अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने इस साल क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक नया आदेश जारी किया। आदेश में नियामकों को पर्याप्त निगरानी रखने और डिजिटल संपत्ति द्वारा उत्पन्न किसी भी वित्तीय जोखिम के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।

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RBI ने खुदरा उपयोग के लिए लॉन्च किया डिजिटल रुपया, कैट ने किया स्वागत

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने गुरुवार को डिजिटल मुद्रा ऋण खुदरा स्तर पर उपयोग के लिए रिटेल डिजिटल रुपया लॉन्च (retail digital rupee launch) किया। आरबीआई के इस कदम का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने स्वागत किया है।

रिजर्व बैंक के रिटेल डिजिटल रुपया की खरीदारी फिलहाल चार प्रमुख बैंकों, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से की सकेगी। खुदरा स्तर पर डिजिटल मुद्रा की शुरुआत का कैट ने स्वागत करते हुए कहा कि जल्द ही कारोबार में भुगतान के लिए इसको अपनाने और स्वीकार करने के लिए देशभर के व्यापारिक समुदाय के बीच एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।

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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा डिजिटल मुद्रा ऋण की डिजिटल रुपया भारत में व्यापार और वाणिज्य में भुगतान के परिदृश्य को बदल देगा। खंडेलवाल ने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर से बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था उपभोग पर आधारित है, जिसमे खुदरा विक्रेता और उपभोक्ता राजा हैं। खंडेलवाल ने कहा कि डिजिटल मु्द्रा डिजिटल इंडिया की स्वीकार्यता के प्रसार में मदद करेगी।

खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है, लेकिन खुदरा स्तर पर नकद मुद्रा के उपयोग के कारण व्यापार में कैश करेंसी का एक बड़ा हिस्सा है जो बेहिसाब रह जाता डिजिटल मुद्रा ऋण है। डिजिटल मुद्रा की शुरुआत होने से प्रत्येक डिजिटल मुद्रा ऋण लेन-देन आरबीआई की पुस्तकों और भारत सरकार के डिजिटल मुद्रा ऋण रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। हम दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। हमारे देश में खुदरा बाजार का सटीक आकार रिकॉर्ड किए गए लेन-देन से प्रमाणित होगा।

100 से अधिक देश बना रहे डिजिटल मुद्राओं की योजना

शेयर बाजार 06 नवंबर 2022 ,12:45

100 से अधिक देश बना रहे डिजिटल मुद्राओं की योजना

© Reuters. 100 से अधिक देश बना रहे डिजिटल मुद्राओं की योजना

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारत की ई-रुपये की यात्रा शुरू होने के साथ ही अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी अपनी खुद की डिजिटल मुद्राओं की योजना बनानी शुरू कर दी है। वे बिटकॉइन की तरह अत्यधिक अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी में नहीं फंसना चाहते। भारत सहित 100 से अधिक देश सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राओं (सीबीडीसी) की खोज या संचालन कर रहे हैं। यह देश की मुद्रा का एक डिजिटल रूप है।

Digital Currency क्या है? RBI के डिजिटल रुपये से आम लोगों को क्या फायदा होगा?

Digital Currency क्या है? RBI के डिजिटल रुपये से आम लोगों को क्या फायदा होगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) इस वित्तीय वर्ष सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) पेश करने की योजना बना रहा है, जिसको डिजिटल मुद्रा ऋण शुरुआत में केवल होलसेल बिजनेस करने वाले व्यापारी ही प्रयोग में ला सकेंगे. आरबीआई द्वारा होलसेल बिजनेस में इसके उपयोग की जांच करने के बाद ही CBDC को रीटेल में उपयोग के लिए पेश किया जाएगा और सामान्य उपयोग की छूट दी जाएगी.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक RBI के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा - ''हम इस साल होलसेल के लिए सीबीडीसी शुरू करने पर काम कर रहे हैं.''

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया गया एक लीगल टेंडर है, जो फिएट करेंसी (Fiat Currency) यानी सरकार से मान्यता प्राप्त करेंसी जैसा होता है. ब्लॉकचेन वॉलेट के जरिए डिजिटल फिएट करेंसी या सीबीडीसी का लेन-देन किया जा सकता है. सीबीडीसी से यूजर्स घरेलू और सीमा पार दोनों तरह के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इसके डिजिटल मुद्रा ऋण लिए किसी थर्ड पार्टी या बैंक की जरूरत नहीं होती है. सीबीडीसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी ही है लेकिन प्राईवेट क्रिप्टोकरेंसी से कुछ मामलों में अलग है.

पिछले साल लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि सीबीडीसी के शुरू होने से कई अहम फायदे होंगे. इससे कैश की निर्भरता और ट्रांजैक्शन की लागत में कमी आएगी.

सीबीडीसी के आने से अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और लीगल टेंडर पर आधारित ट्रांजैक्शन के विकल्प होंगे. हालांकि, इससे जुड़े रिस्क भी हैं, जिनका मूल्यांकन करने की जरूरत है.

केंद्रीय बैंक थोक, खुदरा क्षेत्र के लिये डिजिटल मुद्रा जारी करने पर कर रहा काम: डिजिटल मुद्रा ऋण आरबीआई अधिकारी

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सीबीडीसी पेश किये जाने की घोषणा की थी। इसके लिये डिजिटल मुद्रा ऋण वित्त विधेयक पारित होने के साथ आरबीआई कानून, 1934 में संबंधित धारा में जरूरी संशोधन किये गये।

चौधरी ने कहा कि वित्त विधेयक के पारित होने के साथ रिजर्व बैंक पायलट आधार पर सीबीडीसी का क्रियान्वयन करने की स्थिति में आ गया है।

उद्योग मंडल फिक्की के पीआईसीयूपी फिनटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई थोक और खुदरा खंड में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन की दिशा में काम कर रहा है।’’

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