दिन के व्यापारी आमतौर पर अधिक लेनदेन खोलते हैं। वे एक पूरे दिन पर स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? ध्यान केंद्रित करते हैं, इसलिए वे एक ही दिन में कई बार खरीदते और बेचते हैं। वे तेजी से लाभ की तलाश में हैं। अक्सर यह सुझाव दिया जाता है कि एक ही लेन-देन में अपनी कुल पूंजी का 1% से अधिक निवेश न करें। रिवॉर्ड-टू-रिस्क अनुपात 2:स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? 1 के साथ, यह अभी भी आपको बहुत अधिक जोखिम लिए बिना लाभ दिला सकता है।

गैर खाद्य कर्ज में लगातार हो रही बढ़ोतरी घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती का असर

RBI Repo Rate Hike: महंगाई पर आरबीआई का एक और प्रहार, फिर बढ़ा रेपो रेट; महंगा होगा लोन, बढ़ेगी EMI

RBI Repo Rate Hikeआरबीआई ने एक बार फिर महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है। यह आरबीआई की ओर से ब्याज दर में होने वाली पांचवी वृद्धि है। अब रेपो रेट बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गया है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) के फैसलों का एलान किया गया है। एमपीसी ने इस बार भी महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। एमपीसी ने समीक्षा बैठक में रेपो रेट में इजाफा किया है।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज अपनी स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? बैठक में liquidity adjustment facility (LAF) के तहत पॉलिसी रेपो दर को 35 आधार अंक या 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में की गई पांचवीं वृद्धि है। केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।

आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बढ़ोतरी का एलान करते हुए कहा कि एमपीसी ने ब्याज दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। अब रेपो रेट बढ़कर 6.स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? 25 प्रतिशत हो गया है। एमपीसी के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में थे। वहीं, 6 में से 4 सदस्य पॉलिसी के अकोमोडेटिव रूख वापास लेने के पक्ष में थे। वहीं, IFSC में गोल्ड प्राइड रिस्क के एक्सपोजर को हेज किया जा सकेगा।

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भारतीय अर्थव्यवस्था मे जारी रहेगी तेजी

आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान को 7.00 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 7.1 प्रतिशत रह सकती है।

महंगाई को लेकर कहा कि चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही 5.4 प्रतिशत होने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई को अनुमान को लेकर कोई भी बदलाव नहीं किया है। इसके साथ कहा कि अगले 12 महीने तक महंगाई 4 प्रतिशत के ऊपर रह सकती है।

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ईएमआई में होगा इजाफा, एफडी वालों को फायदा

रेपो रेट में इजाफा होने का सीधा असर आपकी होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे अन्य सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाएंगे। जब भी आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में इजाफा किया जाता है, तो इसका सीधा असर लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिलता है। इसके कई कमर्शियल बैंकों की ओर से भी ब्याज दर में इजाफा किया जा सकता है।

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डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग। आपको कौन सी शैली सबसे अच्छी लगती है?

डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग

विभिन्न ट्रेडिंग शैलियों मौजूद। आप उन सभी को जानना चाह सकते हैं। यह आपको यह निर्णय लेने में मदद करेगा कि आपको कौन सा पसंद है, कौन सा आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है और कौन सा आपको सबसे अधिक लाभ लाता है। आज, मैं दो शैलियों और उनके बीच के अंतरों के बारे में बात करूंगा। वे डे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग होंगे।

ट्रेडिंग के दोनों तरीके एक तरह से समान हैं, लेकिन कुछ आवश्यक अंतर हैं। आइए ट्रेडिंग फ्रीक्वेंसी, किए गए ट्रेडों की संख्या, समय सीमा, आपको इसे समर्पित करने के लिए आवश्यक समय और आप उनके साथ कैसे ट्रेड कर सकते हैं, इस पर चर्चा करते हैं।

अपनी ट्रेडिंग शैली चुनेंआपको किस प्रकार का व्यापार चुनना चाहिए

दिन और स्विंग ट्रेडिंग के बीच निर्णय लेते समय आपको कई कारकों पर ध्यान देना चाहिए।

पहली आपकी उपलब्धता है। दिन के कारोबार में अधिक समय लगता है। स्विंग ट्रेडिंग आपको अधिक स्वतंत्रता देती है।

दिन के कारोबार की गति बहुत तेज है। आप दिन भर में विभिन्न लेन-देन खोलेंगे और इसके लिए हर समय आपका ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। स्विंग ट्रेडिंग के दौरान खोले गए पोजीशन लंबे समय तक चलते हैं और इसलिए उन्हें इतना ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

इसके अलावा, अनुमान लगाएं कि आप कितना तनाव ले सकते हैं। आमतौर पर, तेजी से बदलाव और निरंतर फोकस के साथ, दिन के कारोबार को अधिक तनावपूर्ण माना जाता है।

डेमो ट्रेडिंग खातेनिष्कर्ष

अंत में, यह हमेशा एक व्यक्तिगत निर्णय होता है कि किसे चुनना है। कोई यह नहीं कह सकता कि यह दूसरे से बेहतर है। हालांकि, यह इस खास ट्रेडर के लिए बेहतर हो सकता है।

विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग के बारे में जानें, उन्हें डेमो अकाउंट पर आज़माएं और पता करें कि आपको सबसे अच्छा क्या लगता है।

आम तौर पर, दिन के कारोबार में अधिक लाभ की संभावना होती है क्योंकि व्यापार अधिक बार होता है। यह स्विंग ट्रेडिंग की तुलना में अधिक सक्रिय, समय लेने वाली और तनावपूर्ण भी है, जिसमें अभी भी बहुत अधिक लाभ की संभावना है।

पूंजी की आवश्यकताएं विभिन्न बाजारों और व्यापारिक शैलियों पर निर्भर करती हैं। शुरू करने स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? के लिए न्यूनतम राशि है या नहीं, आपको अपने ब्रोकर से जांच करनी चाहिए।

"जीतोगे तो स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? आगे जाओगे वरना घर लौटोगे" : T20 वर्ल्‍डकप में भारत और इंग्लैंड की कहानी..

भारतीय टीम स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? का रविवार को जिंबाब्‍वे से मुकाबला होगा

ICC T20 World Cup: आईसीसी टी-20 वर्ल्‍डकप में टीम इंडिया के अभी 4 मैच खेल कर 6 अंक हैं और उसका अगला मैच रविवार को ज़िंबाब्वे के साथ है. भारत के पास सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए दो रास्‍ते हैं, एक- भारत ज़िंबाब्वे को हरा दे तो उसके पास सबसे अधिक 8 अंक हो जाएंगे लेकिन अगर बारिश होती है और मैच रद्द हो जाता है तो भी भारत के पास मौक़ा होगा क्योंकि उसके पास 7 अंक होंगे. दक्षिण अफ़्रीका यदि नीदरलैंड को हरा देता है तो वो भी 7 अंक लेकर सेमीफाइनल में पहुंच जाएगा. अब रहा पाकिस्तान, उसके पास 4 मैच खेलकर 4 अंक है और उसे बांग्लादेश के साथ अगला मैच खेलना है.

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पाकिस्तान को हर हाल में यह मैच जीतना होगा. साथ ही उसे यह भी प्रार्थना करनी होगी कि ज़िंबाब्वे, भारत को हरा दे जैसा कि ज़िंबाब्वे ने उसके साथ किया था. ऐसी स्थिति में भारत और पाकिस्तान दोनों के पास 6 अंक होंगे और बेहतर रन रेट की वजह से पाकिस्तानी टीम सेमीफाइनल में जा सकती है मगर इसके लिए उसे बांग्लादेश को हराना होगा.

उधर दूसरे ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया ने अफ़ग़ानिस्तान तो 4 रन से हरा दिया है और उसके पास न्यूज़ीलैंड की तरह 7 अंक हैं मगर अभी इंग्लैंड का एक मैच बाकी है. इंग्लैंड को श्रीलंका को हर हाल में हराना ही होगा यदि वहां बारिश हो जाती है और अंक बंट जाते हैं तो वह बाहर हो जाएगा. अगर इंग्लैंड ने श्रीलंका को हरा दिया तो बेहतर रन रेट के आधार पर वो सेमीफाइनल में चला जाएगा क्योंकि उसका रन रेट आस्ट्रेलिया से बेहतर है. इसलिए भारत और इंग्लैंड के लिए अब 'करो या मरो' जैसे हालात बन गए हैं और जीत के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.जीतोगे तो आगे बढ़ोगे या घर वापिस लौटोगे.

यूपीआई से अलग होगा डिजिटल रुपया

आरबीआई की तरफ से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पेपर नोट के भुगतान के मामले में जो नियम लागू होते हैं, वहीं नियम डिजिटल रुपए के भुगतान में लागू होंगे। जैसे कि एक निश्चित सीमा के बाद डिजिटल रुपए के भुगतान पर भी पैन कार्ड देना होगा और पेपर नोट की तरह ही एक सीमा तक ही डिजिटल रुपए से भुगतान किया जा सकेगा। दास ने कहा कि डिजिटल रुपए की प्रमुख खासियत यही होगी कि इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पेपर नोट का जब आपस में लेनदेन करते हैं तो तीसरे व्यक्ति को यह पता नहीं चलता है कि किसे रुपए दिए गए हैं क्योंकि यह सूचना बैंक के पास भी नहीं है। ऐसे ही डिजिटल रुपए में होगा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई के माध्यम से लेन-देन में बैंक इंटरमीडिएरीज का काम करता है। उन्होंने कहा कि पेपर नोट के लिए ग्राहक बैंक जाता है, नोट बैंक से लेता है और अपने पर्स में रखकर चला जाता है। ठीक वैसे ही, डिजिटल करेंसी के लिए ग्राहक बैंक जाएगा, करेंसी लेगा और अपने मोबाइल फोन वैलेट में रखकर चला जाएगा और उससे भुगतान कर सकेगा।

गुमनाम नहीं होगी डिजिटल करेंसी

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि जब आप किसी अन्य व्यक्ति को करेंसी नोटों में भुगतान करते हैं तो सोर्स या पेमेंट के मकसद का पता नहीं लग पाता क्योंकि जानकारी बैंक के पास उपलब्ध नहीं होती। जबकि सीबीडीसी एक मोबाइल से किसी और के मोबाइल पर ट्रांसफर होती है। सारी चीजें रिकॉर्डेड होती हैं। लेकिन सिर्फ इसीलिए हमें यह भय या मनोविकार का शिकार नहीं होना चाहिए।

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डिजिटल मुद्रा के नियम भी पेपर करेंसी की तरह

आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि आयकर विभाग के पास नकद भुगतान के लिए कुछ सीमाएं हैं। एक निश्चित सीमा से अधिक निकासी के लिए आपको अपना पैन कार्ड स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? नंबर देना होता है। सीबीडीसी के मामले में भी यही नियम लागू होंगे, क्योंकि दोनों मुद्राएं हैं।

RBI allows resident entities to hedge gold price risks at IFSC

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