने में कच्चे तेल का आयात 87.44 प्रतिशत के इजाफे के साथ बढ़कर 17.7 अरब डॉलर दर्ज किया गया. हालांकि, गोल्ड इम्पोर्ट में 47 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, अगस्त में गोल्ड इम्पोर्ट घटकर 3.57 अरब डॉलर रहा, जबकि सिल्वर का आयात बढ़कर 684.34 मिलियन अमेरिकी डॉलर करीब पहुंच गया, जो पिछले साल अगस्त में 15.49 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.

मेजर कमोडिटी प्रोडेक्ट्स के इम्पोर्ट में भी हुआ खासा इजाफा

अगस्त में मेजर कमोडिटी प्रोडेक्ट्स के इम्पोर्ट खासा इजाफा देखा गया. कोयला, कोक और ब्रिकेट्स का इम्पोर्ट 133.64 फीसदी के इजाफे के साथ 4.5 बिलियन अमरीकी डालर पर पहुंच गया, केमिकल इम्पोर्ट 43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3 बिलियन अमरीकी डालर पर रहा, वनस्पति तेल में 41.55 प्रतिशत के इजाफे के साथ 2 बिलियन अमरीकी डालर के करीब पहुंच गया. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामान, चावल, चाय, कॉफी और केमिकल्स के इम्पोर्ट में इजाफा देखा गया. वहीं पेट्रोलियम उत्पादों का एक्सपोर्ट 22.76 फीसदी के इजाफे के साथ बढ़कर 5.71 अरब डॉलर हो गया. इसी तरह केमिकल्स और फार्मा से जुड़ी शिपमेंट में 13.47 प्रतिशत और 6.76 प्रतिशत बढ़कर 2.53 बिलियन अमरीकी डालर और 2.14 बिलियन अमरीकी डालर हो गए.

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एक्सपोर्ट में मामूली बढ़त

अगस्त महीने में देश का एक्सपोर्ट 1.62 फीसदी इजाफे के साथ 33.92 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है. मौजूदा फाइनेंशल ईयर के अप्रैल से अगस्त के बीच देश के एक्सपोर्ट 17.68 फीसदी की बढ़त के साथ 193.51 बिलियन अमरीकी डॉलर पर पहुंच गया. जबकि इस दौरान देश का इम्पोर्ट 45.74 प्रतिशत इजाफे के साथ 318 अरब डॉलर हो गया है.

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Published: May 13, 2022 12:17 PM IST

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Rupee: रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे चढ़ गया. अमेरिकी मुद्रा में आई कुछ कमजोरी से रुपये को बल मिला. इससे पहले बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था.

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रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 25 पैसे की गिरावट के साथ 77.50 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था जो इसका सर्वकालिक निचला स्तर था.

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वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.68 प्रतिशत बढ़कर 109.25 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.

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