> नाइजीरिया- नाइजीरिया ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में छठे क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है? स्थान पर है। कुल आबादी में से लगभग 24.2 प्रतिशत नाइजीरियाई लोगों के पास विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी हैं। नतीजतन, देश का क्रिप्टो एडॉप्शन स्कोर 0.26 है। बिटकॉइन नाइजीरिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो है, इसके बाद एथेरियम है।
क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट, बिटकॉइन, इथीरियम धड़ाम, अमेरिका में बढ़ती महंगाई बनी वजह
Cryptocurrency: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट देखने को मिली. गुरुवार को सुबह शुरुआती कारोबार में क्रिप्टो 4-6 फीसदी नीचे रहा.
Cryptocurrency: महंगाई पर उम्मीद से बदतर आई रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार पर इसका असर देखने को मिल रहा है और शेयर लगभग 2 साल के अपने सबसे कमजोर स्तर तक जा रहे हैं. अमेरिका में रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार की सुबह S&P 500 कारोबार में 1.4 फीसदी नीचे था. रिपोर्ट में महंगाई दर अधिक व्यापक रूप से फैल रही है और यह अपने 40 साल में सबसे ऊपरी स्तर पर जा रही है. इसे देखते हुए फेड को ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है और मंदी की भी आशंका की जा सकती है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी 4-6 फीसदी तक गिरावट देखने को क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है? मिली.
क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट
गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है? 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.
सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.
फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.
क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग का पहला मामला अमेरिका में सामने आया, दो भारतीय भाई, एक इंडियन अमेरिकन आरोपी
इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.
First ever cryptocurrency insider trading tipping scheme: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला साम . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 22, 2022, 09:21 IST
यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा.
इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं.
आरोपी वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया.
वॉशिंगटन. शेयर बाजार में इनसाइडर ट्रेडिंग और घपले-घोटाले की खबरें तो आपने पढ़ी होंगी लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी में इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला सामने आया है. एक तरह से देखा जाए तो यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा. यह मामला अमेरिका में सामने आया है. इसमें में दो भारतीय भाई और उनके एक इंडियन अमेरिकन दोस्त पर इसमें शामिल होने का आरोप लगा है.
1 जुलाई से बदल रहा है ये जरूरी नियम: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों को जबरदस्त झटका
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। 1 जुलाई से क्रिप्टो में ट्रेडिंग करना आपको महंगा पड़ सकता है। दरअसल, 1 जुलाई, 2022 से Cryptocurrency के निवेशकों को बड़ा झटका लगने वाला है। अगले महीने से सभी क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस (TDS) का भुगतान करना होगा, फिर चाहे आपको मुनाफे में हो या न हो।
30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला
आपको क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है? बता दें नए नियमों के अनुसार अब क्रिप्टोकरेंसी से की गई पर 30% टैक्स लग रहा है। मान लीजिए आपने 15 हजार रुपये का निवेश क्रिप्टोकरेंसी में किया है। कुछ साल बाद उसकी कीमत 45 हजार रुपये हो गई। ऐसे में आपको इस पर की गई कमाई यानी 30 हजार रुपये पर टैक्स देना होगा। साथ ही अब 1 जुलाई से क्रिप्टो के लेन देन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा। बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है? भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में अमेरिका और चीन से भी आगे हैं भारतीय और पाकिस्तानी-रिपोर्ट
क्रिप्टोकरेंसी हमारे जीवन पर वैसे ही असर डाल रही है जैसे कभी इंटरनेट ने किया था। हालांकि अभी भी इस बात क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है? पर अनिश्चितता है कि दुनिया भर की सरकारें इसे रेगुलेट कैसे करेंगी लेकिन नॉन-फंजीबल टोकन और विकेंद्रीकृत फाइनेंस प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ रहा है। क्रिप्टो डॉट कॉम के अनुसार, इस साल वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोगों की संख्या दोगुनी होकर लगभग 220 मिलियन हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में 2021 में लगभग $ 30 बिलियन का निवेश किया, जो पिछले सभी वर्षों की तुलना में अधिक है।
अल सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में स्वीकार कर लिया है, कई देश अभी भी क्रिप्टो को लेकर सतर्क हैं। आइए उन शीर्ष छह देशों पर एक नज़र डालते हैं, जहां क्रिप्टो अपनाने की दर सबसे अधिक है, यह रिपोर्ट चैनालिसिस ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स के आधार पर है-
Exclusive: नए रेगुलेटर का प्रस्ताव, क्या Cryptocurrency पर कस जाएगी नकेल?
Exclusive: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश एक नया फैशन बन गया है। कई लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। ये सरकार के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भी मुलाकात की है। क्रिप्टो एक्सचेंजों ने क्रिप्टो ट्रेड के लिए नए रेगुलेटर का प्रस्ताव दिया है। रेगुलेटर में आरबीआई, SEBI के प्रतिनिधि का सुझाव दिया गया। ईटी नाउ स्वदेश को सूत्रों से मिली जानकारी ति मुताबिक, क्रिप्टो ट्रेडिंग से जुड़े विज्ञापनों में अब स्टैंडर्ड डिस्क्लोजर में बदलाव को लेकर भी बातचीत चल रही है। विज्ञापनों में जाने वाले संदेश में बदलाव पर विचार किया जा रहा है।
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