बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक बाजार में चौतरफा गिरावट आने और निराशा भरा माहौल होने के बावजूद 265 शेयर आज खरीदारी के जोरदार समर्थन के कारण अपर सर्किट की सीमा तक पहुंचे। इन शेयरों में बजाज हिंदुस्तान शुगर, वंडर फाइब्रोमैट्स, एक्सिसकैड्स टेक्नोलॉजी, डीजे मीडिया प्रिंट एंड लॉजिस्टिक्स, मद्रास फर्टिलाइजर्स और जिंदल पॉली इन्वेस्टमेंट के नाम शामिल हैं। इसके अलावा बीएसई में लिस्टेड 136 शेयर बिकवाली के दबाव में आज गिर कर लोअर सर्किट की सीमा तक पर भी पहुंचे।

Vedanta : शुक्रवार को बोर्ड बैठक में हो सकता है बड़ा ऐलान, निवेशक इन 5 बातों का रखें ध्यान

अगर आपने वेदांता का शेयर खरीदा है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 9 दिसंबर यानी दो तरह के निवेशक शुक्रवार को बोर्ड बैठक होने जा रही है. इस बैठक में फंड जुटाने पर विचार हो सकता है. कंपनी NCDs के जरिए 500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. अब आपको सबसे पहले एनसीडी के बारे में बताते हैं. NCD यानी Non Convertible Debentures होता हैं. इन्हें आमतौर पर कंपनियां ही जारी करती हैं. बड़े कॉर्पोरेट हाउसेस सीधे लोगों से लोन लेते हैं. इसके बदले कंपनी आपको एक टोकन देती है जिसमें आपके पैसे पर मिलने वाली ब्याज दर लिखी रहती है. जब आप एनसीडी में पैसा लगाते हैं तो आप किसी कंपनी या बड़े ऑर्गेनाइजेशन को डायरेक्टली पैसा उधार देते हैं. इसमें कंपनियां अक्सर एफडी में मिलने वाली ब्याज दर से ज्यादा इंटरेस्ट देती हैं.

NPS Pension: इस सरकारी योजना में निवेश करें, हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन व टैक्स बचाएं

NPS Pension: नेशनल पेंशन योजना को लॉन्ग टर्म निवेश माना जाता है। इस योजना में आप नौकरी के दौरान थोड़ा-थोड़ा करके जमा करते हैं। कई वर्षों के निवेश के बाद यह एक बड़ा फंड बनता है, जो रिटायरमेंट के बाद मिलता है।

NPS Pension: इस सरकारी योजना में निवेश करें, हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन व टैक्स बचाएं

NPS Pension: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक सरकारी योजना है। इस स्कीम का नाम राष्ट्रीय पेंशन योजना है। इस योजना की मदद से निजी क्षेत्र से रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। साथ ही निवेश करने से आपके टैक्स की बचत होती है। यदि आप आप इस योजना में सही तरीके से निवेश करते हैं, तो आसानी से 50 हजार रुपये की पेंशन की व्यवस्था कर सकते हैं। आप घर बैठे ही राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश कर सकते हैं।

रिटायरमेंट के बाद ज्‍यादा फंड की जरूरत? यहां कर सकते हैं निवेश, पैसों के साथ मिलेंगे कई लाभ

रिटायरमेंट के बाद ज्‍यादा फंड की जरूरत? यहां कर सकते हैं निवेश, पैसों के साथ मिलेंगे कई लाभ

निवेश के लिए आप यहां बताए गए इन योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। (फोटो-Freepik)

रिटायरमेंट के बाद लोगों को फंड की आवश्‍यकता अधिक होती है, क्‍योंकि उन्‍हें हर महीने का खर्च चलाने के लिए कोई निश्चित आय का सोर्स नहीं मिलता है। हालांकि दो तरह के निवेशक लोगों को रिटायर होने पर कंपनी या सरकार की ओर से फंड दिया जाता है, लेकिन अगर इन पैसों का निवेश नहीं किया गया तो एक समय के बाद फंड की कमी हो सकती है।

ऐसे में अगर आप भी रिटायरमेंट पर ज्‍यादा फंड पाना चाहते हैं तो यहां कुछ विकल्‍प के तहत निवेश की प्‍लानिंग कर सकते हैं। आप दो तरह के निवेश विकल्‍प फिक्‍स इनकम सिक्‍योरिटी और ग्रोवि‍ंग सिक्‍योरिटी का चयन कर सकते हैं। हालांकि लोगों को महंगाई दर, आवश्‍यकता और जीवन शैली के हिसाब से निवेश की योजना तैयार करनी चाहिए, यहां कुछ आपके लिए निवेश विकल्‍प दिया गया है।

पब्‍लिक प्रोविडेंड फंड (PPF)

रिटायरमेंट कोष बनाने के लिए यह एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है। हालांकि लॉक-इन अवधि 15 वर्ष है, कोई व्यक्ति विशेष परिस्थितियों जैसे चिकित्सा व्यय या ऐसी किसी वित्तीय आपात स्थिति में पांच साल के बाद समय से पहले निकासी का विकल्प चुन सकता है। पीपीएफ निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है।

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इक्विटी शेयरों में निवेश

अगर आप थोड़ा रिस्‍क लेना चाहते हैं और शेयर मार्केट की समझ है तो आप इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, जो आपको मुद्रास्फिति के बदले अच्‍छा कापर्स तैयार करके दे सकता है। इक्विटी निवेश बाजार के जोखिम के अधीन हैं और लाभांश से होने वाली आय के साथ-साथ पूंजीगत लाभ पर टैक्‍स भी लगता है। इक्विटी आधारित निवेश समझ के अनुसार कर सकते हैं।

थोड़ा कम रिक्‍स के मामले में आपके लिए म्‍यूच्‍युल फंड आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है। यह लंबे समय में आपको अच्‍छा रिटर्न दे सकता है। म्यूचुअल फंड में निवेश इन दिनों व्यवस्थित निकासी योजनाओं के साथ आता है, जो र‍िटायरमेंट के बाद महीने के आय के रूप में लाभ दे सकता है।

दो दिन के कारोबार में निवेशकों को लगा 6 लाख करोड़ का चूना

नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार (domestic stock market) में कल से ही जारी गिरावट के कारण सिर्फ 2 दिन (just 2 days) में ही निवेशकों को करीब 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान (Investors lost about Rs 6 lakh crore) हो चुका है। भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स में गुरुवार को 878.88 अंक की और आज 461.22 अंक की गिरावट दर्ज की गई।

इस तरह सप्ताह के आखिरी 2 कारोबारी दिन के दौरान सेंसेक्स में कुल 1,340.10 अंक गिरावट आ गई। इसी तरह निफ्टी में गुरुवार को 245.40 अंक की और आज 145.90 अंक की गिरावट दर्ज की गई। इस तरफ निफ्टी भी 2 दिनों में 491.30 अंक टूट चुका है। इन 2 दिनों के दौरान हुई गिरावट से शेयर बाजार के निवेशकों को जबरदस्त नुकसान हुआ है।

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स्टॉक मार्केट से मिले आंकड़ों के मुताबिक आज का कारोबार बंद होने के बाद बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) घट कर 285.52 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। जबकि कल बाजार बंद होने के बाद टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन 288.47 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह सिर्फ आज के कारोबार में ही शेयर बाजार के निवेशकों को 2.95 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दो तरह के निवेशक इसके पहले बुधवार को कारोबार बंद होने के बाद बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन 291.25 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह से सिर्फ 2 दिन के यानी गुरुवार और शुक्रवार के कारोबार के बाद ही निवेशकों को 5.73 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

आज के कारोबार में सेंसेक्स में शामिल शेयरों पर बिकवाली का दबाव इतना अधिक रहा कि 30 में से सिर्फ 3 शेयर हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी बैंक और नेस्ले ही मामूली बढ़त हासिल करने में सफल रहे। इन शेयरों में दिन भर के कारोबार के बाद 0.61 प्रतिशत से लेकर 0.19 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।

Share Market: क्या शेयर मार्केट में शेयर खरीदने की कोई लिमिट है?

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#2. शेयर खरीदने की दो मार्केट हैं और दोनों में दो तरह के निवेशक अलग-अलग लिमिट है
सामान्य भाषा में कहें, तो किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए दो तरह की मार्केट होती हैं। पहली प्राइमरी मार्केट और दूसरी सेकंडरी मार्केट। दोनों ही मार्केट में कोई निवेशक किसी कंपनी के कितने शेयर खरीद सकता है या कुल कितने शेयर खरीद सकता है, इसके अलग-अलग नियम हैं, जो हम आपको बताएंगे।

#A. प्राइमरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट में शेयर खरीदने वालों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है, जिनके लिए शेयर खरीदने की लिमिट अलग-अलग होती है।
1. खुदरा निवेशक: इस कैटेगरी में आने वाले लोग अधिकतम दो लाख रुपए तक के शेयर खरीद सकते हैं। फिर वो चाहे एक ही कंपनी के दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें या अलग-अलग कंपनियों के कुल-मिलाकर दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें।
2. हाई नेटवर्क इंडिविजुअल: इनके लिए कोई सीमा नहीं होती है। ये जितनी चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।
3. संस्थागत निवेशक: इनके लिए भी कोई सीमा नहीं होती है। ये जिस कंपनी के जितने चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।

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