बुधवार को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्‍वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )

Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर, इसमें निवेश करने वालों को होगी जेल, नहीं मिलेगी जमानत: रिपोर्ट

Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर आ रही है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस करेंसी में निवेश करने वालों को जेल की सजा हो सकती है और जमानत भी नहीं मिलेगी.

Published: December 8, 2021 11:18 AM IST

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Currently, government levies 30 per cent tax and 1 per cent TDS on transfer of cryptocurrencies in India (File Photo)

Cryptocurrency Bill: भारत में निजी क्रिप्‍टोकरेंसीज (Private Cryptocurreny) को लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त रुख आपनाने जा रही है. डिजिटल करेंसीज (Digital Currencies) को लेकर केंद्र सरकार ने जो बिल तैयार कर रही है, उससे जुड़े कुछ नए तथ्‍य समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सामने लेकर आई है. एक सरकारी सूत्र और रॉयटर्स द्वारा देखे गए बिल के सारांश के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के इस्‍तेमाल पर बैन (Ban on Cryptocurrency) लगाने वाला प्रस्‍तावित कानून इसका उल्‍लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई कर सकता है. प्रस्तावित कानून में जो बात कही गई है, उसके मुताबिक, कानून तोड़ने वालों बिना वॉरंट गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्‍हें जमानत भी नहीं मिल पाएगी.

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केंद्र सरकार पहले ही इस बात के लिए इशारा कर चुकी है कि वह ज्‍यादातर क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. सरकार का यह कदम चीन की ओर से अपनाए गए उपायों को फॉलो करता है. चीन ने सितंबर से क्रिप्टोकरेंसीज पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.

बिल का जो सारांश है, उसके मुताबिक, भारत सरकार किसी भी व्यक्ति द्वारा डिजिटल करेंसी को ‘विनिमय का माध्यम’ (medium of exchange), मूल्य का भंडार (store of value) और खाते की इकाई (a unit of account)’ के तौर पर माइनिंग, जेनरेटिंग, होल्डिंग, सेलिंग (अथवा) डीलिंग जैसी सभी गतिविधियों को सामान्यत: प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है.

इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन करना ‘संज्ञेय’ अपराध माना जाएगा, जिसका मतलब है कि बिना वॉरंट के गिरफ्तारी की जा सकती है, और यह‘गैर जमानती’ है.

इस बिल के बारे में जानकारी देने वाला सूत्र मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है और उन्‍होंने अपनी पहचान जाहिर करने से भी मना कर दिया. साथ ही, आपको बता दें, इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करने और खबर को ज्यादा पुख्ता बनाने के लिए वित्त मंत्रालय को एक ई-मेल भेजा गया था, लेकिन मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

इस मामले में सरकार पहले ही यह कह चुकी है कि उसका मकसद ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना है, पर वकीलों का कहना है कि प्रस्तावित कानून भारत में नॉन-फंजिबल टोकेन मार्केट के लिए भी एक झटका होगा.

gadgets360 में प्रकाशित खबर के मुताबिक, लॉ फर्म Ikigai Law के फाउंडर अनिरुद्ध रस्तोगी ने कहा, ‘अगर किसी भी पेमेंट की अनुमति नहीं है और ट्रांजैक्‍शन फीस के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया गया है, तो यह ब्लॉकचेन के डेवलपमेंट और NEFT को भी रोक देगा.’

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर नकेल कसने की सरकार की योजना के कारण कई इन्‍वेस्‍टर्स नुकसान के साथ मार्केट से बाहर निकल गए हैं.

बड़ी संख्‍या में एडवर्टाइजिंग और क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती कीमतों से आकर्षित होकर भारत में क्रिप्टो इन्‍वेस्‍टर्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि, इसका कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकि, इंडस्‍ट्री का अनुमान है कि देश में लगभग 15 मिलियन से 20 मिलियन क्रिप्टो इन्‍वेस्‍टर हैं. इनके पास लगभग 45 हजार करोड़ रुपये की क्रिप्टो होल्डिंग्स हैं.

सूत्र के मुताबिक, सेल्‍फ-कस्टोडियल वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है, क्योंकि सेल्‍फ-कस्टोडियल वॉलेट की मदद से इन्‍वेस्‍टर, क्रिप्‍टो एक्सचेंजों के बाहर डिजिटल करेंसीज को स्टोर कर सकते हैं.

संसद में लाए जाने वाले बिल के मसौदे में कहा गया है कि रिजर्व बैंक की चिंताओं के बाद डिजिटल करेंसीज को लेकर सख्त नियम बने हैं. इनका उद्देश्य पारंपरिक फाइनैंशियल सेक्‍टर को क्रिप्टोकरेंसी से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय देना है.

जिसमें यह भी कहा गया है कि सिक्‍योरिटीज एंड एक्‍सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI क्रिप्टो असेट्स के लिए रेगुलेटर होगा.

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भारत में 2022 में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य क्‍या है । future of crypto currency in India in 2022

साल 2022 में क्रिप्‍टो करेंसी के भविष्‍य (Future of Crypto Currency in india) को लेकर पिछले कुछ महीनों से भारत में काफी चर्चा हो रही है। इस वर्चुअल करेंसी के दरों में तेज बदलाव को लेकर निवेशकों के मन में हमेशा काफी दुविधा रहती है। रिपोर्टों के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत में करीब 100 मिलियन से भी ज्यादा भारतीय नागरिक क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में ट्रेड यानी ट्रांजेक्‍शन कर रहे हैं। बताया जाता है कि दुनियाभर में भारतीयों के ट्रेड करने की संख्‍या सबसे ज्यादा हैं। यहां हम चर्चा कर रहे हैं कि भारत में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य क्‍या है और आने वाले दिनों में भारत में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य (Future of Crypto Currency in India) यानी उसका हाल कैसे रहेगा।

Cryptocurrency Future india 1

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युवाओं ने अब तक करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में किया निवेश

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) के अनुसार, (ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल भी इस एसोसिएसन के पार्ट हैं) क्रिप्टो में निवेश करने वालों की भारी तादाद में अनुभवी निवेशकों के अलावा भारत के टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों के युवा भी शामिल हैं। टियर 1 के शहरों में तो इसके निवेशकों की काफी संख्‍या पहले से है। इस एसोसिएशन के अनुसार, भारत के विभिन्‍न शहरों के युवाओं ने करीब छह लाख करोड़ रुपये तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखें हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्चुअल करेंसी की भूमिका

ज्ञात हो कि क्रिप्टो उद्योग पिछले एक दशक में वर्चुअल करेंसी के डेवलपर्स के एक छोटे से समुदाय से एक ट्रिलियन-डॉलर की वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकसित हुआ है, जिसमें परिष्कृत तकनीक, विभिन्न उपयोग के मामले और लाखों उपयोगकर्ता शामिल हैं। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा से लेकर मेटावर्स, एनएफटी और डीएओ जैसी पूरी तरह से नई अर्थव्यवस्थाओं तक के महत्वपूर्ण अवसर पैदा किए हैं। जिसका लाभ खासकर युवा भी उठा रहे हैं। हालांकि, निवेशकों को यह भी आशंका है कि आगामी समय में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य में भारत में कैसा रहेगा।

इसमें कोई संशय नहीं है कि पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सबसे आकर्षक निवेश यानी इन्वेस्टमेंट के तौर पर उभरा है। खासकर युवा निवेशकों के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। परंपरागत रूप से सुरक्षित तरीके से पैसा लगाने वाले निवेशक भी इसमें लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं। जहां एक और ब्लॉकचेन की मुख्य भूमिका वाले वेब 3.0 की बात हो रही है, वहीं देश में स्टार्टअप कल्चर भी तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में शुमार भारत इस कल्चर को तेजी से अपना रहा है और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को लेकर चर्चा

भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हमेशा से इस बात को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर आशंकित रहे हैं कि देश में यह निवेश कानूनी रूप से वैध है या नहीं! इसी धारणा को स्पष्ट करने के लिए पहली बार देश में इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की बात की गई है। इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 प्रतिशत कर यानी टैक्‍स लगेगा। कराधान उद्देश्य के लिए, क्रिप्टोकरेंसी को अब वर्चुअल डिजिटल एसेट की परिभाषा में शामिल कर लिया गया है। जब टैक्‍स लगाने की बात सामने आई है तो यह अप्रत्‍यक्ष तौर इशारा करता है क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर कि वर्चुअल करेंसी में लेन देन अवैध नहीं रह जाएगा। हालांकि इसके रेगुलेशन को लेकर अभी तक कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है लेकिन यह उम्‍मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में इसे रेग्‍युलेट करने के लिए निश्चित मापदंड तय किए जा सकते हैं।

Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर, इसमें निवेश करने वालों को होगी जेल, नहीं मिलेगी जमानत: रिपोर्ट

Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर आ रही है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस करेंसी में निवेश करने वालों को जेल की सजा हो सकती है और जमानत भी नहीं मिलेगी.

Published: December 8, 2021 11:18 AM IST

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Currently, government levies 30 per cent tax and 1 per cent TDS on transfer of cryptocurrencies in India (File Photo)

Cryptocurrency Bill: भारत में निजी क्रिप्‍टोकरेंसीज (Private Cryptocurreny) को लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त रुख आपनाने जा रही है. डिजिटल करेंसीज (Digital Currencies) को लेकर केंद्र सरकार ने जो बिल तैयार कर रही है, उससे जुड़े कुछ नए तथ्‍य समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सामने लेकर आई है. एक सरकारी सूत्र और रॉयटर्स द्वारा देखे गए बिल के सारांश के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के इस्‍तेमाल पर बैन (Ban on Cryptocurrency) लगाने वाला प्रस्‍तावित कानून इसका उल्‍लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई कर सकता है. प्रस्तावित कानून में जो बात कही गई है, उसके मुताबिक, कानून क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर तोड़ने वालों बिना वॉरंट गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्‍हें जमानत भी नहीं मिल पाएगी.

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इस मामले में सरकार पहले ही यह कह चुकी है कि उसका मकसद ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना है, पर वकीलों का कहना है कि प्रस्तावित कानून भारत में नॉन-फंजिबल टोकेन मार्केट के लिए भी एक झटका होगा.

gadgets360 में प्रकाशित खबर के मुताबिक, लॉ फर्म Ikigai Law के फाउंडर अनिरुद्ध रस्तोगी ने कहा, ‘अगर किसी भी पेमेंट की अनुमति नहीं है और ट्रांजैक्‍शन फीस के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया गया है, तो यह ब्लॉकचेन के डेवलपमेंट और NEFT को भी रोक देगा.’

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर नकेल कसने की सरकार की योजना के कारण कई इन्‍वेस्‍टर्स नुकसान के साथ मार्केट से बाहर निकल गए हैं.

बड़ी संख्‍या में एडवर्टाइजिंग और क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती कीमतों से आकर्षित होकर भारत में क्रिप्टो इन्‍वेस्‍टर्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि, इसका कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकि, इंडस्‍ट्री का अनुमान है कि देश में लगभग 15 मिलियन से 20 मिलियन क्रिप्टो इन्‍वेस्‍टर हैं. इनके पास लगभग 45 हजार करोड़ रुपये की क्रिप्टो होल्डिंग्स हैं.

सूत्र के मुताबिक, सेल्‍फ-कस्टोडियल वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है, क्योंकि सेल्‍फ-कस्टोडियल वॉलेट की मदद से इन्‍वेस्‍टर, क्रिप्‍टो एक्सचेंजों के बाहर डिजिटल करेंसीज को स्टोर कर सकते हैं.

संसद में लाए जाने वाले बिल के मसौदे में कहा गया है कि रिजर्व बैंक की चिंताओं के बाद डिजिटल करेंसीज को लेकर सख्त नियम बने हैं. इनका उद्देश्य पारंपरिक फाइनैंशियल सेक्‍टर को क्रिप्टोकरेंसी से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय देना है.

जिसमें यह भी कहा गया है कि सिक्‍योरिटीज एंड एक्‍सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI क्रिप्टो असेट्स के लिए रेगुलेटर होगा.

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क्‍या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न

2017 से क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर अब तक बिटकॉइन दुनिया की दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी मुकाबले काफी ज्‍यादा उतार-चढाव देखने को मिल चुका है। बीते चार महीने की बात करें तो 53 फीसदी टूटने के बाद एक हफ्ते में 32 फीसदी का उछाल किसी से छिपा नहीं है।

क्‍या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न

बुधवार को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्‍वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )

बीते कुछ समय से बिटकॉइन फिर से फोकस में है। 16 अप्रैल से 21 जुलाई के बीच अपने चरम से करीब 53 फीसदी गिरने के बाद महज एक हफ्ते में इसकी क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर कीमतों में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की सबसे बडी क्रिप्‍टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रही हैं। 2009 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। बिट्कॉइन की लांचिंग से बने रहने वाले निवेशकों ने अब तक अविश्वसनीय लाभ प्राप्त किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2010 के मध्य में बिटकॉइन में निवेश किया था, तो आपका रिटर्न अरबों में हो सकता है, क्योंकि बिटकॉइन का शुरुआती मूल्‍य 0 डॉलर के करीब था।

देर से निवेश करने वालों को भी मिला बडा रिटर्न : यदि आपने बिटकॉइन में थोड़ी देर बाद निवेश करने का फैसला किया है, उदाहरण के लिए तीन या पांच साल बाद, और कीमतों में उतार-चढ़ाव इसी तरह से जारी रहा तो आपको क्रमशः 174 प्रतिशत और 224 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न अर्जित होगा। वहीं आपने अगर और देर बाद बिटकॉइन में निवेश किया है, यानी पिछले ही आपने इसमें कदम रखा है तो भी आपको एक साल में 411 फीसदी का जबरदस्‍त रिटर्न हासिल किया है।

पिछले साल बिटकॉइन की कीमतें क्यों बढ़ीं? : बिटकॉइन के उछाल के पीछे एक मुख्य कारण पिछले साल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। दूसरा कारण यह था कि कुछ बड़े संस्थानों ने बिटकॉइन का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, पेपाल अब अपने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह अपने ग्राहकों को बिटकॉइन में भुगतान करके 26 मिलियन विक्रेताओं के अपने नेटवर्क से आइटम खरीदने की अनुमति देता है।

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2010 से अब तक बिटकॉइन का हाल : – अगस्‍त 2010 में बिटकॉइइन के दाम 0.3 डॉलर पर थे।
– नवंबर 2013 में पहली बार बिटकॉइन ने 1000 डॉलर के स्‍तर को पार किया था।
– दिसंबर 2017 को बिटकॉइन के दाम 19800 डॉलर पर आ गए थे।
– उसके बाद बिटकॉइन में क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर लगातार उतार चढाव आता रहा और मार्च 2020 में बिटकॉइन के दाम क्रैश होकर 3870 डॉलर पर आए थे।
– यहां से फिर बिटकॉइन की शुरुआत हुई और एक साल में बिटकॉइन की कीमत यानी अप्रैल 2021 में 65000 डॉलर के आसपास पहुंच गई।
– उसके बाद बिटकॉइन करीब तीन महीने में 53 फीसदी तक टूट गया।
– करीब एक हफ्ते में बिटकॉइन के दाम में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।

क्या बिटकॉइन में निवेश करने में बहुत देर हो चुकी है? : क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज बिटबन्स के संस्थापक और सीईओ गौरव दहाके के अनुसार हालिया तेजी में, बिटकॉइन में विकसित निवेशकों से धन की अधिक आमद देख रहे हैं। यदि यह जारी रहता है, तो हम जल्द ही साल के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर को पार कर सकते हैं। लेकिन इस बात को बता पाना संभव नहीं है कि इसमें निवेश करने अभी सही समय है या नहीं। बिटकॉइन, अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तरह, सबसे अधिक अस्थिर निवेश है।

समय-समय पर कीमत के गिरने के दौरान एकमुश्त राशि का निवेश करें, क्योंकि वे लंबे समय में आकर्षक रिटर्न दे सकते हैं। जब कीमतों में 5 फीसदी, 10 फीसदी और इसी तरह की गिरावट आती है तो क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वॉल्ड आपको एक सूचना भेजते हैं। मोबाइल ऐप पर अपडेट के लिए आपको कीमत में गिरावट की सूचना को प्रतिशत के साथ सेट करना होगा। यदि आप अपना नुकसान कम करना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो यह आपको सचेत करता है।

बिटकॉइन में कर सकते हैं एसआईपी : वैकल्पिक रूप से, आप बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी का ऑप्‍शन चुन सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में विविधता लानी होगी। कुल मिलाकर, आपको अपने पोर्टफोलियो का 5 फीसदी से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर रोक: विदेश में धन भेजकर वर्चुअल करेंसी में नहीं कर सकते हैं निवेश, ICICI बैंक का फैसला

ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि जब भी वे विदेश में पैसा भेजेंगे तो उन्हें यह बताना होगा कि वे इसका निवेश क्रिप्टो में नहीं करेंगे। इसके लिए बैंक ने अपने 'रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लीकेशन फॉर्म' में बदलाव किया है। इसके मुताबिक, ग्राहकों को आउटवर्ड्स रेमिटेंस आवेदन पत्र देना होगा। इसे ग्राहकों को आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेशों में स्टॉक और संपत्तियों को खरीदने के लिए पैसा ट्रांसफर के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। एलआरएस डिक्लरेशन क्रिप्टोटोकरेंसी में डायरेक्ट निवेश तक ही सीमित नहीं है।

ग्राहकों को बैंक की बातों से सहमत होना होगा

ग्राहकों को इस बात से भी सहमत होना होगा कि एलआरएस रेमिटेंस को बिटकॉइन में काम करने वाली कंपनी के म्यूचुअल फंड या शेयर या किसी अन्य संसाधनों की इकाइयों में निवेश नहीं किया जाएगा। क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए ज्यादातर बैंकिंग सेवाएं बंद करने के बाद ICICI बैंक ने अब अपने ग्राहकों से कहा है कि वे क्रिप्टो से जुड़े निवेश के लिए रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) का इस्तेमाल न करें।

बैक ने फॉर्म में किया फेरबदल

फेमा के तहत घोषणा के हिस्से के रूप में, बैंक ने अपने रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लिकेशन फॉर्म में फेरबदल किया है। यहां ग्राहकों को यह घोषणा करनी होगी कि प्रस्तावित निवेशों का उपयोग क्रिप्टो असेट्स क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश फायदे से लेकर की खरीद के लिए नहीं किया जाएगा। डिक्लेरेशन में कहा गया है कि ऊपर बताए गए रेमिटेंस बिटकॉइन/ क्रिप्टोकरेंसी, वर्चुअल करेंसी (जैसे एथोरम, रिपल, लाइटकॉइन, डैश,पीयरकॉइन, डोगेकॉइन, प्राइमकॉइन, चाइनाकॉइन, वेन, बिटकॉइन या किसी अन्य वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन) के निवेश या खरीद के लिए नहीं है।

बैंक ने ग्राहकों के लिए शर्त डाल दी है

एलआरएस का लाभ उठाने के लिए ICICI बैंक के ग्राहकों को इन सभी शर्तों से सहमत होना होगा। एलआरएस क्रिप्टो निवेश के लिए एक प्रमुख साधन रहा है। एक क्रिप्टो एक्सचेंज के संस्थापक ने बताया कि ICICI बैंक की इस तरह की घोषणा के बाद अन्य प्रमुख बैंक भी क्रिप्टो निवेश के लिए एलआरएस दरवाजे बंद कर देंगे। यह भारतीय क्रिप्टो बाजार के ट्रांजेक्शन को प्रभावित करेगा।

2004 में रिजर्व बैंक ने पेश किया था एलआरएस

एलआरएस को 4 फरवरी, 2004 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के कानूनी ढांचे के तहत पेश किया गया था। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत, अधिकृत डीलर किसी भी अकाउंट या लेनदेन या दोनों के लिए एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) तक रेजिडेंट द्वारा स्वतंत्र रूप से रेमिटेंस की अनुमति दे सकते हैं। यह योजना कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप फर्मों, ट्रस्ट आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।

लोग क्रिप्टो में पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं

बहुत सारे लोग क्रिप्टो में अपना पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि इसको लेकर भारत में क्या होने वाला है। इसलिए वे क्रिप्टो में निवेश करने और इसे देश के बाहर भेजने के लिए एलआरएस का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि भारत सरकार ने विभिन्न कारणों से इसे यहां अनुमति नहीं दी है।

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