बैंक, आईटी शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स 721 अंक चढ़ा, निफ्टी वित्तीय बाजार और इसके प्रकार 18,000 अंक के पार

मुंबई, 26 दिसंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में पिछले चार दिन से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 721 अंक से अधिक की तेजी आई। वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख के साथ वित्तीय, आईटी तथा पेट्रोलियम शेयरों में लिवाली से बाजार को मजबूत समर्थन मिला।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 721.13 अंक यानी 1.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,566.42 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 988.49 अंक तक चढ़ वित्तीय बाजार और इसके प्रकार गया था।

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 207.80 अंक यानी 1.17 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,000 के ऊपर 18,014.60 अंक पर बंद हुआ।

इससे पहले, सेंसेक्स शुक्रवार तक पिछले चार दिन की गिरावट से 1,960 अंक यानी 3.29 प्रतिशत और निफ्टी 613 अंक यानी 3.99 प्रतिशत नीचे आया था।

सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा 3.99 प्रतिशत चढ़ा। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (3.वित्तीय बाजार और इसके प्रकार 97 प्रतिशत), टाटा स्टील (2.74 प्रतिशत), बजाज फिनसर्व (2.53 प्रतिशत), आईटीसी (2.51 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (2.44 प्रतिशत), एचडीएफसी बैंक (1.91 प्रतिशत), अल्ट्राटेक सीमेंट (1.98 प्रतिशत), एनटीपीसी (1.87 प्रतिशत) और टाटा मोटर्स (1.73 प्रतिशत) शामिल हैं।

इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी तेजी रही।

दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह तीव्र बिकवाली के बाद सोमवार को बाजार में मजबूती आई। हालांकि, विदेशों में छुट्टियों के कारण कोई घटनाक्रम नहीं होने से, हमारा मानना है कि बाजार में खबरों के आधार पर सकारात्मक रुख के साथ सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’’

जियोजीत फाइनेंशियल सविर्सेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘चार दिन की बिकवाली के बाद शेयरों के भाव में आई कमी से निवेशकों ने लिवाली की। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख से बाजार को गति मिली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अगुवाई में बाजार चढ़ा। वहीं मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में मानक सूचकांक के मुकाबले अच्छी बढ़त रही। रुख के उलट मंदी और कोविड फैलने को लेकर आशंका बनी हुई है।’’

बीएसई ‘स्मॉलकैप’ और ‘मिडकैप’ क्रमश: 3.13 प्रतिशत और 2.वित्तीय बाजार और इसके प्रकार 31 प्रतिशत चढ़े।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे।

यूरोप और अमेरिका के साथ कुछ एशियाई देशों में साल के अंत में अवकाश के कारण बाजार बंद रहे।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.63 प्रतिशत चढ़कर 83.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 706.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

PAN-Aadhar Link: 31 मार्च 2023 के बाद आधार से गैर लिंक पैन निष्क्रिय होंगे, आयकर विभाग ने जारी की एडवाइजरी

PAN-Aadhar Link Last Date: निष्क्रिय पैन का उपयोग वित्तीय बाजार और इसके प्रकार करके व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल करने में सक्षम नहीं होंगे। लंबित रिटर्न भी प्रोसेस नहीं नहीं किए जाएंगे, पैन निष्क्रिय होने से लंबित रिफंड भी जाaरी नहीं किया जा सकेगा।

aadhar pan link

आयकर विभाग ने शनिवार को परामर्श जारी किया कि जो पैन (Permanent Account Number) अगले साल मार्च के अंत तक आधार से नहीं जुड़ेंगे, उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा। आयकर विभाग ने एक सार्वजनिक परामर्श में कहा, “आधार से पैन लिंक करना अनिवार्य है, वह जरूरी है। देरी न करें, इसे आज ही लिंक करें!” आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, सभी पैन धारकों के लिए, जो छूट श्रेणी में नहीं आते हैं, उन्हें 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से वित्तीय बाजार और इसके प्रकार जोड़ना अनिवार्य है। 1 अप्रैल 2023 से आधार से अनलिंक पैन निष्क्रिय हो जाएगा।

मई 2017 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, असम, जम्मू और कश्मीर और मेघालय राज्यों में रहने वाले व्यक्तियों, अनिवासी (आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार ), पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक की आयु पूरा करने वालों और ऐसे व्यक्ति जो भारत के नागरिक नहीं हैं उन्हें ससे छूट मिलेगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की 30 मार्च को जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि एक बार पैन निष्क्रिय हो जाने के बाद कोई व्यक्ति आयकर कानून के तहत सभी परिणामों के लिए उत्तरदायी होगा और उसे कई वित्तीय बाजार और इसके प्रकार तरह के प्रभाव झेलने होंगे।

निष्क्रिय पैन का उपयोग करके व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल करने में सक्षम नहीं होंगे। लंबित रिटर्न भी प्रोसेस नहीं नहीं किए जाएंगे, पैन निष्क्रिय होने से लंबित रिफंड भी जारी नहीं किया जा सकेगा। एक बार पैन निष्क्रिय होने के बाद दोषपूर्ण रिटर्न के मामले में लंबित कार्यवाही भी पूरी नहीं की जा सकेगी साथ ही करदाता से उच्च दर पर आयकर की वसूली की जाएगी।

परिपत्र में कहा गया है, 'इसके अलावा, करदाता को बैंकों और अन्य वित्तीय पोर्टलों से संबंधित कई अन्य जगहों पर भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि पैन सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन के लिए महत्वपूर्ण केवाईसी मानदंडों में से एक है। सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है।

आधार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से भारत के निवासी को जारी किया जाता है। वहीं, पैन एक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक नंबर है जो आईटी विभाग की ओर से किसी व्यक्ति, फर्म या संस्था को आवंटित किया जाता है।

विस्तार

आयकर विभाग ने शनिवार को परामर्श जारी किया कि जो पैन (Permanent Account Number) अगले साल मार्च के अंत तक आधार से नहीं जुड़ेंगे, उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा। आयकर विभाग ने एक सार्वजनिक परामर्श में कहा, “आधार से पैन लिंक करना अनिवार्य है, वह जरूरी है। देरी न करें, इसे आज ही लिंक करें!” आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, सभी पैन धारकों के लिए, जो छूट श्रेणी में नहीं आते हैं, उन्हें 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। 1 अप्रैल 2023 से आधार से अनलिंक पैन निष्क्रिय हो जाएगा।

मई 2017 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, असम, जम्मू और कश्मीर और मेघालय राज्यों में रहने वाले व्यक्तियों, अनिवासी (आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार ), पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक की आयु पूरा करने वालों और ऐसे व्यक्ति जो भारत के नागरिक नहीं हैं उन्हें ससे छूट मिलेगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की 30 मार्च को जारी एक परिपत्र वित्तीय बाजार और इसके प्रकार में कहा गया है कि एक बार पैन निष्क्रिय हो जाने के बाद कोई व्यक्ति आयकर कानून के तहत सभी परिणामों के लिए उत्तरदायी होगा और उसे कई तरह के प्रभाव झेलने होंगे।

निष्क्रिय पैन का उपयोग करके व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल करने में सक्षम नहीं होंगे। लंबित रिटर्न भी प्रोसेस नहीं नहीं किए जाएंगे, पैन निष्क्रिय होने से लंबित रिफंड भी जारी नहीं किया जा सकेगा। एक बार पैन निष्क्रिय होने के बाद दोषपूर्ण रिटर्न के मामले में लंबित कार्यवाही भी पूरी नहीं की जा सकेगी साथ ही करदाता से उच्च दर पर आयकर की वसूली की जाएगी।

परिपत्र में कहा गया है, 'इसके अलावा, करदाता को बैंकों और अन्य वित्तीय पोर्टलों से संबंधित कई अन्य जगहों पर भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि पैन सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन के लिए महत्वपूर्ण केवाईसी मानदंडों में से एक है। सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है।


आधार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से भारत के निवासी को जारी किया जाता है। वहीं, पैन एक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक नंबर है जो आईटी विभाग की ओर से किसी व्यक्ति, फर्म या संस्था को आवंटित किया जाता है।

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