नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे पत्र में यू.बी.एस. तेवतिया, अध्यक्ष, एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए, ने बताया: "मौजूदा इमारतों के पास गहरी खुदाई से मौजूदा इमारत की नींव के नीचे फिसलन/पृथ्वी की गति हो सकती है और मौजूदा ढांचे को बिना किसी सुरक्षा उपाय के नुकसान हो सकता है।"

Samachar Jagat

भारत में भुखमरी खतरनाक स्तर पर, पाकिस्तान बांग्लादेश से भी बदतर हालात

modi in lockdown

जीएचआई का कुल स्कोर 100 पॉइंट होता है, जिसके आधार पर किसी देश की भूख की गंभीरता की स्थिति दिखती है। यानी के अगर किसी देश का स्कोर ज़ीरो है तो उसकी अच्छी स्थिति है और अगर किसी का स्कोर 100 लीवरेज खतरनाक क्यों है? है तो उसकी बेहद ख़राब स्थिति है।

भारत का स्कोर 29.1 है जो कि बेहद गंभीर श्रेणी में आता है।

इसके अलावा कुल ऐसे 17 शीर्ष देश हैं, जिनका स्कोर 5 से भी कम हैं। इन देशों में चीन, तुर्की, कुवैत, बेलारूस, उरुग्वे और चिली जैसे देश शामिल हैं।

भारत की स्थिति

जीएचआई जिन चार पैमानों पर मापा जाता है उसमें से एक बच्चों में गंभीर कुपोषण की स्थिति को देखें तो भारत में इस बार उसे 19.3 फ़ीसदी पाया गया है जबकि 2014 में यह 15.1 फ़ीसदी था. इसका अर्थ है लीवरेज खतरनाक क्यों है? कि भारत इस पैमाने में और पिछड़ा है।

वहीं अगर कुल कुपोषण के पैमाने की बात की जाए तो वो भी काफ़ी बढ़ी है। ये पैमाना देश की कुल आबादी कितना खाना खाने की कमी का सामना कर रही है उसको दिखाता है।

इंडेक्स के मुताबिक़, भारत में 2018 से 2020 के बीच जहाँ ये 14.6 फ़ीसदी था वहीं 2019 से 2021 के बीच ये बढ़कर 16.3 फ़ीसदी हो गया है. इसके मुताबिक़ दुनिया में कुल 82.8 करोड़ लोग जो लीवरेज खतरनाक क्यों है? कुपोषण का सामना कर रहे हैं उसमें से 22.4 करोड़ लोग सिर्फ़ भारत में ही हैं।

मोदी सरकार पर निशाना

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार की आलोचनाएं भी शुरू हो गई हैं।

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया है कि ‘माननीय प्रधानमंत्री कुपोषण, भूख और बच्चों में कुपोषण जैसे असली मुद्दों को कब देखेंगे।’

चिदंबरम ने आगे लिखा कि ‘भारत के 22.4 करोड़ लोगों को कुपोषित माना गया है। भारत की ग्लोबल हंगर इंडेक्स में रैंक लगभग बिल्कुल नीचे है, 121 देशों में 107वें स्थान पर।’

सीपीएम नेता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने ट्वीट किया है कि ‘भारत को 2022 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 107वां स्थान मिला है। सिर्फ़ अफ़ग़ानिस्तान दक्षिण एशियाई देशों में हमसे नीचे है। साल 2015 में भारत की रैंक 93 थी। बच्चों के कुपोषण के पैमाने में भारत की स्थिति बिगड़ते हुए 19.3 फ़ीसदी हो गई है जो कि दुनिया में सबसे अधिक है।’

दिल्ली NCR में पटाखे जलाना पड़ा भारी, खराब श्रेणी में पहुंचा प्रदूषण का स्तर, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट

Pollution Level in Delhi: दिवाली के त्योहार है. इसी खुशी में लोगों ने छोटी दिवाली यानी रविवार शाम खूब पटाखे फोड़े. बता दें पटाखे फोड़ने को लेकर दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन रविवार शाम को कई जगहों पर पटाखे जलाए गए. इसकी वजह से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली और नोएडा के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. सफर के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में एक्यूआई इंडेक्स 319 यानी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया. दिल्ली के इंडिया गेट और लोधी रोड पर एक्यूआई 276 दर्ज किया गया. दिल्ली में आज सुबह धुंध दिखाई दे रही है. वहीं, नोएडा में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 309 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ.

निजी निर्माण कार्य पर रोक

वहीं, दिल्ली प्रशासन ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए अगले आदेश तक आनंद विहार और आसपास के इलाकों में निजी निर्माण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है, आनंद विहार और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 अक्टूबर को 410 मापा गया. इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है और निर्देश दिया है कि संबंधित क्षेत्रों में बढ़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक एहतियाती और धूल शमन उपाय किए जाएं.

सफर ने कहा कि अस्थमा के रोगी, खांसी या सांस की तकलीफ के लक्षण होने पर दवा अपने पास रखें. हृदय रोगियों को दिल की धड़कन, सांस की तकलीफ या असामान्य थकान होने पर डॉक्टर से जांच कराए की सलाह दी है.

नोएडा ट्विन टावर्स की सफाई की समय सीमा समाप्त होने के कारण शोर का स्तर अब तक के उच्च स्तर पर.

इस साल अगस्त में नोएडा के कुख्यात जुड़वां टावरों के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पड़ोसी एमराल्ड कोर्ट परिसर के निवासियों के लिए ध्वनि प्रदूषण, लगातार सिरदर्द, सांस लेने की समस्याओं, अस्थिर फर्श और बढ़ती चिंता के स्तर को पीछे छोड़ दिया है। . और क्रोध एस्टर-2 के निवासियों के बीच आम भावना प्रतीत होता है, जो साइट से सिर्फ नौ मीटर की दूरी पर रहते हैं, और संरचना के निरंतर निराकरण और कंक्रीट के मलबे और धातु के ढेर को हटाने का खामियाजा भुगत रहे हैं।

जुड़वां टावरों के विकासकर्ता सुपरटेक द्वारा सौंपी गई कंपनी के दावों के बावजूद, मलबे को अभी तक नहीं हटाया गया है, कि 80,000 टन मलबे का 60 प्रतिशत हटा दिया गया है।

नतीजतन, रोजाना, सुबह 8 बजे तेज, श्रमिक बिना रुके खुदाई करते हैं, उनके द्वारा नियोजित विशाल मशीनों से आवाज अधिकतम 100 डेसिबल तक पहुंचती है यदि तीन मिलकर काम करते हैं।

Rajasthan Teacher Recruitment : RSMSSB ने लेवल 1, 2 के लिए 48,000 शिक्षक पदों पर निकाली भर्ती

Rajasthan Teacher Recruitment: RSMSSB recruited 48,000 teacher posts for level 1, 2

राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग (RSSC या RSMSSB) के अनुसार प्राथमिक और माध्यमिक (Level 1 और Level 2) कक्षाओं में 48,000 शिक्षक पद खाली हैं। आवेदन प्रक्रिया 21 दिसंबर, 2022 से शुरू होकर 19 जनवरी, 2023 को समाप्त होगी। इच्छुक कैंडिडेट rsmssb.rajasthan.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। । कुल रिक्तियों में से 21,000 लेवल 1 (प्राथमिक) के लिए हैं और 27,000 लेवल 2 के लिए हैं

छोटी सी सूचना प्रकाशित हो चुकी है। विस्तृत अधिसूचना जल्द ही rsmssb.rajasthan.gov.in पर जारी की जाएगी।

लेवल 1: 21,000 पद

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