इंस्टा ईएमआई कार्ड की पात्रता और डॉक्यूमेंट
जो लोग भी नीचे दिए गए बुनियादी मानदंडों को पूरा करते हैं, वह हमारे इंस्टा ईएमआई कार्ड को पा सकते हैं. अगर आप पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, तो आपको अपने एप्लीकेशन प्रोसेस को पूरा करने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता पड़ेगी.
पात्रता मानदंड
- राष्ट्रीयता: भारतीय
- उम्र: 21 वर्ष से 65 वर्ष तक
- आय: आपके पास नियमित आय स्रोत होना चाहिए
आवश्यक डॉक्यूमेंट
- PAN कार्ड
- एड्रेस प्रूफ
- कैंसल चेक
- हस्ताक्षर किया हुआ ECS मैंडेट
अधिक विवरण
आपको इंस्टा ईएमआई कार्ड मिल सकता है या नहीं, इसके लिए आपकी पर्सनल जानकारी की आवश्यकता होती है.
आपकी पात्रता और कार्ड लिमिट निर्धारित करने के लिए इन कारकों पर विचार किया जाता है.
- आयु: 21 से 65 वर्ष की आयु के कस्टमर इंस्टा ईएमआई कार्ड प्राप्त करने के लिए पात्र हैं.
- आय का नियमित स्रोत: आपकी इंस्टा ईएमआई कार्ड की लिमिट आपकी मासिक आय के अनुसार तय की जाती है. लेकिन, अगर आपके पहले से ही कई लोन चल रहे हैं, तो जब तक आपके कुछ लोन कम नहीं होते, तब तक आपको कम लिमिट दी जाएगी.
- शहर: आप किस शहर में रहते हैं, इसके आधार पर आपकी इंस्टा ईएमआई कार्ड की लिमिट अलग हो सकती है. ऐसा इसलिए है कि आम तौर पर बड़े शहरों में छोटे शहरों के मुकाबले अधिक आय होती है.
- क्रेडिट रेटिंग: हमारे लिए, आपकी क्रेडिट रेटिंग एक सबसे ज़रूरी बात है. आपके क्रेडिट स्कोर को तय करने के लिए, क्रेडिट ब्यूरो (TransUnion, सिबिल, Experian आदि) आपके सभी लोन्स और क्रेडिट कार्ड के लिए आपके पुनर्भुगतान इतिहास को ट्रैक करते हैं. बेहतर क्रेडिट स्कोर आपके कार्ड पाने की और उस पर अच्छी लिमिट पाने की संभावनाओं को बढ़ाता है. हमारा इंस्टा ईएमआई कार्ड पाने के लिए, 750 या उससे अधिक का सिबिल स्कोर होना आवश्यक है.
- पुनर्भुगतान इतिहास: समय पर ईएमआई का पुनर्भुगतान करना एक अच्छी आदत है और इस बात का संकेत है कि आप अपनी फाइनेंशियल ज़िम्मेदारी समझते हैं. जब आप समय पर अपनी ईएमआई का भुगतान करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ जाता है. जब आप मासिक भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम होता जाता है.
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Long Term Investment: लॉन्ग टर्म निवेश के लिए क्या हो सकते हैं बेहतर विकल्प, आसान बिंदुओं में समझें
किसी फंड हाउस में हर फंड मैनेजर अपने उत्पाद के मैंडेट के मुताबिक निवेश का तरीका अपनाता है. इसी तरह देखें तो हम आमतौर पर वित्तीय, औद्योगिक और कंज्यूमर डिस्क्रेशनेरी (जिसका नेतृत्व ऑटो करता है) सेगमेंट के लिए सकारात्मक नजरिया रखते हैं.
श्रीनिवास राव रावुरी, CIO, PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड
"यह सबसे अच्छा समय था, यह सबसे बुरा समय था" -
चार्ल्स डिकेंस के अ टेल ऑफ टू सिटीज की यह शुरुआती पंक्ति है और यह संभवत: बाजार के मौजूदा परिदृश्य को सटीक तरीके से बताती है. हमारे सामने तरक्की का लंबा रास्ता है, लेकिन वैश्विक सुस्ती, भू-राजनीतिक मसलों, ऊंची ब्याज दरों जैसे तमाम मसलों का शोर भी है. भारतीय बाजारों में करीब 18 महीने तक की तेजी के बाद पिछले एक साल में मिलाजुला रुख देखा गया.
बाजार उतार-चढ़ाव वाला रहा है, लेकिन इसके लिए यह कोई असामान्य बात नहीं है. एक एसेट क्लास के रूप में देखें तो इक्विटीज यानी शेयरों में ऊंचा जोखिम रहता है और इसलिए उतार-चढ़ाव तो इक्विटी निवेश का एक हिस्सा है. लेकिन इसमें एक अच्छी बात यह है कि जितनी लंबी अवधि तक निवेश बनाए रहें, उतार-चढ़ाव का तत्व सीमित होता जाता है. इसलिए दीर्घकालिक रूप में इक्विटी सर्वश्रेष्ठ एसेट क्लास हैं और लॉन्ग टर्म के लिए हम भारतीय बाजारों के लिए सकारात्मक बने हुए हैं.
यह सिर्फ इसकी वजह से नहीं है कि एक लंबे समय अवधि में उतार-चढ़ाव का असर सीमित हो जाता है, बल्कि इससे भी ज्यादा इस वजह से है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और यहां के कॉरपोरेट में तरक्की की बेहतरीन संभावनाएं हैं, स्थायी-मजबूत सरकार और नीतियों निवेश की सबसे जरुरी बात का दौर है तथा वैश्विक मंच पर पहले से काफी बेहतर स्थिति (जीडीपी के % में निर्यात सात साल के ऊंचे स्तर पर) है. इसके अलावा, हम जबरदस्त टैक्स कलेक्शन, बचत दर में सुधार और भारतीय कंपनियों के बहीखातों में सुधार देख रहे हैं. इन सबकी वजह से निवेश और खर्च की दर भी सुधरती है और अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर भी.
करीब पांच साल के अंतराल के बाद क्षमता इस्तेमाल 75 फीसद तक पहुंच गई है, जिसकी वजह से हम मध्यम अवधि में पूंजीगत व्यय में सुधार की जमीन तैयार होते देख रहे हैं.
अब इस पर बहस की जा सकती है कि खासकर विकसित देशों में मंदी या सुस्ती का असर कम रहेगा या व्यापक रहेगा, या महंगाई टिकने वाला होगा या कुछ निवेश की सबसे जरुरी बात समय के लिए. लेकिन कमोडिटीज और एनर्जी की कीमतों (ऊर्जा आयात का हिस्सा जीडीपी के 4 फीसद तक होता है) में कमी आई है जो कुछ राहत की बात है. हम निवेश की सबसे जरुरी बात पूरे भरोसे से यह नहीं कह सकते कि मार्जिन का दबाव कम हुआ है, लेकिन यह जरूर कह सकते हैं कि अब चीजें सही दिशा में जा रही हैं, कम से कम कमोडिटी उपभोग के मामले में.
हालांकि, कई ऐसे जोखिम हैं जिनका हमें ध्यान रखना होगा. पहला, अनिश्चित भू-राजनीतिक परिदृश्य और सप्लाई चेन की निरंतरता के मसले लंबे समय तक बने रहने वाले हैं. दूसरा, अब करीब एक दशक के कम ब्याज दरों और आसान नकदी के माहौल से ऊंची ब्याज दरों और नकदी में सख्ती वाले माहौल की तरफ बढ़ा जा रहा है. पहले जोखिम की वजह से महंगाई न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता है और हमने यह देखा है कि केंद्रीय बैंक सख्त मौद्रिक नीतियों से इस पर अंकुश के लिए कोशिश में लगे हुए हैं.
भारत में हमें कुछ और समस्याओं के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं- विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आ रही है, व्यापार घाटा ऊंचाई निवेश की सबसे जरुरी बात पर है और रुपए में काफी कमजोरी है. महंगाई लगातार ऊंचाई पर बनी हुई है और पिछले करीब तीन तिमाहियों से यह रिजर्व बैंक के 6% के सुविधाजनक स्तर से ऊपर है. कई दूसरे देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रदर्शन किया है और हमारी ग्रोथ रेट भी बहुत अच्छी है, लेकिन अर्थव्यवस्था की इस अलग राह या बेहतरीन प्रदर्शन से जरूरी नहीं कि बाजार एक-दूसरे से जुड़े नहीं हों, भले ही प्रदर्शन कितना ही बढ़िया हो. इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि शॉर्ट टर्म में हमारे बाजार भी दूसरे बाजारों के साथ ही चलेंगे.
वैश्विक तरक्की में मौजूदा अनिश्चिचता के माहौल को देखते हुए बाजारों के लिए मौजूदा साल काफी चुनौतियों वाला हो सकता है. वैश्विक स्तर पर और भारत में ऊंची ब्याज दरों की वजह से शेयरों के वैल्युएशन में उस बढ़त पर जोखिम आ सकता है, जिसका हाल में भारतीय बाजारों को फायदा मिला है. इसके अलावा भारत के कई राज्यों में मानसून अनियमित रहने की वजह से खाद्य महंगाई भी ऊंचाई पर रहने की आशंका है.
किसी फंड हाउस में हर फंड मैनेजर अपने उत्पाद के मैंडेट के मुताबिक निवेश का तरीका अपनाता है. इसी तरह देखें तो हम आमतौर पर वित्तीय, औद्योगिक और कंज्यूमर डिस्क्रेशनेरी (जिसका नेतृत्व ऑटो करता है) सेगमेंट के लिए सकारात्मक नजरिया रखते हैं। वित्तीय सेगमेंट (खासकर बैंक) अब ऐसी स्थिति में हैं जहां कर्ज की मांग और उसकी उठाव बढ़ रही है।
जानिए कैसे करे Gold में निवेश | ( How to Invest in Gold ? )
अब हर कोई ही इस बारे मे अपने जीवन के दौरान यह जरूर विचार करता है की आखिर वोह किस तरीके से अपनी इस कमाई को अपने भविष्य के लिए उपयोगी बना सके?
कैसे आज के कमाए हुए पैसों से अपना कल सुरक्षित किया जा सके? अगर कम शब्दों मे समझाया जाए तो हर कोई ही अपना फ्यूचर secure करने के लिए कही ना कही जरूर अपनी आज की कमाई को इंवेस्ट करता है।
अब सवाल यह खड़ा होता है की आखिर अपनी कमाई को कही इंवेस्ट करे भी तो कहा और कैसे?? तो इसके लिए हमने अपनी वेबसाइट www.capitalgyan.com पर stocks, debentures, ppf और अन्य काफी प्रकार की investing schemes के बारे मे बताया है
जहाँ से आप एक अच्छा प्रॉफिट expect कर सकते हैं। और आज हम निवेश की सबसे जरुरी बात बात करने वाले हैं आजकल के काफी पॉपुलर investing tool के बारे मे, जो की है: GOLD। आज हम आपको बतायेंगे गोल्ड मे इंवेस्ट करने के फायदे, नुकसान और कैसे गोल्ड मे निवेश की सबसे जरुरी बात इंवेस्ट करें।
Table of Contents
क्यों करें गोल्ड मे निवेश? Why to invest in gold?
आजकल जहाँ एक और निवेशको की पहली पसन्द बैंक या कंपनी के साथ invest करना बन चुका है वही अगर हम आपको आज से केवल कुछ ही वर्ष पहले ले चले तो आपको दुनिया आँखे बंद करकर सोने मे निवेश (invest) करती हुई दिखेगी।
आज से केवल कुछ ही साल पहले दुनिया भर के बड़े investors गोल्ड मे इंवेस्ट करने को एक लंबे समय तक के लिए उचित मानते थे। परंतु अभी भी इसका market मे क्रेज़ कुछ कम नही निवेश की सबसे जरुरी बात हुआ है।
आज भी कई लोग सोने मे इंवेस्ट करना ही लाभकारी मानती है। यह बात ध्यान देने वाली है की जहाँ एक और सारे बड़े investors मार्केट मे Share और Stocks के पीछे पागलों की तरह इंवेस्ट कर रहे हैं
वही दूसरी और आम आदमी आज भी सोने मे ही इंवेस्ट करना चाहता है। लेकिन हमे अपना कोई भी decision (फैसला) अपनी समझ और जरूरतों के अनुसार ही करना चाहिए ना की दूसरे क्या कर रहे हैं इससे प्रभावित होकर।
पर हममे से काफी कम लोग यह जानते हैं की सोने मे निवेश करने के असली फायदे क्या हैं और क्या नही। तो आईये शुरुआत यहीं से करते हैं, जानते हैं सोने मे निवेश करने के फायदे और नुकसान।
गोल्ड मे निवेश करने के फायदे (Benefits of investing in Gold)
- गोल्ड मे इंवेस्ट करने से आप inflation (economy मे पैसों का flow बढ़ जाना) के समय मे आसानी से sustain कर सकते हैं।
- गोल्ड मे इंवेस्ट करने के लिए आपको किसी भी प्रकार से उसको maintain करने की या उसपर दोबारा पैसे लगाने की जरूरत नही होती, जैसा की अक्सर प्रोपर्टी के केस मे देखा जाता है।
- गोल्ड मे इंवेस्ट करने का एक फ़ायदा यह भी है की इसकी market value कभी भी बहुत ज्यादा कम नही होती। यहाँ तक की economy मे crisis आने पर भी अन्य fixed assets के मुकाबले सोने मे काफी कम गिरावट देखने को मिलती है।
- गोल्ड को खरीदना और इसको बेचना, दोनो ही बेहद आसान काम हैं। अन्य fixed asset के मुकाबले इसकी खरीदारी और बेचने के वक़्त कम कानूनी कागज और समय लगता है।
- गोल्ड मे इंवेस्ट करने से आपके पैसे हमेशा सेव रहते हैं और इसका सबसे बड़ा फ़ायदा तो ये है की आपके इंवेस्ट किये गए पैसे आपके पास ही होते हैं सोने की फॉर्म मे। आप कभी भी सुनार के पास जाकर इसको इंडियन रुपयों मे convert करा सकते हैं।
- कभी कभार हमारे द्वारा इंवेस्ट किये गए assets को हम अपनी आने वाली पीढी (generation) को सौंप देना चाहते हैं लेकिन हमारे लिए ये काम इतना आसान नही होता क्योंके इसमे काफी समय और क़ानूनी निवेश की सबसे जरुरी बात जाँच भी होती है। वही दूसरी और सोने मे इंवेस्ट करने पर आपको इन सभी बातो की चिंता लेने की कोई जरूरत नही है। आप जब चाहे अपने छोटों को ये सोना दे सकते हैं।
कैसे करें गोल्ड मे इंवेस्ट? (How to invest in gold?)
गोल्ड आज लोगों द्वारा अपने पैसें इंवेस्ट करने का एक लोकप्रिय साधन बन चुका है। हर कोई चाहता है की उसका पैसा फ्यूचर मे सेफ रहे, सुरक्षित रहे।
इसलिए आज एक आम आदमी, स्टॉक्स और शेयर्स से परे हटकर गोल्ड मे इंवेस्ट करने के बारे मे सोच रहा है। तो आईये जानते हैं गोल्ड मे निवेश(invest) करने के बारे मे।
गोल्ड मे इंवेस्ट करने के काफी तरीके होते हैं, जिनमे से आज हम आपको उन दो तरीकों के बारे मे बतायेंगे जिनमे एक आम आदमी आसानी से बिना किसी तकलीफ के इंवेस्ट कर सकता है, वोह यह हैं:-
- सोने के गहने (Gold Ornaments)आज हर एक परिवार की शान और महिलाओं की जरूरत बन चुके हैं सोने से बने यह गहने, जो महिलाओं की सुंदरता पर चार चाँद तो लगते ही हैं और साथ साथ ही घर की अर्थव्यवस्था भी दर्शाते हैं, और सबसे जरूरी बात, आपके भविष्य का सहारा बनते हैं यह गहने।
घर मे सोने के गहने रखना सबसे आसान तरीका है
सोने मे इंवेस्ट करने का। इससे आपके पैसे कहीं जाते भी हैं तो आपके पास return मे गारंटी होती है जो आपके पास ही रहती है। आप किसी भी समय इस सोने के गहनों को market मे लेजाकर बेच सकते हैं, और यकीन मानिये हर बार सोने पर आपको अच्छे से अच्छा प्रॉफिट देखने को मिलता है।
Investment Tips: पैसे से बनेगा पैसा! कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद?
अक्सर निवेश और बचत को पर्याय माना जाता है. हालांकि, दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. बचत की आदत (Save Money) अच्छी है. लेकिन, जब तक इसका निवेश (Investment Tips) नहीं करेंगे, इस रकम का पूरा फायदा नहीं होता. आपका पैसा आपको वापस कमा कर दे सकता है और भविष्य के सपनों को पूरा करने में भी मदद करता है. ये तभी संभव है जब आप लक्ष्य पहचानें और इसके लिए निवेश शुरू करें. बचत से ही निवेश (Investment Tips) का रास्ता खुलेगा.
कहां करें निवेश?
ये सवाल बड़ा है लेकिन जवाब बेहद आसान.
घर या गाड़ी खरीदने जैसे लक्ष्य हों या शादी और बच्चों की पढ़ाई, सबसे पहले लक्ष्य की रकम (Investment Portfolio) तय करें.
इन लक्ष्यों के लिए कितना समय चाहिए वो तय करें.
अगर आपके पास लंबा वक्त है तो इक्विटी आधारित निवेश चुनना सही होगा.
छोटी समय सीमा वाले लक्ष्य के लिए डेट (Debt Funds) या लिक्विड फंड (Liquid Funds) बेहतर हैं.
निवेश करने से पहले बचत जरूरी है और इस दौरान नौकरी जाने या सैलरी घटने जैसे किसी आपातकाल के लिए पैसा (Emergency Fund) जमा करना भी जरूर ध्यान रखें.
क्या है एक्सपर्ट की सलाह?
एक्सपर्ट सलाह देते हैं (Investment Tips) कि कम से कम 6 महीने के खर्च के बराबर की रकम को बैक-अप फंड (Bank-up fund) के तौर पर जमा करना चाहिए. वाइज इन्वेस्ट एडवाइजर्स के हेमंत रुस्तगी (Hemant Rustagi) का मानना है कि बचत और निवेश (Investment Portfolio) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं- एक दूसरे से अलग लेकिन एक दूसरे के बिना अधूरे हैं.
कितनी बचत से बनेगी बात?
आपके लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए (Goal based Investing) इस आधार पर बचत और निवेश तय होगा. ध्यान रहे कि रकम में महंगाई निवेश की सबसे जरुरी बात को भी जरूर जोड़ें. आप जो भी रकम जमा करना चाहते हैं उसमें महंगाई के असर का ख़्याल ज़रूरी है.
क्या है रियल रिटर्न?
रिटर्न का आकलन करते वक्त टैक्स (Tax) और महंगाई (Inflation) को भी जोड़ें. रियल रिटर्न वो कमाई है जो टैक्स देनदारी और महंगाई दर घटाने के बाद आपके हाथ में आए.
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्यान
Stock Market: अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
- Jaya Rai
- Publish Date - April 7, 2021 / 01:14 PM IST
सेंसेक्स में एचसीएल टेक दो प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ शीर्ष पर था, वहीं इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी देखी गयी
अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर इन बातों को जाने बिना आपने निवेश किया तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. शेयर बाजार (Stock Market) में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो आपको बेहतरीन रिटर्न मिलता है. वहीं कई बार जाने-अनजाने में निवेशकों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. ऐसे में शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लेना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको 7 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान रखने से आपको शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न मिलेगा.
पहले मूल बात को समझें:
शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने से पहले आपको इसके बारे में अच्छे से जानकारी होना जरूरी है. वहीं इससे भी ज्यादा जरूरी ये है कि आप जिस कंपनी के शेयर खरीदने जा रहे हैं उसके बारे में भी अच्छी जानकारी हो. इसी के साथ आपको इस बात का भी अंदाजा होना चाहिए कि शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है.
स्टॉप लॉस का करें इस्तेमाल:
यह शेयर बाजार में आपके नुकसान को कम करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है. ये बाजार में आपके मुनाफे को बनाए रखता है. आप अपने स्टॉक के लिए स्टॉप लॉस को ठीक कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से विशेष स्टॉप लॉस के स्तर पर कीमत हिट होने पर आपका स्टॉक अपने आप बिक जाएगा. वहीं अगर शेयर की कीमत गिरती है तो आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं:
केवल एक कंपनी या एक सेक्टर में निवेश करना कभी भी अच्छा विचार नहीं है. इसे ऐसे समझें कि अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो आपको नुकसान होगा. ऐसे में छोटे, मध्य और बड़े-कैप शेयरों में निवेश करना हमेशा अच्छा होता है. इससे शेयर बाजार में आपके मुनाफा कमाने की संभावना ज्यादा होती है.
एक स्थापित व्यवसाय में करें निवेश:
निवेश करने से पहले समझदारी बेहद जरूरी है. हमेशा व्यापार में निवेश न करें बल्कि उन व्यवसायों में निवेश करें जो टर्नअराउंड कंपनियों के लिए जाने के बजाय अच्छी तरह से स्थापित हैं. निवेश करने से पहले कंपनी की बुनियादी बातों के साथ भविष्य के विकास और क्षमता को समझें. वहीं किसी शेयर के मूल्यांकन पर ध्यान दें.
लांग टर्म पर दें ध्यान:
कई बार लोग जब शेयर बाजार में प्रवेश करते हैं तो तुरंत मुनाफा कमाने की सोचने लगते हैं. लेकिन शेयर बाजार में जल्दबाजी ठीक नहीं है. शॉर्ट टर्म के लिए शेयर बाजार में सोचने की जगह इसमें लांग टर्म के लिए निवेश करने के बारे में सोचे. हमेशा लांग टर्म में मिलने वाले रिटर्न को ध्यान में रखकर शेयर खरीदने के बारे में सोचे. इसकी वजह है कि शेयर बाजार में लांग टर्म के लिए निवेश लंबे समय में अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
अफवाहों से निवेश की सबसे जरुरी बात बचे:
शेयर बाजार में हमेशा अपनी योजना से चलना अच्छा होता है. शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं तो कभी भी स्टॉक और उनके प्रदर्शन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें और इसके आधार पर निर्णय न लें. अफवाहों से दूर रहना हमेशा अच्छा होता है. हमेशा ही ऐसे एक विशेष स्टॉक को खरीदें या बेचे जिसे आप निवेश की सबसे जरुरी बात निवेश की सबसे जरुरी बात प्रभावित हुए बिना समझते हैं.
ब्रोकर को चुनने में बरतें सावधानी:
जब शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं, तो आपको ब्रोकर चुनने में बहुत सावधानी बरतनी होती है. हमेशा उनके साथ अपना ट्रेडिंग खाता खोलने से पहले ब्रोकर की पृष्ठभूमि या प्रतिष्ठा की जांच करें. ब्रोकर चुनने में सावधानी बरतने से आपको बाद में किसी तरह की समस्या नहीं होगी.
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