कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं? भारत, रूस से है बस इतना पीछे

बीते एक साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। पिछले साल 5 जून को भारत ने विदेशी मुद्रा में में 500 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जिसके बाद से लगातार भारत की विदेशी पूंजी में इजाफा देखने को मिल रहा है।

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पार करने के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। भारत अब उन देशों के क्‍लब में शामिल हो गया है जिनके पास 600 अरब डॉलर से ज्‍यादा फॉरेक्‍स रिजर्व है। वैसे भारत के मुकाबले चीन के पास 5 गुना और जापान के पास दो गुना विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं रूस से भारत काफी कम अंतर से पीछे है , जिसे देश काफी जल्‍दी पीछे छोड़ सकता है। वहीं टॉप थ्री में पहुंचने के लिए भारत को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है , जिसके पास एक हजार अरब डॉलर से ज्‍यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। जानकारों की मानें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार में निवेश है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4 जून को खत्‍म हुए सप्‍ताह में 6.842 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। जिसके बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 605.008 अरब डॉलर प‍हुंच गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 7.362 अरब डॉलर बढ़कर 560.890 अरब डॉलर हो गईं। आपको बता दें क‍ि 28 मई को हुए समाप्‍त सप्‍ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.271 अरब डॉलर का अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं? इजाफा लेकर 598.165 अरब डॉलर हो गया था।

गोल्‍ड रिजर्व में गिरावट : अगर गोल्‍ड रिजर्व की करें तो इस दौरान इसमें गिरावट देखने को मिली है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार स्वर्ण भंडार 50.2 करोड़ डॉलर घटकर 37.604 अरब डॉलर पर आ गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ में विशेष आहरण अधिकार 10 लाख डॉलर घटकर 1.513 अरब डॉलर रह गए हैं। वहीं , आईएमएफ के पास आरक्षित देश का भंडार भी 1.6 करोड़ डॉलर घटकर पांच अरब डॉलर रह गया।

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दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर होने के साथ ही दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो गया है। जिनका विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर या उससे ज्‍यादा है। भारत से आगे रूस , स्विट्जरलैंड , जापान और चीन हैं। जबकि दुनिया के तमाम अमीर देश जैसे सिंगापुर , जर्मनी , यूके , फ्रांस , इटली जैसे देशों को काफी पीछे छोड़ दिया है। अमरीका इस मामले में 21 वें पायदान पर है।

अभी लंबा है टॉप 3 का सफर : भले ही दुनियाभर विदेशी निवेश भारत में पूंजी लगा रहे हों और भारत की विदेशी पूंजी में इजाफा करने में मदद कर रहे हों , लेकिन टॉप थ्री की पोजिशन हासिल करने में भारत को अभी थोड़ा लंबा सफर तय करना पड़ सकता है। आंकड़ों को देखें तो तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है जिसके पास विदेशी मुद्रा भंडार 1070.369 अरब डॉलर विदेशी भंडार है। इसी रफ्तार के साथ भारत आगे बढ़ता है तो यहां तक पहुंचने में भारत को पांच साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है।

चीन 5 गुना तो जापान दोगुना आगे : दुनिया मतें सबसे ज्‍यादा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला चीन भारत के मुकाबले इस में मामले पांच गुना आगे हैं। चीन के पास मौजूदा समय में 3330.405 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है। जबकि एशिया का दूसरा सबसे सबसे संपन्‍न देश जापान के पास विदेशी विदेशी मुद्रा भारत से दोगुना से भी ज्‍यादा है। जापान के पास मौजूदा समय में 1378.467 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है। ऐसे में भारत को पहुंचने में ज्‍यादा समय लग सकता है।

रूस को जल्‍द छोड़ सकता है पीछे : वहीं बात रूस की करें तो भारत जल्‍द पीछे छोड़ सकता है। दोनों के बीच 192 मिलियन डॉलर का अंतर है। मौजूदा समय में रूस का विदेशी मुद्रा भंडार 605.200 अरब डॉलर है। अगर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में यही तेजी जारी रहती है तो अगले सप्‍ताह के आंकड़ों में भारत रूस को पीछे छोड़ता दिखाई दे सकता है।

डॉलर के आगे रुपया हुआ और मजबूत, डॉलर के मुकाबले 29 पैसे बढ़कर 73 रुपये पर पहुंचा

भारी विदेशी धन निवेश के साथ आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के बाद रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 31, 2021 20:11 IST

Indian Rupee rallies 29 paise to end at nearly 12week high - India TV Hindi

Photo:PIXABAY

Indian Rupee rallies 29 paise to end at nearly 12week high

नई दिल्‍ली। विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ने और घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के रुख के चलते रुपये में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी रही। अंतर बैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 29 पैसे उछलकर करीब 12 सप्ताह के उच्चतम स्तर 73 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में रुपया 73.26 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 72.99 से 73.29 रुपये प्रति डॉलर के दायरे में घूमने के बाद अंत में पिछले कारोबारी सत्र के बंद भाव की तुलना में 29 पैसे ऊंचा रहा और 73 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

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नौ जून के बाद से यह उच्चतम स्तर पर बंद हुआ है। सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में रुपये में तेजी कायम रही। पिछले चार कारोबारी सत्र के दौरान रुपया 124 पैसे चढ़ चुका है। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, श्रीराम अय्यर ने कहा कि हाजिर बाजार में भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की नामौजूदगी तथा फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की उदार टिप्पणियों की मदद से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में तेजी आई।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने भी कहा कि भारी विदेशी धन निवेश के साथ आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के बाद रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.54 रह गया।

पहली बार 57,000 अंक के पार पहुंचा सेंसेक्स

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इस महीने करीब नौ प्रतिशत चढ़ा है। शेयर बाजारों में तेजड़िया गतिविधियां जारी रहने के बीच मंगलवार को पहली बार सेंसेक्स 57,000 अंक के पार बंद हुआ। मंगलवार को अगस्त के आखिरी कारोबारी सत्र में दिन में सेंसेक्स अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 57,625.26 अंक गया। इस महीने सेंसेक्स ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। मंगलवार को सेंसेक्स 662.63 अंक या 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 57,552.39 अंक के अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स लगातार चौथे दिन लाभ में रहा। इन चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,608.18 अंक या 2.87 प्रतिशत चढ़ा है। इससे पहले चार अगस्त को सेंसेक्स पहली बार 54,000 अंक के पार बंद हुआ था। उसके बाद 13 अगस्त को सेंसेक्स 55,000 अंक के पार, 27 अगस्त को पहली बार 56,000 अंक के पार बंद हुआ। इक्विटी99 के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा कि कि सेंसेक्स जहां पहली बार 57,500 अंक के पार बंद हुआ, वहीं निफ्टी ने भी पहली बार 17,000 अंक के स्तर को छुआ। यदि वैश्विक स्तर पर कोई बदलाव नहीं होता है, तो बाजार में तेजी का सिलसिला अभी जारी रहेगा।

एक बार फिर ऐतिहासिक स्तर पर फिसला रुपया, डॉलर इंडेक्स का ऐसा है हाल

डिंपल अलावाधी

Rupee vs Dollar: शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 2,899.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। ग्लोबल तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.58 फीसदी गिरकर 85.65 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

Rupee vs Dollar Indian Rupee touches lifetime low on monday

नई दिल्ली। अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के बीच सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया (Rupee vs Dollar) 43 पैसे फिसलकर 81.52 के अब तक के निचले स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं? बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.47 के स्तर पर खुला। इसके बाद यह गिरकर 81.52 के स्तर पर आ गया। इस तरह पिछले सत्र के बंद भाव की तुलना में यह 43 पैसे फिसला। मालूम हो कि शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे टूटकर 81.09 के स्तर पर बंद हुआ था।

इन कारकों से प्रभावित हुआ भारतीय रुपया
निवेशकों के बीच रिस्क से बचने की भावना से भारतीय रुपये पर दबाव बना। इस संदर्भ में विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि यूक्रेन संकट की वजह से भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने से, डोमेस्टिक शेयर मार्केट में गिरावट से और विदेशी फंड की निकासी की वजह से भी निवेशकों के रुख में नरमी आई हैं।

डॉलर इंडेक्स का ऐसा है हाल
इसबीच डॉलर इंडेक्स की बात करें, तो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.67 अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं? फीसदी की बढ़त के साथ 113.94 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नवीनतम मौद्रिक नीति को सख्त करने से भी डॉलर को समर्थन मिला है। इससे भारत के रुपये के साथ ही ग्लोबल स्तर पर अन्य प्रमुख मुद्राएं कमजोर हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि यूएस फेडरल अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं? रिजर्व (US Federal Reserve) ने हाल ही में रेपो रेट में 75 आधार अंकों की वृद्धि की थी। यह फेड द्वारा लगातार तीसरी वृद्धि है।

क्या होगा इसका असर?
रुपये में गिरावट का सबसे बड़ा असर इम्पोर्ट पर होगा। आयातकों को अब आयात के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। दरअशर रुपये की गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा। मौजूदा समय में भारत क्रूड ऑयल, कोयला, प्लास्टिक सामग्री, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वनस्पति तेल, फर्टिलाइजर, मशीनरी, सोना, आदि सहीत बहतु कुछ आयात करता है। रुपये के मूल्य में गिरावट से एक्सपोर्ट सस्ता होगा।

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Dollar Vs Rupee : 30 पैसे की गिरावट के साथ रुपया 81.77 प्रति डॉलर पर पहुंचा

Dollar Vs Rupee : रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 81.77 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख के कारण भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.

Published: November 10, 2022 4:29 PM IST

Rupee Ends Down By 30 Paise Against Dollar

Dollar Vs Rupee : अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले कारोबारियों द्वारा सतर्कता का रुख बरतने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 81.77 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

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बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख के कारण भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.61 पर खुला. कारोबार के दौरान 81.54 के दिन के उच्चस्तर और 81.92 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में यह 30 पैसे की गिरावट के साथ 81.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 81.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी अभी विदेशी मुद्रा कौन से बाजार खुले हैं? या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत बढ़कर 110.70 हो गया.

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.03 प्रतिशत बढ़कर 92.68 डॉलर प्रति बैरल हो गया.

वहीं बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 419.85 अंक की गिरावट के साथ 60,613.70 अंक पर बंद हुआ.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने बुधवार को 386.83 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

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नई दिल्ली। अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के बीच सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया (Rupee vs Dollar) 43 पैसे फिसलकर 81.52 के अब तक के निचले स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.47 के स्तर पर खुला। इसके बाद यह गिरकर 81.52 के स्तर पर आ गया। इस तरह पिछले सत्र के बंद भाव की तुलना में यह 43 पैसे फिसला। मालूम हो कि शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे टूटकर 81.09 के स्तर पर बंद हुआ था।

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उल्लेखनीय है कि यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने हाल ही में रेपो रेट में 75 आधार अंकों की वृद्धि की थी। यह फेड द्वारा लगातार तीसरी वृद्धि है।

क्या होगा इसका असर?
रुपये में गिरावट का सबसे बड़ा असर इम्पोर्ट पर होगा। आयातकों को अब आयात के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। दरअशर रुपये की गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा। मौजूदा समय में भारत क्रूड ऑयल, कोयला, प्लास्टिक सामग्री, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वनस्पति तेल, फर्टिलाइजर, मशीनरी, सोना, आदि सहीत बहतु कुछ आयात करता है। रुपये के मूल्य में गिरावट से एक्सपोर्ट सस्ता होगा।

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