1 जनवरी से बदल जाएंगे बैंक के ये नियम, जानें क्या होगा आप पर असर
Rules Change: नए साल 2023 की शुरुआत कई बदलावों को लेकर आ रहा है। इसमें कुछ बैंकिं नियम भी हैं। लॉकर के लिए नए करार पर हस्ताक्षर करना जरूरी होगा, बैंक जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकेंगे।
Rules Of 2023: आपने बैंक लॉकर लिया हुआ है या लेने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। अलगे साल की पहली तारीख यानी एक जनवरी 2023 (New Year) से लॅाकर से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संशोधित अधिसूचना के अनुसार बैंक लॉकर के मामले में मनमानी नहीं कर सकेंगे और ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकेंगे।
एसबीआई और पीएनबी समेत अन्य बैंकों ने ग्राहकों को एसएमएस के जरिये नए नियमों की जानकारी देनी शुरू कर दी है। बैंक एक 1 जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ अपने लॉकर करार (एग्रीमेंट) का नवीनीकरण करेंगे। उल्लेखनीय है कि बैंक लॉकर करार नीति के तहत किसी ग्राहक को लॉकर आवंटित करते समय बैंक उस ग्राहक के साथ करार करता है, जिसके बाद लॉकर की सुविधा प्रदान की जाती है। विधिवत मुहर लगे कागज पर दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक प्रति लॉकर किराएदार को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दी जाती है। जबकि, करार की मूल प्रति बैंक की उस शाखा के पास रहता है जहां लॉकर की सुविधा ग्राहक को दी गई होती है।
आरबीआई ने कहा मुद्रा शर्तें क्या हैं कि बैंकों को खाली लॉकरों की सूची और लॉकर की प्रतीक्षा सूची संख्या दिखानी होगी। साथ ही, बैंक के पास अधिकतम तीन साल की अवधि के लिए लॉकर का किराया एक बार में लेने का अधिकार होगा है। उदाहरण के लिए, यदि लॉकर का किराया 1,500 रुपये है, तो बैंक को अन्य रखरखाव शुल्कों को छोड़कर आप से 4,500 रुपये से अधिक शुल्क नहीं ले सकते हैं।
अनुचित शर्त नहीं जोड़ पाएंगे बैंक
रिजर्व बैंक के संशोधित निर्देश अधिसूचना के अनुसार बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर करार में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं। आरबीआई ने ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया है क्योंकि कई बार बैंक शर्तों का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से मुकर जाते हैं। इसके अलावा बैंक के हितों की रक्षा के लिए अनुबंध की शर्तें आवश्यकता से अधिक कठिन नहीं होंगी।
शुल्क में भी बदलाव
एसबीआई के मुताबिक बैंक लॉकर का शुल्क क्षेत्र और लॉकर के आकार के आधार पर 500 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक है। बड़े शहर और महानगरों में बैंक छोटे, मध्यम, मुद्रा शर्तें क्या हैं बड़े और अतिरिक्त बड़े आकार के लॉकरों के लिए दो हजार रुपये, चार हजार रुपये, आठ हजार रुपये और 12,000 रुपये सालाना शुल्क लेते हैं। वहीं अर्ध-शहरी और ग्रामीण स्थानों में बैंक छोटे, मध्यम, बड़े और अतिरिक्त बड़े आकार के लॉकरों के लिए 1,500 रुपये, तीन हजार रुपये, छह हजार रुपये और नौ हजार रुपये शुल्क लेता है।
एसएमएस और ईमेल से सूचना देना अनिवार्य
अनाधिकृत तौर पर लॉकर खोले जाने की स्थिति में, दिन खत्म होने से पहले बैंकों को ग्राहकों के पंजीकृत मोबाइल ई-मेल पर उसकी तारीख, समय और कुछ जरूरी कदम की जानकारी देनी अनिवार्य होगी। आरबीआई ने दिशानिर्देश में यह भी कहा है कि लॉकर की नई व्यवस्था की जानकारी हर ग्राहक को एसएमएस के माध्यम से भी दी जानी अनिवार्य है मुद्रा शर्तें क्या हैं जिससे ग्राहक पहले से जागरूक रहें। इसके अलावा जब भी आप लॉकर का उपयोग करेंगे, आपको बैंक के जरिये ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से सतर्क किया जाएगा।
सामान खराब होने पर बैंक होंगे जिम्मेदार
सामान्य तौर पर, बैंक अक्सर यह कहते हुए चोरी के मामलों से बच निकलते हैं कि लॉकर के अंदर रखे किसी भी सामान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं हैं। जैसा कि बैंक जवाबदेही से इनकार करते हैं, ग्राहक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होते हैं। जनवरी 2022 के बाद बैंक लॉकर से सामान के खराब होने या नुकसान होने की स्थिति में बैंक अपनी देनदारी से नहीं बच पाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के नए स्टैंडर्ड के मुताबिक, अगर बैंक की लापरवाही की वजह से लॉकर के किसी सामान का कोई नुकसान होता है, तो बैंक को ग्राहकों को इसकी भरपाई करनी होगी।
आरबीआई के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह बैंकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने यहां सुरक्षा को देखते हुए सभी कदम उठाएं. नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह सुनिश्चित करना बैंकों की जिम्मेदारी है कि बैंक में किसी कमी या लापरवाही की वजह से आग, चोरी, डकैती जैसे मामले नहीं हो।
रुपया शुरुआती कारोबार में पांच पैसे टूटकर 82.75 प्रति डॉलर पर
नवभारत टाइम्स 2 दिन पहले
मुंबई, 21 दिसंबर (भाषा) विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले डालर के मजबूत होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे कमजोर हो गया।
हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू इक्विटी में उच्च शुरुआत ने स्थानीय मुद्रा का समर्थन किया और इस गिरावट को कम किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर होकर 82.76 प्रति डॉलर पर खुला। बाद में यह पांच पैसे के नुकसान के साथ 82.75 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
मंगलवार को पिछले कारोबारी सत्र में रुपया आठ पैसे टूटकर 82.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इसी बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत के नुकसान से 104.07 पर आ गया।
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चूंकि अंग्रेजी भाषा के स्कूल उच्च गुणवत्ता वाले और अच्छी तरह से स्थापित संस्थान हैं, यूके में भाषा शिक्षा छात्रों द्वारा मुद्रा शर्तें क्या हैं पसंद किया जाने वाला पहला विकल्प है। इंग्लैंड में सैकड़ों भाषा स्कूल ब्रिटिश काउंसिल द्वारा अनुमोदित हैं। कई भाषा स्कूल लंदन, कैम्ब्रिज, ऑक्सफोर्ड, ब्राइटन और बोर्नमाउथ में हैं। [अधिक . ]
PM Suraksha Bima Yojana: मात्र 12 रुपये का प्रीमियम, मिलेगा 2 लाख का कवरेज, जानें क्या है पूरी स्कीम
PM Suraksha Bima Yojana Apply Online: प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का ऐलान साल 2015 में देश के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था। वहीं 8 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य देश के गरीब, वंचित, श्रमिक व मजदूरों के परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत आप मात्र 12 रुपये का वार्षिक प्रीमियम जमा कर 2 लाख रुपये का सुरक्षा कवर प्राप्त कर सकते हैं।
Updated Dec 19, 2022 | 06:57 AM IST
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क्या है पीएम सुरक्षा बीमा योजना, कैसे करें अप्लाई
- साल 2015 में की गई थी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की शुरुआत।
- इसका उद्देश्य गरीब व श्रमिक परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करना है।
- इस योजना के तहत आप मात्र 12 रुपये का प्रीमियम जमा कर 2 लाख का कवर प्राप्त कर सकते हैं।
PM Suraksha Bima Yojana Apply Online: राज्य व केंद्र सरकार गरीब, वंचित व श्रमिक परिवारों के भविष्य को संवारने के लिए एक के बाद एक योजनाओं का संचालन कर रही हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां आप मात्र 12 रुपये का निवेश कर अपने व अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। जी हां प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना Pradhanmantri Bima Suraksha Yojana के तहत मात्र 12 रुपये का वार्षिक प्रीमियम जमा कर 2 लाख रुपये का सुरक्षा कवर प्राप्त कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हर हफ्ते करीब लाखों लोग इस योजना के लिए अपना पंजीकरण करवा रहे हैं। इस योजना की शुरुआत देश के गरीब, वंचित व निम्न आय मुद्रा शर्तें क्या हैं वाले परिवारों को ध्यान में रखकर किया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम मुद्रा शर्तें क्या हैं आयु 70 वर्ष होनी (PM Suraksha Bima Yojana Premium) चाहिए। इस योजना के अंतर्गत यदि बीमा धारक का आकस्मिक निधन या स्थायी दिव्यांगता हो जाती है, तो उस व्यक्ति के परिवार को बीमा राशि दी जाती है। हालांकि बीमा का हर साल नवीकरण किया जाता है। साथ ही लाभार्थी के बैंक खाते से 1 जून या उससे पहले प्रीमियम की राशि काट लिए जाते हैं। ध्यान रहे इस योजना का लाभ परिवार के सभी सदस्य उठा सकते हैं।
PM Suraksha Bima Yojana, क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एक तरह की एक्सीडेंटल पॉलिसी है। यदि पॉलिसी धारक का आकस्मिक निधन हो जाता है तो नॉमिनी को 2 लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं यदि किसी हादसे के दौरान आंख की रोशनी चली जाती है या फिर स्थायी विकलांगता का शिकार हो जाते हैं, तो उसे अपनी देखभाल के लिए 1 लाख रुपये दिए जाते हैं। इस बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए आपको प्रतिवर्ष 12 रुपये का निवेश करना होता है।
इस पॉलिसी के अंतर्गत ऑटो डिडक्ट की सुविधा उपलब्ध होती है, बैंक खाते मुद्रा शर्तें क्या हैं से 1 जून को प्रीमियम की राशि अपने आप काट ली जाती है। इस योजना का उद्देश्य देश के गरीब, वंचित व श्रमिक परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करना है। क्योंकि अधिक प्रीमियम होने के कारण गरीब परिवार के लोग बीमा योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे में किसी दुर्घटना के शिकार होने पर परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
PM Suraksha Bima Yojana Eligibility, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के लिए नियम व शर्तें
- आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
- इस योजना के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित की गई है।
- बीमा पॉलिसी प्रत्येक वर्ष रिन्यू करवाना अनिवार्य है।
- प्रीमियम बैंक खाते से काटा जाएगा, ध्यान रहे यदि खाते में प्रीमियम राशि नहीं होगी तो बीमा रद्द कर दिया जाएगा।
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पहचान पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
How to Apply Apply PM Suraksha Bima Yojana, कैसे करें अप्लाई
- प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए अपने ब्रांच में विजिट करें।
- कर्मचारी से PM Suraksha Beema Yojana का फॉर्म लें।
- आवेदन फॉर्म को अच्छी तरह पढ़ने के बाद इसे पूरा भरें।
- मांगे गए सभी जरूरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी फॉर्म के साथ संलग्न करें।
- ध्यान रहे सभी दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर जरूर करें यानी डॉक्यूमेंट्स सेल्फ अटेस्टेड होने चाहिए।
- इसके बाद प्रीमियम राशि के साथ फॉर्म बैंक में जमा करवा दें।
PM Suraksha Bima Yojana Apply Online, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए ऑनलाइन अप्लाई
- ऑनलाइन अप्लाई के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट www.jansuraksha.gov.in पर जाएं।
- होमपेज पर जाकर PM Suraksha Beema Yojana Application Form Download लिंक पर क्लिक करें।
- फॉर्म का प्रिंट आउट निकाल ले, अब आवेदन फॉर्म को पूरा भरें।
- मांगे गए सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ संलग्न कर बैंक में जमा करवाएं।
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सच में 1 रुपए, और 50 पैसे के सिक्के चलन से बाहर हो जाएंगे, भारत में सिक्कों का इतिहास क्या है?
मुझे वो समय आज भी याद है, जब मैं 25 पैसे में ऑरेंज वाली टॉफ़ी खरीदती थी, 50 पैसे में लाला अंकल कागज़ पर मिठाई रखकर दे देते थे. अब जमाना पूरी तरह बदल चुका है. 25-50 पैसे के सिक्के चलन में नहीं हैं. लेकिन मेरे बचपन की यादों में आज भी 25 मुद्रा शर्तें क्या हैं और 50 पैसों की जगह ख़ास है. समय में कुछ और पीछे जाए तो मेरे मम्मी-पापा के पास एक आना, दो आना की भी ढेरों कहानियां मौजूद हैं.
बहरहाल, सिक्कों से संबंधित एक नई खबर इन दिनों में चर्चा में है. जानकारी के मुताबिक अब 1 रुपये, और 50 पैसे के मुद्रा शर्तें क्या हैं सिक्के चलन से बाहर होंगे. RBI की एक गाइडलाइन के अनुसार, 1 रुपये, और 50 पैसे के सिक्कों को बिना किसी दिक्कत के बैंक में जमा करवाया जा सकता है, लेकिन फिर वह वापस नहीं मिलेंगे और उनकी जगह नए सिक्के या नोट दिए जाएंगे.
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क्या है क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, कप्रोनिकल (तांबा-निकल) वाले 1 रुपए, और 50 पैसे के सिक्के चलन से बाहर हो जाएंगे. यह जानकारी ICICI मुद्रा शर्तें क्या हैं बैंक की किसी ब्रांच पर लिखित नोटिस से प्रकाश में आई. नई दिल्ली में ICICI Bank की एक ब्रांच के एक नोटिस के मुताबिक़, कुछ सिक्कों को फिर से जारी करने की अनुमति नहीं है. इसका अर्थ है, एक बार बैंक में जमा होने के बाद ये दोबारा बैंकों द्वारा ज़ारी नहीं होंगे. ऐसे करने से ये सिक्के अवैध नहीं होंगे, लेकिन इन्हें चलन से बाहर किया जा रहा है. बता दें, ये सिक्के पुराने हैं, और 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में चलन में थे.
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बैंक की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, RBI के निर्देशों के तहत निम्नलिखित सिक्के दोबारा जारी नहीं किए जाएंगे.
1. Cupronickel coins of Re 1 (1 रुपये के कप्रोनिकल सिक्के)
2. Cupronickel coins of 50 paise (50 पैसे के कप्रोनिकल सिक्के)
3. Cupronickel coins of 25 paise (25 पैसे के कप्रोनिकल सिक्के)
4. Stainless steel coins of 10 paise (10 पैसे के स्टेनलेस स्टील के सिक्के)
5. Aluminium bronze coins of 10 paise (10 पैसे के एल्युमिनियम कांस्य के सिक्के)
6. Aluminium coins of 20 paise (20 पैसे के एल्युमिनियम के सिक्के)
7. Aluminium coins of 10 paise (10 पैसे के एल्युमिनियम के सिक्के)
8. Aluminium coins of 5 paise (5 पैसे के एल्युमिनियम के सिक्के)
सिक्कों का इतिहास
700 ईसापूर्व में पश्चिमी देशों में ‘लिडियन’ कंपनी (Lydian) ने सबसे पहले सिक्के का निर्माण किया. समय के साथ सभी देशों ने अपने अनुसार अपने सिक्कों को ढालना शुरू कर दिया. वे अपनी करंसी की कीमत या वैल्यू अपने अनुसार तय करते थे. अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि आखिर ‘धातु’ को ही क्यों चुना गया तो धातु को चुनने की असल वजह थी इसका व्यापक स्तर पर उपलब्ध होना. साथ ही इसे आसानी से इस्तेमाल करने के साथ-साथ इसका फिर से प्रयोग (Recycle) किया जा सकता है. जबकि पेपर मनी के सबसे शुरुआती प्रयोग को 960 AD में प्राचीन चीन द्वारा इस्तेमाल किया गया था.
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चूंकि, अब सिक्के और पेपर करंसी को एक वैल्यू और मान्यता मिल गई थी तो इसका प्रयोग लोगों के लिए आसान हो गया. प्राचीन समय में करंसी धातु की हुआ करती थी, लेकिन बाद में करंसी को प्रतिनिधिक तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा. उदाहरण के तौर पर पहले सिक्के सोने चांदी आदि के होते थे जो अपने आप में मूल्यवान होते थे.
बाद में कागज़ और ऐसे धातुओं का प्रयोग होने लगा जिनकी अपनी कोई ख़ास कीमत नहीं होती थी, बल्कि इन्हें किसी देश की सरकार या वित्तीय संस्थान जैसे बैंकों ने लेन-देन के लिए मान्यता दी. फिर एक ऐसा दौर आया, यानि आज का समय जब करंसी और भी ज्यादा विकसित हुई. अब आदेश मुद्रा यानी सरकार द्वारा कानूनी तौर पर जारी की गई. यह करंसी एक ‘लीगल टेंडर’ है जिसे लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया है.
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