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हाइब्रिड फंडों को बनाए रखें अपने साथ

वाइजइन्वेस्ट एडवाइजर्स के सीईओ हेमंत रुस्तगी ने कहा, ‘हाल में बाजार में गिरावट और निवेशकों के हाथ में आने वाले लाभांश पर कर लगाने के सरकार के फैसले के बाद नियमित लाभांश चाहने वाले लोग हाइब्रिड फंड श्रेणी से बहुत खुश नहीं हैं। हालांकि मुझे यह श्रेणी पसंद है क्योंकि यह कई तरह के निवेशकों के लिए अच्छी है।’
अगर हम पिछले साल के आंकड़ों को देखते हैं तो पाते हैं कि हाइब्रिड फंड श्रेणी जनवरी के अंत तक अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। इसमें फंड प्रबंधक इक्विटी और डेट में निवेश करते हैं और अपनी आर्बिट्राज की रणनीति इस्तेमाल करते हैं। इस श्रेणी में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) जनवरी में 4.11 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई थीं, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक थीं। मगर फरवरी से एयूएम घट रहा है और यह मई के आखिर में 25 फीसदी घटकर 3.2 लाख करोड़ रुपये पर आ गई थीं।
यह श्रेणी विभिन्न प्रकार के निवेशकों को लुभाती है। इनमें से एक मासिक लाभांश चाहने वाले निवेशक हैं, जो इन योजनाओं पर नियमित आय के लिए निर्भर हैं। जब फंड प्रबंधक बाजार में भारी गिरावट के कारण लाभांश नहीं दे पाए तो इस निवेशक वर्ग को तगड़ा झटक लगा। रुस्तगी ने कहा कि एक अन्य निवेशक वर्ग ऐसा है, जो शेयर बाजार में उतरना चाहता है मगर उन्हें उन योजनाओं का पता नहीं है, जिनमें उन्हें निवेश करना चाहिए। ऐसे में यह श्रेणी उन लोगों के लिए अच्छी है, जो अपने निवेश का कुछ हिस्सा शेयर बाजार में लगाना चाहते हैं मगर पूरी तरह शेयर बाजार में नहीं उतरना चाहते हैं।
ओपन-ऐंड हाइब्रिड इक्विटी ऑरियंटेड स्कीम इन निवेशकों के लिए कारगर हैं क्योंकि उन्हें इक्विटी के कर लाभ मिलते हैं। रुस्तगी ने कहा कि वे भविष्य में लार्ज कैप एवं मिड कैप योजनाओं में भी जा सकते हैं।
एक अन्य फंड प्रबंधक ने कहा कि निवेशकों का एक अन्य तीसरा वर्ग भी है, जो सक्रिय परिसंपत्ति आवंटन को संभाल नहीं सकता है। ये निवेशक इक्विटी या डेट में आवंटन के लिए वित्तीय योजना नहीं बनाते हैं। यह योजना इसलिए अच्छी है क्योंकि इससे उन्हें किसी समय शेयरों या डेट में अधिक निवेश से स्वाभाविक सुरक्षा मिलती है। एक फंड प्रबंधक ने कहा कि बहुत से निवेशक प्रतिफल के लिए इक्विटी में अगले 10 साल या उससे अधिक इंतजार नहीं करना चाहते हैं, इसलिए यह उनके लिए मध्यम अवधि का विकल्प है।
इसलिए यह श्रेणी दोतरफा काम करती है। अच्छे समय में छप्पर फाड़ प्रतिफल नहीं देती है, मगर शेयर बाजारों में भारी गिरावट के समय निवेशकों को बड़ा झटका भी नहीं देती है। लार्ज या मिड कैप या मल्टी कैप फंडों में केवल शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को इन श्रेणियों ने पिछले तीन साल में औसतन 25 फीसदी प्रतिफल दिया है क्योंकि बाजार मार्च के निचले स्तरों से ऊपर उठ गया है। यहां तक कि हाइब्रिड फंडों में सबसे आक्रामक खंड हाइब्रिड एग्रेसिव श्रेणी ने 6 जुलाई की नेट एसेट वैल्यू के हिसाब से 21.45 फीसदी प्रतिफल दिया है। पिछले छह महीनों के दौरान लार्ज कैप फंडों की श्रेणी का औसत प्रतिफल 9.07 फीसदी रहा है, जबकि इन योजनाओं में केवल -6.61 फीसदी गिरावट आई है। संक्षेप में कहें तो प्रतिफल और जोखिम दोनों सीमित हैं।
निवेश विशेषज्ञों की राय इन योजनाओं को लेकर बंटी हुई है। बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि उनके इक्विटी एवं डेट के प्रदर्शन को मापना मुश्किल हो जाता है। वित्तीय योजनाकार सुरेश सदगोपन ने कहा, ‘हम आम तौर पर भ्रम की स्थिति से बचने की कोशिश करते हैं और डेट एवं इक्विटी में अलग-अलग निवेश करते हैं। लेकिन अगर एक ही योजना का विकल्प हो तो हम इन फंडों का विकल्प चुनेंगे।’
हालांकि आगामी समय में डेट एवं इक्विटी बाजारों में अस्थिरता रहने के आसार हैं, इसलिए ऐेसे अनिश्चित समय में निवेशकों के लिए ऐसी किसी योजना में निवेश करना तर्कसंगत होगा। यह किसी खंड में भारी उतार-चढ़ाव में भी हेजिंग का काम करेगी।

हाइब्रिड म्युचुअल फंड

हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट निवेश का एक संयोजन है, जो योजना के निवेश उद्देश्य को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रत्येक हाइब्रिड फंड में विभिन्न प्रकार के निवेशकों के लिए अलग-अलग तरह का इक्विटी और ऋण का एक अलग संयोजन होता है।

हाइब्रिड फंड कैसे काम करता है?

एक हाइब्रिड फंड लंबी अवधि में पूंजी बढ़ाने के साथ अपने निवेशकों को नियमित आय बनाने के लिए एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाने का प्रयास करता है। फंड मैनेजर योजना के निवेश उद्देश्य के अनुसार एक पोर्टफोलियो बनाता है और अलग-अलग अनुपात में इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में फंड आवंटित करता है। इसके अलावा, फंड मैनेजर भी एसेट्स खरीदता या बेचता है अगर बाजार की चालें अनुकूल होती हैं।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए?

हाइब्रिड फंड्स को डेट फंडों की तुलना में जोखिम भरा माना जाता है लेकिन इक्विटी फंड्स की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है। वे डेट फंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं और कई कम जोखिम वाले निवेशकों द्वारा पसंद किए जाते हैं। इसके अलावा, नए निवेशक जो इक्विटी बाजारों में कदम रखने के बारे में अनिश्चित हैं, वे हाइब्रिड फंड की ओर रुख करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऋण घटक स्थिरता प्रदान करता है जबकि वे इक्विटी ‘जल’ का परीक्षण करते हैं। हाइब्रिड फंड निवेशकों को बाजार में अत्यधिक अस्थिरता के खिलाफ खुद को गढ़ते हुए इक्विटी निवेश का अधिकतम लाभ उठाने की अनुमति देते हैं।

हाइब्रिड फंड के प्रकार

इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स

एक इक्विटी-उन्मुख हाइब्रिड फंड अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 65% इक्विटी और शेष 35% का निवेश ऋण प्रतिभूतियों और मुद्रा बाजार के साधनों में किया जाता है।

डेट ऑरिएन्टेड हाइब्रिड फ़ंड

एक ऋण-उन्मुख हाइब्रिड फंड अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 60% बॉन्ड, डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियों, आदि में निवेश करता है, शेष 40% इक्विटी में निवेश किया जाता है।

बैलेन्स्ड फंड

ये फंड अपनी कुल संपत्ति का न्यूनतम 65% इक्विटी और इक्विटी से हाइब्रिड फंड क्या हैं संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स और शेष ऋण प्रतिभूतियों और नकदी में निवेश करते हैं। कराधान के लिए, उन्हें इक्विटी फंड माना जाता है ।

मंथली इंकम प्लान

मंथली इंकम प्लान एक हाइब्रिड फंड हैं जो मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं और अपने कॉर्पस के एक छोटे हिस्से को इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में आवंटित करते हैं।

आर्बिट्राज फंड

आर्बिट्राज फंड एक बाजार में कम कीमत पर स्टॉक खरीदते हैं और इसे दूसरे में उच्च कीमत पर बेचते हैं। फंड मैनेजर लगातार आर्बिट्राज अवसरों की तलाश में रहता है और फंड के रिटर्न को अधिकतम करता है।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले विचार करने के लिए कारक

1. हाइब्रिड फंड अपने पोर्टफोलियो में परिसंपत्तियों के आवंटन के लिए एक निवेश जोखिम अनुपात रखते हैं। इसलिए, इसमें शामिल जोखिमों की अच्छी समझ पाने के लिए योजना के पोर्टफोलियो का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आपको फंड के मालिक के शेयरों को देखना होगा। प्रमुख रूप से बड़े-कैप या छोटे / मिड-कैप हैं? इससे आपको जोखिमों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह आपको उस तरह का रिटर्न भी देगा जो आप उम्मीद कर सकते हैं।

2. चूंकि हाइब्रिड फंड विभिन्न प्रकारों में आते हैं, इसलिए स्कीम चुनने से पहले अपने जोखिम सहिष्णुता, वित्तीय लक्ष्यों और निवेश क्षितिज पर विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको नियमित आय की आवश्यकता है, तो एक ऋण-उन्मुख हाइब्रिड फंड के लिए चयन करने से अतिरिक्त इक्विटी घटक के कारण शुद्ध डेट फंड की तुलना में बेहतर रिटर्न मिल सकता है। सुनिश्चित करें कि आप निवेश करने से पहले इन कारकों पर विचार करें।

ChatGPT ने गूगल की उड़ाई नींद, दुनिया में हाहाकार मचा चुकी इस AI टेक्नोलॉजी के लिए रेड अलर्ट जारी!

ChatGPT ने गूगल की उड़ाई नींद, दुनिया में हाहाकार मचा चुकी इस AI टेक्नोलॉजी के लिए रेड अलर्ट जारी!

Google ने ChatGPT के लिए एक

Photo:FILE Google ने ChatGPT के लिए एक ‘कोड रेड’ जारी किया है

Google ने ChatGPT के लिए एक ‘कोड रेड’ जारी किया है, जिसे OpenAI द्वारा बनाया गया है। इस AI चैट बॉट को भविष्य के लिए चिंता का विषय बताया जा रहा है। लॉन्च होने के बाद से इसने इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था।

सर्च इंजन में बदलाव करने की क्षमता

Google की मूल कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी की AI की रणनीति पर चर्चा करते हुए ChatGPT को खतरनाक बताया है, और मैनेजमेंट को इसके बारे में जानकारी और रिसर्च इकठ्ठा करने को कहा है। Y कॉम्बिनेटर के पूर्व अध्यक्ष सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित इस ChatGPT के पास सर्च इंजन में बदलाव करने की क्षमता है, जिससे गूगल के साथ आने वाली पीढ़ियों को भी नुकसान हो सकता है।

गूगल को होगा नुकसान

गूगल को सबसे अधिक इस बात को लेकर चिंता हो रही है कि अगर यह टेक्नोलॉजी सही तरीके से काम करना शुरू कर देती है तो उसके प्लेटफॉर्म पर रोज पब्लिश हो रहे लाखों कंटेंट में कमी आ जाएगी। इसका असर उससे आने वाले विज्ञापन पर भी पड़ेगा। लोग गूगल पर किसी विषय के बारे में जानकारी लेने के लिए आने से परहेज करेंगे। वह सीधे इस प्लेटफॉर्म से फ्रेश और नई जानकारी ले पाएंगे। जब गूगल के विज्ञापन बिजनेस पर इसका असर पड़ेगा तो उससे जुड़े लाखों लोगों के रोजगार भी संकट में आ जाएंगे।

क्या है ChatGPT?

चैटजीपीटी ने लॉन्च के पांच दिन के बाद ही 1 मिलियन से अधिक यूजर्स तक अपनी पहुंच बना ली थी। इस एआई का काम लाखों वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारी को संशोधित कर और उसे एक आसान भाषा में बदलकर यूजर्स को जवाब देना है। इसकी मदद से किसी विषय पर आर्टिकल लिखा जा सकता है। बशर्ते की उस विषय के बारे में गूगल पर पहले से जानकारी उपलब्ध हो। यह दुनिया के अलग-अलग भाषाओं में काम कर रही है।

ChatGPT से हिंदी में पूछे गए कुछ सवाल

Image Source : INDIA TV/CHATGPT

ChatGPT से हिंदी में पूछे गए कुछ सवाल

यूजर्स चैटबॉट से आप अपने सवाल भी पूछ सकते हैं। भविष्य के बारे में कोई जानकारी हो या हाल-फिलहाल के किसी मुद्दों पर कोई अपडेट लेना हो। वह हर तरह की जानकारियों को आसानी से एआई की मदद से आपतक पहुंचा सकता है। बता दें, कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का यह पहला वर्जन है, जिसे लॉन्च किया गया है।

इससे किसे खतरा?

इस AI तकनीक से सबसे अधिक खतरा आने वाले समय में कंटेट से जुड़े लोगों को होने वाला है। क्योंकि यह फिलहाल कंटेंट को बेहतर ढंग से लिखने की ट्रेनिंग ले हाइब्रिड फंड क्या हैं हाइब्रिड फंड क्या हैं रहा है। इसने कुछ भाषाओं पर अपनी कमांड बनानी शुरू कर दी है, जिसमें से एक अंग्रेजी भी है। हिंदी में भी इसने अपनी ठीक कंमांड बना ली है। आपकी सुविधा के लिए हम कुछ स्क्रीनशॉट डाल रहे हैं, जो सवाल ChatGPT से हमने पूछे हैं। और उसका जवाब उसके द्वारा क्या दिया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसके बताए गए जवाबों में प्लेगरिज्म नहीं मिलेगा।

ChatGPT से अंग्रेजी में पूछे गए कुछ सवाल

Image Source : INDIA TV/CHATGPT

ChatGPT से अंग्रेजी में पूछे गए कुछ सवाल

इसे तैयार करने के लिए कौन कर रहा मदद?

चैट जीपीटी की शुरुआत सैम अल्टमैन ने एलन मस्क के साथ मिल कर साल 2015 में की थी। उस समय उसका उद्देश्य एक नन प्रॉफिट कंपनी के रूप में काम करना था। आगे चलकर बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें निवेश किया और फिर इसका मकसद पैसा कमाने पर चला गया। इसका पूरा नाम जेनेरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफॉर्मर है। इसे एनएमएस (न्यूरल नेटवर्क बेस्ड मशीन लर्निंग मॉडल) का मॉडर्न रूप भी माना जाता है। इस समय इस कंपनी की वैल्यूएशन 20 बिलियन डॉलर के करीब है।

कोरोना की अगली लहर बीएफ.7 सब वैरिएंट से आएगी? जानें क्‍या बोले एक्‍सपर्ट

कोरोना की अगली लहर बीएफ.7 सब वैरिएंट से आएगी? जानें क्‍या बोले एक्‍सपर्ट

नई दिल्‍ली. दुनिया के कुछ देशों में और खास तौर पर चीन में कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने सबको सकते में ला दिया है. भारत हाइब्रिड फंड क्या हैं में इसका क्‍या असर हो सकता है और क्‍या बीएफ.7 सब वैरिएंट (BF.7 sub variant) से देश में अगली कोविड लहर आएगी? भारत में हेल्‍थ डिपार्टमेंट ने भी पुराने अनुभव से सबक लेते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां की हैं. टेस्टिंग, बूस्‍टर डोज और अन्‍य देशों से आने वाले यात्रियों की जांच और अन्‍य कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. वहीं देश में भी कोरोना लक्षण वाले मरीजों की खास देखभाल की जा रही है. इस बीच एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि भारत में वैक्‍सीन लग जाने और बूस्‍टर डोज लगने के कारण इस बार कोरोना का प्रभाव अधिक होने की संभावना कम है.

चीन में मिले और महामारी के प्रभावी होने के लिए जिम्‍मेदार माने जाने वाले बीएफ.7 सब वैरिएंट जैसा वैरिएंट फरवरी 2021 में पहली बार सामने आया था और तब से लेकर अब तक यह दुनिया भर के करीब 90 देशों में मिल चुका है. भारत में भी इसके मरीज मिल चुके हैं. इन मरीजों पर इस वायरस का सीमित ही असर रहा और लगभग सभी मरीज आसानी से ठीक हो गए.

भारत में मौजूदा वक्‍त में 10 से अधिक वैरिएंट
वायरोलॉजिस्‍ट डॉ गगन दीप कांग का कहना है कि भारत में मौजूदा वक्‍त में 10 से अधिक वैरिएंट हैं और ये सब होने के बावजूद कोरोना के संक्रमण की दर कम है. लहर या केसों में बहुत तेजी से वृद्धि अब तक नहीं देखी गई है. बीएफ.7 सब वैरिएंट को लेकर सतर्कता बेहद जरूरी है, लेकिन साथ ही इससे घबराने की जरूरत नहीं है. भारत के पास वैक्‍सीन की इम्‍युनिटी है और हाइब्रिड फंड क्या हैं साधन-संसाधन भी भरपूर हैं. लोगों को मास्‍क आदि लगाना चाहिए. वहीं कोरोना के लक्षण हो तो डॉक्‍टर से इलाज कराना चाहिए.

बीएफ.7 सब वैरिएंट को लेकर चिंता की कोई बात नहीं
बैंगलोर स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के डायरेक्टर डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि हम लगातार स्थिति-परिस्थितियों पर नजर जमाए हुए हैं. वायरस को लेकर हर घटना और अपडेट को हम फालो कर रहे हैं. बीएफ.7 सब वैरिएंट को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी से चूकना नहीं है. सभी को मास्‍क, हैंड सैनीटाइजर आदि का उपयोग शुरू करना होगा. भीड़-भाड़ वाली जगह से परहेज रखें और कोरोना के लक्षण आते ही इलाज कराएं. भारत में हाइब्रिड इम्‍युनिटी डेवलप हो चुकी है, इसलिए कोरोना का असर कम ही रहेगा.

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चीन में उछाल के कारण एक नहीं, 4 वायरस वेरिएंट: Centre Covid Panel Chief

Centre Covid Panel Chief एनके अरोड़ा ने आज NDTV को बताया कि चीन में नवीनतम प्रकोप, जिसने दुनिया भर में खतरे की घंटी बजा दी है, घबराने की कोई बात नहीं है। चीन से सूचना के मुक्त प्रवाह के अभाव में, उन्होंने कहा, भारत केवल “एहतियाती और पूर्व-खाली” तैयारी कर रहा है। हालांकि, यह निश्चित है कि चीन प्रकरण संक्रमणों के मिश्रित पेय के कारण है, जो रोग संचरण के अध्ययन के कारण विशिष्ट रूप से कार्य करता है।

उन्होंने कहा कि केवल 15% मामलों में बीएफ.7 शामिल है। बहुमत—50%—बीएन और बीक्यू श्रृंखला से है, जिसमें 10-15% एसवीवी संस्करण से आते हैं।

भारत को कोविड की “हाइब्रिड इम्युनिटी” की पहली, दूसरी और तीसरी लहर से लाभ होता है, जो व्यापक संक्रमण के साथ वैक्सीन-प्राप्त प्रतिरक्षा को जोड़ती है।

“वे चीन हाइब्रिड फंड क्या हैं में अनुभवहीन हैं। उन्हें पहले संक्रमण का सामना नहीं करना पड़ा है, और जो टीकाकरण उन्हें मिला है वह संभवतः कम शक्तिशाली है। आज एक विशेष साक्षात्कार में, श्री अरोड़ा ने एनडीटीवी से कहा, “मुझे आपको सूचित करना चाहिए कि उनमें से अधिकांश तीन से चार खुराकें मिलीं।”

जांच में, 97% भारतीयों में एंटीबॉडी के दो हिस्से थे, दूसरों को कम से कम एक बार संक्रमण हुआ। उन्होंने कहा कि यहां तक कि बच्चे भी सुरक्षित हैं क्योंकि 12 साल से कम उम्र के कम से कम 96% बच्चे कोविड के संपर्क में आ चुके हैं।

उन्होंने आगे कहा, “वैक्सीनेशन प्रभावी होने के दौरान भी जिस तरह से लोगों को एक्सपोज किया गया था, उससे हम देखते हैं कि हम कोविड के नजरिए से एक बहुत ही सुरक्षित समाज हैं।”

अभी देश की प्रतिक्रिया “पूर्वव्यापी और सक्रिय प्रतिक्रिया है, मुख्यतः क्योंकि चीन के साथ मौजूदा स्थिति पर भारी अस्पष्टता है।” मामलों की संख्या, उनकी गंभीरता, उनके टीकाकरण की स्थिति और वहां चल रहे विभिन्न प्रकारों के संदर्भ में अस्पष्टता,” श्री अरोड़ा ने कहा। Read More सीमा पर Karnataka के साथ उग्र विवाद में, महाराष्ट्र का बड़ा नया स्टैंड

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