उन्होंने आगे कहा कि "किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर आरबीआई द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआई का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।" हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि क्रिप्टोकरेंसी के नियमन या प्रतिबंध के लिए कोई भी कानून जोखिमों और लाभों के मूल्यांकन और एक सामान्य वर्गीकरण के विकास पर महत्वपूर्ण "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग" के बाद ही प्रभावी होगा।
Cryptocurrency News: क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लग जाएगा प्रतिबंध? जानिए क्या बताया निर्मला सीतारमण ने
आरबीआई (Reserve Bank of India) ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र (RBI Circular) भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी।
क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के पक्ष में रिजर्व बैंक (File Photo)
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर केंद्रीय वित्त मंत्री क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में बताया कि किसी देश की मौद्रिक (Monetary) और राजकोषीय (Fiscal) स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
राजकोषीय स्थिरता पर दुष्प्रभाव
उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा। गौरतलब है कि फिएट मनी सरकार द्वारा जारी क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं एक मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है।
रिजर्व बैंक की क्या है सिफारिश
सीतारमण ने बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव संबंधी चिंताओं के मद्देनजर आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘ आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने बताया कि आरबीआई ने 24 दिसंबर 2013, एक फरवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को सार्वजनिक नोटिसों के माध्यम से डिजिटल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को आर्थिक, वित्तीय, कानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिमों से आगाह कर रहा है।
वर्चुअल करेंसी पर क्या
सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने 31 मई, 2021 के परिपत्र के माध्यम से अपनी विनियमित संस्थाओं को डिजिटल करेंसी में लेनदेन के लिए ग्राहक की यथोचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिये विभिन्न मानकों के अनुरूप कार्य के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं का अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
BitCoin Ban: बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में बैन लगाना क्यों है जरूरी
Crypto Trading: लोग रातो रात अमीर बनने की इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहते, इसलिए हर रोज अधिक से अधिक लोग क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग में शामिल हो रहे हैं।
- निवेशकों के लिए प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में बहुत बड़ा जोखिम है
- क्रिप्टो करेंसी के भाव में रोजाना तेज उतार-चढ़ाव दर्ज किया जाता है
- इसके साथ ही इसकी कोई सोवरन गारंटी नहीं है
- अगर प्राइवेट की गुम हो जाती है तो क्रिप्टो वॉलेट का एक्सेस खत्म हो सकता है
क्रिप्टो को एसेट मानने के नुकसान
अगर प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को एक संपत्ति के रूप में रखने की इजाजत दी जाती है तो इससे भी देश में बड़ी समस्या पैदा होने की आशंका है। इसका मतलब लोगों को जुआ और तुरंत कमाई के लिए प्रोत्साहित करना हो सकता है। इस तरह का कोई भी नियम क्रिप्टो करेंसी को देश में कानूनी मान्यता देने की तरफ बढ़ता हुआ दिखाई देगा और देश में क्रिप्टो के कारोबार में तेजी आने की आशंका है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी legal हैं या illegal क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध है.
बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों में है. दरअसल, सरकार केवल उसी डिजिटल करेंसी को लीगल यानी वैध मान रही है, जो करेंसी Reserve Bank of India द्वारा जारी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अभी जो Crypto Currency है, जैसे Bitcoin, उसे डिजिटल करेंसी नहीं माना जाएगा. बल्कि उसे डिजिटल Asset माना जाएगा. अगर आपको ये सब जटिल लग रहा है तो इसे ऐसे समझिए कि आप जो सोना खरीदते हैं या जो आपका घर है, वो आपके Assets हैं. यानी आपकी सम्पत्ति है, ना क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी, और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल मान लिया गया है तो ये तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं होगा. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रि प्टोकरेंसी पर बैन लगा के illegal बता दि या था, और क्रि प्टोकरेंसी में ट्रेडि गं या इन्वेस्ट करने वालों के लिए 10 साल जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
लेकि न सुप्रीम कोर्ट में जब उसकी सुनवाई चली तो हाईकोर्ट ने मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के लिए एक आदेश जारी कि या। जो की लोगों के हत में था। अपने आदेश में कहा कि वर्चुअल करेंसी या क्रि प्टो करेंसी का कानूनीरूप से लेनदेन कि या जा सकता है। मतलब की पहले ये हमारे देश में illegal माना जाता था लेकि न अभी के टाइम पे आप इसमें ट्रेंडि गं कर सकते हो। लेकिन इसकी मदद से सामना sell या buy नहीं कर सकते हैं।
भारतीय न्यूज पेपर्स के मुताबि क़ RBI बैंक के द्वारा बहुत ही जल्द डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी। शायद भारत में RBI बैंक खुद की डिजि टल करेंसी लांच कर सकता है।
Note : किसी भी प्रकार का नि वेश करने से पहले वो कंपनी या app के बारे में अच्छे से खुद से एक बार पता लगा ले। अगर कोई गलत कंपनी में इन्वेस्ट कर लिया और आपके साथ scam या fraud कुछ हुए तो उसके जिम्मेदार हम नहीं रहेंगे।
'RBI ने की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश'; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है। वह वीसीके सांसद थोल थिरुमावलवन के एक अतारांकित प्रश्न का जवाब दे रही थीं, जिन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी थी कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता दर्ज की थी। उन्होंने सीतारमण से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि क्या उन्होंने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कानून बनाने की सिफारिश की थी।
निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा, "RBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर अपनी चिंता दर्ज की है। RBI ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा नहीं है क्योंकि हर आधुनिक मुद्रा को सेंट्रल बैंक / सरकार द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इसके अलावा, फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और कानूनी निविदा के रूप में उनकी स्थिति द्वारा लंगर डाला गया है, हालांकि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से उच्च रिटर्न की अटकलों और अपेक्षाओं पर निर्भर करता है जो अच्छी तरह से लंगर नहीं डालते हैं, इसलिए इसका देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर एक अस्थिर प्रभाव पड़ेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि "किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर आरबीआई क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआई का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।" हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि क्रिप्टोकरेंसी के नियमन या प्रतिबंध के लिए कोई भी कानून जोखिमों और लाभों के मूल्यांकन और एक सामान्य वर्गीकरण के विकास पर महत्वपूर्ण "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग" के बाद ही प्रभावी होगा।
क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र का विकसित रुख
13 नवंबर, 2021 को, पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए आगे बढ़ने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और उसी के बारे में भ्रामक गैर-पारदर्शी विज्ञापन के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई। यह कहते हुए कि क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता, सूत्रों ने संकेत दिया कि केंद्र सभी हितधारकों के साथ जुड़ना जारी रखेगा। 5 दिन बाद सिडनी डायलॉग में अपने मुख्य भाषण के दौरान पहली बार क्रिप्टोकरेंसी पर सार्वजनिक रूप से बोलते हुए, पीएम ने सभी लोकतांत्रिक देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाए।
18 नवंबर, 2021 को, पीएम मोदी ने कहा, "इसे (देशों के बीच वैश्विक सहयोग) राष्ट्रीय अधिकारों को भी पहचानना चाहिए और साथ ही, व्यापार, निवेश और बड़े सार्वजनिक अच्छे को बढ़ावा देना चाहिए। उदाहरण के लिए क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन लें। यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।"
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, माइनिंग और पजेशन पर बैन से संबंधित कानून लाएगी सरकार
भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के लिए एक कानून लाने जा रही है. इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करता है, माइनिंग करता है या इस डिजिटल एसेट को अपने पास रखता है, तब भी उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई की जा सकेगी. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है. वास्तव में देश में क्रिप्टो करेंसी का जलवा है और लाखों क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं निवेशक इस हॉट ऐसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं या कर चुके हैं. सरकार का कानून वास्तव में दुनिया के सबसे सख्त कानून में से एक हो सकता है. भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने से संबंधित यह कानून वास्तव में क्रिप्टो करेंसी के पजेशन, इसे जारी करने, माइनिंग, ट्रेडिंग और ट्रांसफर को अपराध घोषित कर देगा. एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है.
रखने पर भी पेनाल्टी
अगर भारत सरकार ने यह कानून बना दिया तो भारत दुनिया की पहली ऐसी प्रमुख इकनोमी बन जाएगी क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं जहां क्रिप्टो करेंसी को अपने पास रखना भी अवैध हो जाएगा. चीन ने हालांकि क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन वहां क्रिप्टो करेंसी रखने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती. भारत में बन रहे इस नए कानून के हिसाब से क्रिप्टो करेंसी रखने वाले लोगों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, जिसमें हुए उसे बेचकर बाहर निकाल सके, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार के इस कदम का उद्देश्य यह है कि देश में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि को इजाजत न दी जाए. इसका असर लाखों निवेशकों पर पड़ सकता है. पिछले कुछ समय में एक ऐसी ही क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के भाव में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है और लाखों लोगों ने इसमें निवेश किया हुआ है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 208