2023 ರ ವಿಧಾನಸಭಾ ಚುನಾವಣೆಯ ಜಾತ್ಯತೀತ ಜನತಾದಳ ಪಕ್ಷದ 93 ಕ್ಷೇತಗಳ ಅಭ್ಯರ್ಥಿಗಳ ಪಟ್ಟಿಯನ್ನು ಮಾಜಿ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳಾದ ಶ್ರೀ @hd_kumaraswamy ಅವರ ಉಪಸ್ಥಿತಿಯಲ್ಲಿ ಪಕ್ಷದ ರಾಜ್ಯಾಧ್ಯಕ್ಷರಾದ ಶ್ರೀ ಸಿ ಎಂ ಇಬ್ರಾಹಿಂ ಅವರು ಮಾಧ್ಯಮ ಸುದ್ದಿಗೋಷ್ಠಿ ಮುಖಾಂತರ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಳಿಸಿದರು. pic.twitter.com/Y4LCFr51uu — Janata Dal Secular (@JanataDal_S) December 19, 2022
कर्नाटक विधानसभा चुनाव: जनता दल सेक्युलर ने जारी की 93 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, चन्नापटना से चुनाव लड़ेंगे एचडी कुमारस्वामी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने मैदान में आना शुरू कर दिया है. राजनीतिक दलों में बैठकों का दौर जारी है. इसी बीच जेडीएस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है.
By: ABP Live | विकल्प विश्लेषण क्या है Updated at : 19 Dec 2022 03:48 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (Image Source : PTI File Photo)
JDS Candidates Karnataka Assembly Election: कर्नाटक में 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे. विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कस ली है. सोमवार को जनता दल (एस) ने 93 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है.
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी चन्नापटना से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके बेटे निखिल को रामनगर से टिकट मिला है. इसके अलावा, जेडी (एस) ने चामुंडेश्वरी से जीटी देवेगौड़ा को टिकट दिया है और उनके बेटे हरीश गौड़ा हुनसूर से चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी (BJP) ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीते हफ्ते हुई एक आंतरिक बैठक में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कर्नाटक में आगामी चुनावों में पार्टी की तैयारियों का जायजा लिया. पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' का भी विश्लेषण किया.
वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय पर नजर
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बैठक में चर्चा इस बात पर भी केंद्रित थी कि बीजेपी को वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों के आसपास कैसे काम करना चाहिए, क्योंकि राज्य में किसी भी पार्टी की जीत के लिए दोनों का समर्थन महत्वपूर्ण है. जनता दल (सेक्युलर) का वोक्कालिगा समुदाय में दबदबा है, खासकर पुराने मैसूर क्षेत्र में जहां बीजेपी ने 2018 के पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था.
2023 ರ ವಿಧಾನಸಭಾ ಚುನಾವಣೆಯ ಜಾತ್ಯತೀತ ಜನತಾದಳ ಪಕ್ಷದ 93 ಕ್ಷೇತಗಳ ಅಭ್ಯರ್ಥಿಗಳ ಪಟ್ಟಿಯನ್ನು ಮಾಜಿ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳಾದ ಶ್ರೀ @hd_kumaraswamy ಅವರ ಉಪಸ್ಥಿತಿಯಲ್ಲಿ ಪಕ್ಷದ ರಾಜ್ಯಾಧ್ಯಕ್ಷರಾದ ಶ್ರೀ ಸಿ ಎಂ ಇಬ್ರಾಹಿಂ ಅವರು ಮಾಧ್ಯಮ ಸುದ್ದಿಗೋಷ್ಠಿ ಮುಖಾಂತರ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಳಿಸಿದರು. pic.twitter.com/Y4LCFr51uu
— Janata Dal Secular (@JanataDal_S) December 19, 2022
2018 के विधानसभा चुनाव
अगर बात 2018 के विधानसभा चुनाव की करें तो बीजेपी ने राज्य की 104 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस 80 सीटों पर सिमट गई थी. एचडी कुमारस्वामी की पार्टी जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को 36 प्रतिशत, कांग्रेस को 38 प्रतिशत और जेडीएस को 18.3 प्रतिशत वोट मिला था.
Published at : 19 Dec 2022 03:48 PM (IST) Tags: JDS Karnataka Assembly election हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
नकली शराब पर विश्लेषण- पिछले 6 सालों में नशे का सेवन करने से सात हजार लोगों की हुई थी मौत
बिहार में नकली शराब से हाहाकार मचा हुआ है जिसको लेकर मौत के आक़ड़ों में प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। इस पर सीएम नीतिश ने कुछ दिन पहले चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि " शराब पीना अच्छी बात नहीं हो जो भी इसे पीएगे वो तो मरेगी ही"। आपकों बता दें कि नकली शराब से पिछले 6 सालों में तकरीबन 7 हजार लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इतनी ही नकली शराब से मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब में भी कई लोगों को कथित तौर से मौत हो गई थी। इस आकडों की जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों ने पूर्ण रूप से साझा की है।
नकली शराब ने कई हजारों को छीनीं सांसे
बिहार में नकली शराब के सेवन से पिछले दो-तीन दिनों में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि राज्य में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। वलएनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में नकली शराब के सेवन से वर्ष 2016 में मौत के 1,054 मामले सामने आए, जबकि वर्ष 2017 में इससे 1,510, वर्ष 2018 में 1,365, वर्ष 2019 में 1,296 और वर्ष 2020 में 947 लोगों की जान गई। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में पूरे देश में नकली शराब के सेवन से जुड़ी 708 घटनाओं में 782 लोगों की मौत हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 137, पंजाब में 127 और मध्य प्रदेश में 108 लोगों की जान गई।
एनसीआरबी के अनुसार, 2016 से 2021 तक छह साल की अवधि में नकली शराब ने भारत में कुल 6,954 लोगों की जान ली। इस लिहाज से नकली शराब के सेवन से देश में प्रतिदिन औसतन तीन से अधिक लोगों की मौत हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक, 2016 से 2021 के बीच नकली शराब के सेवन से मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 1,322 मौतें हुईं, जबकि कर्नाटक में इस अवधि में 1,013 और पंजाब में 852 लोगों की जान गई। नकली शराब से हुई मौतों को लेकर लोकसभा में 19 जुलाई 2022 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक के एनसीआरबी के आंकड़े पेश किए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2016 से 2021 के बीच नकली शराब पीने से उत्तर प्रदेश में 425, राजस्थान में 330, झारखंड में 487, हिमाचल प्रदेश में 234, हरियाणा में 489, गुजरात में 54, छत्तीसगढ़ में 535, बिहार में 23, आंध्र प्रदेश में 293 और पश्चिम बंगाल में 24 लोगों की मौत हुई। इस अवधि में नकली शराब ने पुडुचेरी में 172 और दिल्ली में 116 लोगों की जान ली।
नकली शराब पर विश्लेषण- पिछले 6 सालों में नशे का सेवन करने से सात हजार लोगों की हुई थी मौत
बिहार में नकली शराब से हाहाकार मचा हुआ है जिसको लेकर मौत के आक़ड़ों में प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। इस पर सीएम नीतिश ने कुछ दिन पहले चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि " शराब पीना अच्छी बात नहीं हो जो भी इसे पीएगे वो तो मरेगी ही"। आपकों बता दें कि नकली शराब से पिछले 6 सालों में तकरीबन 7 हजार लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इतनी ही नकली शराब से मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब में भी कई लोगों को कथित तौर से मौत हो गई थी। इस आकडों की जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों ने पूर्ण रूप से साझा की है।
नकली शराब ने कई हजारों को छीनीं सांसे
बिहार में नकली शराब के सेवन से पिछले दो-तीन दिनों में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई विकल्प विश्लेषण क्या है है, जबकि राज्य में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। वलएनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में नकली शराब के सेवन से वर्ष 2016 में मौत के 1,054 मामले सामने आए, जबकि वर्ष 2017 में इससे 1,510, वर्ष 2018 में 1,365, वर्ष 2019 में 1,296 और वर्ष 2020 में 947 लोगों की जान गई। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में पूरे देश में नकली शराब के सेवन से जुड़ी 708 घटनाओं में 782 लोगों की मौत हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 137, पंजाब में 127 और मध्य प्रदेश में 108 लोगों की जान गई।
एनसीआरबी के अनुसार, 2016 से 2021 तक छह साल की अवधि में नकली शराब ने भारत में कुल 6,954 लोगों की जान ली। इस लिहाज से नकली शराब के सेवन से देश में प्रतिदिन औसतन तीन से अधिक लोगों की मौत हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक, 2016 से 2021 के बीच नकली शराब के सेवन से मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 1,322 मौतें हुईं, जबकि कर्नाटक में इस अवधि में 1,013 और पंजाब में 852 लोगों की जान गई। नकली शराब से हुई मौतों को लेकर लोकसभा में 19 जुलाई 2022 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक के एनसीआरबी के आंकड़े पेश किए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2016 से 2021 के बीच नकली शराब पीने से उत्तर प्रदेश में 425, राजस्थान में 330, झारखंड में 487, हिमाचल प्रदेश में 234, हरियाणा में 489, गुजरात में 54, छत्तीसगढ़ में 535, बिहार में 23, आंध्र प्रदेश में 293 और पश्चिम बंगाल में 24 लोगों की मौत हुई। इस अवधि में नकली शराब ने पुडुचेरी में 172 और दिल्ली में 116 लोगों की जान ली।
पुरानी फोटो का रेजोलूशन कम है? इस तरीके को अपनाकर इमेज को कर सकते हैं क्लियर
पुरानी फोटो पर कहीं अपलोड करने से पहले अगर इसे बेहतर रेजोलूशन में कर लिया जाए तो कितना बेहतर होगा. अब पुराने फोटो के र . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : December 22, 2022, 07:45 IST
हाइलाइट्स
पुरानी हेजल सी इमेज को बेहतर रेजोलूशन में क्लीयर करने के लिए अडोब फॉटोशॉप एक अच्छा विकल्प है.
एडिटिंग ओपन होते ही इमेज की ब्राइटनेस को थोड़ा बढ़ाइए, इसको 0 से 22 या 25 पॉइंट्स तक बढ़ा सकते है.
रेजोलूशन को PPI यानी पिक्सल पर इंच के हिसाब से नापा जाता है.
नई दिल्ली. एक समय था जब कभी संडे की सफाई के समय में अलमारी से कोई पुरानी एल्बम निकल आती थी तो चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती थी. अब वो समय है जब अपने स्मार्टफोन में कई बार स्क्रॉल करते हुए इमेज गैलरी में पुराने किसी फोन से खिंची कोई हल्के रेजोलूशन की फोटो मिल जाए तो याद करना पड़ता है कि ये आखिर कब की फोटो है. ऐसी पुरानी तस्वीरों किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने से पहले बस एक ही हिचक होती है कि अगर ये बेहतर रेजोलूशन में होती, थोड़ी क्लीयर नजर आ रही होती तो कितना अच्छा होता.
हम आपको बताना चाहेंगे कि ऐसी पुरानी फोटोज को क्लीयर बेहतर रेजोलूशन में एडिट करना अब मुमकिन है. पुरानी हेजल सी इमेज को बेहतर रेजोलूशन में क्लीयर करने के लिए अडोब फॉटोशॉप एक अच्छा विकल्प है. लेकिन अडोब में एडिट करने से पहले आप एक छोटी-सी कोशिश अपने मोबाइल से भी कर सकते हैं.
क्या है प्रोससे?
सबसे पहले आपको इमेज को एडिट करने के लिए खोलना होगा. इसके बाद अजस्ट्मन्ट ऑप्शन पर क्लिक करेंगे. एडिटिंग ओपन होते ही इमेज की ब्राइटनेस को थोड़ा बढ़ाइए, इसको 0 से 22 या 25 पॉइंट्स तक बढ़ाइए और फिर कन्ट्रैस्ट ऑप्शन पर जाकर इसको 55 से 60 तक आगे बढ़ा दीजिए. अब अगर आपको आपकी इमेज थोड़ी डार्क लग रही है तो ब्राइटनेस को 35 या 40 पॉइंट्स तक भी बढ़ा सकते हैं.
अब इमेज अगर हल्की-फुल्की ब्लर है तो इसी अजस्ट्मन्ट पैनल में आपको एक ऑप्शन शार्पनेस का भी मिलेगा. अब इसे भी 50 तक बढ़ा दीजिए और अब जब आप अपनी पुरानी इमेज से कम्पेयर करके देखेंगे तो पाएंगे कि आपकी इमेज अब पहले से ज्यादा क्लीयर नजर आ रही है पर इस तरह से रेजोलूशन नहीं बढ़ता है.
रेजोलूशन बढ़ाने के लिए फोटोशॉप में रीसैम्पलिंग इमेज नाम का ऑप्शन होता है. सबसे पहले विकल्प विश्लेषण क्या है हम ये समझते हैं कि रेजोलूशन आखिर है क्या और कम या ज्यादा कैसे हो सकता है? रेजोलूशन को ठीक तरह से समझें तो ये और कुछ नहीं इमेज का डेटा ही है. रेजोलूशन को PPI यानी पिक्सल पर इंच के हिसाब से नापा जाता है.
जब आप किसी सोशल साइट पर इमेज अपलोड करते हैं तो वह अपने आप ही इमेज को कम्प्रेस कर रेजोलूशन कम कर देती है, यानी इमेज से उसकी डिटेल्स कम कर देती है. वहीं रेजोलूशन बढ़ाने का मतलब है कि उस इमेज में पर इंच पिक्सल्स को जोड़ना होता है और यह काम अडोब फॉटोशॉप अपने आर्टफिशल से अंदाजन उस फोटो के पिक्सल्स को ऐड करने लगता है.
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Business Idea: महज 5000 रुपए से शुरू होने वाला ये बिजनेस हर महीने देगा आपको तगड़ा मुनाफा, जानें डिटेल
Business Idea: कुल्हड़ के बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार मदद कर रही है. सरकारी मदद से बहुत कम पैसे लगाकर इसे शुरू कर सकते हैं.
Written by Dimple Yadav December 20, 2022 10:02 pm
हर महीने लाखों की कमाई
सिंगल यूज प्लास्टिक के कारोबार में कई लोग शामिल थे. अब इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए इसके दूसरे विकल्पों की तलाश तेजी से शुरू हो गई है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं. जिसमें खर्चा भी बेहद कम होगा और बंपर कमाई की पूरी संभावना है. यह सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे बड़ा विकल्प है जो उभर सकता है. हम बात कर रहे हैं कुल्हड़ बनाने के बिजनेस की. इस बिजनेस को 1000 रुपये के निवेश से शुरू किया जा सकता है.
इसे शुरू करने के लिए मोदी सरकार आर्थिक मदद भी कर रही है. हर गली-नुक्कड़ पर कुल्हड़ वाली चाय की डिमांड है. ऐसे में आप कुल्हड़ बनाने और बेचने का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने से जल्द ही रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, एयरपोर्ट और मॉल में कुल्हड़ की मांग बढ़ सकती है.
सरकार कुल्हड़ बनाने के लिए बिजली का पहिया उपलब्ध कराती है. जिसकी मदद से आप आसानी से कुल्हाड़ी बना सकते हैं. खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कुछ समय पहले जानकारी दी थी कि वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने 25 हजार बिजली के चाक बांटे थे. सरकार भी इन कुल्हाड़ियों को अच्छे दामों पर खरीदती है. बता दें कि हाल ही में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कुल्हड़ को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक या पेपर कप में चाय बेचने पर रोक लगाने की मांग की थी. वहीं, केंद्र सरकार ने भी एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, ऐसे में कुल्हड़ की मांग में बढ़ोतरी का फायदा उठाया जा सकता है.
कच्चे माल
कच्चे माल की बात करें तो इसे बनाने में अच्छी क्वालिटी की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. इसे किसी नदी या तालाब के आसपास से लिया जा सकता है। दूसरा कच्चा माल साँचा है. कुल्हड़ को आप जिस साइज का बनाना चाहते हैं, उस साइज के सांचे को आप बाजार से खरीद सकते हैं. एक बार कुल्हड़ बन जाने के बाद, इसे मजबूत करने के लिए इसे पकाना पड़ता है. इसके लिए बड़े आकार की भट्टी की आवश्यकता होती है. भट्टी बन जाने के बाद आप इसमें बनने वाले कुल्हड़ को पका सकते हैं.
कितना होगा मुनाफ़ा
चाय कुल्हड़ किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिहाज से भी काफी सुरक्षित मानी जाती है. मौजूदा रेट की बात करें तो एक चाय कुल्हड़ की कीमत करीब 50 रुपए प्रति सैकड़ा है. इसी तरह लस्सी कुल्हड़ का भाव 150 रुपये प्रति सैकड़ा, दूध कुल्हड़ का भाव 150 रुपये प्रति सैकड़ा और प्याला 100 रुपये प्रति सैकड़ा चल रहा है. मांग बढ़ने पर रेट बेहतर होने की भी संभावना है. फिलहाल सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने के बाद इसके दाम और बढ़ सकते हैं.
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